पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
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भोज आर्द्रभूमि

Posted On: 05 AUG 2024 12:14PM by PIB Delhi

मध्य प्रदेश राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, भोपाल स्थित भोज आर्द्रभूमि को रामसर सम्‍मेलन की अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियों (वेटलैंड) की सूची से हटाए जाने का कोई खतरा नहीं है।

इसके अलावा, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के तहत आर्द्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2017 को देश में आर्द्रभूमि के संरक्षण और प्रबंधन के लिए विनियामक ढांचे के रूप में अधिसूचित किया है। इसका उद्देश्‍य विवेकपूर्ण उपयोग को प्रतिबंधित किए बिना आर्द्रभूमि के पर्यावरणीय स्‍वरूप का संरक्षण, प्रबंधन और रखरखाव करना है। ये नियम अन्य बातों के साथ-साथ ठोस अपशिष्ट डंपिंग, उद्योगों, शहरों, कस्बों, गांवों और अन्य मानव बस्तियों से अनुपचारित अपशिष्ट और अपशिष्टों के निर्वहन जैसी गतिविधियों को प्रतिबंधित करते हैं। इसके साथ-साथ मध्य प्रदेश सरकार ने भोज आर्द्रभूमि, भोपाल में आर्द्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2017 को लागू करने के लिए 16 मार्च, 2022 को आदेश जारी किया है।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में आर्द्रभूमि के संरक्षण और प्रबंधन के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना, राष्ट्रीय जलीय इकोसिस्‍टम संरक्षण योजना (एनपीसीए) लागू कर रहा है, जिसका व्‍यय केंद्र सरकार और संबंधित राज्य सरकारों के बीच साझा किया जाएगा। इस योजना में विभिन्न गतिविधियाँ जैसे कि अपशिष्ट जल का अवरोधन, डायवर्जन और उपचार, तटरेखा संरक्षण, झील के किनारे का विकास, इन-सीटू सफाई यानी गाद निकालना और खरपतवार निकालना, तूफानी जल प्रबंधन, जैव उपचार, जलग्रहण क्षेत्र उपचार, झील का सौंदर्यीकरण, सर्वेक्षण और सीमांकन, जैव-बाड़ लगाना, मत्स्य पालन विकास, खरपतवार नियंत्रण, जैव विविधता संरक्षण, शिक्षा और जागरूकता सृजन, सामुदायिक भागीदारी आदि शामिल हैं ।

मध्य प्रदेश सरकार से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर, इस मंत्रालय ने भोपाल में भोज आर्द्रभूमि के संरक्षण के लिए वर्ष 2018-2019 के दौरान कुल 432.03 लाख रुपये की लागत की परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। भोज आर्द्रभूमि के संरक्षण और प्रबंधन के लिए 259.22 लाख रुपये में से 200 लाख रुपये का केंद्रीय हिस्सा मध्य प्रदेश सरकार को जारी कर दिया गया है।

पिछले तीन वर्षों के दौरान पूरे देश में रामसर स्थलों की सूची में शामिल किये गये स्थलों का राज्यवार ब्यौरा अनुलग्नक में दिया गया है।

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यह जानकारी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज लोक सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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