आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय
शहरी क्षेत्रों में गरीबों के लिए आवासों का निर्माण एवं आवंटन
Posted On:
01 AUG 2024 1:18PM by PIB Delhi
"भूमि" और "कॉलोनी निर्माण" राज्य के मामले हैं। इसलिए आवास से संबंधित योजनाएं राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपने नागरिकों के लिए लागू की जाती हैं। हालाँकि, केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी क्षेत्र (पीएमएवाई-यू) योजना के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। केंद्र सरकार की यह योजना 25 जून 2015 से शहरों में पात्र लाभार्थियों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्का मकान उपलब्ध करा रही है। उससे देशभर में गरीबों को घर मिल रहे हैं।
पीएमएवाई-यू एक मांग आधारित योजना है। इसलिए केंद्र सरकार ने मकान निर्माण के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों के अनुसार 22-07-2024 तक पीएमएवाई-यू के तहत 118.64 लाख घरों को मंजूरी दी गई है। स्वीकृत मकानों में से 114.33 लाख मकानों का निर्माण शुरू कर दिया गया है। उनमें से 85.04 लाख आवासों का निर्माण पूरा कर लाभार्थियों को उपलब्ध करा दिया गया है। स्वीकृत घरों के लिए केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता लगभग 2 लाख करोड़ रुपये है। जिसमें से अब तक 1.64 लाख करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा स्वीकृत घरों का विवरण, शुरू किए गए निर्माण का विवरण, पूरा होने का विवरण, लाभार्थियों को प्रदान किया गया विवरण, पीएमएवाई-यू की शुरुआत के बाद से केंद्र सरकार की सहायता का विवरण अनुलग्नक -1 में देखा जा सकता है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा जारी वित्तीय वर्ष में पीएमएवाई-यू के तहत पूर्ण किए गए घरों का विवरण और लाभार्थियों को प्रदान किए गए घरों का विवरण और पिछले तीन वर्षों में लाभार्थियों को वर्षवार प्रदान किए गए घरों का विवरण अनुलग्नक-2 में देखा जा सकता है।
योजना की अवधि जो पहले 31 मार्च 2022 तक थी, उसे 31 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया है, जिससे फंडिंग पैटर्न और कार्यान्वयन तंत्र को बदलने के लिए योजना के क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) को छूट दी गई है, ताकि फंडिंग पैटर्न और कार्यान्वयन पद्धति में बदलाव किए बिना स्वीकृत सभी घरों को पूरा किया जा सके।
यह जानकारी आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
अनुलग्नक-1
अनुलग्नक-2
**********
एमजी/एआर/आरपी/डीवी
(Release ID: 2040862)
Visitor Counter : 50