गृह मंत्रालय
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद
Posted On:
30 JUL 2024 4:32PM by PIB Delhi
सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है। सरकार का दृष्टिकोण आतंकी इको-सिस्टम को नष्ट करना है। जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए अपनाई गई रणनीतियों और की गई कार्रवाइयों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- आतंकवादियों और उनके सहायक ढांचों के खिलाफ प्रभावी, निरंतर और सतत कार्रवाई।
- सरकार द्वारा अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करके आतंकी इको-सिस्टम को नष्ट करना।
- आतंकवादियों और उनके सहयोगियों की संपत्तियों को कानून की संबंधित धाराओं के तहत जब्त/कुर्क करने जैसे आतंकी वित्त पर कार्रवाई तथा राष्ट्र विरोधी संगठनों पर प्रतिबंध लगाना।
- रोकथाम के अभियानों में आतंकवाद के रणनीतिक समर्थकों की पहचान करना और आतंकवाद को सहायता व बढ़ावा देने के उनके तंत्र को उजागर करने के लिए जांच शुरू करना।
- घुसपैठ को रोकने के लिए बहुआयामी रणनीति।
- आतंकवाद विरोधी ग्रिड को मजबूत करना।
- सुरक्षा उपकरणों के आधुनिकीकरण और मजबूती पर विशेष ध्यान।
- रणनीतिक बिंदुओं पर चौबीसों घंटे की नाकाबंदी।
- आतंकवादी संगठनों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए गहन घेराबंदी और तलाशी अभियान।
- जम्मू और कश्मीर में कार्यरत सभी सुरक्षा बलों के बीच वास्तविक समय के आधार पर खुफिया जानकारी साझा करना।
- दिन और रात में पूरे क्षेत्र पर नियंत्रण।
उपरोक्त रणनीतियों और कार्रवाइयों के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं की संख्या में कमी आई है। विवरण इस प्रकार हैं:
विवरण
|
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2018
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2023
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2024 (21 जुलाई, 2024 तक)
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संगठित पत्थरबाजी
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1328
|
00
|
00
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संगठित हड़ताल
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|
52
|
00
|
00
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आतंकवादियों द्वारा शुरू की गई घटनाएं
|
|
228
|
46
|
11
|
मुठभेड़/सीटी ऑपरेशन
|
|
189
|
48
|
24
|
शहीद सुरक्षा बल
|
|
91
|
30
|
14
|
मारे गए नागरिक
|
|
55
|
14
|
14
|
(स्रोत: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर)
गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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