सहकारिता मंत्रालय
सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विस के साथ समझौता ज्ञापन
Posted On:
30 JUL 2024 4:35PM by PIB Delhi
सहकारिता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, ताकि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग, बीमा, आधार नामांकन/अद्यतन, स्वास्थ्य सेवाएं, कृषि सेवाएं समेत सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) द्वारा प्रदान की जा रही 300 से अधिक ई-सेवाएं के लिए सक्षम बनाया जा सके।
सीएससी के रूप में कार्यरत पीएसीएस, सीएससी पोर्टल के माध्यम से नागरिकों को विभिन्न ई-सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होंगे, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
प्रधानमंत्री कल्याण योजनाएँ: आयुष्मान भारत योजना, पीएम किसान मानधन योजना, पीएम फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, ई-श्रम पंजीकरण, पीएम किसान सम्मान निधि योजना आदि।
केंद्र सरकार की सेवाएँ: आधार, पैन कार्ड, जीवन प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, पानी और बिजली बिल भुगतान सेवाएँ, आईटीआर दाखिल करना, ई-स्टाम्प, आदि।
राज्य सरकार की सेवाएँ: ई-जिला सेवाएँ, पीडीएस सेवाएँ, नगरपालिका सेवाएँ, आदि।
वित्तीय समावेश सेवाएँ: बैंकिंग, ऋण, बीमा, पेंशन, डिजीपे, फास्टैग, आदि
आधार से संबंधित सेवाएँ: पंजीकरण, अद्यतन, ई-केवाईसी;
कृषि सेवाएँ: सीएससी ई-कृषि पोर्टल, कृषि टेली-परामर्श और ई-पशु चिकित्सा, मृदा परीक्षण केंद्र, किसान ई-मार्ट, किसान क्रेडिट कार्ड, आदि।
ई-मोबिलिटी और स्मार्ट उत्पाद: ग्रामीण ई-मोबिलिटी डीलरशिप, स्मार्ट उत्पाद, आदि।
बी2सी सेवाएँ: आईआरसीटीसी/बस/हवाई टिकट बुकिंग, मोबाइल/डीटीएच रिचार्ज, ई-कॉमर्स, आदि।
अन्य सेवाएँ: स्त्री स्वाभिमान पहल, स्पर्श रक्षा पेंशन, आदि।
सीएससी के डिजिटल सेवा पोर्टल पर रेलवे और फ्लाइट टिकट बुकिंग का प्रावधान है, जिसके माध्यम से सीएससी के रूप में कार्यरत पीएसीएस ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों तक इन सेवाओं का विस्तार कर सकते हैं।
इस पहल के माध्यम से, आम नागरिक, विशेष रूप से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में, अपने निवास स्थान के निकट 300 से अधिक ई-सेवाओं, जिनमें ऊपर बताई गई सेवाएँ शामिल हैं, तक पहुँच प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनके रहने और व्यवसाय करने में आसानी होगी। इसके अलावा, यह पीएसीएस को आय के अतिरिक्त स्रोत प्रदान करता है, जिससे अंततः इनसे जुड़े करोड़ों छोटे और सीमांत किसानों को लाभ मिलेगा। इससे न केवल पीएसीएस को विभिन्न नागरिक-केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए नोडल केंद्रों में परिवर्तित किया जा सकेगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर आर्थिक इकाई बनने में भी मदद मिलेगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
यह बात केन्द्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।
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एमजी/एआर/आरपी/जेके/डीके
(Release ID: 2039181)