शिक्षा मंत्रालय
श्री के. संजय मूर्ति ने डिजाइन और उद्यमिता (सीबीडीई) कार्यक्रम पर क्षमता निर्माण का शुभारंभ किया
Posted On:
07 MAY 2024 7:03PM by PIB Delhi
शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव, श्री के. संजय मूर्ति ने आज विभाग के अधिकारियों; कार्यक्रम सलाहकार परिषद, सीबीडीई के सदस्यों; उद्योग से परामर्शदाता; उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) से चुने गए प्रतिनिधियों; कार्यक्रम निदेशक, सीबीडीई प्रो. सुधीर वरदराजन और प्रधान जांचकर्ता और सह-प्रधान जांचकर्ता की उपस्थिति में 'डिजाइन और उद्यमिता पर क्षमता निर्माण (सीबीडीई)' कार्यक्रम का वर्चुअल शुभारंभ किया। बैठक में 130 से अधिक प्रतिभागियों ने वर्चुअली भाग लिया।
श्री के. संजय मूर्ति ने अपने संबोधन में इस बात पर प्रकाश डाला कि उद्योग और शैक्षणिक समुदाय की अगुवाई में कार्यक्रम किया जाएगा। उन्होंने उल्लेख किया कि उद्योगों के विशेषज्ञ उद्योग-शैक्षणिक समुदाय सम्पर्क के बैनर तले विभिन्न पहलों के माध्यम से एचईआई को आवश्यक मार्गदर्शन और सहायता भी प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कठोर चयन प्रक्रिया की आधिकारिक तौर पर सराहना की जिसके माध्यम से 30 एचईआई को अपने संस्थान में इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए पहचाना गया है।
क्षमता निर्माण कार्यक्रम को पहचाने गए एचईआई और संकाय सदस्यों को उद्योग के सलाहकारों के सहयोग से अपने संस्थान में डिजाइन और उद्यमिता विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए तैयार किया गया है। इस स्तर पर, कार्यक्रम के लिए नोडल केन्द्र के रूप में आईआईआईटीडीएम, कांचीपुरम, एक मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र (एमएमटीटीसी) द्वारा संचालित प्रक्रिया के माध्यम से 30 एचईआई का चयन किया गया है। यह कार्यक्रम छात्रों में एक समस्या-समाधान दृष्टिकोण विकसित करने पर ध्यान केन्द्रित करेगा जो जटिल चुनौतियों के लिए रचनात्मक और अभिनव समाधानों को प्रोत्साहित करता है और अंततः उद्योग द्वारा प्रदान की गई चरण-वार सहायता के माध्यम से उनके विचारों को बढ़ाने में ठोस कदम उठाता है। कार्यक्रम में संकाय को आमने-सामने सलाह देना और विशेषज्ञ सलाहकारों के एक समूह द्वारा संकाय, छात्र टीमों और एचईआई भागीदारों के बीच ज्ञानपूर्ण संवाद को बढ़ावा देना शामिल है। कार्यक्रम को उद्योग सेटअप में वर्षों की भागीदारी के माध्यम से प्राप्त विशेषज्ञता से सीखने के लिए पहचाने गए एचईआई को सलाहकार सहायता प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है।
बैठक के दौरान कार्यक्रम सलाहकार परिषद, सीबीडीई के अध्यक्ष श्री मनोज कोहली और नैसकॉम की अध्यक्ष श्रीमती देबयानी घोष सहित उद्योग के विशेषज्ञों ने इस कार्यक्रम के परिणामों को लेकर उम्मीद जाहिर की। श्री कोहली ने सुझाव दिया कि पहलों के कार्यान्वयन के दौरान, वैश्विक निवेशकों और उद्योग से स्टार्टअप के लिए सम्पर्क और समर्थन सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा। श्रीमती घोष ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में मौजूद युवा दिमागों में उद्यमशीलता की मानसिकता को पोषित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उद्योग की मांग के अनुरूप समस्या-समाधान कौशल की आवश्यकता चलन के अनुसार अध्यापन संबंधी दृष्टिकोण में प्रदान तकनीकी कौशल के पूरक के रूप में है।
अपने संबोधन में, आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी. कामकोटि ने कल्पना की कि युवा उद्यमियों/नवप्रवर्तकों द्वारा प्रभावी और टिकाऊ समाधान तैयार करने के लिए स्थानीय रूप से प्रासंगिक चुनौतियों को प्राथमिकता देने से वैश्विक मान्यता प्राप्त होगी।
उद्योग जगत के सलाहकारों ने भी कार्यक्रम के बारे में अपने विचार साझा किए। भारतीय उद्योग परिसंघ, असम चैप्टर के सदस्य डॉ. मिफ्ताहुल बारबरुआ और मार्श मैक्लेनन एशिया के पूर्व मुख्य डिजिटल डेटा और इनोवेशन अधिकारी श्री चंद्रशेखरन बालकृष्णन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कार्यक्रम छात्रों को उद्यमियों में बदलने और उन्हें सक्षम बनाने के लिए एचईआई की क्षमता का निर्माण करेगा और उन्हें समाज की गंभीर चुनौतियों का समाधान तैयार करने में सक्षम बनाएगा।
आईआईआईटीडीएम कांचीपुरम के कार्यक्रम निदेशक प्रो. सुधीर वरदराजन ने भविष्य का मार्ग साझा किया और कार्यक्रम के कार्यान्वयन के बारे में आगामी कार्य योजना का पालन करने के लिए भाग लेने वाले एचईआई का मार्गदर्शन किया।
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