भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय
यूरोपीय संघ-भारत व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद के तहत ई-वाहन बैटरियों के पुनर्चक्रण पर स्टार्ट-अप सहयोग को बढ़ावा देने के लिए साथ आए
Posted On:
09 APR 2024 5:03PM by PIB Delhi
यूरोपीय संघ (ईयू) और भारत ने आज इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए बैटरी पुनर्चक्रण प्रौद्योगिकी में काम करने वाले स्टार्टअप्स को एक कार्यक्रम के जरिये एक मंच पर लाने और उनके बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) जारी की है। इस मैचमेकिंग कार्यक्रम का उद्देश्य यूरोपीय और भारतीय लघु एवं मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई) और स्वच्छ एवं हरित प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्टार्टअप के बीच सहयोग को बढ़ाना है। ज्ञान और विशेषज्ञता का अपेक्षित आदान-प्रदान दुर्लभ सामग्रियों की सहजता से उपलब्धता सुनिश्चित करेगा और भारत तथा यूरोपीय संघ दोनों में कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम रखने में मदद करेगा। यह पहल 25 अप्रैल 2022 को नई दिल्ली में भारत और यूरोपीय आयोग द्वारा घोषित भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) के तहत शुरू की गई है।
यह आयोजन एक स्थायी एजेंडे को बढ़ावा देने, नवाचार को बढ़ावा देने और यूरोपीय संघ तथा भारत के बीच मजबूत आर्थिक संबंध बनाने के व्यापक प्रयास का भी हिस्सा है।
आज लॉन्च किए गए मैचमेकिंग कार्यक्रम के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) ईवी बैटरी पुनर्चक्रण प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय और यूरोपीय संघ के स्टार्टअप/एसएमई को अपने अभिनव समाधान पेश करने और भारतीय/यूरोपीय उद्यम पूंजीपतियों और समाधान अपनाने वालों के साथ जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान करता है। भारत और ईयू से छह-छह यानि कुल बारह इनोवेटर्स का चयन किया जाएगा और उन्हें जून 2024 में होने वाले मैचमेकिंग कार्यक्रम के दौरान अपना समाधान पेश करने का अवसर मिलेगा। अंतिम रूप से चयनित छह स्टार्टअप्स/एसएमई (ईयू से तीन और भारत से तीन) को उनकी प्रस्तुतियों के बाद चुना जाएगा और उन्हें क्रमशः भारत व यूरोपीय संघ की यात्रा पर भेजने के प्रस्ताव से सम्मानित किया जाएगा।
इस आयोजन की मुख्य विशेषताएं हैं: (i) ईवी के लिए बैटरी पुनर्चक्रण प्रौद्योगिकी क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित स्टार्टअप/एसएमई की पहचान करना, उनकी मदद करना और उन्हें बढ़ावा देना; और (ii) सहयोग को सुविधाजनक बनाने, संभावित व्यापार के रास्ते तलाशने, ग्राहक संबंधों को मजबूत करने और शॉर्टलिस्ट किए गए स्टार्टअप/एसएमई के लिए निवेश के रास्ते तलाशना है।
भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी वर्किंग ग्रुप 2 के तहत यह मैचमेकिंग कार्यक्रम भारतीय स्टार्टअप/एसएमई को बैटरी पुनर्चक्रण प्रौद्योगिकियों में अपनी विशेषज्ञता प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष मंच प्रदान करता है। यह भारतीय अन्वेषकों को यूरोपीय संघ में अपने समकक्षों के साथ रणनीतिक गठबंधन स्थापित करने का मौका प्रदान करेगा, जिससे अपशिष्ट को कम करने और टिकाऊ संसाधन पर केंद्रित उन्नत बैटरी पुनर्चक्रण तकनीकों के विकास में तेजी आएगी।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने कहा, “हमारा उद्देश्य यूरोपीय संघ के अन्वेषकों के साथ संयुक्त रूप से बैटरी पुनर्चक्रण समाधान विकसित करने के प्रयासों में तालमेल बिठाना है जिससे उद्योग के विस्तार को बढ़ावा मिलेगा। हम एक सहयोगी वातावरण को बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं जहां स्थिरता और नवाचार एक समृद्ध चक्रीय अर्थव्यवस्था की आधारशिला बनाते हैं।”
यूरोपीय आयोग में अनुसंधान और नवाचार के महानिदेशक श्री मार्क लेमेत्रे ने ईवी बैटरी पुनर्चक्रण उद्योग के लिए समर्पित सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा, "यह मैचमेकिंग कार्यक्रम हरित एवं चक्रीय अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने वाली नई संभावनाओं की ओर अगला कदम है। हम यूरोपीय संघ के अन्वेषकों को इस अवसर का लाभ उठाने और अपने भारतीय समकक्षों के साथ संभावित सहयोग तलाशने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।"
भारत व यूरोपीय संघ के इच्छुक स्टार्टअप और एसएमई को 30 अप्रैल, 2024 तक अपनी रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) जमा करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
इस कार्यक्रम और आवेदन प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी के लिए इच्छुक अन्वेषक यहां देखें:
https://www.psa.gov.in/india-eu-ttc#india-eu-ttc-eoi
https://www.eeas.europa.eu/delegations/india/eu-india-electrical-vehicle-battery-recycling-technologies-exchange-2024_en
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भारत व यूरोपीय संघ द्वारा स्थापित व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद के बारे में
भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) की घोषणा पहली बार अप्रैल 2022 में यूरोपीय आयोग और भारत ने की थी। 6 फरवरी 2023 को स्थापित यह रणनीतिक समन्वय व्यवस्था दोनों पक्षों को व्यापार, विश्वसनीय प्रौद्योगिकी और सुरक्षा के गठजोड़ में चुनौतियों से निपटने की सुविधा प्रदान करता है और इन क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करता है। भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी की स्थापना भारत और यूरोपीय संघ के लोगों के लिए मजबूत रणनीतिक साझेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
टीटीसी दोनों भागीदारों के बीच व्यापार और प्रौद्योगिकी पर रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के लिए एक प्रमुख मंच है। भू-रणनीतिक चुनौतियों ने साझे मूल्यों के आधार पर सुरक्षा, समृद्धि और सतत विकास सुनिश्चित करने में यूरोपीय संघ व भारत के साझा हित को मजबूत किया है।
टीटीसी यूरोपीय संघ-भारत द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद करेगा। 2022 में 120 अरब यूरो मूल्य के सामानों के व्यापार के साथ दोनों साझेदारों के बीच द्विपक्षीय व्यापार ऐतिहासिक ऊंचाई पर है। इनके बीच 2022 में, 17 अरब यूरो के डिजिटल उत्पादों और सेवाओं का व्यापार हुआ।
टीटीसी में तीन कार्य समूह शामिल हैं:
(1) रणनीतिक प्रौद्योगिकियों, डिजिटल प्रबंधन और डिजिटल कनेक्टिविटी पर कार्य समूह-1;
(2) हरित और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर कार्य समूह 2; और
(3) व्यापार, निवेश और ठोस मूल्य श्रृंखलाओं पर कार्य समूह-3
ये कार्य समूह अब संयुक्त रूप से चिन्हित किए गए उद्देश्यों और प्रमुख कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। आज शुरू किया गया मैचमेकिंग कार्यक्रम हरित और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर कार्य समूह-2 के तहत प्रमुख सहमत अल्पकालिक कार्यों में से एक है। हरित और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी कार्य समूह-2 की सह-अध्यक्षता भारत की ओर से भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय और यूरोपीय संघ की ओर से यूरोपीय आयोग के अनुसंधान और नवाचार महानिदेशालय कर रहे हैं।
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(Release ID: 2017562)
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