खान मंत्रालय
भारत की खनिज संपदा की खोज: राज्य सरकारों ने महत्वपूर्ण खनिज भंडारों में अन्वेषण लाइसेंस (ईएल) देने के लिए एनआईटी जारी किए
Posted On:
15 MAR 2024 11:13AM by PIB Delhi
महत्वपूर्ण और पृथ्वी में बहुत गहराई में खनिजों की सम्भावना को उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों ने अन्वेषण लाइसेंस (ईएल) की नीलामी के लिए निविदा आमंत्रण सूचना (नोटिस इन्वाईटिंग टेंडर्स -एनआईटी) जारी की है।
देश में 29 महत्वपूर्ण और बहुत गहराई में विद्यमान खनिजों की खोज और खनन को और बढ़ावा देने के लिए, 17.08.2023 से खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन के माध्यम से अन्वेषण लाइसेंस व्यवस्था शुरू की गई है। सातवीं अनुसूची में निर्दिष्ट खनिजों के लिए अन्वेषण लाइसेंस नीलामी के माध्यम से दिया जा सकता है। अन्वेषण लाइसेंस देने की प्रक्रिया खनिज (नीलामी) संशोधन नियम, 2024 के माध्यम से अधिसूचित की गई है।
कर्नाटक और राजस्थान की राज्य सरकारें 6 मार्च 2024 को महत्वपूर्ण और बहुत गहराई में विद्यमान खनिजों के लिए अन्वेषण लाइसेंस (ईएल) की नीलामी को अधिसूचित करने वाले पहले राज्य थे। कर्नाटक ने रायचूर और यादगीर जिलों और राजस्थान में सोने, तांबे और लिथियम के एक ब्लॉक की नीलामी शुरू की। बाड़मेर, जोधपुर, हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर, श्री गंगानगर, जयपुर, नागौर और सीकर जिलों में दुर्लभ पृथ्वी तत्व, दुर्लभ धातु और पोटाश खनिजों के तीन ब्लॉकों की नीलामी शुरू की गई।
यह गति तब जारी रही जब महाराष्ट्र ने 7 मार्च, 2024 को दो ईएल ब्लॉकों के लिए अपने एनआईटी की घोषणा की, इसके बाद 11 मार्च 2024 को मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश ने क्रमशः दो और एक ईएल ब्लॉकों के साथ, और छत्तीसगढ़ ने 13 मार्च, 2024 को तीन ईएल ब्लॉकों के साथ अग्रणी स्थान हासिल किया। देश भर में अन्वेषण लाइसेंस व्यवस्था की पहुंच का विस्तार करते हुए कुल मिलाकर 12 ईएल ब्लॉक हो गए हैं।
महाराष्ट्र ने गढ़चिरौली जिले में सीसा, जस्ता और तांबा धातु [आधारिक धातु (बेस मेटल)] और हीरे के दो अन्वेषण लाइसेंस (ईएल) ब्लॉक के लिए एनआईटी जारी किया है वहीं मध्य प्रदेश ने शिवपुरी, ग्वालियर और बैतूल जिलों में संबद्ध खनिज प्रदेश ने तांबा, सीसा, जस्ता और पीजीई संबंधित खनिज (बेस मेटल) के साथ हीरे के दो ईएल ब्लॉक के लिए एनआईटी जारी किया है , जबकि आंध्र प्रदेश ने चित्तूर और तिरूपति जिलों में दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (रेयर अर्थ्स) के एक ब्लॉक के लिए एनआईटी जारी किया है। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ सरकार ने कोंडागांव, नारायणपुर और बस्तर जिलों में डायमंड और रेयर अर्थ ग्रुप मिनरल्स के लिए तीन ईएल ब्लॉकों के लिए एनआईटी जारी की है ।
अन्वेषण लाइसेंस की नीलामी के लिए निविदा आमंत्रण सूचना (नोटिस इन्वाईटिंग टेंडर्स -एनआईटी) के शुभारंभ में तेजी लाने के लिए, राज्य सरकारों ने नीलामी के लिए ब्लॉक तैयार करने के लिए अथक प्रयास किया और केंद्र सरकार ने नीलामी के लिए आवश्यक पूर्व अनुमोदन प्रदान किया। राज्य सरकारों को और समर्थन देने के साथ सहायता करने के लिए, खान मंत्रालय द्वारा अन्वेषण लाइसेंस प्रदान करने के लिए नीलामी के लिए मॉडल निविदा दस्तावेज़ 01.03.2024 को प्रदान किया गया था और इसमें निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी शामिल है।
नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से, लाइसेंसधारी को व्यवहार्य खनन क्षेत्रों की पहचान करने के लिए टोही और पूर्वेक्षण संचालन करने की अनुमति दी जाएगी। नीलामी बोली के अनुसार लाइसेंस धारक को 50 वर्षों तक नीलामी प्रीमियम से राजस्व का हिस्सा मिलेगा। इसके अलावा, ईएल धारक ईएल के निष्पादन के बाद लाइसेंस किसी और को स्थानांतरित कर सकता है।
अन्वेषण लाइसेंस धारक ब्लॉकों की खोज करने और खनन पट्टा नीलामी के लिए उपयुक्त क्षेत्रों की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिससे संभावित रूप से राज्य सरकारों के लिए राजस्व में वृद्धि होगी। अन्वेषण लाइसेंस के लिए नीलामी प्रक्रिया में प्रतिगामी (रिवर्स) बोली का प्रयोग किया जाएगा, जिसमें बोली लगाने वाले खनन पट्टा धारक द्वारा देय नीलामी प्रीमियम में अपना प्रतिशत हिस्सा उद्धृत करेंगे। सबसे कम प्रतिशत बोली वाले बोलीदाता को अन्वेषण लाइसेंस के लिए पसंदीदा बोलीदाता के रूप में चुना जाएगा।
कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों का यह ठोस प्रयास महत्वपूर्ण खनिजों की क्षमता का दोहन करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और भारत में अन्वेषण परिदृश्य को आगे बढ़ाने की उनकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
ब्लॉक, समय-सीमा आदि का विवरण एमएसटीसी के ई-नीलामी प्लेटफॉर्म https://www.mstcecommerce.com/auctionhome/mlcln/ पर देखा जा सकता है।
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(Release ID: 2014956)