पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (2022 में संशोधित) की धारा 49एम के अंतर्गत बनाए गए नियमों की अधिसूचना
Posted On:
06 MAR 2024 4:15PM by PIB Delhi
वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (1972 का 53), वन्य प्रजातियों का संरक्षण, उनके आवास के प्रबंधन और वन्य जीवों के विभिन्न वर्गों से प्राप्त उत्पादों के व्यापार को अधिनियमित और नियंत्रित करने के लिए कानूनी संरचना प्रदान करता है।
वन्य जीवन (संरक्षण) संशोधन अधिनियम को आखिरी बार 2022 में संशोधन किया गया और इस अधिनियम को एक अप्रैल, 2023 से लागू किया गया। इस अधिनियम की धारा 49एम के अनुसार जीवित अनुसूचित पशु के संरक्षण, हस्तांतरण और जन्म के पंजीकरण और मृत्यु की रिपोर्टिंग का प्रावधान करती है। इनमें वे प्रजातियाँ शामिल हैं, जो शहरों के परिशिष्टों में सूचीबद्ध हैं और इस प्रकार वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची IV में सूचीबद्ध हैं।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 28 फरवरी, 2024 की राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से धारा 49एम के प्रयोजनों के लिए नियमों को अधिसूचित किया है।
ऐसी पशु प्रजाति को रखने वाले सभी व्यक्तियों को इन नियमों के प्रारंभ होने की तारीख से छह महीने की अवधि में और उसके बाद ऐसी पशु प्रजाति के कब्जे के तीस दिन के भीतर संबंधित राज्य प्रमुख को वन्य जीवन वार्डन, परिवेश 2.0 पोर्टल (https://parivesh.nic.in/parivesh-ua/#/) के माध्यम से ऐसे कब्जे के पंजीकरण के लिए आवेदन करना आवश्यक है।
इसकेअलावा, ऐसे नमूनों के कब्जे और जन्म के किसी भी हस्तांतरण को भी पंजीकृत किया जाएगा और ऐसे नमूनों की मृत्यु की सूचना, संबंधित मुख्य वन्य जीवन वार्डन को इन नियमों के अनुसार उक्त परिवेश 2.0 पोर्टल के माध्यम से दी जाएगी।
राजपत्र अधिसूचना के लिए यहां क्लिक करें:
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एमजी/एआर/वीएल/जीआरएस
(Release ID: 2011970)