नीति आयोग
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अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग और मेटा ने भविष्य की प्रौद्योगिकियों और नवाचार तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने के लिए स्कूलों में सीमांत प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए समझौता किया है

Posted On: 06 MAR 2024 3:14PM by PIB Delhi

भविष्य की प्रौद्योगिकियों को लोकतांत्रिक बनाने और युवाओं को नवाचार करने के लिए सशक्त बनाने का प्रयास करते हुए अटल नवाचार मिशन (एआईएम), नीति आयोग और मेटा ने सीमांत प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एफटीएल) के शुभारंभ की घोषणा की है। अटल नवाचार मिशन और मेटा रणनीतिक महत्व के स्कूलों में सीमांत प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एफटीएल) स्थापित करने के लिए साझेदारी करेंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि भारत भर में विविध पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों को सीखने और अग्रणी प्रौद्योगिकियों के साथ जुड़ने के समान अवसर मिल सकेंगे। अब तक, अटल नवाचार मिशन (एआईएम) ने भारत के 722 जिलों के स्कूलों में 10,000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएँ (एटीएल) स्थापित की हैं। अटल नवाचार मिशन (एआईएम) का उद्देश्य युवा मन में जिज्ञासा, रचनात्मकता और कल्पना को प्रोत्साहन देना; और डिज़ाइन मानसिकता, गणनात्मक सोच, भौतिक गणना आदि जैसे कौशल विकसित करना है।

सीमांत प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एफटीएल) अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से सुसज्जित अटल टिंकरिंग लैब का एक उन्नत संस्करण है, जिसमें विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, संवर्धित और वर्चुअल वास्तविकता, ब्लॉकचेन, साइबर सुरक्षा, रोबोटिक्स, थ्री-डी प्रिंटिंग, और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके नवाचार करने के लिए सशक्त बनाने के लिए टिंकरिंग प्रयोगशाला के सभी घटक शामिल हैं। प्रयोगशालाएँ प्रौद्योगिकी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के उभरते परिदृश्य में सफल होने के लिए युवाओं को डिजिटल कौशल से सुसज्जित करने पर सरकार का ध्यान देने का समर्थन करती हैं। सीमांत प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एफटीएल) को मेटा द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा और अटल नवाचार मिशन इसका ज्ञान भागीदार होगा।

आकर्षक कार्यशालाओं, आपसी बातचीत के सत्रों और परियोजना-आधारित शिक्षा के माध्यम से, विद्यार्थियों को आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस उपकरणों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने, जेनरेटिव आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग को समझने, एआर और वीआर का उपयोग करके वैज्ञानिक अवधारणाओं की खोज करने, नए युग के साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने, अन्य बातों के अलावा प्रशिक्षित किया जाएगा। नवीन समाधान बनाने के लिए विद्यार्थियों को एलएलएएमए और अन्य आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस उपकरण जैसे मेटा से उपकरण और संसाधनों तक पहुंच भी दी जाएगी।

नीति आयोग में अटल नवाचार मिशन (एआईएम) के मिशन निदेशक, डॉ. चिंतन वैष्णव ने कहा, “अटल नवाचार मिशन (एआईएम), नीति आयोग और मेटा के बीच सहयोग भविष्य के लिए तैयार प्रतिभाओं का एक समूह तैयार करने की दिशा में हमारे युवाओं की क्षमता का उचित उपयोग करने का एक प्रमाण है जो भारत की तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने में सक्षम है। ये प्रयोगशाला नवाचार के केंद्र के रूप में काम करेंगी, विद्यार्थियों के भविष्य को आकार देने वाले अत्याधुनिक क्षेत्रों का पता लगाने और योगदान करने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करेंगी।

मेटा के निदेशक और सार्वजनिक नीति भारत के प्रमुख शिवनाथ ठुकराल कहा, “हम सीमांत प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला की स्थापना में अटल नवाचार मिशन (एआईएम), नीति आयोग के साथ साझेदारी करके अनोखा अनुभव कर रहे हैं, जिसके माध्यम से युवाओं को भारत में इमर्सिव प्रौद्योगिकियों तक पहुंच प्रदान की जाएगी। विद्यार्थियों को जेनरेटिव आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, एआर, वीआर और अन्य तकनीकों का उपयोग करके समाधान बनाने में सक्षम बनाकर, जो हमारी दुनिया को नया आकार दे रहे हैं, हम नवाचार, रचनात्मकता और समस्या-समाधान के इकोसिस्टम को प्रोत्साहन दे रहे हैं।''

सीमांत प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एफटीएल) मेटा की शिक्षा से उद्यमशीलता पहल का एक हिस्सा है, जिसे सितंबर 2023 में शुरू किया गया था, जिससे विद्यार्थियों, युवाओं, कार्यबल और छोटे उद्यमियों को भविष्य की प्रौद्योगिकियों के साथ सहजता से जोड़ा जा सके और डिजिटल कौशल को जमीनी स्तर तक पहुंचाया जा सके। इस पहल का उद्देश्य सरकार के डिजिटल समावेशन, कौशल और विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाना है।

इन प्रयोगशालाओं की स्थापना पूरे भारत के स्कूलों में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति बनाने के अटल नवाचार मिशन के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो भविष्य की चुनौतियों और अवसरों का सामना करने के लिए एक कुशल कार्यबल के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस बीच, इन प्रयोगशालाओं का प्रबंधन मेटा के पार्टनर 1एम1बी (एक बिलियन के लिए एक मिलियन) द्वारा किया जाएगा।

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