रक्षा मंत्रालय

आत्मनिर्भर भारत: रक्षा अधिग्रहण परिषद ने सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक बल की क्षमताओं को विस्तार देने के लिए 84,560 करोड़ रुपये के पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की


इन रक्षा प्रस्तावों में नई पीढ़ी की टैंक रोधी बारूदी सुरंगें, वायु रक्षा सामरिक नियंत्रण रडार, अत्यधिक भार वाले टॉरपीडो, मध्यम दूरी के समुद्री टोही और बहुउद्देश्यीय समुद्री विमान, उड़ान के दौरान हवा में ईंधन भरने वाले विमान और सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो शामिल हैं

स्टार्ट-अप और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम से उन्नत प्रौद्योगिकियों की खरीद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 में संशोधन को मंजूरी दी गई

Posted On: 16 FEB 2024 3:32PM by PIB Delhi

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 84,560 करोड़ रुपये के विभिन्न पूंजी अधिग्रहण रक्षा प्रस्तावों के लिए आवश्यकता हेतु स्वीकृति (एओएन) को मंजूरी दे दी है। 'आत्मनिर्भरता' की सच्ची भावना में 16 फरवरी, 2024 को हुए अनुमोदन में भारतीय विक्रेताओं से विभिन्न उपकरणों की खरीद पर विशेष रूप से जोर दिया गया है।

रक्षा अधिग्रहण परिषद ने अतिरिक्त सुरक्षा सुविधाओं के साथ भूकंपीय सेंसर और रिमोट डीएक्टिवेशन के प्रावधान से सुसज्जित नई पीढ़ी की टैंक रोधी बारूदी सुरंगों के सरकारी अधिग्रहण के लिए खरीददारी {भारतीय-स्वदेशी रूप से तैयार, विकसित एवं निर्मित (आईडीडीएम)} श्रेणी के तहत आवश्यक स्वीकृति प्रदान कर दी है। यंत्रीकृत बलों द्वारा दृश्य रेखा से परे लक्ष्यों पर हमला करने में क्षमता बढ़ाने हेतु सामरिक युद्ध क्षेत्र में परिचालन दक्षता तथा वर्चस्व को बढ़ाने के उद्देश्य से कैनिस्टर लॉन्च्ड एंटी-आर्मर लोइटर म्यूनिशन सिस्टम की खरीद के लिए खरीद (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत सौदा करने की अनुमति प्रदान कर दी है।

इसके अलावा, वायु रक्षा प्रणालियों को सशक्त करने के उद्देश्य के साथ विशेष रूप से धीमी, छोटी और कम उड़ान वाले लक्ष्यों का पता लगाने की क्षमताओं के साथ-साथ विभिन्न लक्ष्यों की निगरानी, ​​पहचान तथा खोज सुविधा के लिए खरीददारी (भारतीय-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत वायु रक्षा सामरिक नियंत्रण रडार की खरीद के उद्देश्य से मंजूरी प्रदान कर दी गई है।

देश भर में भारतीय नौसेना और भारतीय तट रक्षक बल (आईसीजी) की निगरानी व सुरक्षा क्षमताओं को विस्तार देने के लिए परिषद द्वारा खरीदें एवं बनाएं श्रेणी के माध्यम से मध्यम दूरी के समुद्री टोही तथा बहुउद्देश्यीय समुद्री विमानों की खरीद हेतु परिषद द्वारा अनुमोदन कर दिया गया है।

इसके अलावा, भारतीय नौसेना के जहाजों को शत्रुओं से उत्पन्न होने वाले खतरों से बचा कर एक कदम आगे रखने के लिए कम आवृत्तियों और लंबी दूरी की विभिन्न गहराई पर काम करने की शक्ति व शत्रु पनडुब्बियों का पता लगाने की क्षमता वाले एक्टिव टोड एरे सोनार की खरीद हेतु खरीददारी (भारतीय) श्रेणी के तहत होने वाले समझौते को मंजूर किया गया है। कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों की मारक क्षमताओं को बढ़ाने के लक्ष्य के साथ अत्यधिक भार वाले टॉरपीडो की खरीद के लिए भी प्रस्ताव स्वीकार किया गया है। अमेरिकी सरकार के साथ विदेशी सैन्य बिक्री सुविधा के तहत 24 एमएच60आरविमानों के लिए फॉलो ऑन सपोर्ट (एफओएस) के माध्यम से निरंतरता सहयोग तथा फॉलो ऑन सप्लाई सपोर्ट (एफओएसएस) के जरिए मरम्मत पुनः पूर्ति सहायता हेतु आवश्यकतानुसार स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमताओं और पहुंच को बढ़ाने के उद्देश्य से उड़ान के दौरान हवा में ईंधन भरने वाले विमान की खरीद के लिए एओएन प्रदान किया है। भारतीय तटरक्षक की जरूरत के अनुसार सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो की खरीद के लिए खरीददारी (भारतीय-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत मंजूरी दी गई है। यह भारतीय तटरक्षक और भारतीय नौसेना इकाइयों के बीच निर्बाध सूचना आदान-प्रदान के लिए सुरक्षित नेटवर्किंग क्षमता के साथ उच्च गति संचार की भारतीय तटरक्षक की आवश्यकता को पूरा करेगा।

रक्षा अधिग्रहण परिषद ने एक अनुकूल रक्षा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बनाने व रक्षा उत्कृष्टता नवाचार (आईडीईएक्स) तथा प्रौद्योगिकी विकास निधि योजनाओं के तहत विकसित स्टार्ट-अप और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम से उन्नत प्रौद्योगिकियों की खरीद को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ बेंचमार्किंग तथा लागत गणना, भुगतान अनुसूची, खरीद मात्रा आदि के संबंध में रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) 2020 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। यह आईडेक्स और टीडीएफ योजनाओं के तहत स्टार्ट-अप तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के लिए एक सहायक कारोबारी माहौल के साथ-साथ बहुत जरूरी प्रोत्साहन प्रदान करेगा, जो वास्तव में 'व्यवसाय करने में सुगमता' की भावना को बढ़ावा दे रहा है।

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