पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय

उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय, उत्तर पूर्व परिषद और आईआईएम शिलांग ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम नीतिगत अनुसंधान एवं विश्‍लेषण केंद्र के निरंतर संचालन के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

Posted On: 14 FEB 2024 3:43PM by PIB Delhi

एनईसी सचिवालय, शिलांग में कल (13.02.2024) डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम नीतिगत अनुसंधान एवं विश्‍लेषण केंद्र के संचालन को जारी रखने और भारतीय प्रबंधन संस्‍थान, शिलांग के साथ गहराई से जुड़ने के लिए एनईसी शिलांग, आईआईएम शिलांग और एमडीओएनईआर के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौता ज्ञापन पर एमडीओएनईआर के संयुक्त सचिव श्री अंगशुमन डे, एनईसी के सचिव श्री मोसेस के चालाई और आईआईएम शिलांग के निदेशक प्रोफेसर डी.पी. गोयल ने एमडीओएनईआर के सचिव श्री चंचल कुमार और डीओएनईआर, एनईसी और आईआईएम, शिलांग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम नीतिगत अनुसंधान एवं विश्लेषण केंद्र आईआईएम, शिलांग, उत्तर पूर्व क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमडीओएनईआर) और उत्तर पूर्व परिषद के बीच 15 अक्टूबर, 2016 को हुए एक त्रि-पक्षीय समझौते द्वारा बनाया गया था। इसका उद्देश्य उत्तर पूर्व भारत के राज्यों और कार्यान्वयन एजेंसियों को परियोजनाओं की उचित योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने, नवाचारों को बढ़ावा देने और उत्‍तर पूर्व क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं के भंडार के रूप में कार्य करने में सहायता करने के लिए एक अत्याधुनिक केंद्र के रूप में उभरना था। इस अवसर पर बोलते हुए, आईआईएम शिलांग के निदेशक प्रोफेसर डीपी गोयल ने अपनी प्रसन्‍नता व्यक्त की और दिवंगत राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की समृद्ध विरासत और उनके विकास के विजन पर प्रकाश डाला। उन्होंने हाल के वर्षों में इस केंद्र द्वारा की गई प्रमुख पहलों और हस्तक्षेपों पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस समझौता ज्ञापन के विस्‍तार से इन तीनों महत्वपूर्ण एजेंसियों के बीच संबंध और गहरे होंगे और उत्तर पूर्व क्षेत्र के विकास के प्रति प्रतिबद्धता मजबूत होगी।

उत्तर पूर्व परिषद के सचिव श्री मोसेस चालाई ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि यह केंद्र कैसे अपेक्षा के अनुरूप उभरा है। उन्होंने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम नीतिगत अनुसंधान एवं विश्‍लेषण केंद्र से उत्तर पूर्व क्षेत्र की आकांक्षा के अनुरूप केंद्र सरकार की नीतियों और दिशा-निर्देशों पर विचार-विमर्श करके उन्हें सक्रिय बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने इस केंद्र के प्रशासनिक भवन के निर्माण को पूरा करने पर प्रसन्‍नता व्यक्त की, जिसे एनईसी के माध्यम से उत्तर पूर्व क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा प्रायोजित किया गया था। उन्होंने इस केंद्र के औपचारिक उद्घाटन के लिए एमडीओएनईआर का ध्यान आकर्षित किया।

एमडीओएनईआर के सचिव श्री चंचल कुमार ने इस केंद्र के उत्‍तर पूर्व क्षेत्र के एक महत्वपूर्ण विचार मंच के रूप में उभरने की उम्मीद जताते हुए अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने आईआईएम, शिलांग से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम नीतिगत अनुसंधान एवं विश्‍लेषण केंद्र के माध्यम से नॉर्थ ईस्ट डेवलपमेंट फेलो को शुरू करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जो प्रशासन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा और उत्‍तर पूर्व क्षेत्र में सुशासन लाएगा। उन्होंने इस केंद्र को विकसित करने में एमडीओएनईआर की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

आईआईएम शिलांग के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्‍य श्री अतुल कुलकर्णी, जो वर्चुअली उपस्थित थे, ने उत्तर पूर्व क्षेत्र की आकांक्षाओं को पूरा करने में इस केंद्र के महत्व को रेखांकित किया, चाहे यह उद्यमिता, शिक्षा, नीति बनाना या प्रशिक्षण हो और चाहे यह राज्य सरकार को अच्‍छा शासन देने में सहायता करना हो।

इस समझौता ज्ञापन के विस्तार से, डॉ. कलाम सेंटर और अधिक मेहनत तथा प्रतिबद्धता से कार्य करेगा।

डॉ. कलाम सेंटर निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ कई प्रमुख क्षेत्रों के तहत काम करेगा, जिनमें 1. प्रशिक्षण और विकास 2. अनुसंधान और परामर्श 3. नीतिगत समर्थन 4. ज्ञान का प्रसार 5.  नागरिकों से जुड़ना शामिल है:

  1. राष्ट्रीय विकास के लिए एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में एनईआर को स्थापित करने के लिए सर्वोत्तम प्रबंधन प्रथाओं, प्रबंधन ढांचे, दृष्टिकोण और व्यवसाय मॉडल प्रदान करने वाले विचारों के इस्‍तेमाल के माध्यम से उत्तर पूर्व क्षेत्र (एनईआर) के लिए एक 'विचार मंच' के रूप में उभरना।
  2. एनईआर में संसाधन उपयोग की दक्षता और दीर्घकालिकता पर सुझाव प्रदान करना।
  3. एनईआर के सामाजिक-आर्थिक विकास की गति को तेज करने के अपने मिशन में एमडीओएनईआर की नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन पर रूपरेखा प्रदान करना और एनईआर में अन्य संस्थानों के परामर्श से एनईआर के समग्र विकास के लिए दीर्घकालिक विजन  विकसित करने में एमडीओएनईआर/एनईसी की सहायता करना।
  4. केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में शामिल अधिकारियों के पाठ्यक्रम, पाठ्यक्रम डिजाइन और उनके क्षमता निर्माण के विकास में संस्थानों की सहायता करके क्षेत्र में मानव संसाधन विकास को बढ़ावा देना।
  5. एनईआर के विकास के लिए प्रासंगिक विभिन्न विषय क्षेत्रों में उत्कृष्टता के अन्य संस्थानों के साथ नेटवर्क बनाना और सहयोगात्मक अनुसंधान, विश्लेषण और परामर्श आदि के लिए एक संस्थागत नेटवर्क स्थापित करना।
  6. एमडीओएनईआर, एनईसी और राज्यों के साथ संयुक्त रूप से या व्यक्तिगत रूप से एनईआर के विकास एजेंडे पर अनुसंधान और विश्लेषण करना और इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एनईआर के गांवों में विकास कार्यक्रमों/योजनाओं में कमी की पहचान करना।
  7. संभावना वाले क्षेत्रों में नवाचार और उद्यमिता के माध्यम से एनईआर में आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने में समर्थन देना।
  8. बाजार संबंधी सूचना एकत्रित करके एनईआर से नियमित रूप से निर्यात वृद्धि के लिए आवश्यक हस्तक्षेपों की पहचान करना।
  9. एनईआर में अपनाने के लिए सभी क्षेत्रों में नए विचार और ज्ञान का सृजन करने में सहायता करना।
  10. एनईसी में डॉ. कलाम सेंटर और अत्याधुनिक संसाधन केंद्र अपने प्रयासों के किसी भी दोहराव से बचते हुए, परस्पर एक दूसरे के अनुकूल और मजबूत करने के तरीकों पर काम करेंगे।

इस केंद्र से उत्‍तर पूर्व क्षेत्र की वास्तविक विकास क्षमता का दोहन करने के लिए उत्तर पूर्व परिषद, राज्यों और उत्तर पूर्व क्षेत्र के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद है।

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