पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय
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उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास विभाग ने ‘उत्तर-पूर्व सम्मेलन’ का आयोजन किया


उत्तर-पूर्व सम्मेलन बड़े उन्नत अवसरों, असीमित क्षमता और पूर्वोत्तर क्षेत्र की समृद्ध कला संस्कृति को प्रदशित करने का शानदार अवसरः श्री जी. किशन रेड्डी

यह प्रयास क्षेत्र के उत्थान और पूरे देश, विशेष रूप से अष्टलक्ष्मी क्षेत्रीय विकास के लिये प्रभावी प्रशासन और पहलों के साथ समावेशी वृद्धि को बढ़ावा देने की समर्पित प्रतिबद्धता को दर्शाता हैः श्री बी.एल. वर्मा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुये विकास गतिविधियों को आगे बढ़ा रही हैः श्री किरेन रिजिजू

मंत्रियों ने द्वारका में उत्तर पूर्वी सांस्कृतिक और सामाजिक संस्थान की आधारशिला रखी और जेएनयू, नयी दिल्ली में बराक छात्रावास का उद्घाटन किया

Posted On: 05 FEB 2024 1:35PM by PIB Delhi

नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केन्द्र में 04 फरवरी 2024 को उत्तर-पूर्व सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केन्द्रीय उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास, संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री श्री किरन रिजिजू, उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास और सहकारिता राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा, केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री सुश्री प्रतिमा भौमिक और विदेश मामले और शिक्षा राज्य मंत्री श्री राजकुमार रंजन सिंह उपस्थित थे। उत्तर पूर्व से सांसद और उत्तर पूर्वी राज्यों के विधायक भी कार्यक्रम में शामिल हुये। उत्तर पूर्व में तैनात विभिन्न कैडर के अधिकारी और उत्तर पूर्व के विभिन्न कैडर के अधिकारी भी आयोजन में उपस्थित थे। सम्मेलन में 1,000 श्रोतागण उपस्थित थे जिनमें उत्तर पूर्वी राज्यों से दिल्ली के विभिन्न संस्थानों में पढ़ाई कर रहे छात्रों की बड़ी संख्या थी। क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण में प्रभावी भूमिका निभाने वाली पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित श्रीमती सांगखुमी बुआलछुआक की उपस्थिति ने सम्मेलन में एक उल्लेखनीय आयाम जोड़ा।

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कार्यक्रम की शुरुआत मंत्रियों द्वारा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धाजंलि देने के साथ हुई। इसके बाद मंत्रियों ने आभासी तरीके से नयी दिल्ली, द्वारका में उत्तर पूर्वी सांस्कृतिक और सामाजिक संस्थान की आधारशिला रखी और जेएनयू में बराक होस्टल का उद्घाटन किया। द्वारका में 116.38 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले उत्तर पूर्वी सांस्कृतिक और सामाजिक संस्थान में एक सभागार, उत्तर पूर्वी क्षेत्र संबंधित सामग्री पर केन्द्रित अध्ययन कक्ष के साथ पुस्तकालय, क्षेत्र की आर्ट गैलरी, एक प्रदर्शनी हाल, शोध केन्द्र, बिक्री केन्द्र और अतिथिगृह सहित विविध सुविधायें उपलब्ध होंगी। इस केन्द्र में राज्य हथकरघा उत्पाद प्रदर्शनी, खान-पान सुविधा और प्रदर्शनी स्थल जैसी सुविधायें भी होंगी। जेएनयू, नयी दिल्ली में उत्तर-पूर्व के छात्रों के लिये 28.675 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले बराक होस्टल में आधुनिक सुविधाओं के साथ छात्र- छात्राओं के लिये 214 कमरे बनने से उत्तर पूर्व के छात्रों के लिये अधिक संख्या में होस्टल सुविधा उपलब्ध होने की उम्मीद है।

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केन्द्रीय उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास, संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि उत्तर पूर्व सम्मेलन क्षेत्र के बड़े उन्नत अवसरों, असीमित क्षमता और उत्तर पूर्व की हस्तनिर्मित कपड़ा चित्रकारी की समृद्ध संस्कृति को दर्शाने का शानदार अवसर है। उन्होंने आगे कहा कि इन 10 वर्षो में भारत सरकार ने क्षेत्र के समग्र विकास के लिये सभी क्षेत्रों में फैली विकास परियोजनाओं में पांच लाख करोड़ रुपये खर्च किये। लोगों की स्वास्थ्य सेवा जरूरतों पर विशेष ध्यान देते हुये क्षेत्र में एक अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल की स्थापना की गई। इससे वह लंबी यात्रा की परेशानी से बच सकेंगे और उन्हें बेहतर सुविधायें उपलब्ध होंगी। उन्होंने पिछले एक दशक के दौरान उत्तर पूर्व में शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, कृषि और रोजगार सृजन में उल्लेखनीय निवेश सहित विभिन्न उपलब्धियों के बारे में बताया। इनमें शैक्षणिक संस्थानों से लेकर स्वास्थ्य सेवा सुविधायें, खेलकूदएं की बुनियादी सुविधाएं जैसी प्रमुख परियोजनाओं के साथ ही क्षेत्रीय सहयोग का प्रतीक बनी कालादान मल्टी मॉडल पारगमन परिवहन परियोजना तथा त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना जैसी अंतरराष्ट्रीय संपर्क परियोजनाएं शामिल हैं।

उत्तर पूर्व सम्मेलन में उपस्थित श्रोतागणों को संबोधित करते हुये केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने राष्ट्र के विकास में उत्तर-पूर्व की महत्वपूर्ण भूमिका को न केवल मान्यता दी है बल्कि उसे रेखांकित भी किया जिससे कि व्यापक स्तर पर राष्ट्रीय समृद्धि का मंच तैयार हुआ है। यह पूरे देश के लिये और विशेष रूप से अष्ट लक्ष्मी क्षेत्रीय विकास के लिये सराहनीय प्रभावी प्रशासन और पहलों के साथ क्षेत्र की उन्नति और समावेशी वृद्धि को बढ़ावा देने की समर्पित प्रतिबद्धता पर जोर देती है।

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केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने अपने संबोधन में कहा कि जेएनयू में बराक छात्रावास की उल्लेखनीय शुरुआत और द्वारका, नयी दिल्ली में पूर्वोत्तर सांस्कृतिक और सामाजिक संस्थान की आधारशिला रखे जाने के इस कार्यक्रम को देखते हुये वह उत्तर पूर्वी राज्यों के लोगों को हार्दिक बधाई देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के दृष्टिकोण के साथ विकासात्मक गतिविधियों को आगे बढ़ा रही है। मंत्रिपरिषद जमीन पर योजनाओं की प्रगति देखने के लिये हर महीने क्षेत्र का दौरा करती है। उन्होंने शांति और उत्तर पूर्व विकास के बीच गहरा जुड़ाव रेखांकित करते हुये युवाओं की अहम् भूमिका पर प्रकाश डाला और क्षेत्र में निरंतर शांति आवश्यकता पर जोर देते हुये कहा कि जन-नेतृत्व में होने वाले विकास से ही वास्तविक प्रगति हासिल की जा सकती है।

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सम्मेलन के दौरान विशेषतौर पर तैयार किये गये वीडियो भी दिखाये गये जिनमें उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास और मार्गदर्शन के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दृष्टिकोण को दर्शाया गया। कार्यक्रम के दौरान उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में पिछले एक दशक के दौरान निम्नलिखित उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुये वीडियो दिखाये गये।

  • शिक्षा में 21,151 करोड़ रुपये का निवेश, 843 स्कूलों की स्थापना, 25,64,628 शिक्षकों का कौशल उन्नयन और प्राथमिक शिक्षा ढांचा विकास को प्रमुख उपलब्धियों के तौर पर बताया गया।
  • एम्स असम, आईआईएमसी मिजोरम और मणिपुर में भारत के पहले राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों के माध्यम से उच्च शिक्षा क्षेत्र की प्रगति को दर्शाया गया।
  • स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की उपलब्धियों में 31,794 करोड़ रुपये का व्यय, पहले एम्स का उद्घाटन, 19 राज्य कैंसर संस्थानों को मंजूरी और 387 स्वास्थ्य केन्द्रों में आयुष सुविधाओं का एकीकरण शामिल है।
  • कृषि क्षेत्र की उपलब्धियों में सिक्किम में 1.55 लाख हेक्टेयर का जैविक खेती के लिये उपयोग, पीएमकेएसवाई के तहत 1,432 करोड़ रुपये की मंजूरी और वन धन विकास योजना की शुरुआत किया जाना शामिल है।
  • युवा/खेल और कौशल विकास उपलब्धियों में राष्ट्रीय खेल विश्विद्यालय, 203 खेल बुनियादी ढांचा परियोजनायें और 207 खिलाड़ियों को मान्यता शामिल है।
  • रोजगार सृजन के नये प्रयासों के परिणाम स्वरूप 3,49,291 रोजगार सृजित हुये और 100 करोड़ रुपये के साथ उत्तर पूर्व उद्यम कोष की शुरुआत हुई।
  • बिजली, ऊर्जा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र की उपलब्धियों में विद्युत अवसंरचना के लिये 37,092 करोड़ रुपये की मंजूरी, 77.41 लाख घरों का विद्युतीकरण और पूर्वोत्तर गैस ग्रिड परियोजना शामिल है।
  • सुशासन प्रयासों में प्रधानमंत्री की यात्रायें, "nesetu.mdoner.gov.in" पोर्टल की शुरुआत और ‘फील्ड टेक्निकल सपोर्ट यूनिट्स’ की तैनाती शामिल है।
  • पर्यटन क्षेत्र की पहलों में स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना के लिये 1502.48 करोड़ रुपये की मंजूरी और ‘‘गंतव्य उत्तर पूर्व 2020’’ की शुरुआत शामिल है।
  • एक्ट ईस्ट प्रोजेक्ट में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी जैसे कि कालादान मल्टी माडल पारगमन परिवहन परियोजना और त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजनाओं पर ध्यान दिया गया।
  • अगरतला - अखौरा रेल संपर्क और वर्ष 2023 में भारत- बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का उद्घाटन क्षेत्रीय सहयोग और बढ़ने का संकेत देते हैं।

 

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मंत्रियों ने हस्तशिल्प, हथकरघा, कृषि और बागवानी उत्पादों और स्टार्ट अप को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी देखी जहां उन्होंने कारीगरों और उद्यमियों के साथ बातचीत की।

कार्यक्रम का समापन विविध परंपरागत नृत्यों को दर्शाने वाले सराहनीय सांस्कृतिक प्रदर्शन के साथ हुआ। आज की पहल उत्तर पूर्व की बेजोड़ क्षमता को उजागर करने के भारत सरकार के प्रयासों को सामूहिक रूप से आगे बढ़ाती है। जिन उपलब्धियों को सामने रखा गया वे न केवल एक पड़ाव हैं बल्कि क्षेत्र के उज्ज्वल और अधिक समृद्ध भविष्य के लिये सरकार की वचनबद्धता का प्रमाण भी हैं।

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