रक्षा मंत्रालय
मशीनों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आज के युग में रचनात्मकता, पारस्परिक कौशल, भावनात्मक बुद्धिमत्ता एवं संवेदनशीलता को प्रासंगिक बने रहना चाहिए, राष्ट्रीय कैडेट कोर अपने कैडेटों को इन गुणों के साथ तैयार कर रहा है: एनसीसी के गणतंत्र दिवस शिविर में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह का वक्तव्य
Posted On:
20 JAN 2024 1:28PM by PIB Delhi
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 20 जनवरी, 2024 को दिल्ली कैंट में आयोजित राष्ट्रीय कैडेट कोर के गणतंत्र दिवस शिविर के अपने दौरे के दौरान एनसीसी कैडेटों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि रचनात्मकता, पारस्परिक कौशल, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और संवेदनशीलता ऐसे गुण हैं, जो मशीनों तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के वर्तमान युग में किसी व्यक्ति को प्रासंगिक एवं रोजगारपरक बनाएंगे। रक्षा मंत्री ने कैडेटों को इन गुणों से लैस करने और अगली पीढ़ी का नेतृत्व करने के उद्देश्य से उनके सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए एनसीसी की सराहना की।
श्री राजनाथ सिंह ने आज के प्रौद्योगिकी-संचालित युग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उदय पर अपना दृष्टकोण साझा करते हुए कहा कि समय और भविष्य की प्रगति के साथ, लोग उन क्षेत्रों में करियर बनाने पर अधिक ध्यान केंद्रित करना शुरू कर देंगे, जहां पर मशीनें भी वांछित कार्य नहीं कर सकती हैं। हालांकि, उन्होंने इस तथ्य पर भी जोर दिया कि भले ही मशीनें शारीरिक एवं बौद्धिक कार्य कर सकती हैं, लेकिन वे रचनात्मक नहीं हो सकती हैं, वे चेतना उत्पन्न नहीं कर सकती हैं और न ही मनुष्यों की तरह पारस्परिक कौशल विकसित कर सकती हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसी स्थिति में एनसीसी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय कैडेट कोर अपनी विभिन्न गतिविधियों एवं अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से कैडेटों को शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक रूप से सशक्त बनाकर, उनके भीतर सामाजिक कौशल विकसित करके और देशभक्ति तथा राष्ट्रीय गौरव की भावना उत्पन्न करके उनका समग्र विकास सुनिश्चित कर रही है। कैडेट्स को अपनी शिक्षा के साथ-साथ इन गुणों को अपनाना भी अति आवश्यक है। इससे उन्हें देश की प्रगति में अपना शत प्रतिशत योगदान देने में सहायता मिलेगी।
श्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर एनसीसी कैडेट्स को उनके अनुकरणीय प्रदर्शन और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए रक्षा मंत्री पदक तथा प्रशस्ति कार्ड प्रदान किए। इस वर्ष, रक्षा मंत्री पदक कर्नाटक और गोवा निदेशालय के सीनियर अंडर ऑफिसर मक्कतिरा कल्पना कुट्टप्पा तथा जम्मू-कश्मीर व लद्दाख निदेशालय के जूनियर अंडर ऑफिसर डेचेन चुस्किट को प्रदान किए गए। रक्षा मंत्री प्रशस्ति कार्ड पूर्वोत्तर क्षेत्र निदेशालय के अंडर ऑफिसर अमर मोरंग और उत्तर प्रदेश निदेशालय के सीनियर अंडर ऑफिसर ज्योतिर्मय सिंह चौहान को दिए गए। रक्षा मंत्री ने अलंकरण समारोह की सराहना की, जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से कैडेटों की भागीदारी देखी गई और इसे एक भारत-श्रेष्ठ भारत का आदर्श उदाहरण करार दिया।
एनसीसी कैडेट्स ने रक्षा मंत्री और अन्य विशिष्ट अतिथियों के समक्ष रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये। इस पर श्री राजनाथ सिंह ने कैडेटों के प्रदर्शन को उत्कृष्ट बताते हुए उनकी ऊर्जा एवं उत्साह की प्रशंसा की।
इससे पहले, रक्षा मंत्री ने एनसीसी की सेना, नौसेना और वायु सेना विंग का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेटों द्वारा प्रस्तुत किये गए शानदार ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ का निरीक्षण किया। इसके बाद ग्वालियर के द सिंधिया स्कूल द्वारा एक बैंड प्रदर्शन किया गया। उन्होंने विभिन्न सामाजिक जागरूकता विषयों को दर्शाने वाले 17 एनसीसी निदेशालयों के फ्लैग एरिया का भी भ्रमण किया। इसके अलावा, उन्होंने ‘हॉल ऑफ फेम’ का दौरा किया, जिसमें पिछले 75 वर्षों में एनसीसी के पूर्व कैडेटों की तस्वीरों, मॉडलों और अन्य उपलब्धियों का संग्रह है। इस अवसर पर एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह और एनसीसी तथा रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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