रेल मंत्रालय

केन्‍द्रीय रेल मंत्री ने भारतीय रेलवे निर्माण नियमावली 2023 का अनावरण किया


निर्माण नियमावली भूमि अधिग्रहण, वन मंजूरी, पुल डिजाइन, सुरंग निर्माण सहित निर्माण संबंधी विभिन्न कार्यों में मदद करेगी

Posted On: 09 JAN 2024 7:33PM by PIB Delhi

केन्‍द्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज नई दिल्ली में 'भारतीय रेलवे निर्माण नियमावली, 2023' का अनावरण किया। नियमावली जारी करने के बाद एकत्र जनसमूह को संबोधित करते हुए, केन्‍द्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “निर्माण नियमावली भूमि अधिग्रहण, वन मंजूरी, पुल डिजाइन, अनुबंध प्रबंधन, सुरंग निर्माण, फ्लाईओवर/पुल के नीचे सड़क सहित अनेक कार्यों में मदद करेगी। यह नियमावली हमें दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला रेल नेटवर्क बनने में मदद करेगी।''

श्री वैष्णव ने कहा, “यह वास्तव में खुशी की बात है कि निर्माण नियमावली अब एक नए रूप में और हमारे समय के अनुरूप है। जब से प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कार्यभार संभाला है, नई रेलवे लाइनों और स्टेशनों के निर्माण सहित रेलवे पर उनका ध्यान मुख्‍य रूप से रहा है तथा इस मिशन में, यह नियमावली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी क्योंकि नियमावली का पिछला संस्करण पुराना था (लगभग 1960) और अब इसमें ईपीसी अनुबंध, पुल निर्माण, सिग्नलिंग का निष्पादन, विद्युत और गैर-इंटरलॉकिंग कार्य आदि सहित नए सुधारों को शामिल किया गया है जिन्हें नई नियमावली के माध्यम से मानकीकृत किया गया है।”

केन्‍द्रीय मंत्री ने इस नियमावली को तैयार करने में रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य (इन्फ्रास्ट्रक्चर) श्री रूप नारायण सुनकर और पूरी टीम के काम की भी सराहना की। भारतीय रेलवे सिविल इंजीनियरिंग संस्थान और विभिन्न जोनल रेलवे के निर्माण अधिकारियों की टीम ने यह नियमावली तैयार की है। यह नियमावली निर्माण परियोजनाओं को तेज गति से निष्पादित करने के लिए निर्माण अधिकारियों को आवश्यक ज्ञान से लैस करने के भारतीय रेलवे के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण घटना है।

राष्ट्रीय रेल योजना के अनुसार, भारतीय रेलवे को वर्ष 2030 तक क्षमता विकसित करनी है जो बढ़ती मांग को वर्ष 2050 तक पूरा करेगी। इस लक्ष्‍य को प्राप्त करने के लिए, भारतीय रेलवे को अपने बुनियादी ढांचे के निर्माण की गति बढ़ानी होगी यानी इसमें सुपर क्रिटिकल और क्रिटिकल परियोजनाओं को चालू करना; नई लाइनों का निर्माण; गेज परिवर्तन पूरा करना, मल्टी ट्रैकिंग, स्वचालित सिग्नलिंग और यातायात सुविधा आदि कार्यों को पूरा करना शामिल है।

निर्माण अधिकारियों को मार्गदर्शन देने के लिए, निर्माण के विभिन्न पहलुओं को कवर करने वाली एक नियमावली की आवश्यकता महसूस की गई। नियमावली सरल भाषा में तैयार की गई है जिसे क्षेत्रीय अधिकारी आसानी से समझ सकते हैं।

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