कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने उभरती और भविष्य की ई-गवर्नेंस पहल, ई-कॉमर्स पहल और उभरती प्रौद्योगिकियों के विषय पर एक विचार-मंथन सत्र आयोजित किया
क्षेत्र के विशेषज्ञों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ढांचे के इर्द-गिर्द निर्मित होने वाले भविष्य के सार्वजनिक सेवा वितरण मॉडल की जानकारी दी
व्यक्तिगत ई-सेवाओं और सेवा वितरण के अनुकूलन के लिए सभी सरकारी क्षेत्रों में जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जेनएआई) का उपयोग
जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जेनएआई) में जोखिम और पहचान प्रबंधन की आवश्यकता तथा नागरिक गोपनीयता, डेटा और उन्नत साइबर-सुरक्षा के उपायों पर ध्यान केन्दित
ई-गवर्नेंस पहलों में भाषिनी, सर्विस प्लस आदि का उन्नत उपयोग
Posted On:
05 JAN 2024 12:28PM by PIB Delhi
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने 4 जनवरी, 2024 को (सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स इंस्टिट्यूट) सीएसओआई, कस्तूरबा गांधी मार्ग, नई दिल्ली में उभरती और भविष्य की ई-गवर्नेंस पहल, ई-कॉमर्स पहल तथा उभरती प्रौद्योगिकियों विषय पर विचार-मंथन सत्र का आयोजन किया।
यह सत्र ई-सेवा वितरण, ई-गवर्नेंस और नवीन प्रौद्योगिकी लागू करने के क्षेत्र में प्रमुख हितधारकों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के अधिकारियों के साथ डेलॉइट, पीडब्ल्यूसी, प्राइमस पार्टनर्स, वैश्विक व्यावसायिक सेवा नेटवर्क (केपीएमजी), भारतीय गुणता परिषद (क्यूसीआई) और अर्न्स्ट एण्ड यंग (ईवाई) सहित प्रमुख संगठनों के 15 विशेषज्ञों तथा प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों ने सत्र में भाग लिया।
डीएआरपीजी के सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने चर्चा की शुरुआत करतते हुए बताया कि कैसे पिछले कुछ वर्षों में देश भर में ई-सेवा वितरण का विस्तार हुआ है, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (एनईएसडीए) ने बताया है कि वर्ष 2019 रिपोर्ट में केवल 872 ई-सेवाएं उपलब्ध थीं और वर्ष 2023 के नवम्बर तक विभिन्न राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशो से 1574 ई-सेवाओं की डिलिवरी सुनिश्चित हुई है। नवंबर 2023 में 16088 ई-सेवाएं दर्ज की गईं, जबकि अप्रैल 2023 में इनकी संख्या 11,614 थी। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने ई-सेवा प्राप्त करने के लिए एकल पड़ाव के रूप में एकीकृत सेवा पोर्टलों पर ध्यान केन्द्रित कर दिया है। कई राज्यों ने पहले ही इस पैरामीटर पर शतप्रतिशत परिपूर्णता हासिल कर ली है।
सत्र के दौरान ई-गवर्नेंस रणनीति क्षेत्र के विशेषज्ञों ने उभरती प्रौद्योगिकियों सहित ई-गवर्नेंस और ई-कॉमर्स की उपलब्धियों, उभरते परिदृश्य और भविष्य की दिशा के बारे में जानकारी मुहैया कराई और कुछ वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के संबंध में किये गये अध्ययन साझा किए।
उद्योगपतियों ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। प्रोफेशनल सर्विसेज फर्म प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स के श्री संतोष मिश्रा पीडब्ल्यूसी (पार्टनर) ने बताया कि जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जेनएआई) के उपयोग और जिम्मेदार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रारूप के माध्यम से ई-सेवाएं समावेशी होनी चाहिए। डेलॉइट के पार्टनर श्री एनएसएन मूर्ति ने चर्चा के दौरान बताया कि कैसे जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व्यक्तिगत अनुभव को व्यक्त कर सकता है।
वितरण का अनुकूलन, नवीन समाधानों के माध्यम से निर्णय लेने की क्षमता को सशक्त बनाता है। प्राइमस पार्टनर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री निलय वर्मा ने उल्लेख किया कि प्रभावी सेवा वितरण पर ध्यान केंद्रित करना है न कि केवल प्रौद्योगिकी पर। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डेटा प्रबंधन, सेवा गारंटी और उपयोगकर्ता की गोपनीयता बनाए रखने के अतिरिक्त सेवा वितरण के लिए एक इकाई के रूप में नागरिक पहचान प्रबंधन और परिवार के परिणामस्वरूप बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। केपीएमजी के श्री चंदन के सिंह और सुभदीप बिस्वास की टीम ने इस बात पर बल दिया कि जेनएआई सार्वजनिक क्षेत्र में सेवा वितरण के भविष्य का नेतृत्व करेगा। उन्होंने भविष्य में अपेक्षित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा पर चर्चा की, इसमें उभरते रुझान और आर्टिफिशियल अंटेलिजेंस के संबंध में सरकारों के समक्ष आने वाली नौतियों से निपटना शामिल हैं। भारतीय गुणता परिषद (क्यूसीआई) के वरिष्ठ निदेशक श्री आर एन शुक्ला ने ई-कॉमर्स क्षेत्र के बारे में चर्चा की और जीवन-चक्र दृष्टिकोण के आधार पर एक एकीकृत सेवा वितरण मंच बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। अर्न्स्ट एण्ड यंग (ईवाई) के श्री अनुराग दुआ ने सूचना मानकीकरण प्रोटोकॉल पर प्रकाश डाला और व्यय ढांचा बनाकर आर्थिक प्रगति और परिणामों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर चर्चा की।
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव वी. श्रीनिवास ने निम्नलिखित विषयों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भविष्य की रूपरेखा बताते हुए सत्र का समापन किया:
- सेवा वितरण के सरलीकरण के लिए सार्वभौमिक चेहरा प्रमाणीकरण प्रक्रियाओं को बढ़ावा देना
- ई-गवर्नेंस पहल में भाषिनी, सर्विस प्लस आदि का समावेश
- अनिवार्य ई-सेवाओं को 160 से अधिक तक बढ़ाने की अपार संभावनाएं
- ई-ऑफिस विश्लेषण और साइबर-सुरक्षा उपायों पर ध्यान दें
- शिकायत निवारण में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग
- प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से एक इकाई के रूप में परिवारों तक पहुँच
- ई-कॉमर्स पहल पर बल
- सर्वोत्तम प्रथाओं के प्रसार के लिए सशक्त मीडिया आउटरीच
- राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकार के साथ सहयोग
- जनरल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की अच्छी प्रथाओं को और अधिक सीखने और प्रसारित करने के लिए हैकथॉन की आवश्यकता।
सत्र के दौरान प्रशासनिक सुधारों की खोज और डिजिटल परिवर्तन के परिदृश्य को आकार देने में सीखी गई सर्वोत्तम प्रथाओं, सफलता की कहानियों और निष्कर्ष को साझा करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।
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एमजी/एआर/आरपी/वीएलके/वाईबी
(Release ID: 1993415)
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