मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय

वर्षान्त समीक्षा 2023 मत्स्य पालन विभाग (मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय)

Posted On: 14 DEC 2023 1:18PM by PIB Delhi

परिचय

मत्स्य पालन क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह राष्ट्रीय आय, निर्यात, खाद्य और पोषण सुरक्षा के साथ साथ रोजगार सृजन में योगदान करता है। मत्स्य पालन क्षेत्र की एक उभरते क्षेत्र के तौर पर पहचान बनी है और यह देश के करीब 30 मिलियन, विशेष तौर पर सीमांत और वंचित समुदायों की आजीविका बनाये रखने का साधन बना है।

वर्ष 2022- 23 में 175.45 लाख टन रिकार्ड मछली उत्पादन के साथ भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादन वाला देश रहा है और वैश्विक उत्पादन में उसका 8 प्रतिशत हिस्सा है। देश के सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में इसका 1.09 प्रतिशत और कृषि क्षेत्र की जीवीए में इसका 6.724 प्रतिशत से अधिक योगदान रहा है। क्षेत्र में वृद्धि की बहुत संभावनायें है और इसलिये इसमें टिकाउ, जवाबदेह, समावेशी और समान वृद्धि के लिये नीतियों और वित्तीय समर्थन के जरिये एकमुश्त ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।

योजनायें और कार्यक्रमः

(क) प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई)

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 20 मई 2020 को अब तक के सबसे अधिक कुल 20,050 करोड़ रूपये के निवेश वाली प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) को मंजूरी दी थी जिसमें (1) 9,407 करोड़ रूपये का केन्द्रीय हिस्सा (2) 4,880 करोड़ रूपये का राज्य भागीदारी और (3) 5,763 करोड़ रूपये लाभार्थियों का योगदान रखा गया था। इसके बाद 10 सितंबर 2020 को प्रधानमंत्री ने भारत सरकार के कोविड-19 राहत पैकेज (आत्मनिर्भर भारत पैकेज) के एक हिस्से के तौर पर पीएमएमएसवाई की शुरूआत की। यह पैकेज सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में वित्त वर्ष 2020-21 से 2024- 25 के दौरान पांच वर्ष में अमल में लाया जाना था।

विभाग द्वारा पीएमएमएसवाई की प्रशासनिक मंजूरियां और परिचालन दिशानिर्देश क्रमशः 12 जून 2020 और 24 जून 2020 को सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को जारी कर दी गईं।

वर्ष 2020-21 के दौरान (पश्चिम बंगाल और चंडीगढ़ को छोड़कर) 34 राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों तथा अन्य संगठनों से कुल 2,876.33 करोड़ रूपये की लागत के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई (2,746.86 सीएसएस के तहत और 129.47 करोड़ रूपये सीएस के तहत) जिसमें केन्द्र का हिस्सा 1,084.72 करोड़ रूपए (855.25 करोड़ रूप्ये सीएसएस के तहत और 129.47 करोड़ रूपये सीएस के तहत) थे।

वर्ष 2021- 22 में 34 राज्यों/केंद्र शासित राज्यों (पश्यिम बंगाल, चंडीगढ़ को छोड़कर), तथा अन्य संगठनों से 4,353.81 करोड़ रूपये की कुल लागत के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई (3,614.29 करोड़ रूपये सीएसएस और 739.52 करोड़ रूपये सीएस के तहत) जिसमें 1,662.36 करोड़ रूपये केन्द्र का हिस्सा (1,292.38 करोड़ रूपये सीएसएस और 369.98 करोड़ रूपये सीएस के तहत) दिये गये।

वर्ष 2022- 23 में 33 राज्यों/ केंद्र शासित राज्यों से विकासात्मक परियोजनाओं के लिये और अन्य संगठनों के 7,424.53 करोड़ रूपये (6,706.07 करोड़ रूपये सीएसएस के तहत और 718.46 करोड़ रूपये सीएस के तहत) की कुल परियोजना लागत वाले प्रस्तावों को मंजूरी दी गई जिसमें केन्द्र का हिस्सा 3,392.74 करोड़ रूपये (2,674.28 करोड़ रूपये सीएसएस के तहत और 718.46 करोड़ रूपये सीएस के तहत) था।

वर्ष 2023- 24 में अब तक 33 राज्यों/ केंद्र शासित राज्यों और अन्य संगठनों से कुल 2,872.56 करोड़ रूपये (2,868.01 करोड़ रूपये सीएसएस के तहत और 4.55 करोड़ रूपये सीएस के तहत) के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिसमें केन्द्र का हिस्सा 1,068.50 करोड़ रूपये (1,063.95 करोड़ रूपये सीएसएस के तहत और 4.55 करोड़ रूपये सीएस के तहत) है।

 

पीएमएमएसवाई के तहत वास्तविक उपलब्धियां (2020- 21 से अब तक)

1. अंतरदेशीय मत्स्य पालनः इसके तहत 44,408 पिंजरे, अंतरदेशीय एक्वाकल्चर के लिये 20,849.41 हेक्टेयर तालाब क्षेत्र, 11,940 रि-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम्स (आरएएस), 3,995 बायोफ्लॉक इकाइयां, अंतरदेशीय लवणीय क्षारीय संस्कृति के लिये 2,855.59 हेक्टेयर में तालाब क्षेत्र, 788 मछली और 4 स्कैंपी हैचरीज, जलाशयों और अन्य जल निकायों में 543.7 हेक्टेयर पेंस और 14 ब्रेड बैंकों को मंजूरी दी गई।

2. समुद्री मत्स्य पालनः मशीनीकृत मछली जलयानों में 2,255 जैव-शौचालय, मछली पालन के लिये खुले समुद्र में 1,518 पिंजरे, मछली पालन वाले मौजूदा 1,172 जलयानों का उन्नयन, खारे पानी में की जानी वाली एक्वा खेती के लिये 1,380.86 हेक्टेयर तालाब का क्षेत्र, 463 गहरे समुद्री पानी में मछली पकड़ने की नौका, 17 खारे पानी की हैचरी और 5 लघु समुद्री फिनफिश हैचरी को मंजूरी दी गई।

3. मछुआरा कल्याण: मछुआरों के लिये पुरानी नौकाओं के बदले 6,498 नई नौकायें और नेट उपलब्ध कराना, मछली पकड़ने पर रोक/सुस्त अवधि के दौरान 5,97,709 मछुआरा परिवारों के लिये आजीविका और पोषण समर्थन और 79 विस्तार और समर्थन सेवाओं (मत्स्य सेवा केन्द्र) को मंजूरी दी गई।

4. मत्स्य पालन बुनियादी सुविधायें- मछली परिवहन सुविधाओं के लिये 26,067 विभिन्न इकाइयों को मंजूरी दी गई। इनमें 10,397 मोटर साइकिल, आइस बॉक्स के साथ 9,282 साइकिलें, 3,775 आटो रिक्शा, 1,261 आवरण युक्त ट्रक, 1,048 जीवित मछली बिक्री केन्द्र, 942 मछली आहार मिल/प्लांट, 575 बर्फ संयंत्र/शीत भंडार, 304 रेफ्रीजिरेटिड वाहन शामिल हैं। इसके अलावा 188 मछली खुदरा बाजारों में 6,733 कुल इकाइयां और मछली कियोस्क जिसमें 6,545 सजावटी कियोस्क सहित मछली कियोस्क और 108 मूल्य वर्धित उद्यम इकाइयों को मंजूरी दी गई।

5. जलक्षेत्र में स्वास्थ्य प्रबंधनः- 17 रौग नैदानिक केन्द्र और गुणवत्ता परीक्षण शालायें, 29 मोबाइल केन्द्र और परीक्षण शालायें और 5 जलीय रेफरल प्रयोगशालओं को मंजूरी दी गई है।

6. सजावटी मत्स्य पालनः- 2,153 सजावटी मछलीपालन इकाइयां और 163 एकीक्त सजावटी मछली इकाइयां (प्रजनन और पालन) को मंजूरी दी गई।

7. समुद्री शैवाल खेतीः- 46,095 राफ्ट और 66,360 मोनोलाइन ट्यूब नेट को मंजूरी।

8. उत्तर पूर्व क्षेत्रों का विकासः- 744.86 करोड़ रूपए के केन्द्रीय हिस्से के साथ 1,391.62 करोड़ रूपए की कुल परियोजना लागत को मंजूरी। इसमें 5,954.39 हेक्टेयर क्षेत्र के नये तालाबों का निर्माण, एकीकृत मछली खेती के लिये 3,784.11 हेक्टेयर क्षेत्र, 556 सजावटी मछली पालन इकाइयां, 440 बायोफ्लाक इकाइयां, 218 हैचरियां, 146 रि-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) और 140 चारा मिलों को मंजूरी दी गई।

9. अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियां:- 2,491 सागर मित्र और 79 मत्स्य सेवा केन्द्रों को मंजूरी

(ख) एफआईडीएफ का कार्यान्वयन

मछलीपालन क्षेत्र की बुनियादी सुविधा जरूरतों को पूरा करने के लिये मछली पालन विभाग ने 2018- 19 में 7,522.48 करोड़ रूपये की कुल लागत से मछली पालन और एक्वाकल्चर अवसंरचना विकास कोष (एफआइडीएफ) नामक समर्पित कोष बनाया। एफआईडीएफ पहचान किये गये मछलीपालन अवसंरचना सुविधाओं के विकास के लिये राज्यों/संघ शासित प्रदेशों और राज्य इकाइयों सहित पात्र इकाइयों को रियायती दर पर वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराता है। यह सुविधा कर्ज देने वाली नोडल इकाइयों (एनएलई) के जरिये दी जाती है जिनके नाम हैं -1. राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), 2. राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), 3. सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकं।

एफआईडीएफ के तहत, मत्स्य पालन विभाग एनएलई द्वारा कम से कम पांच प्रतिशत वार्षिक की रियायती दर पर वित्त उपलब्ध कराने के लिये तीन प्रतिशत तक ब्याज सहायता उपलब्ध कराता है। एफआईडीएफ के तहत कर्ज देने की अवधि 2018-19 से 2022-23 तक पांच साल की है और अधिकतम पुनर्भुगतान अवधि 12 वर्ष है जिसमें मूलधन के पुनर्भुगतान पर कर्ज वापसी पर दो वर्ष की रोक भी शामिल है। निजी लाभार्थियों के प्रस्तावों सहित विभिन्न राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के लिये 3,738.19 करोड़ रूपये की ब्याज सहायता के लिये परियोजना लागत को सीमित रखते हुये 5,588.63 करोड़ रूपये के 121 प्रस्तावों की सिफारिश की गई है।

ये प्रस्ताव 18 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों से प्राप्त हुये हैं जिनके नाम - आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, ओडीशा, तमिल नाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल हैं।

(ग) किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी)

सरकार ने मछली पालन और पशुपालन किसानों के लिये उनकी कार्यशील पूंजीगत जरूरतों में मदद करने के लिये 2018-19 में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना का विस्तार किया था। भारत रिजर्व बैंक ने मछुआरों और मछली पालक किसानों के लिये केसीसी पर दिशानिर्देश 4 फरवरी 2019 को जारी किये थे। उसके बाद पशुपालन और मत्स्य पालक किसानों के लिये केसीसी के जरिये ऋण देने की प्रक्रिया को सुनियोजित करने के लिये पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय, रिजर्व बैंक, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) सहित विभिन्न हितधारकों के साथ विचार विमर्श करके मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी)/दिशानिर्देश जारी किये गये।

मत्स्य पालन विभाग द्वारा 01 जून से 31 दिसंबर 2020 तक केसीसी आवेदन जुटाने का विशेष अभियान चलाया गया। इसके बाद मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री के नेतृत्व में 15 नवंबर 2021 से 31 जुलाई 2022 तक एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया गया। ‘‘राष्ट्रीय व्यापी पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन केसीसी अभियान को 15 सितंबर 2022 को शुरू कर 15 मार्च 2023 तक चलाया गया और अब यह 1 मई 2023 से 31 मार्च 2024 तक जारी है। तटीय जिलों में सागर परिक्रमा कार्यक्रम के दौरान भी विशेष केसीसी अभियान आयोजित किये गये। इसके अलावा देशभर में जारी विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत किसान ऋण पोर्टल पर केसीसी में हो रही प्रगति की निगरानी की जा रही है। ऐसे लगातार प्रयासों के जरिये कुल 3,24,404 आवेदन प्राप्त किये गये जिनमें से 1,70,647 केसीसी जारी कर दिये गये हैं।

बजट घोषणायें

- प्रधान मंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (पीएम- एमकेएसएसवाई, 2023-24) नाम से एक नई उप-योजना की घोषणाः- मछुआरों, मछली विक्रेताओं और सूक्ष्म और लघु उद्यमों की गतिविधियों को बढ़ाने के लिये प्रधनमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत 6,000 करोड़ रूपये के लक्षित निवेश को लेकर एक केन्द्रीय क्षेत्र की उप-योजना की शुरूआत की गई। पीएम-एमकेएसएसवाई में डिजिटल समावेश, विशेषतौर पर कार्यशील पूंजी के लिये संस्थागत वित्तपोषण की सुविधा देना, एक्वाकल्चर बीमा अपनाने के लिये लाभार्थी को एकबारगी प्रोत्साहन देना, मत्स्यपालन क्षेत्र की समूची मूल्य-श्रृंखला दक्षता के लिये मछली पालन और एक्वाकल्चर सूक्ष्म उद्यमों को प्रोत्साहन देना, उपभोक्ताओं को सुरक्षित और बेहतर मछली उत्पाद आपूर्ति श्रृंखला की स्थापना के लिये सूक्ष्म और लघु उद्यमों को प्रोत्साहन और मत्स्य पालन क्षेत्र में महिलाओं के लिये रोजगार सृजित करने और उसे बरकरार रखने के लिये आवेदक को अतिरिक्त प्रोत्साहन देना आदि सहित असंगठित मत्स्य पालन क्षेत्र को चरणबद्ध ढंग से संगठित क्षेत्र में लाने पर ध्यान केन्द्रित किये जाने की अवधारणा रखी गई है। इस उप-योजना को व्यय वित्त समिति की मंजूरी मिल चुकी है और अब इसे अंतिम कैबिनेट नोट मंजूरी की प्रतीक्षा है।

ख- तमिलनाडु में सी-वीड पार्क की घोषणा (2022- 23)

पीएमएमएसवाई के तहत तमिलनाडु में बहुउपयोगी समुद्री शैवाल पार्क की स्थापना को लेकर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को कुल 127.71 करोड़ रूपए के निवेश के साथ मंजूरी दी जा चुकी है। इस परियोजना की अवधारणा एक हब एण्ड स्पोक मॉडल के अनुरूप् की गई है जिसका उद्देश्य उद्यमियों और प्रसंस्करणकर्ताओं को एकल खिड़की समर्थन देने के साथ ही समुद्री शैवाल किसानों, उत्पाद नवाचार शालाओं को नवीन उत्पाद श्रृंखला, पानी और समुद्री शैवाल उत्पादों के गुणवत्ता परीक्षण के लिये परीक्षण सुविधाओं के लिये उच्च गुणवत्ता की समुद्री शैवाल पौध सामग्री की आपूर्ति करना है।

ग - पांच प्रमुख फिशिंग हार्बर को आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र के तौर विकसित करने की घोषणा (2021- 22)

वित्त वर्ष 2021- 22 के केन्द्रीय बजट घोषणा के मुताबिक 199.75 करोड़ रूपये के केन्द्र के हिस्से के साथ कुल 518.68 करोड़ रूपये की लागत से पांच प्रमुख फिशिंग हार्बर (चेन्नई, कोच्चि, पारादीप, पेटुआघाट और विशाखापत्तनम) को विकसित करने का काम किया जा रहा है।

प्रमुख पहलें/मुख्य बातें

1. भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग ने गुजरात में सूरत से 19 फरवरी को सागर परिक्रमाके तीसरे चरण की शुरूआत की। यह उत्तर महाराष्ट्र के तटीय इलाकों जिनके नाम हैं सतपती, वसई, वेरसोवा, ससोन डोक और मुंबई के अन्य क्षेत्रों की ओर जारी है। इस कार्यक्रम का नेतृत्व केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डा. एल. मुरूगन ने सचिव (मत्स्य पालन) आईएएस, श्री जतिन्द्र नाथ स्वैन और अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में किया।

2. भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय का मत्स्य पालन विभाग और राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास बोर्ड ने कर्नाटक सरकार के मत्स्य पालन विभाग, गोवा सरकार, भारतीय तटरक्षक, भारतीय मत्स्य सर्वे और मछुआरों के प्रतिनिधियों ने सागर परिक्रमा चारण-चार का 17 मार्च 2023 से मोरमुगांव बंदरगाह, गोवा से लेकर 18 मार्च 2023 तक कर्नाटक राज्य के उत्तर कन्नड़ तटीय इलाकों में आयोजन किया। इसमें माजाली, कारवार, बेलमबारा, मांकी -तीन प्रमुख तटीय जिलों और मुरूदेश्वर, अल्वेकोड़ी जैसे अन्य क्षेत्रों को कवर किया गया।

3. केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने सागर परिक्रमा पहल के पांचवें चरण का नेतृत्व किया। यह महाराष्ट्र में रायगढ़ से 17 मई 2023 को शुरू हुआ और 19 मई 2023 को कानाकोना, गोवा में समाप्त हुई। इस यात्रा का उद्देश्य मछुआरों और हितधारकों को मत्स्य पालन विभाग की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के जरिये अपनी आर्थिक संभावनाओं को बेहतर बनाने में आने वाली चुनौतियों को संबोधित करना है।

4. सागर परिक्रमा  यात्रा छठवें चरण में 29-30 मई 2023 से अंडमान एवं नीकोबार द्वीप के इलाकों को कवर किया गया। इसमें कोडियाघाट, पोर्ट ब्लेयर, पानीघाट मछली अवतरण केन्द्र, वीके पुर मछली अवतरण केन्द्र, हुटबे, नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप आदि जैसे इलाकों को कवर किया गया। केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला के नेतृत्व में हुये इस कार्यक्रम में अंडमान और निकोबार केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासन, भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग, राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास बोर्ड, आरजीसीए और एमपीईडीए, भारत तटरक्षक, फिशरी सर्वे आफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी और मछुआरों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

5. सागर परिक्रमा यात्रा चरण-सात, 8 जून 2023 को मदक्करा, केरल से शुरू हुई जिसमें पल्लीकारा, बेकल, कान्हांगाडु कासरगोड, माहे (पुड्डुचेरी), को कवर किया गया, 9 जून 2023 को कोझीकोड जिला, 10 जून 2023 को केरल के त्रिसूर जिले में, 11 जून 2023 को कोचीन और उसके बाद केरल के समूचे तटीय क्षेत्र को कवर करती हुई 12 जून 2023 को त्रिरूवनंतपुरम में समाप्त हो गई। इसके साथ ही मांडवी, गुजरात (सागर परिक्रमा - पहले चरण) के साथ 5 मार्च 2022 को शुरू हुई सागर परिक्रमा के पहले भाग की देश के पश्चिमी तट के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करते हुये समाप्ति हुई।

6. सागर परिक्रमा के दूसरे भाग में देश के पूर्वी तट को कवर करने का लक्ष्य रखा गया था इसलिये सागर परिक्रमा - आठ का नेतृत्व केन्द्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला ने अगले चरणों में देश के पूर्वी तटीय राज्यों को कवर करने के लिये 31 अगस्त 2023 को विझींजम केरल से शुरू किया। यह कार्यक्रम 31 अगस्त से 2 सितंबर 2023 के दौरान कन्याकुमार से रामनाथपुरम तक आयोजित किया गया जिसमें तमिलनाडु के चार तटीय जिलों (कन्याकुमारी, तिरूनेलवेली, थुथुकुडी और रामनाथपुरम) शामिल थे। केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला ने तमिनाडु में बहुउद्देशीय समुद्री शैवाल पार्क की आधारशिला रखी।

7. केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला ने राज्य मंत्री डा. एल मुरूगन के साथ 7 अक्टूबर 2023 को तमिलनाडु के रामनाड जिले के थोडी सागर परिक्रमा चरण- नौ का शुभारंभ किया। केन्द्रीय मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने तमिलनाडु के आठ तटीय जिलों अर्थात पुदुक्कोट्टई, तंजावुर, नागपत्तनम, मयिलादुथुरई, कुड्डालोर, विलुप्पुरम, चेगलपट्टू, चेन्नई और करईकल और पुड्डुचेरी को कवर करने वाले कार्यक्रमों का दौरा किया और अपनी उपस्थिति से इनकी शोभा बढ़ाई।

8. केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला ने 13 अक्टूबर 2023 को सागर परिक्रमा चरण-दस का शुभारंभ किया, जिसमें केन्द्रीय मंत्री ने आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में प्रवेश करने के लिये चेन्नई से तटरक्षक जहाज पर यात्रा की और मछुआरों और मत्स्य पालन क्षेत्र के हितधारकों के साथ बातचीत की। यह कार्यक्रम 14 अक्टूबर 2023 को आंध्र प्रदेश के कृष्णापट्टनम और नेल्लोर जिलों के दौरे के साथ संपन्न हुआ।

9. वैश्विक पदचिन्हों को मजबूत करने और बढ़ाने के लिये वैश्विक भारत मत्स्य पालन सम्मेलन 2023 का आयोजन 21- 22 नवंबर 2023 को गुजरात साइंस सिटी, अहमदाबाद में किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला ने किया और अपने पहले संस्करण में यह आयोजन विभिन्न हितधारकों को एक मंच पर एक साथ लाने और आगे बढ़ने और आंतरिक तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिये संवाद और चर्चा की सुविधा प्रदान करने में सहायक रहा। सम्मेलन में एक व्यापक एजेंडा शामिल था। जिसमें एक भव्य उद्घाटन सत्र, एक अंतरराष्ट्रीय गोलमेज, पांच तकनीकी सत्र, पाच उद्योग संगोष्ठी और पांच सरकार से सरकार (जी 2 जी), सरकार से व्यापार (जी2बी), और बिजनेस से बिजनेस (बी2बी) सत्र शामिल थे। दो दिवसीय सम्मेलन में लगभग 14,000 भौतिक और आभासी प्रतिभागियों की प्रभावशाली उपस्थिति देखी गई। जिसमें विभिन्न देशों के 10 विदेशी मिशनों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों, राज्य के मत्स्य पालन मंत्रियों, वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, राज्य के अधिकारियों मत्स्य पालन क्षेत्र से जुड़े विश्वविद्यालयों और संस्थानों, मत्स्य पालन समुदायों, निवेश बैंकरों, स्वयं सहायता समूहों, एफएफपीओ आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोगों और हितधारकों ने भाग लिया।

10. भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग ने भारतीय मत्स्य पालन क्षेत्र की उल्लेखनीय उपलब्धियों की याद में राष्ट्रीय मछली किसान दिवस मनाया, विभाग ने 10 और 11 जुलाई 2023 तक तमिलनाडु के महाबलीपुरम में समर मीट 2023’ और स्टार्ट-अप संगोष्ठीका आयोजन किया। इस कार्यक्रम ने भारतीय मत्स्य पालन क्षेत्र की उल्लेखनीय उपलब्धियों को उजागर करने और नवाचार तथा उद्योग में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये एक मंच के रूप में कार्य किया। इस कार्यक्रम में देशभर से लगभग 10,500 मछली पालक किसानों, एक्वा उद्यमियों, मछुआरों, पेशेवरों, अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान मछली पालन, जलीय कृषि और संबंधित प्रौद्योगिकियों के विभिन्न पहलुओं को कवर करते हुये लगभग 50 स्टालों की प्रदर्शनी लगाई गई। मत्स्य पालन स्टार्ट अप पुरस्कार समारोह और मछुआरों/महिला मछुआरों के साथ एक आभासी बातचीत भी आयोजित की गई।

11. मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार और एनएफडीबी, हैदराबाद के अधिकारियों ने 13 से 15 फरवरी 2023 तक इंदौर में आयोजित ‘‘जी-20 कृषि कार्य समूह’’ की पहली बैठक में भाग लिया और मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर क्षेत्र में हुयें विकास कार्यों को बताया। रूसी संध, आस्ट्रेलिया, स्पेन, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधियों ने मत्स्य पालन विभाग के स्टाल का दौरा किया। अधिकारियों ने ‘‘खाद्य सुरक्षा और पोषण’’, ‘‘जलवायु स्मार्ट दृष्टिकोण के साथ सतत कृषि’’, ‘‘समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला और खाद्य प्रणाली’’, और ‘‘कृषि परिवर्तन के लिये डिजिटलीकरण’’ पर तकनीकी विषय-वार सत्रों में भाग लिया।

12. मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार और एनएफडीबी, हैदराबाद के अधिकारियों ने चंडीगढ़ प्रशासन के परामर्श के साथ भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत हुई कृषि समूह की दूसरी कृषि उप-प्रतिनिधि बैठक (एडीएम) के दौरान 29 मार्च 2023 को चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा आयोजित खाद्य महोत्सव में भाग लिया। स्टाल में खाने के लिये तैयार, मूल्यवर्धित और विभिन्न फ्रोजन झींगा उत्पादों सहित मछली और समुद्री खोद्य उत्पादों को प्रदर्शित किया गया जिन्हें 200 लोगों ने देखा।

13. मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार और एनएफडीबी, हैदराबाद के अधिकारियों ने जी20 कृषि मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। उद्घाटन सत्र का नेतृत्व राज्य मंत्री (कृषि एवं किसान कल्याण) श्री कैलाश चौधरी ने किया। 15 से 17 जून 2023 तक हैदराबाद में आयोजित जी20 कृषि मंत्रियों की बैठक का विषय जैव विविधता के संबंध में ‘‘पौष्टिक भोजन के लिये सतत कृषि’, ‘खेती विस्तार और कृषि में महिलाओं की भूमिकाथा। कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी और सुश्री शोभा करंदलाजे, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन महानिदेशक श्री क्यूयू डोंग्यु और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने हैदराबाद में जी20 कृषि मंत्रियों की बैठक के दूसरे दिन मत्स्य पालन विभाग के स्टॉल का दौरा किया और अधिकारियों के साथ बातचीत की। इसके अलावा मत्स्य पालन विभाग के सचिव आईएएस श्री जे एन स्वैन और अन्य सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों ने हैदराबाद में जी20 कृषि मंत्रियों की बैठक के दूसरे दिन खाद्य सुरक्षा के लिये सतत जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओंपर पैनल चर्चा का नेतृत्व किया।

14. भारत सरकार के मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला ने 28 जून 2023 को मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डा एल. मुरूगन, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में मत्स्य पालन विभाग में सचिव श्री जे एन स्वैन, मंत्रालय में विशेष कार्याधिकारी डा. अभिलक्ष लिखी, सचिव डीएआरई और महानिदेशक, आईसीएआर, नयी दिल्ली डा. हिमांशु पाठक की उपस्थिति में एक एंड्रायड आधारित मोबाइल एप ‘‘रिपोर्ट फिश डीजीज’’ जारी किया। ‘‘डिजिटल इंडिया’’ के दृष्टिकोण में योगदान करते हुये रिपोर्ट फिश डिजीज’’ एप को आईसीएआर- नेशनल ब्यूरो आफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज (एनबीएफजीआर) लखनउ द्वारा विकसित किया गया और आज जलीय पशु रोगों के लिये राष्ट्रीय निगरानी कार्यक्रम के तहत इसे जारी किया गया। इस नवोन्मेषी एप का उपयोग किसान अपने खेतों में फिनफिश, झींगा और मोलस्क में बीमारी के मामलों की रिपोर्ट फील्ड स्तर के अधिकारियों और मछली स्वास्थ्य विशेषज्ञों को करने और अपने खेतों में बीमारी की समस्या के शीध्र समाधान के लिये वैज्ञानिक सलाह प्राप्त करने के लिये कर सकते हैं। एप मछली पालक किसानों, क्षेत्र स्तरीय अधिकारियों और मछली स्वास्थ्य विशेषज्ञों को जोड़ने के लिये एक केन्द्रीय मंच का काम भी करती है।

15. मत्स्य पालन विभाग ने 3 से 5 नवंबर 2023 तक प्रगति मैदान नई दिल्ली में आयोजित विश्व भारत खाद्य कार्यक्रम में एक भागीदारी मंत्रालय के रूप् में भाग लिया, मत्स्य पालन विभाग के स्टॉल को एक विशिष्ट स्थान पर व्यवस्थित किया गया था और विभाग के अधिकारियों ने 3 नवंबर 2023 को ‘‘मत्स्य पालन और जलीय कृषि के माध्यम से वैश्विक खाद्य और पोषण सुरक्षा’’ पर एक तकनीकी सत्र की अगुवाई भी की।

16. मत्स्य पालन विभाग ने 21 जून 2023 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया। यह कार्यक्रम कृषि भवन, नई दिल्ली में आयोजित किया गया था जिसमें इस विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। योग प्रशिक्षकों ने प्रतिभागियों को योग कराया।

17. मत्स्य पालन विभाग ने अवांछित चीजों/वस्तुओं का निपटान करके कार्यालय को हरा-भरा और स्वच्छ बनाने के लिये विशेष अभियान 3.0 (2 से 31 अक्टूबर 2023) में पूरे उत्साह और जोश के साथ भाग लिया। मत्स्य पालन विभाग और उसके अधीनस्थ कार्यालयों ने इस दौरान विभिन्न गतिविधियों को किया गया। अभियान के दौरान 13,000 से अधिक फाइलों/पुराने दस्तावेजों की समीक्षा की गई और 6,500 से अधिक फाइलों/पुराने दस्तावेजों को हटा दिया गया।

18. मत्स्य पालन विभाग ने 16 सितंबर 2023 से 2 अक्टूबर 2023 की अवधि के दौरान स्वच्छता पखवाड़ा में भाग लिया। नई दिल्ली के सरिता विहार स्थित फिशकोफेड कार्यालय में स्वच्छता ही सेवाका आयोजन किया गया, जिसमें इस विभाग के सभी अधिकारियों ने श्रमदान गतिविधियों में भाग लिया। अभियान के दौरान डीओएफ और उसके अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा 35 से अधिक स्थलों की साफ सफाई की गई।

19. मत्स्य पालन विभाग ने 31 अक्टूबर 2023 को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया। केन्द्रीय मत्सय पालन, पशपालन और डेयरी मंत्री के नेतृत्व में 31 अक्टूबर 2023 को कृषि भवन से हैदराबाद हाउस तक ‘‘रन फार यूनिटी’’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सभी कर्मचारियों ने बड़े उत्साह के साथ दौड़ में भाग लिया।

20. मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की संयुक्त हिन्दी सलाहकार समिति की बैठक 8 नवंबर 2023 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी तथा सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डा. एल. मुरूगन ने की। एजेंडे पर विस्तृत चर्चा के दौरान समिति के गैर- सरकारी सदस्यों ने राजभाषा के और विकास के लिये अपने सुझाव एवं विचार प्रसतुत किये। पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सचिव सुश्री अल्का उपाध्याय और मत्स्य पालन विभाग के सचिव डा. अभिलक्ष लिखी ने अपने संबोधन के माध्यम से मंत्रालय में राजभाषा के कामकाज पर अपने विचार व्यक्त किये और आश्वस्त किया कि गैर- सरकारी सदस्यों से प्राप्त सुझावों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जायेगा।

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