सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
राष्ट्रीय राजमार्गों पर 2013-14 के 51,000 करोड़ रुपये से अधिक का पूंजीगत व्यय लगभग 2022-23 में लगभग 2,40,000 करोड़ रूपये से बहुत अधिक हो गया है
Posted On:
14 DEC 2023 2:29PM by PIB Delhi
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों (नेशनल हाइवेज -एनएच) के विकास और रखरखाव के लिए उत्तरदायी है। मंत्रालय का बजटीय आवंटन 2013-14 में 31,130 करोड़ रु. से 2023-24 में लगभग 2,70,435 करोड़ रु. तक बढ़ गया है । एनएच पर पूंजीगत व्यय 2013-14 में लगभग 51,000 करोड़ रुपये से 2022-23 में लगभग 2,40,000 करोड़ रूपये तक उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया गया है। अर्थव्यवस्था का प्रमुख प्रेरक बुनियादी ढांचा क्षेत्र तेज आर्थिक वृद्धि और विकास में योगदान देता है ।
इस तरह बढ़े हुए बजटीय आवंटन से देश में राष्टीय राजमार्ग (एनएच) नेटवर्क का विस्तार मार्च, 2014 में लगभग 91,287 किमी से बढ़कर वर्तमान में लगभग 1,46,145 किमी हो गया है, जिसमें छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य शामिल हैं।
तीव्र गति गलियारे (हाई स्पीड कॉरिडोर) सहित 4 से अधिक लेन वाले (4 लेन +) एनएच नेटवर्क की लंबाई मार्च, 2014 के लगभग 18,371 किमी से 250% से अधिक बढ़कर अब तक लगभग 46,179 किमी हो गई है। इसके अलावा, 2 लेन से कम एनएच की लंबाई मार्च, 2014 के लगभग 27,517 किमी से घटकर लगभग 14,870 किमी रह गई है और जो अब एनएच नेटवर्क का केवल 10% है। मंत्रालय ने हरित क्षेत्र (ग्रीन फील्ड) हाई स्पीड कॉरिडोर के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। एक्सप्रेसवे सहित 21 ग्रीन फील्ड एक्सेस-नियंत्रित गलियारों पर परियोजना कार्यान्वयन पहले ही शुरू हो चुका है, जिसमें लगभग 3,336 किलोमीटर लंबाई में काम पूरा हो चुका है।
उपरोक्त विकास से देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों तक सम्पर्क (कनेक्टिविटी) और पहुंच (एक्सेस) में वृद्धि हुई है और लॉजिस्टिक दक्षता में भी वृद्धि हुई है
पिछले नौ वर्षों के दौरान निर्मित राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) की लंबाई का वर्षवार विवरण इस प्रकार है:-
लम्बाई किमी में
|
वर्ष
|
सुदृढीकरण इत्यादि.
|
2 लेन
|
4 लेन
|
6-8 लेन
|
कुल
|
2014-15
|
649
|
2,750
|
733
|
278
|
4,410
|
2015-16
|
802
|
3,970
|
1,010
|
279
|
6,061
|
2016-17
|
1,349
|
5,060
|
1,655
|
167
|
8,231
|
2017-18
|
2,446
|
4,868
|
2,199
|
316
|
9,829
|
2018-19
|
1,719
|
6,033
|
2,517
|
587
|
10,855
|
2019-20
|
862
|
6,031
|
2,728
|
616
|
10,237
|
2020-21
|
4,907
|
4,408
|
2,913
|
1,099
|
13,327
|
2021-22
|
2,790
|
3,704
|
2,798
|
1,165
|
10,457
|
2022-23
|
2,152
|
3,544
|
3,294
|
1,341
|
10,331
|
मंत्रालय ने विभिन्न प्रमुख परियोजनाओं या उसके खंडों को पूरा किया है जो पहले ही पूरे हो चुके हैं और आवागमन में आसानी के लिए यातायात के लिए खोल दिए गए हैं। इनमें से कुछ में दिल्ली-दौसा - लालसौट खंड (229 किमी) और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का मध्य प्रदेश में पूरा खंड (210 किमी), राजस्थान राज्य में अमृतसर-भटिंडा-जामनगर (470 किमी), हैदराबाद का सूर्यापेट – खम्मम -विशाखापत्तनम, इंदौर-हैदराबाद (175 किमी), एनएच-37ए (पुराना) पर असम में तेजपुर के पास ब्रह्मपुत्र पर नया पुल, मिजोरम में कलादान मल्टी मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना (प्रोजेक्ट), मेघालय में एनएच-44ई और एनएच 127बी पर शिलांग नोंगस्टोइन-तुरा खंड शामिल हैं ।
इसके अलावा, मंत्रालय के कई प्रमुख गलियारे जैसे कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का वडोदरा-मुंबई खंड, बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेस वे, बेंगलुरु रिंग रोड, रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक गलियारा, उत्तराखंड में चार धाम परियोजनाएं, अरुणाचल प्रदेश में ट्रांस अरुणाचल हाईवे (एनएच-13, एनएच-15 और एनएच-215) , मणिपुर में इंफाल-मोरेह खंड, दीमापुर-कोहिमा खंड आदि प्रगति पर हैं।
यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी है ।
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