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यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF), मणिपुर सरकार और भारत सरकार के बीच हाल ही में हुए शांति समझौते के बाद मणिपुर के नेशनल रिवोल्यूशनरी फ्रंट मणिपुर (NRFM) के नेता/कैडर हथियारों सहित UNLF में शामिल हुए


इसके साथ ही संगठन के अधिकांश सदस्य हिंसा के रास्ते को छोड़ समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए

इस घटनाक्रम से मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के मोदी सरकार के प्रयासों को गति मिलेगी

इससे मोदी सरकार के 'उग्रवादमुक्त और समृद्ध पूर्वोत्तर' के सपने को साकार करने में सहायता मिलेगी

Posted On: 04 DEC 2023 7:50PM by PIB Delhi

यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF), मणिपुर सरकार और भारत सरकार के बीच 29 नवंबर, 2023 को हुए शांति समझौते के बाद नेशनल रिवोल्यूशनरी फ्रंट मणिपुर (NRFM) के लगभग 25 नेता/कैडर, मेजर बोइचा (NRFM के सेना-उप-प्रमुख) के नेतृत्व में 25 हथियारों के साथ 02 दिसंबर, 2023 को UNLF में शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही संगठन के अधिकांश सदस्य हिंसा छोड़ समाज की मुख्यधारा में सामिल हो गए हैं। इस घटनाक्रम से मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के मोदी सरकार के प्रयासों को गति मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि एनआरएफएम (पुराना नाम-यूनाइटेड रिवोल्यूशनरी फ्रंट) का गठन 11 सितंबर, 2011 को केसीपी (एक मैतेई यूजी संगठन) के तीन गुटों के कैडरों द्वारा किया गया था।

 इसके वरिष्ठ नेता पड़ोसी देश के ठिकानों से काम करते थे और मणिपुर घाटी के विभिन्न हिस्सों में हिंसा और जबरन वसूली में शामिल थे। इस घटनाक्रम से अन्य मैतेई यूजी संगठनों को शांति प्रक्रिया में शामिल होने और लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगों को आगे रखने के लिए प्रोत्साहन मिलने की संभावना है। साथ ही, इससे मोदी सरकार के 'उग्रवादमुक्त और समृद्ध पूर्वोत्तर' के सपने को साकार करने में सहायता मिलेगी।

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