वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

भारत का फोकस अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने वाले अवसंरचना पर है: श्री गोयल


लचीला ऋण पूंजी बाजार नवोन्‍मेषण, उद्यमिता और अवसंरचना के विकास के लिए उत्प्रेरक होगा: तीसरे भारत ऋण पूंजी बाजार शिखर सम्मेलन 2023 में श्री गोयल

भारत 7.6 प्रतिशत की तीव्र गति से बढ़ रहा है, जो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच विश्‍व में सबसे तेज है: श्री गोयल

Posted On: 01 DEC 2023 12:31PM by PIB Delhi

केन्‍द्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा वस्‍त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने तीसरे भारत ऋण पूंजी बाजार शिखर सम्मेलन 2023 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अवसंरचना पर भारत का ध्यान अर्थव्यवस्था को सशक्त बना रहा है तथा इसे और अधिक गति प्रदान कर रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अवसंरचना की दिशा में सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों से व्‍यापक स्‍तर पर निवेश देश की ढांचागत क्षमताओं को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा कि वित्तपोषण का प्रतिस्पर्धी स्रोत उन लोगों से निवेश आकर्षित कर रहा है जो अधिक सुरक्षा की खोज में हैं। उन्होंने कहा कि शेयर बाजार भी पहली बार 4 ट्रिलियन का आंकड़ा छू रहा है और शीर्ष पांच वैश्विक बाजारों में से एक होने के कारण भारत के पास बड़े अवसर हैं। उन्होंने बताया कि देश विश्‍व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इस तिमाही में 7.6 प्रतिशत की दर से सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। श्री गोयल ने यह उल्‍लेख करते हुए कि भारत दुनिया के एक विश्वसनीय भागीदार और एक जीवंत लोकतंत्र के रूप में बहुत उज्ज्वल भविष्य के शिखर पर खड़ा है जहां लोग कानून के शासन को स्‍वीकार करते हैं और उसका सम्मान करते हैं, कहा,विश्‍व आज भारत पर भरोसा करता है।

श्री गोयल ने कहा कि अमृत काल में हम एक विकसित भारत का स्‍वप्‍न देखते हैं जहां हम विकसित और समृद्ध भारत की दिशा में अपनी यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि भारत 2047 तक अपने 3.7 ट्रिलियन डॉलर में 30 ट्रिलियन डॉलर और जोड़ लेगा।

श्री गोयल ने कहा कि एक लचीला ऋण पूंजी बाजार नवोन्‍मेषण, उद्यमिता और अवसंरचना के विकास के लिए उत्प्रेरक होगा। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दशकों में व्‍यापक स्‍तर पर शहरीकरण होगा, जबकि श्रेणी 2 शहर भी महानगर बनने जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की आय बढ़ रही है, जिससे देश भर में व्‍यय करने की शक्ति बढ़ रही है। एआई, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक वाहन जैसे भविष्य के सेक्‍टर हमारे भविष्य को शक्ति प्रदान करेंगे। हरित और टिकाऊ ऊर्जा ही भविष्‍य का रास्ता होगी और पूंजी बाजार तथा ऋण बाजार हमारी ऊर्जा को निम्न कार्बन अर्थव्यवस्था में रूपान्‍तरित करने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। श्री गोयल ने कॉर्पोरेट जगत से खोने के डर के बिना भारत में निवेश करने का आग्रह किया।

श्री गोयल ने कहा कि 2010 और 2013 के बीच, निर्बल आर्थिक बुनियादी सिद्धांत थे, 2013 में विदेशी मुद्रा संकट और एफसीएनआर बांड विदेशी मुद्रा उधार पर काफी अधिक ब्याज दर का भुगतान करते हुए जुटाए गए थे, मुद्रास्फीति 10 प्रतिशत से 12 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर बनी रहती थी, बैंक ऋण अतार्किक रूप से बढ़ रहे थे, राजकोषीय घाटा अधिक था। तभी 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने सत्ता संभाली। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का अधिक ध्‍यान व्यापार करने में सुगमता और अनुपालन बोझ को कम करने, कई कानूनों को अपराधमुक्त करने, कुछ अनावश्यक कानूनों को सांविधिक पुस्‍तकों से हटाने पर रहा है। उन्होंने कहा, "यह एक समग्र योजना थी, जिसने भारत को पिछले 10 वर्षों में अपने विदेशी मुद्रा भंडार को दोगुना करने में मदद की।" यह उस तरह का संकट है जैसा 2013 में देखा गया था।

श्री गोयल ने कहा कि भारत वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को 2021 के 500 बिलियन से लगभग 55 प्रतिशत बढ़ाकर पिछले वर्ष 776 बिलियन करने में सक्षम रहा है। उन्होंने कहा कि विश्‍व भर में दो संघर्ष चल रहे हैं और विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आशंका है। उन्होंने कहा कि फिर भी उन्हें चालू वर्ष में निर्यात संख्या में वृद्धि का भरोसा है।

***

 

एमजी/एआर/एसकेजे/एमपी


(Release ID: 1981498) Visitor Counter : 503