सूचना और प्रसारण मंत्रालय
iffi banner
0 3

भारत के पास अद्वितीय विषय सामग्री और तकनीकी कौशल है जो वैश्विक सिनेमा को समृद्ध बनाते हैं: जूरी अध्यक्ष शेखर कपूर


इफ्फी जैसे महोत्सव भारतीय फिल्मों के बारे में वैश्विक स्‍तर पर जागरूकता पैदा करते हैं: हेलेन लीक

सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए स्‍वर्ण मयूर पुरस्कार की घोषणा कल समापन समारोह में की जाएगी

गोवा में आयोजित 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में स्‍वर्ण मयूर पुरस्कार के लिए नामांकित फिल्मों को देखने के बारे में अंतर्राष्ट्रीय जूरी के सदस्यों (इफ्फी) ने अपने गहन अनुभव और अंतर्दृष्टि साझा की। दुनिया भर के प्रतिष्ठित फिल्म निर्माताओं, जूरी सदस्यों ने 'अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता' के संबंध में विचार-मंथन किया और इस खंड के अंतर्गत पुरस्कार कल महोत्सव के समापन समारोह के दौरान घोषित और प्रदान किए जाएंगे।

जूरी ने सर्वसम्मति से कहा कि अंतरराष्ट्रीय जूरी का हिस्सा बनना तथा विविध और मनमोहक कहानियों की सूची में से चयन करना उनके लिए शानदार निजी अनुभव रहा। उन्होंने कहा कि प्राप्त प्रविष्टियों और चयनित फिल्‍मों की विविधता को देखते हुए, भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ने अपनी स्थापना के बाद से काफी प्रगति की है।

जूरी के सदस्य संवाददाता सम्‍मेलन के दौरान अपनी बात रखते हुए

प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और जूरी के अध्यक्ष शेखर कपूर ने कहा कि चयन समिति ने शानदार फिल्मों का चयन किया है; उन्होंने भारत की अद्वितीय विषय सामग्री और तकनीकी कौशल पर भी जोर दिया जो वैश्विक सिनेमा को समृद्ध बनाते हैं। श्री शेखर ने कहा, "भारत के पास विषय सामग्री और तकनीक का दुनिया का सबसे विशाल आधार है और इफ्फी जैसे महोत्‍सव हैं, जो बाकी दुनिया को भारत की संस्कृति को समझने में मदद करते हैं।" भारत में फिल्म निर्माण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग के बारे में उन्होंने कहा, "रचनात्मक कार्य में कोई भी अंतिम तौर पर निर्णायक नहीं होता।"

जूरी के अध्‍यक्ष शेखर कपूर संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए

श्री जेरोम पैलार्ड ने सहयोग को सुगम बनाने में फिल्म महोत्सवों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा, " फिल्म महोत्सव में जाने का सबसे बड़ा लाभ सहयोग के लिए विविध फिल्मों की तलाश और नेटवर्किंग करने की दृष्टि से होता है। प्रभावशाली साझेदारियों को प्रेरित करने के लिए फिल्म बाजार जैसी पहल की सराहना करते हुए जेरोम ने कहा, "फिल्म बाजार जैसी विपणन पहल सहयोगपूर्ण परियोजनाएं बनाने में महत्‍वपूर्ण बदलाव लाती है।" उन्होंने क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमारो (सीएमओटी) की भी सराहना करते हुए कहा कि यह युवा प्रतिभाओं को फिल्म निर्माण में निखारने की दृष्टि से वाकई एक अद्भुत पहल है।

कैथरीन डुसार्ट ने भी जेरोम के विचारों को ही दोहराते हुए प्रतियोगिता में फिल्मों की बहुलता तथा वितरकों और निर्माताओं को जोड़ने में फिल्म बाजार की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, "यह उन वितरकों और निर्माताओं के लिए बहुत मददगार है, जो सह-उत्पादन के लिए नए प्रोजेक्‍ट्स की तलाश में आते हैं।" उन्होंने कहा कि महोत्सव में इस वर्ष प्रतियोगिता के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों से फिल्मों का चयन बहुत बढि़या रहा।

संवाददाता सम्‍मेलन के दौरान जूरी सदस्य कैथरीन डुसार्ट और हेलेन लीक

हेलेन लीक ने पृथक फिल्म उद्योगों को एकजुट करने में महोत्सव की भूमिका को रेखांकित किया। इफ्फी के प्रशस्‍त मंच के माध्यम से भारतीय सिनेमा की बढ़ती वैश्विक मान्यता पर जोर देते हुए हेलेन ने कहा, "इफ्फी के माध्यम से विभिन्न फिल्म उद्योगों की साझेदारी काफी हद तक जुड़ गई है।' उन्‍होंने स्वीकार किया कि इस महोत्सव के माध्यम से भारतीय फिल्मों के बारे में दुनिया भर में जागरूकता बढ़ रही है।

होजे लुइ अल्काइन ने कहा, "विभिन्न कहानियों, संस्कृतियों और शैलियों की फिल्मों को देखना और उनका मूल्यांकन करना शानदार अनुभव रहा।" उन्होंने कहा कि महोत्सव के स्थलों पर दर्शकों की प्रतिक्रिया अभूतपूर्व रही।

संवाददाता सम्‍मेलन में डीजी, पीआईबी मोनिदीपा मुखर्जी के साथ जूरी सदस्य जेरोम पैलार्ड और होजे लुइ अल्काइन

जूरी ने महोत्‍सव के दौरान गर्मजोशी और उदारता से भरपूर आतिथ्य की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए इसे अपने अनुभवों में अमूल्य योगदान देने वाला करार दिया।

अंतर्राष्ट्रीय जूरी प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार के विजेता का चयन करेगी जिसमें 'स्‍वर्ण मयूर' और निर्देशक और निर्माता के लिए प्रमाणपत्र प्रदान किए जाते हैं। सर्वश्रेष्ठ फिल्म के अलावा, यह जूरी सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष), सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और विशेष जूरी पुरस्कार श्रेणियों में भी विजेताओं का निर्धारण करेगी।

54वें इफ्फी में 'अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता' महत्वपूर्ण शैलियों की 15 प्रसिद्ध फीचर फिल्मों का संग्रह है, जो फिल्म निर्माण में उभरते रुझानों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इस वर्ष महोत्सव में 105 देशों से रिकॉर्ड 2,926 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं।

अंतर्राष्ट्रीय जूरी की संक्षिप्त रूपरेखा:

1.श्री शेखर कपूर

शेखर कपूर विख्‍यात फिल्मकार, अभिनेता, सूत्रधार और निर्माता हैं। वह पद्मश्री, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, बाफ्टा अवार्ड, नेशनल बोर्ड ऑफ रिव्‍यू अवार्ड और फिल्मफेयर पुरस्कारों सहित अनेक पुरस्कारों से सम्‍मानित किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्‍त उन्‍हें गोल्डन ग्लोब और ऑस्कर अवार्ड के लिए नामांकित भी किया गया है। उनकी फिल्‍मों में मासूम (1983), मिस्टर इंडिया (1987), बैंडिट क्वीन (1994), एलिजाबेथ (1998), द फोर फेदर्स (2002), एलिजाबेथ: द गोल्डन एज (2007), और व्हाट्स लव गॉट टू डू विद इट (2022) शामिल हैं। वह 2020-2023 तक भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के अध्यक्ष; सदस्य, कान्स इंटरनेशनल जूरी 2010; अध्यक्ष, इफ्फी जूरी 2015 रह चुके हैं ।

2.श्री होजे लुइ अल्काइन

होजे लुइ अल्काइन 1970 के दशक में मुख्य प्रकाश व्यवस्था के रूप में फ्लोरोसेंट ट्यूब का उपयोग करने वाले पहले छायाकार हैं। उन्‍होंने बेले एपोक (सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म के लिए अकादमी अवार्ड, 1993), टू मच (1995), ब्लास्ट फ्रॉम द पास्ट (1999), और द स्किन आई लिव इन (2011) जैसी फिल्मों के लिए काम किया। वह कई सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं, जिनमें नेशनल फिल्‍म अवार्ड,1989, गोया अवार्ड फॉर बेस्‍ट फोटोग्राफी 1989, 1992, 1993, 2002, 2007, यूरोपीयन एकेडमी अवार्ड फॉर बेस्‍ट सिनेमैटोग्राफी 2006, गोल्‍ड मैडल फॉर स्पेनिश एकेडमी ऑफ सिनेमा आर्ट्स एंड साइंसेज 2011, गोल्‍ड मैडल फॉर मैरिट इन फाइन आर्ट्स (2017, 2019)। विज़न अवार्ड, लॉज़ेन; और गोल्‍ड मैडल, वलाडोलिड फेस्‍टीवल शामिल हैं।

3. जेरोम पैलार्ड

शास्त्रीय संगीतकार, एक शास्त्रीय रिकॉर्ड लेबल के लिए कलात्मक निर्देशक और सीएफओ के रूप में काम किया। डेनियल टोस्कन डू प्लांटियर के साथ उन्‍होंने सत्यजीत रे, मेहदी चारेफ, सौलेमेन सिसे, मौरिस पियालट, ज्‍यां-चार्ल्स टाचेला आदि जैसे प्रसिद्ध निर्देशकों की फीचर फिल्मों का निर्माण किया। उन्होंने 1995 से 2022 तक फेस्टिवल डी कान्स में काम किया। मार्शे डू फिल्म के कार्यकारी निदेशक के रूप में काम करते हुए उन्‍होंने जो विकसित किया, उसे अब दुनिया के प्रमुख फिल्म बाजार का अग्रदूत माना जाता है। उन्होंने एक ऑनलाइन संसाधन, संचार और स्क्रीनिंग प्लेटफॉर्म cinando.com की स्थापना की।

4.कैथरीन डुसार्ट

कैथरीन डुसार्ट ने लगभग 15 देशों में करीब 100 फिल्मों का निर्माण/सह-निर्माण किया है। वह हुआहुआ शिजी लिंगहुन के (2017), द मिसिंग पिक्चर (2013) और एक्सिल (2016) के लिए विख्‍यात हैं। उनकी प्रस्तुतियों में, अमोस गिताई की लैला इन हाइफ़ा ने वेनिस 2020 में प्रतिस्पर्धा की। रिथी पन्ह की लेस इरैडीज़ (इररेडिएटेड) बर्लिन 2020 में सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र थी। अमोस गिताई की ट्रामवे इन जेरूसलम और रिथी पन्ह की ग्रेव्स विदाउट अ नेम वेनिस 2018 में थीं। एफ.जे. ओसांग की 9 फिंगर्स ने लोकार्नो 2017 में बेस्‍ट स्‍क्रीनप्‍ले के लिए जीत हासिल की। गुरविंदर सिंह की चौथी कूट (द फोर्थ डायरेक्शन) कान्स 2015 में प्रदर्शित की गई। मिन बहादुर भाम (नेपाल) की कालो पोथी (द ब्लैक हेन) ने वेनिस 2015 में क्रिटिक्स अवार्ड जीता; रिथी पन्ह की द मिसिंग पिक्चर ने कान्स 2013 में अन सर्टेन रिगार्ड पुरस्कार जीता।

5. हेलेन लीक

हेलेन लीक ऑस्ट्रेलिया की सम्मानित रचनात्मक निर्माताओं में से एक हैं। उनकी फीचर फिल्‍मों कार्निफेक्स (2022), स्वर्व (2018), वुल्फ क्रीक 2 (2013), हेवन्स बर्निंग (1997), और ब्लैक एंड व्हाइट (2002) शामिल हैं। उनकी फिल्में वेनिस, टोरंटो, लंदन और सिटजेस (कैटेलोनिया) सहित 30 से अधिक महोत्‍सवों में रही हैं। 2021 से वह स्क्रीन ऑस्ट्रेलिया बोर्ड की निदेशक हैं। वह 2022 से काउंसिल फॉर ह्यूमैनिटीज, आर्ट्स एंड सोशल साइंसेज (एचएएसएस), फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी, एडिलेड में हैं, जब उन्हें इसकी प्रतिष्ठित पूर्व छात्रा के रूप में सम्मानित किया गया था। फिल्म में महत्वपूर्ण सेवा के लिए उन्हें ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया (2020) से सम्मानित किया गया है।

******

एमजी/एआर/आरके/डीवी

iffi reel

(Release ID: 1980235) Visitor Counter : 940