विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च में 13 अक्टूबर 2023 को "एमएसएमई को सशक्त करते सीआरटीडीएच" पर चिंतन शिविर का उद्घाटन


विश्वविद्यालय (डीपीएसआरयू), नई दिल्ली को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय का सहयोग

Posted On: 12 OCT 2023 11:21AM by PIB Delhi

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) उद्योगों को अनुसंधान एवं विकास में बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम चलाता है। डीएसआईआर औद्योगिक इकाइयों को उच्च वाणिज्यिक मूल्य की अत्याधुनिक विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने, प्रयोगशाला-स्तर पर अनुसंधान एवं विकास के तेजी से व्यावसायीकरण को उत्प्रेरित करने, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण क्षमताओं को बढ़ाने, समग्र निर्यात में प्रौद्योगिकी गहन निर्यात की हिस्सेदारी बढ़ाने, औद्योगिक परामर्श को मजबूत करने और देश में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान की सुविधा के लिए एक उपयोगकर्ता-अनुकूल सूचना नेटवर्क स्थापित करने में मदद करता है।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) पूरे देश में समान विकास को बढ़ावा देकर भारत की समग्र अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए, सार्वजनिक वित्त पोषित अनुसंधान एवं विकास को उत्पादों और प्रक्रियाओं में बदलने के प्रति इन एमएसएमई को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है। इस लक्ष्य के अनुरूप, डीएसआईआर वर्ष 2014 से सीआरटीडीएच कार्यक्रम के तहत एमएसएमई समूहों के साथ जुड़ाव और निकटता वाले सार्वजनिक वित्त पोषित संस्थानों में सामान्य अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास केंद्र (सीआरटीडीएच) लागू कर रहा है। अब तक, देश भर में स्थापित 18 सीआरटीडीएच एमएसएमई और अनुसंधान संस्‍थानों को वैज्ञानिक ज्ञान और विचारों को नए उत्पादों और प्रक्रियाओं में बदलने के अत्‍याधुनिक अनुसंधान एवं विकास सुविधाएं प्रदान करता है। इन सुविधाओं का लाभ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों, नवप्रवर्तकों और स्टार्ट-अप उठा रहे हैं।

"आजादी का अमृत महोत्सव" पहल के एक हिस्‍से के रूप में और "आत्मनिर्भर भारत" की ओर आगे बढ़ते हुए तथा सीआरटीडीएच और एमएसएमई/स्टार्ट-अप/इनोवेटर्स के बीच परस्पर क्रिया को मजबूत करने के लिए डीएसआईआर ने सभी स्थापित सीआरटीडीएच में "चिंतन शिविर-एमएसएमई को सशक्‍त करते सीआरटीडीएच" का आयोजन करने की योजना बनाई है। ये शिविर विभिन्न हितधारकों के साथ गहन चर्चा और उनके बीच संबंधों को मजबूत करने लिए एक मंच के रूप में काम करेंगे। डीएसआईआर चार चिंतन शिविर आईआईटी खड़गपुर, सीएसआईआर-आईआईटीआर, लखनऊ, सीएसआईआर-सीएमईआरआई दुर्गापुर और सीएसआईआर-आईएमएमटी भुवनेश्वर में पहले ही आयोजित कर चुका है। पांचवां चिंतन शिविर 13 अक्टूबर 2023 को दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (डीपीएसआरयू), नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है।

कल इस कार्यक्रम की शुरुआत डीपीएसआरयू और डीपीएसआरयू-सीआरटीडीएच के विजन पर डीपीएसआरयू, नई दिल्ली के कुलपति प्रोफेसर रमेश के. गोयल की वार्ता से होगी। इसके बाद डीएसआईआर के सचिव और सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. एन. कलाईसेल्वी का उद्घाटन भाषण होगा। उद्घाटन सत्र डॉ. सुजाता चकलनोबिस, वैज्ञानिक-जी और प्रमुख- सीआरटीडीएच, डीएसआईआर द्वारा चिंतन शिविर के अवलोकन के साथ-साथ प्रोफेसर (डॉ.) हरविंदर पोपली, रजिस्ट्रार, डीपीएसआरयू और प्रोफेसर गीता अग्रवाल, डीपीएसआरयू में परियोजना समन्वयक- सीआरटीडीएच की बातचीत के साथ आगे बढ़ेगा। इस कार्यक्रम में डीएसआईआर के सीआरटीडीएच योजना प्रभाग से डॉ. विपिन सी शुक्ला, डॉ. रणजीत बैरवा और डॉ. सुमन मजूमदार के साथ-साथ डीपीएसआरयू की सीआरटीडीएच टीम और डीपीएसआरयू इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन फाउंडेशन टीम भी भाग लेगी। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और स्टार्ट-अप, उद्योग संघों के प्रतिनिधि भी अपने अनुसंधान एवं विकास प्रयासों में सीआरटीडीएच के लाभों का पता लगाने के लिए इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। उद्घाटन सत्र के बाद प्रदर्शनी के विभिन्न स्टालों का दौरा किया जाएगा।

पैनल चर्चा "अनुसंधान एवं विकास और विनिर्माण के वास्‍ते एमएसएमई के लिए सहायता प्रणाली विकसित करते सीआरटीडीएच" पर शुरू होगी, जिसका संचालन डॉ. विपिन सी शुक्ला, वैज्ञानिक-एफ और सदस्य सचिव-सीआरटीडीएच, डीएसआईआर करेंगे। प्रतिभागी समस्याओं का समाधान करने के उपकरण के रूप में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने पर जोर देने के साथ, एमएसएमई के सामने आने वाली चुनौतियों का पता लगाएंगे और उन पर चर्चा करेंगे। इसका उद्देश्य नए विचार, अभिज्ञान और दृष्टिकोण उत्पन्न करना है जो सरकार के लक्ष्यों के अनुरूप नीतियों, कार्यक्रमों और पहलों के विकास और कार्यान्वयन में योगदान दे सकते हैं। ये चिंतन शिविर एमएसएमई, स्टार्ट-अप और उद्योगों जैसे व्यवसायों को यह समझने के लिए एक मंच प्रदान करेगा कि सीआरटीडीएच में उपलब्ध संसाधन कैसे उनकी क्षमता बढ़ा सकते हैं, उनकी उत्पादकता बढ़ा सकते हैं और किफायती स्वास्थ्य समाधान के क्षेत्र में नवाचार को आगे बढ़ा सकते हैं। शिविर के दौरान आयोजित विभिन्न सत्र देश में अनुसंधान बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकियों, भविष्य की प्रौद्योगिकियों और उनके लिए वर्तमान और भविष्य के अवसरों के साथ एमएसएमई और अन्य हितधारकों को सशक्त बनाने में सीआरटीडीएच की भूमिका पर प्रकाश डालेंगे।

कुल मिलाकर, इस आयोजन का उद्देश्य गहन चर्चा, महत्वपूर्ण विश्लेषण और रणनीतिक योजना के माध्यम से सरकारी अधिकारियों, डीपीएसआरयू और हितधारकों के संयुक्त ज्ञान, ज्ञान और विशेषज्ञता का लाभ उठाना होगा। यह देश में एमएसएमई, स्टार्ट-अप और इनोवेटर्स के सामने आने वाली चुनौतियों के संभावित समाधानों पर विचार-मंथन करने के लक्ष्य को पूरा करेगा, साथ ही किफायती स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में औद्योगिक अनुसंधान और विनिर्माण के लिए भारत को एक प्रमुख वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के अवसरों का लाभ उठाएगा।

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