खान मंत्रालय
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण देश भर के पंद्रह भू-विरासत स्थलों पर स्वच्छता अभियान का आयोजन करेगा
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा 2 से 31 अक्टूबर 2023 तक विशेष अभियान 3.0 शुरू किया जाएगा
Posted On:
27 SEP 2023 4:14PM by PIB Delhi
भारत सरकार की एक पहल के अंतर्गत विशेष अभियान 3.0 के भाग के रूप में खान मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने देश भर के पंद्रह भू-विरासत स्थलों पर स्वच्छता अभियान आयोजित करने की योजना बनाई है। इस अभियान के दौरान स्वच्छता गतिविधियों को बढ़ावा देने, लंबित मामलों को न्यूनतम करने, स्वच्छता को संस्थागत पहल बनाने, आंतरिक निगरानी तंत्र को सशक्त करने, सरकारी कार्यालयों में बेहतर तरीके से अभिलेख प्रबंधन रखने और दस्तावेजों वाले रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने जैसे प्रमुख कार्यों को पूरा किया जाने का लक्ष्य रखा गया है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने अक्टूबर 2022 के दौरान विशेष अभियान 2.0 के तहत देश भर में अपने कार्यालयों में 89 सफाई कार्यक्रम संचालित किये थे और 2,25,135 पुरानी फाइलों को हटाया था। इसके अलावा सक्रैप निपटान के माध्यम से 1,58,69,544/- रुपये का राजस्व भी अर्जित किया गया था।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने स्वच्छ भारत मिशन की भावना को आगे बढ़ाने के लिए 15.09.2023 को स्वच्छता ही सेवा अभियान शुरू किया था और यह राष्ट्रपिता की जयंती 2 अक्टूबर, 2023 को स्वच्छता दिवस के उपलक्ष्य में अपने सभी क्षेत्रीय एवं बाहरी कार्यालयों में विभिन्न स्वच्छता कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण आम जनता के बीच स्वच्छता की भावना को विस्तार देने और उन्हें देश के भूवैज्ञानिक विरासत स्थलों को संरक्षित करने की आवश्यकता के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से भू-विरासत स्थलों पर 2 से 31 अक्टूबर 2023 तक विशेष अभियान 3.0 शुरू करने की तैयारी कर रहा है। यह अभियान सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए अपार पर्यटन क्षमता उत्पन्न करने और क्षेत्रों में आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करने में भी सहायता करेगा।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इस अवधि के दौरान स्वच्छता अभियान आयोजित करने के लिए कुल पंद्रह भू-विरासत स्थलों (अनुलग्नक-1) की पहचान की है, जिसकी शुरुआत 2 अक्टूबर 2023 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में निघोज-प्राकृतिक गड्ढों वाले भू-विरासत स्थल से हो रही है।
भू-विरासत स्थलों के बारे में जानकारी
भारत की प्रचुर विरासत में न केवल भारतीय इतिहास, संस्कृति व परंपराओं में निहित लुभावनी आकर्षक एवं विविध स्थापत्य शैली शामिल हैं, बल्कि मंत्रमुग्ध करने वाले और रमणीय भूवैज्ञानिक स्मारक तथा परिदृश्य भी शामिल हैं। प्रकृति की इन भव्य रचनाओं को सतह के साथ-साथ धरती के गहरे हिस्से में चल रही विभिन्न भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं का चित्रण माना जाता है। इन अद्वितीय भूवैज्ञानिक एवं भू-रूपात्मक विशेषताओं को भू-विरासत स्थलों के रूप में नामित किया गया है और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण कार्यों तथा अनुसंधान के क्षेत्र में एक अग्रणी संगठन है। इसे भावी पीढ़ियों के लिए इन स्थलों को संरक्षित करने के अपने प्रयासों पर गर्व है।
भूवैज्ञानिक विरासत स्थलों को प्राकृतिक क्षरण या मानवजनित हस्तक्षेप से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए जियोपार्क तथा स्मारकों के रूप में घोषित क्षेत्रों में भू-पर्यटन के माध्यम से भूवैज्ञानिक विरासत स्थलों को लोकप्रिय बनाने का कार्य लंबे समय से दुनिया भर में किया जा रहा है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण देश में असाधारण भूवैज्ञानिक महत्व या शानदार भू-आकृति रखने वाले स्थलों की पहचान करने और उनके संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कार्य करता है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने अब तक कुल 92 ऐसे भू-विरासत स्थलों की पहचान की है और इनमें से कुछ को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों के रूप में भी मान्यता प्राप्त हो चुकी है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के बारे में जानकारी
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की स्थापना वर्ष 1851 में मुख्य रूप से रेलवे के लिए कोयला भंडार खोजने के उद्देश्य से की गई थी। पिछले कुछ वर्षों में, जीएसआई न केवल देश में विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक भू-विज्ञान जानकारी के केंद्र के रूप में विकसित हुआ है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय ख्याति के भू-वैज्ञानिक संगठन का दर्जा भी प्राप्त कर चुका है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण का मुख्य कार्य राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक सूचनाओं एवं खनिज संसाधन मूल्यांकन और अद्यतन करना है। इन सभी उद्देश्यों को जमीनी सर्वेक्षण, हवाई एवं समुद्री सर्वेक्षण, खनिज पूर्वेक्षण व जांच, बहु-विषयक भूवैज्ञानिक, भू-तकनीकी, भू-पर्यावरणीय तथा प्राकृतिक खतरों के अध्ययन के साथ-साथ ग्लेशियोलॉजिकल, सीस्मो-टेक्टोनिक और मौलिक भूविज्ञान की अन्य शाखाओं के माध्यम से पूरा किया जाता है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की दीर्घकालिक प्राथमिकता वस्तुनिष्ठ, निष्पक्ष एवं अद्यतित भूवैज्ञानिक विशेषज्ञता और सभी प्रकार की भूवैज्ञानिक जानकारी प्रदान करना है, जो देश की वाणिज्यिक तथा सामाजिक-आर्थिक आवश्यकताओं पर नीतिगत निर्णय लेने में सहायता करती है। यह संगठन नवीनतम और सबसे अधिक लागत प्रभावी तकनीकों एवं पद्धतियों का उपयोग करके भूवैज्ञानिक, भूभौतिकीय तथा भू-रासायनिक सर्वेक्षणों के माध्यम से कार्य करता है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण वर्तमान में इन संसाधनों को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण और सामरिक महत्त्व के खनिजों की जांच तथा भूस्खलन पर प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करने पर जोर देता है।
सर्वेक्षण और मानचित्रण के कार्य में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की मुख्य क्षमता स्थानिक डेटाबेस (रिमोट सेंसिंग के माध्यम से प्राप्त डेटाबेस सहित) ककी अभिवृद्धि, प्रबंधन, समन्वय एवं उपयोग के माध्यम से लगातार बढ़ाई जाती है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु एक 'भंडार' के रूप में कार्य करता है और भू-सूचना विज्ञान क्षेत्र में अन्य हितधारकों के साथ सहयोग के माध्यम से भूवैज्ञानिक सूचना तथा स्थानिक डेटा के प्रसार के लिए नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल करता है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण का मुख्यालय कोलकाता में है और इसके छह क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ, जयपुर, नागपुर, हैदराबाद, शिलांग तथा कोलकाता में स्थित हैं। इसके राज्य इकाई कार्यालय देश के लगभग सभी राज्यों में कार्यरत हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण खान मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करता है।
अनुलग्नक-I
विशेष अभियान 3.0 के लिए चयनित किये गए भू-विरासत/भू-पर्यटन स्थलों की सूची
क्र.सं.
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राज्य
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स्थल का नाम
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आयोजन की प्रस्तावित तिथि
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उत्तरी क्षेत्र
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01
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उत्तर प्रदेश
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सलखन जीवाश्म पार्क
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18 अक्टूबर, 2023
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दक्षिणी क्षेत्र
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02
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कर्नाटक
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मारादीहल्ली तकिया लावा
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5 अक्टूबर, 2023
|
03
|
पायरोक्लास्टिक्स और पिलो लावा, पेडापल्ली-कोलार गोल्ड फील्ड
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19 अक्टूबर, 2023
|
04
|
केरल
|
अंगदिपुरम लेटराइट
|
6 अक्टूबर, 2023
|
05
|
आंध्र प्रदेश
|
वजरा करूर किम्बरलाइट फील्ड
|
30 अक्टूबर, 2023
|
06
|
तमिलनाडु
|
चार्नोकाइट, सेंट थॉमस माउंट
|
4 अक्टूबर, 2023
|
07
|
सत्तनूर नेशनल फॉसिल वुड पार्क
|
27 अक्टूबर, 2023
|
पूर्वी क्षेत्र
|
08
|
बिहार
|
बराबर गुफाएं
|
9 अक्टूबर, 2023
|
09
|
झारखंड
|
दुधिनाला
|
10 अक्टूबर, 2023
|
पश्चिमी क्षेत्र
|
10
|
राजस्थान
|
किशनगढ़ नेफलाइन सिनाइट
|
13 अक्टूबर, 2023
|
11
|
गुजरात
|
एडी करंट मार्किंग, कडाना बांध
|
16 अक्टूबर, 2023
|
केन्द्रीय क्षेत्र
|
12
|
मध्य प्रदेश
|
भेड़ाघाट संगमरमर की चट्टानें
|
17 अक्टूबर, 2023
|
13
|
महाराष्ट्र
|
निघोज-प्राकृतिक गड्ढे
|
2 अक्टूबर, 2023
|
उत्तर पूर्व क्षेत्र
|
14
|
मेघालय
|
माम्लुह गुफा
|
26 अक्टूबर, 2023
|
15
|
त्रिपुरा
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उनाकोटि की खूबसूरत पत्थर की नक्काशी
|
25 अक्टूबर, 2023
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