कोयला मंत्रालय
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73 ताप विद्युत संयंत्रों को शामिल करते हुए कोयला लिंकेज के युक्तिकरण के चार राउंडों के परिणामस्वरूप लगभग 6420 करोड़ रुपये की वार्षिक संभावित बचत के साथ 92.16 मिलियन टन कोयले को युक्तिसंगत बनाया गया

Posted On: 01 SEP 2023 2:28PM by PIB Delhi

कोयला मंत्रालय ने कोयला खदानों से उपभोक्ताओं तक कोयले के परिवहन की दूरी को कम करने के लिए कोयला लिंकेज के युक्तिकरण नामक एक पहल शुरू की है जिससे परिवहन की लागत कम होगी और कोयले से विद्युत उत्पादन की क्षमता बढ़ेगी। विद्युत क्षेत्र में कोयला लिंकेज के युक्तिकरण के परिणामस्वरूप खदानों से विद्युत संयंत्रों तक परिवहन की लागत में कमी आई है जिससे कोयले से विद्युत उत्पादन अधिक दक्ष हो गया है। यह प्रक्रिया परिवहन संबंधी अवसंरचना पर भार को कम करने, कोयला निकालने संबंधी बाधाओं को कम करने के साथ-साथ कोयले की लागत में कमी लाने में मदद करती है।

अंतर-मंत्रालयी कार्यबल (आईएमटीएफ) की सिफारिश के आधार पर राज्य/केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए लिंकेज के युक्तिकरण को कार्यान्वित किया गया। इस कार्यबल का गठन जून 2014 में किया गया था। स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों (आईपीपी) के लिंकेज को युक्तिसंगत बनाने के लिए जुलाई 2017 में एक और आईएमटीएफ का गठन किया गया था। आईपीपी/निजी क्षेत्र के संयंत्रों के लिए कोयले के युक्तिकरण की पद्धति भी 15 मई 2018 को जारी की गई थी। कोयला लिकेंज को और अधिक तर्कसंगत बनाने की संभावना को तलाशने के लिए अक्टूबर 2018 में एक आईएमटीएफ का भी गठन किया गया था, जिसमें तटीय क्षेत्रों के पास ढुलाई किए जाने वाले घरेलू कोयले के साथ भीतरी इलाकों में पहुंचाए जाने वाले आयातित कोयले की स्वैपिंग भी शामिल थी।

अब तक, लिंकेज के युक्तिकरण के चार राउंड हो चुके हैं, जिसमें 73 ताप विद्युत संयंत्र (टीपीपी) शामिल हैं, जिनमें से 58 राज्य/केंद्रीय विद्युत उत्पादन कंपनियों (जेनको) और 15 स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों (आईपीपी) से संबंधित हैं। लिंकेज के युक्तिकरण के परिणामस्वरूप कुल 92.16 मिलियन टन (एमटी) कोयले का युक्तिकरण हुआ है जिससे लगभग 6240 करोड़ रुपये की वार्षिक संभावित बचत हुई है।

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कोयला लिंकेज के युक्तिकरण के लिए कोयला मंत्रालय की व्यापक रणनीति के हिस्से के रूप में, कोल इंडिया लिमिटेड ने स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों (आईपीपी) और उत्पादन कंपनियों (जेनको) दोनों से रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) आमंत्रित करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस दूरदर्शी नीति का उद्देश्य परिवहन लागत को काफी हद तक कम करना है, जिससे ईंधन खर्च को नियंत्रित किया जा सकेगा और उपभोक्ताओं को वास्तविक रूप से लाभ मिलेगा।

कोयला लिंकेज के युक्तिकरण के माध्यम से, कोयला पीएसयू की न सिर्फ परिचालन क्षमता ही बढ़ेगी बल्कि लागत को भी कम किया जा रहा है और अधिक टिकाऊ ऊर्जा इकोसिस्टम को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह नीति पर्यावरणीय संवेदनशीलता के साथ-साथ आर्थिक विकास को संतुलित करने की हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। कोयला मंत्रालय की नवोन्मेषी नीतिगत पहल ऐसे भविष्य को आकार दे रही है जहां दक्षता, सामर्थ्य और पर्यावरणीय जिम्मेदारी में बेहतर तालमेल हो।

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