कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई)ने जापान में संचालन का विस्तार करने के लिए कर्मियों को भेजने वाले संगठनों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया
Posted On:
26 AUG 2023 1:00PM by PIB Delhi
तकनीकी प्रशिक्षु प्रशिक्षण कार्यक्रम (टीआईटीपी) और निर्दिष्ट कौशल श्रमिक (एसएसडब्ल्यू) कार्यक्रम के अंतर्गत जापान में कुशल उम्मीदवारों की गतिशीलता के लिए हितधारकों के बीच एक व्यापक संवाद की सुविधा और ज्ञान साझा करने को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) द्वारा सूचीबद्ध प्रेषक संगठनों (एसओ) के साथ विचार-मंथन के लिए आयोजित इस कार्यशाला की अध्यक्षता कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने की। इस आयोजित कार्यशाला में विदेश मंत्रालय के अपर सचिव श्री अनुराग भूषण ने भी मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भाग लिया।
इस आयोजित कार्यशाला ने भेजने वाले संगठनों और छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियों की पहचान करने और उनका समाधान करने, संबंधित कार्यक्रमों से जमीनी अनुभवों को साझा करने, प्रभावी छात्र निगरानी अभ्यासों का पता लगाने और समाधान संचालित चर्चाओं में शामिल होने के लिए एक मंच प्रदान किया।
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि टीआईटीपी और एसएसडब्ल्यू कार्यक्रम भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत और जापान सदियों पुराने सांस्कृतिक और धार्मिक जुड़ाव और सहयोग को साझा करते हैं, जिससे दोनों देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलती है।
उन्होंने आगे बताया कि इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन प्रासंगिक अंतर्दृष्टि को साझा करने के लिए महत्वपूर्ण है जो भविष्य के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने में सहायता करते हैं। आज की गई चर्चा सभी प्रतिभागियों द्वारा साझा की गई जानकारी के संदर्भ में बेहद उपयोगी रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस संदर्भ में उठाए जाने वाले अगले कदम जापान में नौकरी के बाजार की मांगों के अनुरूप भारतीय कार्यबल के वर्ग को प्रशिक्षित करने की दिशा में एमएसडीई के प्रयासों को और बल प्रदान करेंगे।
विदेश मंत्रालय के अपर सचिव श्री अनुराग भूषण ने कहा कि दशकों से चला आ रहा प्रवास एक शक्तिशाली उत्प्रेरक के रूप में विकसित हुआ है, जो कौशल विकास को समृद्ध कर रहा है, सॉफ्ट पावर को और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा दे रहा है। जैसे-जैसे हमारा प्रवासी प्रसार होता है, यह न केवल प्रेषण को बढ़ावा देता है, बल्कि ज्ञान हस्तांतरण, प्रौद्योगिकी और कौशल अधिग्रहण के लिए एक माध्यम के रूप में भी काम करता है, जिससे भारतीय कंपनियों को अपने विकास के लिए वैश्विक जोखिम का लाभ उठाने में काफी फायदा होता है। इसका लाभ जनसांख्यिकी, लोकतंत्र और विविधता के अभिसरण के माध्यम से उठाया जा सकता है जो प्रवासन को प्रेरित करता है। यह जर्मनी और मॉरीशस के साथ व्यापक प्रवासन प्रेरक साझेदारी समझौते जैसे रणनीतिक समझौतों में स्पष्ट है। जापानी बाजार के क्षेत्र में, अवसरों का दोहन करने के लिए एक सूक्ष्म दृष्टिकोण सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि कार्यबल को आवश्यक बहुभाषा कौशल मेंदक्ष करने, मजबूत भाषा प्रशिक्षण ढांचे का निर्माण करने, आव्रजन नीति इको सिस्टम को मजबूत बनाने और डिजिटल प्रगति को अपनाने से युवा कार्यबल की प्रतिभा का उपयोग करने में मदद मिल सकती है।
इस कार्यशाला के आयोजन द्वारा भेजने वाले संगठनों से मूल्यवान अंतर्दृष्टि उत्पन्न करने में सफलता मिली है और इन निष्कर्षों के आधार पर कौशल विकास और उद्यमिता, मंत्रालय के तत्वावधान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसीआई) एक ढांचा बनाने की दिशा में एमएसडीई, विदेश मंत्रालय को जोड़ने की दिशा में प्रयास करेगी, इससे दोनों देशों के बीच दो कार्यक्रमों के तहत कार्यबल गतिशीलता की प्रभावशीलता को बढ़ाएंगे। कार्यान्वयन के दृष्टिकोण से, संबंधित मंत्रालयों की मदद से सीखने की सुविधाओं का विस्तार करने और कौशल भारत अंतर्राष्ट्रीय केंद्रों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ देश में उच्च कुशल जापानी भाषा प्रशिक्षकों का एक बड़ा पूल बनाने के लिए इसे महत्वपूर्ण माना गया। इसके अलावा, जापान की कंपनियों और भारत में जापान की कंपनियों के साथ सहयोग करना मांग के ज्ञान के आधार पर संबंधित क्षेत्रों में मांग को बढ़ाने और कौशल प्रशिक्षण को पंक्तिबद्ध करने के लिए एक आवश्यक कदम होगा।
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