नागरिक उड्डयन मंत्रालय

2 वॉटर एयरोड्रोम और 9 हेलीपोर्ट सहित 74 हवाई अड्डों को जोड़ने वाले 479 आरसीएस-उड़ान मार्ग परिचालन में हैं

Posted On: 27 JUL 2023 3:32PM by PIB Delhi

आरसीएस-उड़ान से 123 लाख से अधिक यात्री लाभान्वित हुए हैं

 

क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस)- उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के संचालन के लिए क्षेत्रीय एयर कनेक्टिविटी फंड ट्रस्ट (आरएसीएफटी) की ओर से 30 जून 2023 तक चयनित एयरलाइन ऑपरेटरों को व्यवहार्यता गैप फंडिंग (वीजीएफ) की 2729.11 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

उड़ान के तहत चार चरण की बोलियों के आधार पर, 2 वॉटर एयरोड्रोम और 9 हेलीपोर्ट सहित 74 हवाई अड्डों को जोड़ने वाले 479 आरसीएस-उड़ान मार्ग परिचालन में हैं। इस योजना से 123 लाख से अधिक यात्री लाभान्वित हुए हैं।

नागरिक उड्डयन क्षेत्र में अगले पांच वर्षों में काफी वृद्धि होने की संभावना है। वृद्धि वाले कुछ क्षेत्र इस प्रकार हैं:

I. सरकार ने देश में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को चालू करने का निर्णय लिया है। इनमें से 11 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे पहले ही चालू हो चुके हैं। छह हवाई अड्डों पर निर्माण कार्य प्रगति पर है।

II. उद्योग के अनुमानों के अनुसार, अगले पांच वर्षों में भारत में प्रति वर्ष 1000 पायलटों की आवश्यकता हो सकती है। देश में पायलटों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए भारतीय विमानपत्‍तन प्राधिकरण (एएआई) ने उड़ान प्रशिक्षण संगठन नीति को उदार बनाया है।

III. उद्योग के अनुमानों के अनुसार, प्रमुख घरेलू एयरलाइनों द्वारा अपने बेड़े में 900 से अधिक का इजाफा किए जाने की संभावना है। 

IV. सरकार ने योजना के दौरान 1000 उड़ान मार्गों को चालू करने और उड़ान की उड़ानों के परिचालन के लिए 2024 तक देश में 100 असेवित और कम सेवा वाले हवाई अड्डों/हेलीपोर्टों/ वॉटर एयरोड्रोम को पुन आरंभ करने/विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उड़ान वर्तमान में जारी बाजार संचालित योजना है, जिसके अंतर्गत अधिक गंतव्यों/स्टेशनों और मार्गों को कवर करने के लिए समय-समय पर बोलियों के चरण आयोजित किए जाते हैं। कुछ विशेष मार्गों पर मांग के आकलन के आधार पर, उड़ान के अंतर्गत बोली के समय इच्छुक एयरलाइंस अपने प्रस्ताव प्रस्तुत करती हैं। ऐसा हवाई अड्डा जिसे उड़ान को प्रदान किए गए मार्गों में शामिल किया गया है और जिसे उड़ान का परिचालन शुरू करने के लिए उन्नयन/विकास की आवश्यकता है, उसे 'असेवित और कम सेवा वाले हवाई अड्डों का पुनरुद्धार' योजना के तहत विकसित किया जाता है।

यह जानकारी नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल (डॉ.) वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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