संस्‍कृति मंत्रालय

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु पुस्तकालयों के विकास और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जाने वाले अनूठे ‘पुस्तकालय महोत्सव 2023’ का उद्घाटन करेंगी


श्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘पुस्तकालय महोत्सव’ 2023 के कार्यक्रम का ब्यौरा दिया

पुस्तकालय पांडुलिपियों को संरक्षित करते हैं और इतिहास तथा असीमित भविष्य के बीच की खाई को पाटते हैं। हमारी डिजिटल लाइब्रेरी पहल बाधाओं को तोड़ती है, सभी नागरिकों को ज्ञान तक पहुंच प्रदान करती है: श्री अर्जुन राम मेघवाल

Posted On: 19 JUL 2023 8:03PM by PIB Delhi

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु प्रगति मैदान हॉल नंबर पांच, नई दिल्ली में पांच-छह अगस्त 2023 को आयोजित होने वाले दो दिवसीय कार्यक्रम, अद्वितीय ‘फ़ेस्टिवल ऑफ़ लाइब्रेरीज़ 2023’ का उद्घाटन करेंगी। महोत्सव का आयोजन केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। कानून एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को नयी दिल्ली में ‘पुस्तकालय महोत्सव’ के कार्यक्रम का विवरण दिया। संस्कृति मंत्रालय के सचिव श्री गोविंद मोहन और संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती मुग्धा सिन्हा भी इस मौके पर मौजूद थीं।

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ कार्यक्रम के समापन समारोह की शोभा बढ़ाएंगे। यह महोत्सव भारत में पुस्तकालयों के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण पर बातचीत शुरू करने के लिए दुनिया भर के प्रतिष्ठित पुस्तकालयों पर भी प्रकाश डालेगा।

श्री अर्जुन राम मेघवाल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, “ पुस्तकालय महोत्सव , 2023 ज्ञान और कल्पना को बखूबी दर्शाता है। पुस्तकालय पांडुलिपियों को संरक्षित करते हैं और इतिहास और असीमित भविष्य के बीच की खाई को पाटते हैं। हमारी डिजिटल लाइब्रेरी पहल बाधाओं को तोड़ती है, सभी नागरिकों को ज्ञान तक पहुंच के साथ सशक्त बनाती है। आइए, उत्साह के साथ इसका आनंद उठायें। श्री मेघवाल ने कहा कि पुस्तकालयों की परिवर्तनकारी शक्ति और ‘वन नेशन, वन डिजिटल’ लाइब्रेरी द्वारा दिए जाने वाले असीमित अवसरों का लाभ लेना है। पुस्तकालयों का विकास हमारी प्राथमिकता होगी , क्योंकि पुस्तकालय विकास के लिए मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि भौतिक रूप से पुस्तकालयों ने हमारे देश में गौरव का स्थान बना लिया है और हम लोगों के बीच पढ़ने की संस्कृति को पुनर्जीवित करना चाहते हैं। श्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बात पर जोर दिया कि हमें भौतिक और डिजिटल पुस्तकालयों का संतुलन बनाए रखना होगा और पुस्तकालयों में पढ़ने का आनंद लेने के लिए वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए विशेष स्थान भी बनाने होंगे।


इस अवसर पर, संस्कृति मंत्रालय के सचिव, श्री गोविंद मोहन ने कहा कि पुस्तकालयों और संग्रहालयों के बीच गहरा संबंध है और भौतिक और डिजिटल पुस्तकालयों के उचित संपर्क की भी आवश्यकता है । इन दोनों मुद्दों पर इस दौरान विस्तार से चर्चा की जाएगी। पुस्तकालय भावनात्मक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक हैं और इसलिए, लोगों में पढ़ने की आदतों को पुनर्जीवित करना महत्वपूर्ण है। पुस्तकालय महोत्सव दिल्ली रोमांचक लॉन्च कार्यक्रमों, प्रदर्शनियों और पैनल चर्चाओं की एक श्रृंखला के साथ शुरू होगा। श्री गोविंद मोहन ने कहा कि भारत भर के पुस्तकालयों के लिए एक विशेष रैंकिंग प्रणाली भी शुरू की जायेगी, जिससे पुस्तकालय पारिस्थितिकी तंत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और प्रगति को बढ़ावा मिलेगा।
संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव, मुग्धा सिन्हा ने इस अवसर पर कहा, “ पुस्तकालय समुदाय के ड्राइंग रूम हैं, और भौतिक पुस्तकालयों का प्रसार जारी है, साथ ही पुस्तकों का प्रकाशन भी हो रहा है, लेकिन पुस्तकालयों की ओर लोगों का जाना और पाठकों की संख्या में गिरावट आ रही है। डिजिटल, सोशल मीडिया और नये जमाने की प्रौद्योगिकियों की दुनिया ने घरों और उपकरणों के माध्यम से आराम से पढ़ना हालांकि आसान बना दिया है।

पुस्तकालयों को - अपनी दुर्लभ पुस्तकों, पांडुलिपियों और अभिलेखागारों के साथ - पुस्तक प्रेमियों के साथ तालमेल बनाए रखने की आवश्यकता होगी और उन्हें नया रूप देना होगा। बेहतर बुनियादी ढांचे और अन्य डिजिटल डिवाइस सुविधाओं के साथ सभी के लिए आसानी से सुलभ हैं। यह इस बात को ध्यान में रखते हुए है कि पुस्तकालय महोत्सव का उद्देश्य पुस्तकालयों के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र का पता लगाना है, और वे कैसे वाचनालय से सांस्कृतिक हॉटस्पॉट तक पहुँच सकते हैं।

यह महोत्सव 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' के दूसरे चरण का एक हिस्सा है और यह पुस्तकालयों के विकास और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने और भारत में पढ़ने की संस्कृति को विकसित करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है। पुस्तकालय महोत्सव दुनिया भर के प्रतिष्ठित पुस्तकालयों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा, जो पुस्तकालयों के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण पर एक संवाद शुरू करेगा। इसका उद्देश्य भारत में गाँव और समुदाय स्तर तक मॉडल पुस्तकालयों के विकास के लिए कार्य-उन्मुख नीतियों के निर्माण की सुविधा प्रदान करना है।
यह महोत्सव पूरे भारत में पुस्तकालयों के लिए एक विशेष रैंकिंग प्रणाली के शुभारंभ का भी प्रतीक होगा, जो पुस्तकालय क्षेत्र में उत्कृष्टता और नवाचार को बढ़ावा देगा। यह कार्यक्रम एक समापन समारोह के साथ समाप्त होगा , जिसमें उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ उपस्थित रहेंगे।


इसके उल्लेखनीय मुख्य आकर्षणों में पुस्तकालयों की एक निर्देशिका का शुभारंभ और तीन प्रमुख पुस्तकालयों के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना शामिल है: इनमें खुदा बख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी, पटना, रामपुर रज़ा लाइब्रेरी, रामपुर और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद अरबी फ़ारसी अनुसंधान संस्थान, टोंक, के साथ दीर्घकालिक सहयोगात्मक कार्यक्रमों के लिए समझौता किया जाना शामिल है। इस मौके पर रामपुर रज़ा लाइब्रेरी के 250 साल पूरे होने के जश्न की शुरुआत, रामपुर रज़ा लाइब्रेरी पर आधारित कथानक के साथ सैसी लाइब्रेरी श्रृंखला का शुभारंभ और 22 स्थानीय भाषाओं में कर्सिव राइटिंग पुस्तकों का सेट का विमोचन होगा।
पुस्तकालय महोत्सव एक अनूठा आयोजन है, जिसका उद्देश्य पुस्तकालयों के संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र से प्रतिभागियों को शामिल करना और प्रेरित करना है। महोत्सव में नई पहलों और प्रकाशनों का भी शुभारंभ होगा।

इस आयोजन में गोलमेज चर्चाएं होंगी और पैनल शामिल होंगे, जहां प्रतिभागी देश के राज्यों और दुनिया भर के पुस्तकालयों से पुस्तकालय की सर्वोत्तम प्रथाओं का पता लगा सकते हैं। साहित्यिक उत्सवों के आयोजकों, युवा लेखकों, प्रकाशन गृहों और अन्य लोगों के साथ आकर्षक बातचीत होगी। विशेष सत्र पुस्तकालयों और संग्रह की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिसमें पुस्तकालय पांडुलिपियों और अभिलेखागार पर राष्ट्रीय मिशन भी शामिल हैं।


आगंतुकों को मानचित्रकला, सुलेख, लेखन और जनजातीय फ़ॉन्ट और लिपियों को प्रदर्शित करने वाली 10 मनोरम प्रदर्शनियों का अनुभव करने का भी अवसर मिलेगा। अभिलेखागार, विशेष रूप से निजी संग्रहों के डिजिटलीकरण पर चर्चा की जाएगी और उपस्थित लोग दुर्लभ अभिलेखीय संग्रहों और प्रबुद्ध पांडुलिपियों की एक उल्लेखनीय प्रदर्शनी का आनंद ले सकेंगे।
महोत्सव में पुस्तक-लेखक सत्र, डिजिटल डिस्प्ले, पॉडकास्ट और मानव पुस्तकालय परियोजना के साथ इंटरैक्टिव ड्राइंग रूम की सुविधा होगी। एक समर्पित चिल्ड्रेन ज़ोन बच्चों में पढ़ने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने के लिए व्यावहारिक गतिविधियाँ प्रदान करेगा।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य पुस्तकालयाध्यक्षों और शिक्षाविदों से लेकर 100 आकांक्षी जिलों के जिला कलेक्टरों और मॉडल पुस्तकालयों के निदेशकों तक सभी हितधारकों को एक साथ लाना है, जिससे पुस्तकालयों को समुदाय के ड्राइंग रूम बनने और पाठकों को भविष्य के रूप में उभरने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक रोडमैप विकसित किया जा सके।
वर्ष 2014 में लॉन्च किया गया सरकार का राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन (एनएमएल) देश भर में पुस्तकालयों को बढ़ाने के प्रति उसके समर्पण को रेखांकित करता है। मॉडल पुस्तकालयों को विकसित करने, जिला पुस्तकालयों को डिजिटल नेटवर्क से जोड़ने और आर्थिक रूप से पिछड़े जिलों में पुस्तकालयों को प्राथमिकता देने के लिए इस मिशन का कुल बजट 100 करोड़ रुपये है।

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