संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने मोबाइल टावरों के माध्यम से होने वाले विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र (इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड- ईएमएफ) विकिरण के मिथक का निराकरण करने के लिए वेबिनार का आयोजन किया

Posted On: 14 JUN 2023 7:50PM by PIB Delhi

दूरसंचार विभाग (डीओटी), दिल्ली के अनुज्ञापन सेवा क्षेत्र (लाइसेंस्ड सर्विस एरियाज –एलएसए) ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए आज एक वेबिनार के माध्यम से विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र (इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड- ईएमएफ) के बारे में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।

इस वेबिनार में, डीओटी दिल्ली एलएसए द्वारा ईएमएफ विकिरण के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत किया गया था और मोबाइल टावरों से विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र (इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड- ईएमएफ) से विकिरण के हानिकारक प्रभाव के बारे में स्वास्थ्य संबंधी प्रश्नों और तत्संबंधी मिथकों को भी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज), नई दिल्ली के चिकित्सा विशेषज्ञ एवं डॉ विवेक टंडन, प्रोफेसर (न्यूरोसर्जरी) द्वारा स्पष्ट किया गया था।


ईएमएफ विकिरण एक ऐसी रेडियो आवृत्ति (रेडियो फ्रीक्वेंसी –आरएफ) / विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा है जो मोबाइल टावर एंटीना से उत्सर्जित होती है और मोबाइल हैंडसेट बहुत कम ऊर्जा वाले एवं गैर-आयनीकृत (नॉन- आयोनाइजिंग) होते हैं। उपलब्ध वैज्ञानिक प्रमाणों, अध्ययनों और रिपोर्टों के आधार पर यह पाया गया है कि मोबाइल टावर से ईएमएफ विकिरण के घोषित खतरे का कोई निर्णायक प्रमाण नहीं है। इसके अलावा, किसी भी मोबाइल टावर से होने वाला ऐसा ईएमएफ उत्सर्जन, जो गैर-आयनीकरण विकिरण संरक्षण पर अंतर्राष्ट्रीय आयोग ( इंटरनेशनल कमीशन ऑन नॉन-आयोनिजिंग रेडिएशन प्रोटेक्शन - आईसीएनआईआरपी ) द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से कम है जिसे और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अनुशंसित किया गया है, में प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभाव पैदा करने का कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने अपनी क्षेत्रीय (फील्ड) इकाइयों के माध्यम से पहले ही इस बारे में आवश्यक कदम उठाए हैं और मोबाइल टावरों से निकलने वाले ईएमएफ विकिरण से सुरक्षा के लिए कड़े मानदंड भी अपनाए हैं। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने ऐसे विकिरण मानदंडों को अपनाया है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अनुशंसित आईसीएनआईआरपी द्वारा निर्धारित मानदंडों से 10 गुना अधिक कठोर हैं। जन सामान्य के लिए दूरसंचार विभाग की वेबसाइट: https://dot.gov.in/journey-emf पर मोबाइल टावर विकिरण के बारे में सभी जानकारी उपलब्ध है ।


i. दूरसंचार विभाग (डीओटी) और दूरसंचार (टेलीकॉम) सेवा प्रदाताओं (टीएसपीएस) द्वारा विभिन्न मोबाइल टावरों / बेस ट्रांसीवर स्टेशनों (बीटीएस) के विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र (इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड- ईएमएफ) अनुपालन को सुरक्षित सीमा तक सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपाय किए जाते हैं।

ii. सभी दूरसंचार सेवा प्रदाता यह सुनिश्चित करते हैं कि मोबाइल टावरों (बीटीएस) से होने वाला विकिरण डीओटी द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा के भीतर है और इस आशय का स्व-प्रमाणन (सेल्फ- सर्टिफिकेशन) क्षेत्र विशेष की दूरसंचार विभाग (डीओटी ) से संबंधित क्षेत्रीय इकाइयों को सेवा एवं टॉवर की शुरुआत पर, अथवा जब भी कोई परिवर्तन किया जाए एवं द्विवार्षिक / त्रैवार्षिक अवधि के आधार पर भी भेजा जाता है। स्व-प्रमाणन जमा करने के बाद ही सभी मोबाइल टावर व्यावसायिक रूप से काम करना शुरू करते हैं ।

iii काम कर रहे मोबाइल टावरों के विकिरण का परीक्षण नियमित रूप से डीओटी दिल्ली की क्षेत्रीय इकाई द्वारा नमूना लिए जाने के आधार पर किया जाता है जो कुल चालू मोबाइल टावरों (बीटीएस) का 5% वार्षिक तक है।

iii. दूरसंचार विभाग (डीओटी), संचार मंत्रालय के पास मोबाइल टावरों और ईएमएफ उत्सर्जन अनुपालनों के बारे में सूचना साझा करने के लिए एक वेब पोर्टल है। इस पोर्टल को www.tarangsanchar.gov.in पर देखा जा सकता है। ईएमएफ पोर्टल एक ऐसा सार्वजनिक इंटरफ़ेस प्रदान करता है जिसमे किसी भी क्षेत्र के आसपास के मोबाइल टावरों को देखने के लिए एक आसान मानचित्र- आधारित खोज सुविधा प्रदान की गई है। एक बटन क्लिक करके, मोबाइल टावरों की ईएमएफ अनुपालन स्थिति के बारे में ऑनलाइन भुगतान करके अपने परिसर में ईएमएफ उत्सर्जन के मापन के लिए अनुरोध कर सकता है।

इस वेबिनार का उद्देश्य जनप्रतिनिधियों, सरकारी विभागों / एजेंसियों, निवासी कल्याण परिषदों (आरडब्ल्यूए), नागरिक समुदाय संगठनों (सीएसओज), शहरी स्थानीय निकायों / नगर पालिकाओं और जन साधारण सहित विभिन्न हितधारकों के बीच विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र (ईएमएफ) विकिरणों और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने पर था ताकि सभी के लिए सेवाओं और नेटवर्क कवरेज की सर्वोत्तम गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल टावरों और दूरसंचार अवसंरचना के विकास के मार्ग में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।


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