स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए वार्षिक क्षमता निर्माण योजना जारी की


क्षमता निर्माण योजनाएँ, सक्षम कार्यबल द्वारा एक केंद्रित परिणाम के लिए 'राजमार्ग' के रूप में कार्य करती हैं; संगठन को एक 'कार्य संस्कृति' प्रदान करती हैं तथा साझा लक्ष्यों और दृष्टि के साथ टीम के रूप में काम करने के लिए व्यक्तियों के प्रयासों को सुव्यवस्थित करती हैं: डॉ. मनसुख मांडविया

"भारत में क्षमता की कमी नहीं है, लेकिन आवश्यकता इस बात की है कि वांछित परिणाम प्राप्त करने की दिशा में इसका उपयोग किया जाए"

क्षमता निर्माण के प्रयास, संगठनों को नियम-आधारित से भूमिका-आधारित कार्य संस्कृति व वातावरण की ओर बढ़ने में सक्षम बनाते हैं: डॉ भारती प्रवीण पवार

Posted On: 17 MAY 2023 6:09PM by PIB Delhi

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार, जो वर्चुअल रूप से बैठक में शामिल हुईं थीं, की उपस्थिति में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सिविल अधिकारियों व कर्मचारियों के क्षमता निर्माण के लिए वार्षिक क्षमता निर्माण योजना का शुभारंभ करते हुए कहा, "क्षमता निर्माण योजनाएँ, सक्षम कार्यबल द्वारा एक केंद्रित परिणाम के लिए 'राजमार्ग' के रूप में कार्य करती हैं; संगठन को एक 'कार्य संस्कृति' प्रदान करती हैं तथा साझा लक्ष्यों और दृष्टि के साथ टीम के रूप में काम करने के लिए व्यक्तियों के प्रयासों को सुव्यवस्थित करती हैं।“

प्रधानमंत्री ने विभिन्न सरकारी संगठनों का संचालन करने वाले सिविल सेवकों की क्षमताओं को बढ़ाने और तेज करने के लिए मिशन कर्मयोगी लॉन्च किया था। माननीय प्रधानमंत्री की इस प्रेरणा को याद करते तथा इसे दोहराते हुए डॉ मांडविया ने कहा, "भारत में क्षमता की कमी नहीं है, लेकिन वांछित परिणाम प्राप्त करने की दिशा में इसका उपयोग किये जाने की आवश्यकता है।“ सत्र को संबोधित करते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी हितधारकों के समर्पित प्रयासों की सराहना की और कहा, "सरकार की क्षमता निर्माण प्रणाली को पुनर्निर्मित और पुनर्जीवित करने की आवश्यकता थी और इस पहल को सिविल सेवा व्यवस्था को और मजबूत करने के मार्ग के रूप में देखा जा रहा है।“ क्षमता निर्माण के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि प्राथमिकता हमेशा इस बात की होनी चाहिए कि परिणाम की गुणवत्ता कैसे बढ़ाई जाए।

वार्षिक क्षमता निर्माण योजना (एसीबीपी) एक व्यापक रणनीतिक दस्तावेज है, जिसकी परिकल्पना व्यक्तियों और मंत्रालय/विभाग/संगठनों (एमडीओ) की क्षमता वृद्धि में सहायता प्रदान के लिए की गई है। क्षमता निर्माण आयोग द्वारा स्वास्थ्य मंत्रालय के मिशन कर्मयोगी सेल, विभाग के सभी प्रभागों के साथ घनिष्ठ समन्वय और परामर्श तथा स्वास्थ्य मंत्रालय के विस्तृत प्रशिक्षण आवश्यकता विश्लेषण (टीएनए) के बाद, यह योजना विकसित की गई है।

केंद्रीय मंत्री ने प्रशिक्षण संस्थानों का आह्वान किया कि वे अपनी सीख दूसरों को देने से पहले अपनी क्षमता निर्माण में सुधार करें। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बढ़ी हुई क्षमता के साथ, व्यक्ति आत्मविश्वास हासिल करते हैं और बेहतर परिणाम प्राप्त करते हैं।

डॉ. भारती प्रविण पवार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जहां सभी सिविल सेवा कर्मी लोगों को महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने में कार्यरत हैं, वहीं अंतिम नागरिक तक आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में उनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव श्री राजेश भूषण ने मंत्रालय के लिए रोडमैप तैयार किया और प्रशिक्षण संस्थानों से योजना को लागू करने में नेतृत्व की भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस पहल का उद्देश्य मंत्रालय के विभिन्न विभागों की आवश्यकताओं के अनुसार अधिकारियों के कौशल और क्षमता निर्माण को बढ़ाना है। उन्होंने कहा, “योजना यह भी सुनिश्चित करेगी कि देश में प्रशिक्षण संस्थानों का विशाल नेटवर्क अलग-अलग काम न करें, बल्कि अधिकारियों को कौशल और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक नेटवर्क के रूप में काम करें।“ उन्होंने यह भी कहा कि जब भी आवश्यकता होगी, जरूरी संशोधन किये जायेंगे।

क्षमता निर्माण आयोग के अध्यक्ष श्री आदिल जेनुलभाई ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री का विज़न क्षमता निर्माण के लिए सिविल अधिकारियों व कर्मचारियों पर ‘दबाव’ देना नहीं है, बल्कि इसे इतना दिलचस्प बनाना है कि यह लोगों को उनकी सर्वश्रेष्ठ क्षमता की ओर ‘आकर्षित’ कर सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि क्षमता निर्माण योजना एक व्यावहारिक योजना है, जो काम की गुणवत्ता में सुधार करेगी और सिविल कर्मियों को जीवन भर सीखने की प्रक्रिया में मदद करेगी।

 

पृष्ठभूमि:

एसीबीपी "योग्यता संचालित प्रशिक्षण और मानव संसाधन प्रबंधन" का एक इकोसिस्टम बनाने के दर्शन पर आधारित है।

सरकार ने सितंबर 2020 में 'मिशन कर्मयोगी' लॉन्च किया था, जिसे 'राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी)' के नाम से भी जाना जाता है। इसका उद्देश्य तकनीकी-प्रेमी, सक्षम, विचारशील और भविष्य के लिए तैयार सिविल सेवकों से युक्त एक नए युग को विकसित करना है। इस कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के लिए क्षमता निर्माण योजनाओं (सीबीपी) की अवधारणा और विकास के कार्यादेश के साथ सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के कार्यात्मक पर्यवेक्षण के लिए एक क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) की स्थापना की गई है।

वार्षिक क्षमता निर्माण योजना में सिविल कर्मियों के बीच कार्यक्षेत्र दक्षताओं (क्षेत्र, प्रभाग और विशेष ध्यान वाले क्षेत्रों से संबंधित ज्ञान और विशेषज्ञता से संबंधित), व्यवहारिक दक्षताओं (व्यवहार और सॉफ्ट कौशल से संबंधित) और कार्यात्मक दक्षताओं (प्रभाग के कार्यात्मक आयामों से संबंधित) के व्यवस्थित विकास की परिकल्पना की गई है। एसीबीपी में वार्षिक प्रशिक्षण योजना और एमडीओ द्वारा चुने गए प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा अपनाए जाने वाले विस्तृत कैलेंडर शामिल हैं।

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