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आज दिल्ली के विज्ञान भवन में आठवीं अखिल भारतीय पेंशन अदालत का आयोजन किया गया, जहां 50 पुराने मामलों को अंतर-विभागीय परामर्श के माध्यम से हल किया गया


पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने व्यक्तिगत रूप से ऐसे एक दर्जन से अधिक मामलों की अध्यक्षता की और रक्षा, गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य, नागरिक उड्डयन, डाक, सूचना एवं प्रसारण, युवा मामले और खेल आदि जैसे विभागों से रिपोर्ट मांगी

पेंशन के समय पर वितरण और सीजीएचएस प्रणाली के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने के दोहरे उद्देश्यों के साथ आज 50वीं पीआरसी (सेवानिवृत्ति पूर्व परामर्श) कार्यशाला का भी आयोजन किया गया

Posted On: 17 MAY 2023 4:06PM by PIB Delhi

आज दिल्ली के विज्ञान भवन में आठवीं अखिल भारतीय पेंशन अदालत का आयोजन किया गया, जहां 50 पुराने मामलों को उठाया गया और अंतर-विभाग परामर्श और समन्वय के माध्यम से हल किया गया।

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने व्यक्तिगत रूप से ऐसे एक दर्जन से अधिक मामलों की अध्यक्षता की और रक्षा, गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य, नागरिक उड्डयन, डाक, सूचना एवं प्रसारण, युवा मामले और खेल आदि जैसे विभागों से रिपोर्ट मांगी।

श्री श्रीनिवास ने कहा, यह एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि पेंशन अदालत के अलावा, 50वीं पीआरसी (पूर्व-सेवानिवृत्ति परामर्श) कार्यशाला भी आज आयोजित की जा रही है, जिसमें पेंशन का समय पर वितरण, जबरदस्त वित्तीय सुरक्षा निहितार्थ और सीजीएच के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली सुनिश्चित करना शामिल है। उन्होंने यह भी बताया कि पहली बार सभी 18 पेंशन वितरण बैंक पीआरसी में भाग ले रहे हैं और अपने विभिन्न उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं। अगले 12 महीने में सेवानिवृत्त होने वाले सभी मंत्रालयों/विभागों के 1200 अधिकारियों के लिए 50वीं पीआरसी (सेवानिवृत्ति पूर्व परामर्श) कार्यशाला का आयोजन किया गया।

पेंशन अदालत को वीसी के माध्यम से 70 स्थानों पर जोड़ा गया था, जहां जटिल मामलों को उठाने के लिए भारत भर के मंत्रालयों/विभागों द्वारा पेंशन अदालतों का आयोजन किया गया था। विभाग द्वारा अब तक 7 अखिल भारतीय पेंशन अदालतें आयोजित की जा चुकी हैं, जिनमें 24218 मामले लिए गए एवं 17235 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।

श्री श्रीनिवास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मुख्य रूप से फरवरी के चिंतन शिविर, जहां उन्होंने लाइव मॉडल का आह्वान किया, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग पेंशन भुगतान प्रक्रिया का पूर्णत डिजिटलीकरण सुनिश्चित किया है, सभी मंत्रालयों के लिए अनिवार्य है कि वे भविष्य सॉफ्टवेयर द्वारा अपने पेंशन मामलों पर कार्रवाई करें।

उन्होंने कहा, भविष्य प्रणाली दुनिया के सबसे अच्छे पोर्टलों में से एक है और इसे एनईएसडीए आकलन 2021 के अनुसार केंद्र सरकार के सभी ई-गवर्नेंस सेवा वितरण पोर्टलों में तीसरा स्थान मिला है।

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अपर सचिव श्री एस एन माथुर ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि कार्यशालाओं से केंद्र सरकार के सेवानिवृत्त होने वाले सिविल कर्मचारियों और पेंशन से संबंधित अधिकारियों को सेवानिवृत्ति के समय पर भुगतान के लिए आवश्यक औपचारिकताओं जैसे लाभ, भविष्य पर पेंशन फॉर्म कैसे भरें, एकीकृत पेंशनरों के पोर्टल और भविष्य पर संक्षिप्त विवरण, सेवानिवृत्ति के बाद सीजीएचएस/फिक्स्ड मेडिकल भत्ते, वरिष्ठ नागरिकों/पेंशनरों के लिए आयकर प्रोत्साहन, डीएलसी, चेहरा प्रमाणीकरण, पेंशनभोगी संघ और अनुभव इत्यादि पहलुओं पर लाभ होगा। यह मंच सेवा के दौरान किए गए उत्कृष्ट कार्यों को प्रदर्शित करेगा।

अब तक विभाग द्वारा 49 पीआरसी का संचालन किया गया है- दिल्ली में विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के लिए 29 और सीएपीएफ के लिए 20, सीआरपीएफ, बीएसएफ और असम राइफल्स नई दिल्ली, जालंधर, शिलांग, कोलकाता, टेकनपुर, जम्मू, जोधपुर और गुवाहाटी में कुल 6972 सेवानिवृत्त कर्मियों ने इन पीआरसी में भाग लिया।

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने अब पोर्टलों को एकीकृत करने को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है। बड़े पैमाने पर पेंशनरों के लिए सुविधाजनक जीवन के लिए सभी पोर्टल जैसे पेंशन वितरण बैंक पोर्टल, अनुभव, सीपीईएनजीआरएएमएस, सीजीएचएस आदि को नए बनाए गए "एकीकृत पेंशनभोगी पोर्टल" (https://ipension.nic.in) में एकीकृत किया जाना चाहिए। भविष्य पोर्टल के साथ एसबीआई और केनरा बैंक के पेंशन सेवा पोर्टल के एकीकरण का कार्य पूरा हो गया है। इस एकीकरण के साथ, पेंशनभोगी अब एकीकृत पेंशनभोगी पोर्टल के माध्यम से अपनी पेंशन पर्ची, जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की स्थिति और फॉर्म-16 प्राप्त कर सकते हैं। सभी 18 पेंशन वितरण बैंकों को एकीकृत पेंशनभोगी पोर्टल में एकीकृत किया जाएगा।

पेंशन अदालत पहल को पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा 2017 में प्रायोगिक आधार पर शुरू किया गया था। 2018 में पेंशनरों की शिकायत के त्वरित समाधान के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए राष्ट्रीय पेंशन अदालत का आयोजन किया गया था। इस मॉडल में किसी विशेष शिकायत के सभी हितधारकों को एक सामान्य मंच पर आमंत्रित किया जाता है और पेंशन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए प्रत्येक हितधारक के अनुसार मामले को सुलझाया जाता है जिससे पेंशन समय पर शुरू हो सके।

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