इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
सरकार ने कर्नाटक के हुबली-धारवाड़ में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर की स्थापना को मंजूरी दी
180 करोड़ रुपये की परियोजना से 18,000 रोजगार उत्पन्न होंगे, नौ कंपनियां/स्टार्ट-अप्स इसमें 340 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं
Posted On:
24 MAR 2023 6:59PM by PIB Delhi
केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता व इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने बेंगलुरू में आज 180 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी) की स्थापना को मंजूरी देने की घोषणा की। ईएमसी 2.0 योजना के तहत कर्नाटक के धारवाड़ में कोटूर-बालूर औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित होने वाले इस क्लस्टर से 18,000 से अधिक रोजगार उत्पन्न होने की आशा है। साथ ही, इससे जल्द ही 1,500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्राप्त होने की संभावना है। स्टार्ट-अप्स सहित नौ कंपनियों ने पहले ही 2,500 लोगों की रोजगार क्षमता के साथ 340 करोड़ रुपये के निवेश को लेकर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त कर चुकी हैं।
मंत्री ने कहा, “कर्नाटक विश्व के लिए एक वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर रहा है, यह पहले से ही कोलार (विस्ट्रोन) और देवनहल्ली (फॉक्सकॉन) में एप्पल संयंत्र के साथ एक दूरसंचार केंद्र है। नए निवेशों से रोजगार उत्पन्न होने के साथ विकास हो रहा है। नरेन्द्र मोदी सरकार अपनी 'आत्मनिर्भर भारत' की नीतियों के तहत देश को विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
इस ईएमसी के पास रणनीतिक स्थान का लाभ है। यह एनएच- 48 (1 किलोमीटर) और हुबली घरेलू हवाईअड्डा (33 किलोमीटर) के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जो ईएमसी में उद्योग की लॉजिस्टिक्स/परिवहन लागत को कम करेगा।
केंद्र सरकार पहले ही कर्नाटक के मैसूर में एक उन्नत परीक्षण सुविधा के विकास के लिए एक सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) को मंजूरी दे चुकी है, जो उद्योग की विभिन्न परीक्षण जरूरतों को पूरा करेगा।
संशोधित इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी 2.0) योजना 1 अप्रैल, 2020 को शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य देश में सामान्य परीक्षण सुविधाओं के साथ-साथ विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार करना है, जिसमें उनकी विनिर्माण/उत्पादन केंद्र स्थापित करने को लेकर एंकर यूनिट को आकर्षित करने के लिए उनकी आपूर्ति श्रृंखला के साथ रेडी बिल्ट फैक्ट्री शेड्स/प्लग व प्ले अवसंरचना शामिल हैं।
इस योजना के तहत 1,903 करोड़ रुपये की परियोजना लागत, जिसमें 889 करोड़ रुपये की केंद्रीय वित्तीय सहायता को मंजूरी दी गई है, के साथ 1,337 एकड़ क्षेत्र में तीन इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर का निर्माण किया जाएगा। इसमें 20,910 करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य का अनुमान है।
सरकार की इन पहलों के परिणामस्वरूप भारत ने पिछले आठ वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के क्षेत्र में काफी प्रगति की है।
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