स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया की उपस्थति में स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन (एचटीए) पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया


भारत विश्व में एक उदाहरण है जहां हमने लोगों को कुशल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया हैः श्री जगदीप धनखड़

भारत गुणवत्तापूर्ण तथा किफायती दवाएं उपलब्ध करके विश्व को स्वस्थ्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हैः डॉक्टर मनसुख मांडविया

“यह हमारा दायित्व और कर्तव्य है कि हम न केवल देश को किफायती तथा गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें बल्कि वसुधैव कुटुम्बकम के अंतर्गत वैश्विक स्वास्थ्य सेवा लक्ष्यों को पाने तथा समर्थन देने के लिए अपनी शक्ति का उपयोग करें”

“आईएसएचटीए 2023 स्वास्थ्य क्षेत्र में नई सहयोगी परियोजनाओं के माध्यम से बहु-देशीय सहयोग को आसान बनाने में बहुत सफल होगी”

स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन स्वास्थ्य सेवा इकोसिस्टम को मजबूत बनाने तथा सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायता देगा

Posted On: 10 MAR 2023 2:03PM by PIB Delhi

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने कहा है कि भारत एक वैश्विक उदाहरण है जहां हमने लोगों को कुशल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया है। श्री जगदीप धनखड़ आज नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया की उपस्थिति में स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन (आईएसएचटीए) 2023 पर दूसरी अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन कर रहे थे। समारोह में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वी.के. पॉल भी उपस्थित थे।

      इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) तथा सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट के सहयोग से किया था। सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लिए स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन (एचटीए) द्वारा उत्पन्न साक्ष्य के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकी के सामर्थ्य, उपलब्धता और पहुंच विषय ने शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं, उद्योग जैसे हितधारकों को एचटीए के महत्व, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी उपयोग पर अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में विचार साझा करने तथा देश में पहली बार एचटीए मार्केटप्लेस की मेजबानी पर ज्ञान/उत्पादन साझा करने के लिए मंच प्रदान किया है।

      संगोष्ठी में लगभग 250 प्रतिभागियों ने भाग लिया। 

 

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त्योदय के दर्शन का अनुसरण करते हुए देश के अंतिम मील और दूरदराज के भागों तक पहुंचने वाली सेवाओं के बारे में प्रधानमंत्री द्वारा किए गए आह्वान को दोहराते हुए श्री जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत आत्मनिर्भर पहल, स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से व्यवहार में परिवर्तन, 9,100 से अधिक जनऔषधि केंद्रों के माध्यम से किफायदी दवाएं देने, चिकित्सा कार्यबल संस्थानों आदि को मजबूत बनाने जैसे क्रांतिकारी कदमों से सामर्थ्य, पहुंच और सामानता सुनिश्चित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सरकार ने गरीब और दबे-कुचले वर्ग पर बोझ कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस सरकार द्वारा प्रारंभ किए जा रहे विश्व के सबसे बड़े पारदर्शी और उत्तरदायी कार्यक्रम आयुष्मान भारत नागरिकों के कल्याण को पूरा कर रहा है साथ ही साथ नौकरियां और उद्यम पैदा कर रहा है। स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों और उनकी मूल्यांकन प्रक्रियाओं के महत्व के बारे में श्री धनखड़ ने समानता सुनिश्चित करने में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण स्वरूप पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी गुणवत्तापूर्ण शासन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि हाल में खोले गए आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एबी-एचडब्ल्यूसी) आम नागरिकों के लिए गेम चेंजर है।

उन्होंने कहा कि भारत ने कोविड महामारी से सफलतापूर्वक निपटकर अपनी क्षमता दिखाई है तथा दवाओं और विशेषज्ञता के माध्यम से दूसरे देशों का समर्थन किया है। स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन की रणनीति सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में काम कर रही इको-सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए नवाचारी दृष्टिकोण की दिशा में एक और कदम है। इस प्रकार उन्होंने हितधारकों से भारत को अवसर की भूमि के रूप में देखने का आग्रह किया तथा वसुधैव कुटुम्बकम के भारत के दर्शन के कारण वे वैश्विक परिवार का हिस्सा होने के बारे में आश्वस्त हो सकते हैं जहां हम सभी के लिए स्वास्थ्य और वेलनेस पर विचार करते हैं।

डॉक्टर मनसुख मांडविया ने आज के मंथन सत्रों में उपस्थित हितधारकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि लोक कल्याण के लिए किए गए सार्वजनिक प्रयासों का आकलन समय की आवश्यकता है। यह कुशल प्रक्रियाओं को स्थापित करने तथा कार्यक्रम और पहलों की बेहतर लागत-प्रभावशीलता के लिए एक फीडबैक के रूप में काम करने की अनुमति देगा।  उन्होंने कहा कि आईएसएचटीए 2023 स्वास्थ्य क्षेत्र में नई सहयोगी परियोजनाओं के माध्यम से बहु-देशीय सहयोग को सहज बनाने में मदद करेगा। स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन स्वास्थ्य सेवा इको-सिस्टम को और मजबूत करने तथा सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार भारत के सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) एजेंडे के हिस्से के रूप में अपने सभी नागरिकों, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है। संसाधनों का किफायती उपयोग स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन (एचटीए) की सहायता से किया जा सकता है जो कि स्वास्थ्य में संसाधन आवंटन और उपयोगिता के लिए विश्व स्तर पर व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली प्रद्धति है।

स्वास्थ्य को सेवा मानने के भारत के सदियों पुरानी लोकाचार तथा सभ्यतागत सार को बताते हुए डाक्टर मनसुन मांडविया ने कहा कि वाणिज्यिक लाभ के विपरीत हमारे देश में स्वास्थ्य को सेवा माना जाता है तथा स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ने से मानवता की सेवा करने का अवसर मिलता है।

डॉक्टर मांडविया ने को-विन का उदाहरण देते हुए, जिसे एक सार्वभौमिक सार्वजनिक लोकहित में बदल दिया गया था, डॉक्टर मांडविया ने कहा कि भारत हमेशा वैश्विक समुदाय के प्रति जिम्मेदार रहा है और देश में होने वाला कोई भी शोध और नवाचार विश्व प्रयोग के लिए आसानी से उपलब्ध है ताकि इससे सभी का लाभ हो। यह अमृतकाल में एक विश्व एक परिवार दृष्टिकोण के प्रति हमारे समर्पण का सटिक उदाहरण है। यह हमारा दायित्व और कर्तव्य है कि हम न केवल देश को किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करें बल्कि वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन के अंतर्गत वैश्विक स्वास्थ्य सेवा के लक्ष्यों तथा समर्थन के लिए अपनी शक्ति का उपयोग करें। प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में हमारा उद्देश्य स्पर्धा के माध्यम से नहीं बल्कि समन्वय, सहयोग के माध्यम से विकसित देश बनना है। स्वास्थ्य क्षेत्र में हितधारकों के बीच इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन सत्र प्रारंभ करते हुए डॉक्टर विनोद कुमार पॉल ने कहा कि देश ने देशवासियों की बेहतरी के लिए कदम उठाने में लम्बी छलांग लगाई है। भविष्य में स्थानीय हितधारकों की आवश्यकताओं का उत्तर देना और स्थानीय स्तर पर मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियां बनाना वरदान होगा। उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व उपलब्ध संसाधनों के साथ काम करने तथा कुशल तथा उच्च परिणाम प्राप्त करने का है। इसके लिए स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी परिणाम महत्वपूर्ण होगा। डॉक्टर पॉल ने महात्मा गांधी का उद्धहरण देते हुए कहा कि विकास के लिए भारत के प्रयासों के केंद्र में समानता बनी हुई है तथा सरकार आर्थिक प्रगति के साथ-साथ कमजोर वर्ग को प्राथमिकता देती है। उन्होंने किफायती कदमों की पहचान करने के साथ-साथ टेलीमेडिसिन क्षेत्र के श्रेष्ठ व्यवहारों का उपयोग करने, आपूर्ति पक्ष की बाधाओं पर ध्यान केन्द्रित करने पर बल दिया। इस प्रकार उन्होंने विश्व स्वास्थ्य समुदाय के साथ इस सहयोग को मजबूत बनाने तथा देश की बदलती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए व्यापक क्षेत्रों के हितधारकों से इस सहयोग को मजबूत बनाने का आग्रह किया।

एचटीए स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों या प्रयासों के गुणों, प्रभावों और/या प्रभावों का व्यवस्थित मूल्यांकन प्रदान करता है। एचटीए खर्च किए गए प्रत्येक रुपए के लिए स्वास्थ्य लाभ की सबसे बड़ी राशि प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है। इसलिए एचटीए एक बहु-विषयी प्रक्रिया है जो स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों यानी दवाओं, उपकरणों, स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रमों आदि का मूल्यांकन उनकी सुरक्षा, प्रभाव, लागत-प्रभावशीलता और इक्विटी विषयों के लिए करती है। एचटीए के हितधारक अदाकमिक शोधकर्ता, नीति निर्माता, उद्योग आदि है ताकि सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में कदम के रूप में पहुंच, उपलब्धता तथा सामर्थ्य के लिए एचटीए के महत्व पर विचार साझा कर सकें।

संगोष्ठी ने एक मार्केटप्लेस की भी मेजबानी की जिसमें राज्य तथा केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई एचटीए सिफारियों को दिखाया गया। प्रदर्शित की गई कुछ स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियां- नवजात शिशुओं के लिए एबीआर हियरिंग स्क्रीनिंग डिवाइस, सिकल सेल/ डायग्नोस्टिक किट, सेफ्टी इंजीनियर्ड सीरिंज, पोर्टेबल ईसीजी, टीबी निदान के लिए सीवाई टीबी, कम लागत वाले वेंटिलेटर तथा नवजात शिशु रेससिटेटर आदि हैं। सार्वजनिक निजी भागीदारी को बढ़ाने के साथ मार्केटप्लेस ने स्वास्थ्य टेक्नोलॉजियों का प्रदर्शन किया। जिसके लिए एचटीए हेल्ड टेक्नोलॉजी एसेसमेंट इंडिया द्वारा (एचटीएआईएन) द्वारा किया गया है। इस तरह के मार्केटप्लेस की अवधारणा एचटीए के माध्यम से मूल्यांकित प्रौद्योगिकियों को दिखाने की विश्व में अपने किस्म की पहली है। यह आत्म-निर्भर भारत तथा मेक इन इंडिया के लिए भारत सरकार की पहल को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है। एचटीएआईएन द्वारा आकलन और मूल्यांकन की गई लगभग 20 प्रौद्योगिकियों को मार्केटप्लेस में दिखाया गया था।

इसमें उपराष्ट्रपति के सचिव श्री सुनील कुमार गुप्ता, स्वास्थ्य शोध विभाग के सचिव डॉक्टर राजीव बहल, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक, डॉक्टर रोडेरिको ओफ्रिन, भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि, गाम्बिया, मोरक्को, लेसोथो, बुरूंडी तथा इरिट्रिया के राजदूत, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, इंडोनेशिया, थाइलैंड, गाम्बिया, रवांडा, जिबूती, मेडागास्कर, मलावी के अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

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