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भारत में पहली बार, एफएसएसएआई ने बासमती चावल के लिए व्यापक नियामक मानकों को अधिसूचित किया;  इसे 1 अगस्त, 2023 से लागू किया जाएगा


इसमें बासमती चावल की प्राकृतिक सुगंध की विशेषता होगी और यह कृत्रिम रंग, पॉलिशिंग एजेंटों एवं कृत्रिम सुगंध से मुक्त होगा

मानकों का उद्देश्य बासमती चावल के व्यापार में उचित व्यवहारों को स्थापित करना तथा घरेलू और वैश्विक स्तर पर उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है

Posted On: 12 JAN 2023 3:59PM by PIB Delhi

देश में पहली बार भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने भारत के राजपत्र में अधिसूचित खाद्य सुरक्षा और मानकों (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) प्रथम संशोधन विनियम, 2023 के माध्यम से बासमती चावल (ब्राउन बासमती चावल, मिल्ड बासमती चावल, पारबॉयल्ड ब्राउन बासमती चावल और मिल्ड पारबॉयल्ड बासमती चावल सहित) के लिए पहचान मानकों को निर्दिष्ट किया है।

इन मानकों के अनुसार बासमती चावल में चावल की प्राकृतिक सुगंध विशेषता होनी चाहिए और यह कृत्रिम रंग, पॉलिशिंग एजेंटों और कृत्रिम सुगंधों से मुक्त होगा। यह मानक बासमती चावल के लिए विभिन्न पहचान और गुणवत्ता मापदंडों को भी निर्दिष्ट करते हैं जैसे कि अनाज का औसत आकार और खाना पकाने के बाद उनका बढ़ाव अनुपात, नमी की अधिकतम सीमा, एमाइलोज की सामग्री, यूरिक एसिड, दोषपूर्ण/क्षतिग्रस्त अनाज और गैर-बासमती चावल की  आकस्मिक उपस्थिति आदि।

मानकों का उद्देश्य बासमती चावल के व्यापार में उचित व्यवहार स्थापित करना और घरेलू और वैश्विक स्तर पर उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है। यह मानक 1 अगस्त, 2023 से लागू होंगे।

बासमती चावल भारतीय उपमहाद्वीप के हिमालय की तलहटी में खेती की जाने चावल की एक प्रीमियम किस्म है और सार्वभौमिक रूप से अपने लंबे अनाज के आकार, फुली हुई बनावट और अनूठी अंतर्निहित सुगंध और स्वाद के लिए जाना जाता है। बासमती चावल उगाए जाने वाले विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों की  कृषि-जलवायु परिस्थितियों के साथ ही चावल की कटाई, प्रसंस्करण और उम्र बढ़ने की विधि बासमती चावल की विशिष्टता में योगदान देती है। अपनी अनूठी गुणवत्ता विशेषताओं के कारण, बासमती चावल घरेलू और विश्व स्तर पर व्यापक रूप से खपत होने वाला चावल है और भारत इसकी वैश्विक आपूर्ति का दो तिहाई हिस्सा है।

प्रीमियम गुणवत्ता वाला चावल होने तथा गैर-बासमती किस्मों की तुलना में इसकी अधिक कीमत होने के कारण बासमती चावल में आर्थिक लाभ के लिए विभिन्न प्रकार की मिलावट की जाती है, जिसमें चावल की अन्य गैर-बासमती किस्मों का अघोषित मिश्रण शामिल हो सकता है। इसलिए घरेलू और निर्यात बाजारों में मानकीकृत वास्तविक बासमती चावल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एफएसएसएआई ने बासमती चावल के लिए नियामक मानकों को अधिसूचित किया है। यह मानक संबंधित सरकारी विभागों/एजेंसियों तथा अन्य हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करके तैयार किये गये हैं।

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