गृह मंत्रालय
वर्षांत समीक्षा 2022 : गृह मंत्रालय
महत्वपूर्ण घटनाक्रमों का सारांश
Posted On:
03 JAN 2023 12:34PM by PIB Delhi
जम्मू और कश्मीर और लद्दाख
- केन्द्रीय गृह मंत्री, श्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर नई दिल्ली में समीक्षा बैठक की (18 फरवरी, 2022)
- श्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की, जिसके कारण पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आतंक की घटनाओं में कमी आई है।
- आतंकवादी घटनाओं की संख्या 2018 में 417 थी जो 2021 में घटकर 229 हो गई, जबकि शहीद होने वाले सुरक्षा बलों के जवानों की संख्या 2018 में 91 से घटकर 2021 में 42 हो गई।
- केन्द्रीय गृह मंत्री ने निर्देश दिया कि सीमा पार से शून्य घुसपैठ सुनिश्चित करने और आतंकवाद को खत्म करने के लिए सुरक्षा ग्रिड को और मजबूत किया जाना चाहिए।
- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक में अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की (17 मई, 2022)
- श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार की प्राथमिकता है कि अमरनाथ यात्रा के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों को बिना किसी परेशानी के दर्शन हों और उन्हें किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
- अमरनाथ यात्रियों के आने-जाने, ठहरने, बिजली, पानी, संचार और स्वास्थ्य सहित सभी आवश्यक सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश
- कोविड-19 महामारी के बाद यह पहली यात्रा है और ऊंचाई अधिक होने के कारण जिन यात्रियों को कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है उनके लिए पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी
- पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर सुनिश्चित करने के साथ-साथ 6,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर पर्याप्त चिकित्सा बिस्तर और किसी भी आपातकालीन चिकित्सा स्थिति से निपटने के लिए एम्बुलेंस और हेलीकॉप्टर की तैनाती।
- केन्द्रीय गृह मंत्री, श्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर नई दिल्ली में समीक्षा बैठक की।(25 अगस्त, 2022)
- श्री अमित शाह ने अमरनाथ यात्रा के सफल आयोजन के लिए केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन के प्रयासों की सराहना की
- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने जम्मू में 1960 करोड़ रुपये की 263 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया एवं आधारशिला रखी, जिससे जम्मू-कश्मीर के लोगों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास को और गति मिलेगी।(04 अक्तूबर, 2022)
- जम्मू-कश्मीर में अब पथराव की घटनाएं नहीं हो रही हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार दृढ़ता के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है।
- जम्मू-कश्मीर में 42 हजार लोग आतंकवाद के शिकार हुए और दिल्ली में किसी ने पलक नहीं झपकाई, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद पर सुरक्षा बलों का पूरा नियंत्रण है।
- आतंकी घटनाओं में करीब 54 फीसदी, सुरक्षा बलों की मौत में 84 फीसदी और आतंकियों की भर्ती में करीब 22 फीसदी की कमी आई है।
- प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत जम्मू में 80,000 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 63 परियोजनाओं का निर्माण किया गया है, जल विद्युत में 4,287 करोड़ रुपये की लागत से कीरू परियोजना का कार्य प्रगति पर है।
- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने श्रीनगर में लगभग 2000 करोड़ रुपये की 240 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।(05 अक्टूबर, 2022)
- पहले कश्मीर में जम्हूरियत की व्याख्या केवल 3 परिवार, 87 विधायक और 6 सांसद करते थे, लेकिन श्री मोदी ने लोकतंत्र को गांव के पंच, सरपंच, बीडीसी और जिला पंचायत तक ले जाकर 30,000 लोगों को जम्हूरियत से जोड़ा है।
- पहले अनुच्छेद 370 के कारण गुर्जर-बकरवाल और पहाडिय़ों को शिक्षा, चुनाव और नौकरी में आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता था, लेकिन अब अनुच्छेद 370 हटने के बाद इन सबको आरक्षण का लाभ मिलेगा।
- तीन परिवारों के 70 साल के शासन में जम्मू-कश्मीर में सिर्फ 15,000 करोड़ रुपये का निवेश आया और श्री मोदी सिर्फ 3 साल में 56,000 करोड़ रुपये का निवेश लेकर आए।
- पहले यह आतंकवादियों का हॉटस्पॉट था और आज यह पर्यटकों का हॉटस्पॉट बन गया है, कश्मीर घाटी में पहले हर साल अधिकतम 6 लाख पर्यटक आते थे, जबकि इस साल अब तक 22 लाख पर्यटक आ चुके हैं, इससे हजारों युवाओं को रोजगार मिला है।
- केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर 05 अक्टूबर, 2022 को श्रीनगर में समीक्षा बैठक की
- गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के समृद्ध और शांतिपूर्ण जम्मू-कश्मीर के सपने को पूरा करने के लिए सुरक्षा बलों और पुलिस को सक्रिय रूप से समन्वित आतंकवाद-रोधी अभियान चलाने को कहा।
- श्री अमित शाह ने सड़कों को हिंसा से मुक्त रखने और कानून के शासन को महत्वपूर्ण रूप से बहाल करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों और केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के प्रशासन के प्रयासों की सराहना की है।
- केन्द्रीय गृह मंत्री ने निर्देश दिया कि आतंकवादियों और अलगाववादियों का भय सिरे से खत्म करना सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा ग्रिड को और मजबूत किया जाना चाहिए।
- श्री अमित शाह ने कहा कि आम आदमी की भलाई को नुकसान पहुंचाने वाले आतंकवादी-अलगाववादी अभियान को सहायता देने, उकसाने और बनाए रखने वाले वाले तत्वों के आंतक इको-सिस्टम को पूरी तरह से नष्ट करने की आवश्यकता है।
- केन्द्रीय गृह मंत्री, श्री अमित शाह ने 28 दिसम्बर 2022 को केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की सुरक्षा स्थिति और विकास पहलुओं पर एक समीक्षा बैठक की
पूर्वोत्तर
- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मणिपुर में 2,450 करोड़ रुपये के 29 विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया (06 जनवरी, 2022)
- मणिपुर ने नाकाबंदी, हिंसा, भ्रष्टाचार, बंद, नशीले पदार्थों के व्यापार की पिछली सरकारों की परम्परा से बाहर आने का सफल प्रयास किया है
- बांग्लादेश के साथ भूमि सीमा विवाद जैसी अनेक समस्याएं थीं जिन्हें समझौतों के माध्यम से सुलझाया गया, ब्रू-रियांग समझौता, बोडो समझौता, आठ विद्रोही समूहों के साथ समझौते किए गए
- लगभग 3,000 उग्रवादियों ने हथियार डाल कर समाज की मुख्यधारा में प्रवेश किया है और आज ये युवा देश के विकास में लगे हुए हैं
- पिछली सरकार में तीन आई, अस्थिरता (इनस्टेबिलिटी), उग्रवाद (इनसरजेंसी) और असमानता (इनइक्वेलेटी) थे, हमने तीनों आई को इनोवेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर और इंटीग्रेशन में बदल दिया।
- केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह ने त्रिपुरा में अगरतला में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के नए परिसर का शिलान्यास और भूमि पूजन किया।(08 मार्च, 2022)
- नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी का नॉर्थ ईस्ट में पहला कैंपस खुला है और युवाओं और लड़कियों के लिए यह एक बहुत बड़ा कदम है, यहां पढ़ाई पूरी करने के बाद उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
- यहां कई स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम होंगे, और छात्र और प्रोफेसर यहां से अध्ययन और काम भी करेंगे, और इस विश्वविद्यालय से त्रिपुरा और पूर्वोत्तर को बहुत लाभ होगा।
3. केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की उपस्थिति में, असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों ने नई दिल्ली में अंतर-राज्यीय सीमा विवाद के समाधान के लिए ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए (29 मार्च, 2022)
• बहुत कम समय में असम और मेघालय के बीच 12 में से 6 मुद्दों का समाधान हो गया है और दोनों राज्यों के बीच लगभग 70 प्रतिशत सीमा विवाद मुक्त हो गई है।
- यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के शांतिपूर्ण और समृद्ध पूर्वोत्तर के सपने को पूरा करने की दिशा में एक और मील का पत्थर है और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सक्षम मार्गदर्शन का परिणाम है।
- 2019 से 2022 तक की यात्रा पर नजर डालें तो पूर्वोत्तर में शांति स्थापित करने में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की गई जिनमें अगस्त 2019 में एनएलएफटी समझौता, 16 जनवरी 2020 को ब्रू-रियांग समझौता, 27 जनवरी 2020 को बोडो समझौता, 4 सितम्बर 2021 को कार्बी-आंगलोंग समझौता और असम-मेघालय सीमा समझौता।
- पूर्वोत्तर का विकास तब तक संभव नहीं है जब तक कि राज्यों के बीच विवादों का समाधान नहीं हो जाता और सशस्त्र समूह आत्मसमर्पण नहीं कर देते
4. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नागालैंड, असम और मणिपुर में दशकों बाद (31 मार्च, 2022) सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (एएफएसपीए) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम किया।
- पिछले तीन वर्षों के दौरान, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित विद्रोही गतिविधियों को समाप्त करने और पूर्वोत्तर में स्थायी शांति लाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
- नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड/एनके, नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड/रिफॉर्मेशन एंड नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड/के-खांगो के साथ युद्धविराम समझौते को बढ़ाया गया (20 अप्रैल, 2022)
- एनएससीएन/एनके और एनएससीएन/आर के साथ 28 अप्रैल, 2022 से 27 अप्रैल, 2023 तक और एनएससीएन/के खांगो के साथ 18 अप्रैल, 2022 से 17 अप्रैल, 2023 तक युद्धविराम समझौते को एक वर्ष की अवधि के लिए विस्तारित करने का निर्णय किया गया। इन समझौतों पर 19 अप्रैल, 2022 को हस्ताक्षर किए गए थे।
- केन्द्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में भारत सरकार, असम सरकार और आठ आदिवासी समूहों के प्रतिनिधियों के बीच ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर की अध्यक्षता की (15 सितम्बर, 2022)
- असम में आदिवासियों और चाय बागान श्रमिकों के दशकों पुराने संकट को समाप्त करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- इस समझौते के बाद असम के आदिवासी समूहों के 1,182 कैडर हथियार डालकर मुख्य धारा में शामिल हुए।
- यह समझौता चाय बागानों के तेजी से और केन्द्रित विकास को सुनिश्चित करने और सशस्त्र कैडरों के पुनर्वास और पुनर्स्थापन और चाय बागान कामगारों के कल्याण के उपायों को सुनिश्चित करने के लिए एक आदिवासी कल्याण और विकास परिषद की स्थापना का भी प्रावधान करता है।
- आदिवासी आबादी वाले गांवों/क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पांच साल की अवधि में 1,000 करोड़ रुपये (भारत सरकार और असम सरकार प्रत्येक द्वारा 500 करोड़ रुपये) का एक विशेष विकास पैकेज प्रदान किया जाएगा।
- केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह ने गुवाहाटी, असम में पूर्वोत्तर परिषद की 70वीं पूर्ण बैठक की अध्यक्षता की (09 अक्टूबर, 2022)
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- केन्द्रीय गृह मंत्री ने पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, पर्यटन, वनीकरण और कृषि के लिए एनईएसएसी का पूरा उपयोग करने का आग्रह किया।
- पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री अपने राज्यों में एनईएसएसी के अधिकतम और बेहतर उपयोग के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें।
- मणिपुर में शांति प्रक्रिया को महत्वपूर्ण तरीके से आगे बढ़ाते हुए, भारत सरकार और मणिपुर सरकार ने मणिपुर के एक विद्रोही समूह जैडयूएफ के साथ ऑपरेशन समझौते की समाप्ति पर हस्ताक्षर किए (27 दिसम्बर, 2022)
- भारत सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण और केन्द्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में पूर्वोत्तर में विद्रोही गतिविधियों को समाप्त करने और विकास को बढ़ावा देने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ)/दिल्ली पुलिस
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने पुलिस बलों के आधुनिकीकरण (एमपीएफ) की व्यापक योजना को जारी रखने की मंजूरी दी (13 फरवरी, 2022)
- यह मंजूरी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों के कामकाज में आधुनिकीकरण और सुधार के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री, श्री अमित शाह की पहल को आगे बढ़ाती है।
- 2021-22 से 2025-26 की अवधि की स्वीकृति कुल 26,275 करोड़ रुपये का केन्द्रीय वित्तीय परिव्यय प्रदान करती है।
- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस के 75वें स्थापना दिवस (16 फरवरी, 2022) को संबोधित किया
- दिल्ली पुलिस द्वारा दिखाई गई सेवा और समर्पण की भावना न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश में पुलिस बलों का मार्गदर्शन और प्रेरणा देगी।
- दिल्ली पुलिस की स्थापना आजादी के बाद देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में हुई और उसके बाद दिल्ली पुलिस ने शांति, सेवा और न्याय के आदर्श वाक्य के साथ काम करना शुरू किया।
- दिल्ली पुलिस ने समय और चुनौतियों के साथ खुद को तैयार किया है और बदला है और यही वजह है कि आज दिल्ली पुलिस का पूरे विश्व में सम्मान है।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के लिए आधुनिकीकरण योजना-IV योजना को मंजूरी दी है (04 मार्च, 2022)
- केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में 1,523 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ आधुनिकीकरण योजना-IV को गृह मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा।
- योजना के कार्यान्वयन से सीएपीएफ को समग्र परिचालन दक्षता/तैयारियों में सुधार करने में मदद मिलेगी।
- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने भोपाल, मध्य प्रदेश में 48वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया (22 अप्रैल, 2022)
- कई हथियारबंद समूह हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं, धारा 370 के हटने के बाद कश्मीर में उत्साह और विकास का एक नया युग शुरू हो गया है।
- पुलिस विभागों को 10 साल की पुलिस रणनीति को संस्थागत बनाना चाहिए और वार्षिक समीक्षा करनी चाहिए।
- देश भर की पुलिस को आपस में समन्वय बनाकर काम करना होगा।
- केन्द्रीय गृह मंत्री, श्री अमित शाह के निर्देशन में गृह मंत्रालय ने कल्याण और पुनर्वास बोर्ड (डब्ल्यूएआरबी) के माध्यम से 'सीएपीएफ पुनर्वास' की शुरूआत की है। (07 मई, 2022)
- पोर्टल निजी सुरक्षा एजेंसियों के साथ पुन: रोजगार चाहने वाले सेवानिवृत्त केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और असम राइफल्स के कर्मियों को उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्र और पसंदीदा रोजगार स्थान के साथ डब्ल्यूएआरबी वेबसाइट पर व्यक्तिगत विवरण अपलोड करके उपयुक्त मैच खोजने में मदद करेगा।
- सीएपीएफ कर्मियों और उनके परिवारों का कल्याण श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक रहा है।
- यह पहल सीएपीएफ कर्मियों के कल्याण की दिशा में एक कदम है और उनकी पुनर्वास आवश्यकताओं को पूरा करने में एक लंबा रास्ता तय करेगी।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा घोषित 'अग्निपथ योजना' की घोषणा के संदर्भ में इस योजना के तहत चार साल पूरे कर चुके 'अग्निवीरों' को केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती के लिए प्राथमिकता देने का फैसला किया है। (15 जून, 2022)
- गृह मंत्रालय (एमएचए) ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा घोषित अग्निपथ योजना के तहत चार साल पूरे करने वाले सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती के लिए 10 प्रतिशत रिक्तियों को अग्निवीरों के लिए आरक्षित करने का फैसला किया है। (18 जून, 2022)
- गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों के लिए निर्धारित आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का भी निर्णय लिया है।
- इसके अलावा, अग्निवीरों के पहले बैच के लिए, आयु में छूट निर्धारित आयु सीमा से 5 वर्ष अधिक होगी।
- केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में (19 जुलाई, 2022) केन्द्रीय पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों (सीपीटीआई) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
- केन्द्रीय गृह मंत्री ने उम्मीदों को पूरा करने, कर्तव्य की भावना और लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रभावी प्रशिक्षण प्रणाली पर जोर दिया।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए मिशन कर्मयोगी के तहत कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर और डीएसपी स्तर तक के पुलिस कर्मियों का प्रशिक्षण एक समग्र दृष्टिकोण के साथ आयोजित किया जाना चाहिए।
- सभी पुलिसकर्मियों के लिए 60 प्रतिशत प्रशिक्षण सभी के लिए सामान्य होना चाहिए, जबकि 40 प्रतिशत प्रशिक्षण बल आधारित होना चाहिए, ताकि हम अपनी प्रशिक्षण क्षमताओं का सर्वोत्तम उपयोग कर सकें।
- पुलिस बलों में आधुनिक तकनीकों के साथ-साथ देशभक्ति, फिटनेस, अनुशासन, संवेदनशीलता और आत्म-समर्पण की भावना पैदा करने की आवश्यकता है।
- केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में "सीएपीएफईआवास" वेब पोर्टल की शुरूआत की (01 सितम्बर, 2022)
- आवास संतुष्टि अनुपात (एचएसआर) 2014 में लगभग 33 प्रतिशत था, जो आज 48 प्रतिशत है, सीएपीएफ ई-आवास पोर्टल की शुरूआत से नए भवनों के निर्माण के बिना एचएसआर में 13 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
- सरकार को विश्वास है कि गृह मंत्रालय के इन सार्थक प्रयासों से नवम्बर 2024 तक एचएसआर 73 प्रतिशत हो जाएगा, जो एक बड़ी उपलब्धि होगी।
- सीएपीएफ कर्मियों के स्थानांतरण में पारदर्शिता लाने के लिए ई-ट्रांसफर सॉफ्टवेयर बनाया गया है, अब आईटीबीपी और सीआईएसएफ ने इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग प्रायोगिक तौर पर करना शुरू कर दिया है।
- 'पुलिस स्मृति दिवस' के अवसर पर केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में (21 अक्टूबर, 2022) राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर पुलिस और सीएपीएफ के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की
- देश भर में पुलिस बल देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं और यही कारण है कि देश आज विकास के पथ पर अग्रसर है।
- देश भर से 35,000 से अधिक पुलिस बल और सीएपीएफ कर्मियों ने देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है।
- 31,000 से अधिक घरों का निर्माण पूरा हो चुका है, लगभग 17,000 घर निर्माणाधीन हैं और 15,000 से अधिक अतिरिक्त घरों के निर्माण का प्रस्ताव किया जा रहा है, परिणामस्वरूप आवास संतुष्टि दर जो 2014 में 37 प्रतिशत थी, बढ़कर 60 प्रतिशत हो जाएगी।
- केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) मोबाइल ऐप 'प्रहरी' और 13 मैनुअल का संशोधित संस्करण शुरू किया (29 दिसम्बर, 2022)
- बीएसएफ का यह 'प्रहरी' ऐप अति सक्रिय शासन का एक बेहतरीन उदाहरण है, अब जवान अपने मोबाइल पर व्यक्तिगत और सेवा संबंधी जानकारी, आवास, आयुष्मान-सीएपीएफ और छुट्टी से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- चाहे वह जीपीएफ हो, बायो डाटा हो या "केन्द्रीयकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली" (सीपी-ग्राम्स) पर शिकायत निवारण हो या विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी हो, अब जवान यह सारी जानकारी ऐप के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं और यह ऐप उन्हें गृह मंत्रालय के पोर्टल से भी जोड़ेगा।
- इसके अलावा, 13 नियमावली में प्रतीक्षित संशोधन और अपडेट से संचालन, प्रशासन और प्रशिक्षण की बेहतर समझ बढ़ेगी और कार्यों में तेजी आएगी।
- देश की सीमाओं की सुरक्षा खंभों या बाड़ से नहीं की जा सकती, बल्कि सीमाओं पर खड़े जवानों के शौर्य, देशभक्ति और सतर्कता से की जा सकती है।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में जीवंत गांव (वाइब्रेंट विलेज) कार्यक्रम की शुरुआत की है। सीमा सुरक्षा बल को इस कार्यक्रम के माध्यम से गांवों में पर्यटन बढ़ाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए, गांवों को आत्मनिर्भर और सभी सुविधाओं से लैस करना चाहिए।
- सीमाओं पर सैनिकों की तैनाती के साथ ही सीमावर्ती गांवों की आबादी सुनिश्चित की जा सकती है साथ ही सीमाओं पर स्थायी सुरक्षा गांवों में रहने वाले देशभक्त नागरिकों द्वारा ही प्रदान की जा सकती है और सभी सीमा रक्षक बलों को इसे मजबूत करना होगा।
- केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कर्नाटक के देवनहल्ली में केन्द्रीय जासूस प्रशिक्षण संस्थान (सीडीटीआई) की आधारशिला रखी और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के आवासीय और प्रशासनिक परिसरों का उद्घाटन किया (31 दिसम्बर, 2022)
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने सुरक्षा बल कर्मियों, विशेष रूप से सीमा की रक्षा करने वाले बलों को नवीनतम तकनीक से लैस करने, उनके आवास संतुष्टि अनुपात को बढ़ाने और जवानों और उनके परिवारों की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रयास किए हैं।
- हमें आईटीबीपी जवानों के समर्पण पर गर्व है और हमारा मानना है कि जब तक आईटीबीपी के जवान सीमा पर तैनात हैं, भारत की सीमाएं सुरक्षित हैं।
- लोगों ने आईटीबीपी जवानों को उनकी बहादुरी और वीरता के कारण 'हिमवीर' उपनाम से नवाजा है।
- निरन्तर सामाजिक परिवर्तनों के अनुकूल होने के लिए पुलिस के लिए अनुसंधान आवश्यक है, और पुलिस और केन्द्रीय सशस्त्र बलों के लिए इस शोध को करने के लिए बीपीआरऔरडी जिम्मेदार है।
- पुलिस में प्रणालीगत और प्रक्रियात्मक सुधार की प्रक्रिया एक निरन्तर प्रक्रिया होनी चाहिए, जिसके लिए सभी पुलिस बलों को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए संस्थानों, सेमिनारों और सर्वोत्तम प्रथाओं और चुनौतियों के आदान-प्रदान के बीच सहयोग आवश्यक है।
- पुलिस को नशीले पदार्थों, नकली नोटों, हवाला कारोबार, उन्माद फैलाने वाले संगठनों, आतंकवाद, सीमावर्ती राज्यों में घुसपैठ, तटीय राज्यों में समुद्र से संबंधित समस्याओं जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और बीपीआरएंडडी बातचीत, सेमिनार और सहयोग के माध्यम से बलों के बीच सद्भाव बनाए रखने में मदद करके महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- देश को महानगरीय क्षेत्रों में चुनौतियों पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा, और परिणामों के साथ अनुसंधान और अभ्यास के माध्यम से अपनी रणनीति बदलने की आवश्यकता है क्योंकि निकट भविष्य में सिटी पुलिसिंग अधिक चुनौतीपूर्ण होने जा रही है।
- भारत के विकास की यात्रा में अच्छी कानून व्यवस्था का होना बहुत जरूरी है और पिछले 3 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने बीपीआरऔरडी के माध्यम से अनुसंधान को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए बदलाव किए हैं, जिसका परिणाम भी अब दिखने लगा है।
- सीडीटीआई का यह केन्द्र पड़ोसी राज्यों कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा और केन्द्र शासित प्रदेश दमन-दीव की फोरेंसिक जरूरतों को भी पूरा करेगा।
वामपंथी उग्रवाद
- देश में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से संबंधित हिंसा में 77 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो 2009 में 2258 घटनाओं के अब तक के उच्चतम स्तर से 2021 में 509 हो गई है। इसी तरह, परिणामी मौतों (नागरिक + सुरक्षा बलों) में अब तक 85 प्रतिशत की गिरावट आई है जो 2010 के 1005 के उच्च स्तर से 2021 में 147 हो गई। पिछले दो वर्षों में वामपंथी उग्रवादी हिंसा की घटनाओं और इसके परिणामस्वरूप होने वाली मौतों में क्रमशः 24 प्रतिशत और 27 प्रतिशत की कमी आई है। (08 फरवरी, 2022)
- भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार, 'पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था' के विषय राज्य सरकारों के पास हैं। वामपंथी उग्रवाद की समस्या के समग्र समाधान के लिए 2015 में एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना शुरू की गई। नीति में सुरक्षा संबंधी उपायों, विकास हस्तक्षेपों, अधिकारों को सुनिश्चित करने वाली एक बहु-आयामी रणनीति और स्थानीय समुदायों की पात्रता आदि की परिकल्पना की गई है। (23 मार्च 2022)
- कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों के आंतरिक क्षेत्रों से भर्ती रैली के माध्यम से सीआरपीएफ में मूल निवासी आदिवासी युवाओं को कांस्टेबल के रूप में भर्ती करने के उद्देश्य से कांस्टेबल के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता में छूट को मंजूरी दी (01 जून, 2022)
- स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी करने और इन तीन जिलों के इन आंतरिक क्षेत्रों में इस रैली के व्यापक प्रचार के लिए सभी साधनों को अपनाने के अलावा, सीआरपीएफ बाद में इन नए भर्ती प्रशिक्षुओं को परिवीक्षा अवधि के दौरान औपचारिक शिक्षा प्रदान करेगा।
- छत्तीसगढ़ राज्य के तीन जिलों बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा के आंतरिक क्षेत्रों के 400 आदिवासी युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। गृह मंत्रालय द्वारा भर्ती के लिए शारीरिक मानकों में उचित छूट भी दी जाएगी।
- देश भर में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में सुरक्षा बलों को निर्णायक जीत मिली है(21 सितम्बर, 2022)
· प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के परिणामस्वरूप पहली बार छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर स्थित 'बूढ़ापहाड़' तथा बिहार के अत्यंत दुर्गम क्षेत्र चक्रबांध और भीमाबांध में प्रवेश करके और माओवादियों को उनके गढ़ से सफलतापूर्वक खदेड़कर सुरक्षा बलों के स्थायी शिविर लगा दिए गए हैं।
· ये सभी क्षेत्र शीर्ष माओवादियों के गढ़ थे और सुरक्षा बलों ने इन स्थानों से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद, विदेशी ग्रेनेड, एयरो बम और आईईडी बरामद किए।
· केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस निर्णायक सफलता के लिए सीआरपीएफ और राज्य सुरक्षा बलों को बधाई दी और कहा कि गृह मंत्रालय वामपंथी उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को जारी रखेगा और यह लड़ाई और तेज की जाएगी।
· वर्ष 2022 में सुरक्षा बलों ने वामपंथी उग्रवादियों के खिलाफ लड़ाई में ऑपरेशन ऑक्टोपस, ऑपरेशन डबल बुल, ऑपरेशन चक्रबंध में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। छत्तीसगढ़ में 7 माओवादी मारे गए और 436 गिरफ्तार किए गए/आत्मसमर्पण किया। झारखंड में 4 माओवादी मारे गए और 120 गिरफ्तार किए गए/आत्मसमर्पण किया। बिहार में 36 माओवादियों को गिरफ्तार/आत्मसमर्पण किया गया। इसी तरह मध्य प्रदेश में सुरक्षा बलों ने 3 माओवादियों को मार गिराया।
· यह सफलता और भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि मारे गए इन माओवादियों में से अनेक को पकड़वाने के लिए लाखों-करोड़ों का इनाम था जैसे मिथिलेश महतो को पकड़वाने के लिए 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था।
राष्ट्रीय/साइबर सुरक्षा को मजबूत करना
- केन्द्रीय गृह मंत्री, श्री अमित शाह ने देश में मौजूदा खतरे के परिदृश्य और उभरती सुरक्षा चुनौतियों की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की (03 जनवरी 2022)
- आतंकवाद और वैश्विक आतंकी समूहों, आतंक के लिए वित्तीय मदद करने वालों, नार्को-आतंकवाद, संगठित-आतंकवाद, संगठित अपराध-आतंक गठजोड़, साइबर स्पेस के गैरकानूनी उपयोग और विदेशी आतंकवादी लड़ाकों के आंदोलन के निरंतर खतरों पर प्रकाश डालते हुए, गृह मंत्री ने केन्द्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय और तालमेल की आवश्यकता पर बल दिया।
- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 20 जून, 2022 को नई दिल्ली में साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल से भारत हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है, साइबर सुरक्षा के बिना राष्ट्रीय विकास की कल्पना करना आज संभव नहीं है।
- वित्त वर्ष 2022 में यूपीआई पर लेनदेन एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है और आज हम डिजिटल लेनदेन में दुनिया में पहले स्थान पर हैं।
- 2012 में, 3,377 साइबर अपराध दर्ज किए गए और 2020 में इनकी संख्या 50,000 तक पहुंच गई।
- तीन साल पहले शुरू किए गए साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर अब तक विभिन्न प्रकार की 11 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं, सोशल मीडिया अपराधों की भी दो लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं।
- केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह ने केवडिया, गुजरात में "फोरेंसिक विज्ञान क्षमताओं: समयबद्ध और वैज्ञानिक जांच के लिए सुदृढ़ीकरण" विषय पर गृह मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की (26 जून, 2022)
- बैठक में विशेष रूप से फोरेंसिक जांच पर आपराधिक न्याय प्रणाली की बढ़ती निर्भरता को ध्यान में रखते हुए देश में उपलब्ध फोरेंसिक विज्ञान क्षमताओं की समीक्षा की गई।
- केन्द्रीय गृह मंत्री ने प्रौद्योगिकी के उपयोग के मद्देनजर जांच एजेंसियों को अपराधियों से एक कदम आगे रहने की आवश्यकता पर बल दिया।
- केन्द्र की मोदी सरकार पुलिस जांच, अभियोजन और फोरेंसिक के क्षेत्र में सुधार के लिए राज्य सरकारों के साथ त्रिस्तरीय दृष्टिकोण पर काम कर रही है।
- केन्द्रीय गृह मंत्री, श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया (17 अगस्त, 2022)
- राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र के सभी पहलुओं को मजबूत करके एक भय रहित और सुरक्षित राष्ट्र सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना रही है।
- केन्द्रीय गृह मंत्री ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए मानव बुद्धिमत्ता के महत्व पर जोर दिया।
- श्री अमित शाह ने राष्ट्रीय स्वचालित फ़िंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (एनएएफआईएस) का भी उद्घाटन किया।
- केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह ने राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित किया और गांधीनगर में एनएफएसयू परिसर में विभिन्न सुविधाओं का उद्घाटन भी किया (28 अगस्त, 2022)।
- पहले गुजरात फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी और अब फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, जिस गति से यह सभी दिशाओं में प्रगति कर रहा है और जिस तरह से एक दशक के भीतर इसकी स्वीकार्यता पूरे विश्व में बढ़ रही है, यह विश्वविद्यालय विश्व में अपना नंबर वन होना सुनिश्चित करेगा।
- श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत सरकार आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य कानून में आमूल-चूल परिवर्तन कर रही है, क्योंकि स्वतंत्रता के बाद, किसी ने भी इन कानूनों को भारतीय दृष्टिकोण से नहीं देखा है।
- 6 साल से अधिक की सजा वाले सभी अपराधों में फोरेंसिक जांच और फोरेंसिक साक्ष्य को अनिवार्य और कानूनी बनाया जाएगा, प्रशिक्षित जनशक्ति की आवश्यकता होगी, और प्रशिक्षण भी देना होगा।
- फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के साथ 70 से ज्यादा देशों और कई संगठनों ने 158 से ज्यादा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जो हमारे लिए बड़े गर्व की बात है।
6. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने सूरजकुंड, हरियाणा में दो दिवसीय 'चिंतन शिविर' को संबोधित किया (27 अक्टूबर, 2022)
· दो दिवसीय चिंतन शिविर में राज्यों के मुख्यमंत्रियों, राज्यों के गृह मंत्रियों और केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों और प्रशासकों ने भाग लिया।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से प्रेरणा लेते हुए यह 'चिंतन शिविर' राष्ट्र के सामने सभी चुनौतियों का एकजुट होकर मुकाबला करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
- वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर, जो कभी हिंसा और अशांति का हॉट स्पॉट था, अब विकास का हॉट स्पॉट बन रहा है।
- साइबर अपराध आज देश और दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती है, गृह मंत्रालय इससे निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।
- 'संपूर्ण सरकार' और 'टीम इंडिया दृष्टिकोण' के तहत श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार तीन सी के दृष्टिकोण - सहयोग, समन्वय और सहयोग को बढ़ावा दे रही है।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है और निर्णायक जीत हासिल करने के लिए एनआईए और अन्य एजेंसियों को मजबूत किया जा रहा है, 2024 से पहले सभी राज्यों में एनआईए की शाखाएं स्थापित करके एक आतंकवाद विरोधी नेटवर्क बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
- केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में देश भर के गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) के अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और देश में आंतरिक सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की (09 नवम्बर 2022)
- बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई जिसमें आतंकवाद का मुकाबला, उग्रवाद से खतरे, साइबर सुरक्षा से संबंधित मुद्दों, सीमा से संबंधित पहलुओं और देश की अखंडता और स्थिरता के लिए सीमा पार के तत्वों से खतरे शामिल हैं।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार सुरक्षा के सभी पहलुओं को मजबूत कर राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवाद के साथ-साथ उसकी सहायता करने वाली प्रणाली से भी है, जब तक हम इन दोनों के खिलाफ सख्ती से नहीं लड़ेंगे, तब तक आतंकवाद पर जीत हासिल नहीं की जा सकती है।
- देश की आतंकवाद विरोधी और नशीली दवा विरोधी एजेंसियों के बीच सूचना साझा करने और संचार को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा
- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में 'मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा' पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया (30 जुलाई 2022)
- 2014 में, जब श्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तो सरकार ने नशीले पदार्थों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई और धीरे-धीरे व्यवस्था की कमियों को दूर करते हुए, नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई को अभेद्य और तेज गति की लड़ाई बना दिया।
- नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में, गृह मंत्रालय एक बहु-आयामी दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ा है, अनेक प्रशासनिक सुधार किए गए हैं और नए तरीके भी विकसित किए गए हैं और राज्यों को जोड़ने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है।
- गृह मंत्रालय ने एनसीओआरडी के माध्यम से एक समन्वय तंत्र भी बनाया है ताकि जिला स्तर तक कोई कमी न हो।
- केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जून से 15 अगस्त तक 75 दिनों का नशा उन्मूलन अभियान चल रहा है और आज हमने चार शहरों में करीब 31 हजार किलोग्राम नशीले पदार्थ नष्ट किए हैं।
- केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने गुवाहाटी, असम में 'मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा' पर सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ बैठक की अध्यक्षता की (08 अक्टूबर 2022)
- आजादी का अमृत महोत्सव में गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'नशा मुक्त भारत' के सपने को पूरा करने का दृढ़ संकल्प लिया है।
- नशीले पदार्थों के खिलाफ विशेष अभियान के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र में लगभग 40 हजार किलोग्राम नशीले पदार्थों को नष्ट किया गया।
- आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 75 हजार किलोग्राम नशीले पदार्थों को नष्ट करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अब तक 1.5 लाख किलोग्राम से अधिक नशीले पदार्थों को नष्ट किया जा चुका है, जो निर्धारित लक्ष्य के दोगुने से भी अधिक है।
- नशीली दवाओं की तस्करी एक गंभीर अपराध है और इससे निपटने के लिए सभी दवा कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों और पूर्वोत्तर राज्यों के सीमावर्ती जिलों के बीच बेहतर समन्वय आवश्यक है।
- गुवाहाटी में एनसीबी का क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किया गया है, त्रिपुरा में अगरतला और अरुणाचल प्रदेश में पासीघाट/लोअर सियांग में नए क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव है, सिक्किम से सटे क्षेत्रों के बेहतर कवरेज के लिए न्यू जलपाईगुड़ी में क्षेत्रीय कार्यालय का प्रस्ताव भी किया गया है।
- देश में ड्रग्स की समस्या और इससे निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर लोकसभा में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने नियम 193 के तहत संक्षिप्त चर्चा का जवाब दिया (21 दिसम्बर, 2022)
- मोदी सरकार की नशीले पदार्थों के व्यापार और इसके मुनाफे से आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है और सरकार इसे शून्य पर लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गृह मंत्रालय के लिए नशा मुक्त भारत का लक्ष्य रखा है और इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
- नशीले पदार्थों के खिलाफ यह लड़ाई केन्द्र, राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों को मिलकर लड़नी है।
- सीमा सुरक्षा बल, एसएसबी और असम राइफल्स, तीनों को एनडीपीएस के तहत मामले दर्ज करने का अधिकार दिया गया है, भारतीय तट रक्षक, राज्य तटीय पुलिस स्टेशनों और रेलवे सुरक्षा बल को भी सशक्त बनाया गया है।
- सुरक्षा बलों को अधिकार दिए गए हैं, लेकिन कुछ राज्यों ने कहा है कि उनकी शक्तियां छीन ली गई हैं... अगर हम अपनी एजेंसियों को अधिकार नहीं देंगे, तो वे कैसे काम कर पाएंगी? हमें अपने सुरक्षा बलों पर भरोसा रखना चाहिए, जो इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं वे मादक पदार्थों की तस्करी को समर्थन दे रहे हैं।
- नशीले पदार्थों का सेवन करने वालों के प्रति सहानुभूति होनी चाहिए, लेकिन नशीले पदार्थों के व्यापार और तस्करों को कानून के शिकंजे में लाया जाए।
- यह एक गंभीर अपराध है और हम इस लड़ाई को तब तक नहीं जीत सकते जब तक कि सहयोग, समन्वय और सहयोग न हो।
- ड्रग डीलरों के लिए एक गोल्डन ट्रायंगल और एक गोल्डन क्रिसेंट हो सकता है लेकिन हमारे और हमारे युवाओं के लिए वे डेथ ट्रायंगल और डेथ क्रिसेंट हैं, नशीले पदार्थों के खतरे के खिलाफ इस लड़ाई को जीतने के लिए दुनिया को अपना दृष्टिकोण बदलना होगा।
- नशीले पदार्थों के नेटवर्क का चार्ट भी तैयार किया गया है और राज्यों में इनके रूट और 472 जिलों में इसके नेटवर्क की मैपिंग करके राज्यों को भेजा गया है।
दिशा-निर्देशों/कानूनों में परिवर्तन
- केन्द्रीय गृह सचिव ने गृह मंत्रालय के तहत साइबर और सूचना सुरक्षा प्रभाग के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (आई4सी) की नियमावली और एक सूचना पत्र जारी किया (03 जनवरी, 2022)
- मोदी सरकार ने 2022-23 से 2025-26 की अवधि (18 फरवरी, 2022) के दौरान इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) परियोजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दी।
- केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में आईसीजेएस परियोजना का दूसरा चरण प्रभावी और आधुनिक पुलिसिंग सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम होगा।
- परियोजना 3,375 रुपये की कुल लागत से केन्द्रीय क्षेत्र की एक योजना के रूप में लागू की जाएगी।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 1,364.88 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ 31 मार्च, 2021 के बाद 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2026 तक पांच साल की अवधि के लिए अप्रवासन वीजा विदेशी पंजीकरण ट्रैकिंग (आईवीएफआरटी) योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है। (25 फरवरी, 2022)
- मोदी सरकार ने 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए अंब्रेला योजना "प्रवासियों और स्वदेश लौटने वालों के राहत और पुनर्वास" के अंतर्गत सात मौजूदा उप-योजनाओं को जारी रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। अंब्रेला योजना का कुल परिव्यय 1,452 करोड़ रुपये है।
स्वीकृति केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व वाले गृह मंत्रालय के माध्यम से अंब्रेला योजना के तहत सहायता लाभार्थियों तक पहुंचना सुनिश्चित करेगी। (02 मार्च, 2022)
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2025-26 के लिए स्वतंत्रता सैनिक सम्मान योजना (एसएसएसवाई) को जारी रखने को मंजूरी दी है।
- एसएसएसवाई को जारी रखने का प्रस्ताव केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के अधीन गृह मंत्रालय से प्राप्त हुआ था और आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को याद करने और उनसे प्रेरणा लेने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कुल वित्तीय परिव्यय 3,274.87 करोड़ रुपये होगा। (07 मार्च, 2022)
सीमा प्रबंधन
1. मोदी सरकार ने बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड मैनेजमेंट (बीआईएम) की अंब्रेला योजना 2021-22 से 2025-26 तक (21 फरवरी, 2022) तक जारी रखने का फैसला किया है।
· केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय सीमा अवसंरचना और प्रबंधन में सुधार के लिए प्रतिबद्ध
· 2021-22 से 2025-26 तक योजना की लागत 13,020 करोड़ रुपये होगी।
· बीआईएम सीमा प्रबंधन, पुलिस व्यवस्था और सीमाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए सीमा अवसंरचना को मजबूत करेगा।
2. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने गुजरात के बनासकांठा जिले के नदाबेट में सीमा दर्शन के लिए नवनिर्मित पर्यटन सुविधाओं का उद्घाटन किया (10 अप्रैल,2022)।
- यह प्रयास सफल होगा क्योंकि हमारे सीमा सुरक्षा बल के जवान अभेद्य सुरक्षा कवच के साथ सीमाओं पर हैं, आप हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं, तभी सीमाओं पर विकास संभव है।
- बीएसएफ के जवान तूफान, चिलचिलाती गर्मी, अत्यधिक ठंड के बावजूद हमारी 6,385 किलोमीटर लंबी सीमा की रक्षा कर रहे हैं, इस प्रकार कर्तव्यनिष्ठा के साथ आजीवन कर्तव्य के मंत्र को पूरा कर रहे हैं।
- पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और सीमावर्ती गांवों से पलायन की भारी समस्या दूर होगी और लोगों के यहां आने से रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे, यह सीमा के आखिरी गांव तक पहुंचने की प्रक्रिया की शुरुआत है।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का बॉर्डर टूरिज्म का बड़ा सपना, यहां बीटिंग रिट्रीट समारोह आकर्षण का केन्द्र होगा।
3. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुंदरबन के दुर्गम क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए नर्मदा, सतलुज और कावेरी फ्लोटिंग बॉर्डर आउटपोस्ट (बीओपी) का उद्घाटन किया। (05 मई, 2022)
- श्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार का मूल लक्ष्य देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को अभेद्य बनाना है।
- राजस्थान का रेगिस्तान हो, कच्छ का रण हो या पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में मगरमच्छ की घुसपैठ को रोकना हो, आपका जुनून देश को सुरक्षित रखता है।
- श्री मोदी की