विधि एवं न्‍याय मंत्रालय
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वर्षांत समीक्षा 2022: विधि कार्य विभाग


दिनांक 13 जून, 2022 की अधिसूचना द्वारा नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र स्थापित किया गया

27 मई, 2022 को विधि कार्य विभाग ने नोटरी ऑनलाइन आवेदन पोर्टल (एनओएपी) लॉन्च किया

संवैधानिक सिद्धांतों को पुनर्जीवित करने और इन्हें सशक्त बनाने के जनादेश को पूरा करने के लिए विधि और न्याय मंत्रालय ने संविधान दिवस मनाया

Posted On: 26 DEC 2022 12:48PM by PIB Delhi
  • देश के नीति निर्माताओं के लिए एक साझा मंच प्रदान करने तथा भारतीय कानून प्रणाली से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के उद्देश्य से कानून मंत्रियों और कानून सचिवों का अखिल भारतीय सम्मेलन आयोजित किया गया।

 

  • सरकार ने 7 नवंबर, 2022 को 22वें विधि आयोग के अध्यक्ष एवं पूर्णकालिक और अंशकालिक सदस्य नियुक्त किये।

 

  • वर्ष के दौरान एलआईएमबीएस पोर्टल में नई सुविधाएँ जोड़ी गईं।

 

  • 5 जुलाई, 2022 को लंदन, यूनाइटेड किंगडम में 'भारत-यूके वाणिज्यिक विवाद मध्यस्थता' विषय पर सम्मेलन। कानूनी सलाहकारों द्वारा दी गई सलाह

 

  1. विधि कार्य विभाग का प्राथमिक कार्य भारत सरकार के संदर्भित मंत्रालय/विभाग को कानूनी सलाहकार की हैसियत से सलाह देना है। इस वर्ष विभाग को कानूनी सलाह के लिए विभिन्न मंत्रालयों/विभागों से 5417 संदर्भ प्राप्त हुए। कानूनी सलाह संदर्भों के विभिन्न रूपों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालयों और अन्य न्यायिक/अर्ध-न्यायिक पीठों के समक्ष एसएलपी/समीक्षा/अपील दाखिल करने के लिए सलाह, जवाबी हलफनामों की जांच, परिसंपत्ति हस्तांतरण संबंधी मामले, राज्य विधेयकों व निजी सदस्य के विधेयक को अधिनियमित करने की क्षमता, विधायी और गैर-विधायी प्रस्तावों वाले कैबिनेट नोट तथा कानूनी जटिलताओं से जुड़े अन्य विविध संदर्भ शामिल थे।
  2. अदालती मामलों को संभालना
  • केंद्रीय एजेंसी अनुभाग (सीएएस) - केंद्रीय एजेंसी अनुभाग केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, केंद्र शासित प्रदेशों, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के कार्यालय (सीएजी) और सीएजी के अधीन सभी क्षेत्रीय कार्यालयों की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष मुकदमे संभालता है।
  • मुकदमा (उच्च न्यायालय) अनुभाग - मुकदमा (उच्च न्यायालय) अनुभाग, भारत के आयकर विभाग को छोड़कर, सरकार के सभी मंत्रालयों / विभागों की ओर से दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष मुकदमों को संभालता है। भारत संघ की ओर से संभाले जाने वाले मुकदमों के प्रकार में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 और 227 के तहत सिविल और आपराधिक रिट याचिकाएं सिविल विविध आवेदन, खंडपीठ अपील, कंपनी आवेदन, निष्पादन आवेदन और आपराधिक विविध आवेदन आदि शामिल हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय के अलावा अन्य न्यायालयों में संभाले गए और लड़े गए मामले, आम तौर पर निम्न से संबंधित हैं: - राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, औद्योगिक न्यायाधिकरण-सह-श्रम न्यायालय, एनसीएलटी, एनसीएलएटी, गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम न्यायाधिकरण), ऋण वसूली न्यायाधिकरण, ऋण वसूली अपीलीय न्यायाधिकरण, आव्रजन अपीलीय समिति, विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण, केंद्रीय सूचना आयोग, जिला उपभोक्ता अदालत, एनजीटी आदि। इस वर्ष दिनांक 30.11.2022 तक कुल 7903 कानूनी मामले प्राप्त हुए।

 

  • लिटिगेशन कैट (पीबी) दिल्ली सेल मुकदमा कैट (पीबी) दिल्ली सेल भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों से संबंधित मामलों/मुकदमे की देखभाल करती है और कैट (पीबी), दिल्ली के समक्ष भारत संघ के हितों की रक्षा के लिए अनुमोदित पैनल से वकीलों को नामित करती है। इस वर्ष कुल 92936 मुक़दमे दाखिल किये गये, जिनमें से 75449 मुकदमों में अंतिम फैसला आया तथा 17436 मुक़दमे न्यायिक निर्णय के लिए लम्बित हैं।
  • मुकदमा (निचली अदालत) अनुभाग - मुकदमा (निचली अदालत) अनुभाग, भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों की ओर से दिल्ली में विभिन्न जिला न्यायालयों, उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग/अधिकरणों के समक्ष मुकदमों को संभालता है। इस वर्ष कुल 784 मामले प्राप्त हुए, जिनमें से 15 मामलों का निपटारा किया गया और 766 मामले न्यायिक निर्णय के लिए लंबित हैं। इसके अलावा, वर्ष के दौरान 284 पैनल अधिवक्ताओं को 3 वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया गया है।

 

  1. अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक मध्यस्थता के मामलों को संभाला गया

भारत ने कई देशों के साथ द्विपक्षीय निवेश संधियों (बीआईटी) या द्विपक्षीय निवेश संवर्धन और संरक्षण समझौतों (बीआईपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। ये समझौते निवेशकों और निवेश किये गए देश के बीच विवादों के समाधान के लिए एक निवेशक राज्य विवाद समाधान (आईएसडीएस) व्यवस्था प्रदान करते हैं। 2015 में, कैबिनेट की मंजूरी के साथ, बीआईपीए/बीआईटी को समाप्त करने का निर्णय लिया गया। हालांकि, सन सेट उप-नियम के आधार पर निवेशक आईएसडीएस व्यवस्था के तहत और 10 साल की अवधि के लिए विवाद उठा सकते हैं। वर्त्तमान में, विधि कार्य विभाग द्वारा एंट्रिक्स-देवास, एंट्रिक्स-देवास वाणिज्यिक/बीआईटी मध्यस्थता, खेतान-लूप टेलीकॉम कोवेपो, जीपीआईएक्स, एस्सार, (एयरसेल) मैक्सिस कम्युनिकेशन बरहद (एमएडी), जालधी ओवरसीज जैसे विभिन्न निवेशकों से जुड़े 9 (नौ) मध्यस्थता मामलों को संभाला जा रहा है।

  1.  मध्यस्थता विधेयक, 2021

मध्यस्थता विशेष रूप से नागरिक और वाणिज्यिक विवादों के समाधान के लिए संस्थागत मध्यस्थता को बढ़ावा देने, प्रोत्साहित करने और सुविधा प्रदान करने उद्देश्य से, मध्यस्थता समाधान समझौतों को लागू करने; मध्यस्थों के पंजीकरण के लिए एक निकाय प्रदान करने; सामुदायिक मध्यस्थता को प्रोत्साहित करने तथा एक स्वीकार्य और लागत प्रभावी प्रक्रिया के रूप में ऑनलाइन मध्यस्थता करने एवं इनसे जुड़े या प्रासंगिक मामलों के लिए, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 20.12.2021 को मध्यस्थता पर एक व्यापक कानून पेश किया गया है।

विधेयक को 20.12.2021 को विभाग से संबंधित संसदीय स्थायी समिति को जांच और रिपोर्ट के लिए भेजा गया था। समिति ने 13.07.2022 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और रिपोर्ट की जांच के अनुसार, आधिकारिक संशोधन पेश करने और मध्यस्थता विधेयक, 2021 को पारित करने के लिए आगे के कदम उठाए जा रहे हैं।

 

  1. मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 और भारतीय मध्यस्थता परिषद

मध्यस्थता और सुलह (संशोधन) अधिनियम, 2019 भारतीय मध्यस्थता परिषद (परिषद) की स्थापना का प्रावधान करता है, जो मध्यस्थता के संतोषजनक स्तर को सुनिश्चित करने के लिए नियमों की रूपरेखा तैयार करेगी, इसकी समीक्षा करेगी, इसे अद्यतन करेगी तथा मध्यस्थ संस्थानों की श्रेणी को नियंत्रित करने वाली नीतियों को भी तैयार करेगी। परिषद देश के मध्यस्थ संस्थानों के बीच मानकों में एकरूपता लाने के लिए मानदंड निर्धारित करेगी। परिषद की स्थापना का उद्देश्य मध्यस्थता मामलों में न्यायालय के हस्तक्षेप को कम करना है और इसके लिए परिषद्, पक्षों को मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 11 के तहत मध्यस्थों की नियुक्ति के उद्देश्य से, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों द्वारा नामित और परिषद श्रेणीबद्ध मध्यस्थ संस्थानों से संपर्क करने की सुविधा प्रदान करती है।

परिषद की स्थापना में तेजी लाने की दृष्टि से, निम्नलिखित नियम अधिसूचित किए गए हैं:-

    1. भारतीय मध्यस्थता परिषद (नियम और शर्तें तथा अध्यक्ष और सदस्यों को देय वेतन और भत्ते) नियम, 2022;

2. भारतीय मध्यस्थता परिषद (मुख्य कार्यकारी अधिकारी की योग्यता, नियुक्ति और सेवा के अन्य नियम और शर्तें) नियम, 2022;

3. भारतीय मध्यस्थता परिषद (अंशकालिक सदस्यों को देय यात्रा और अन्य भत्ते) नियम, 2022;

    1. भारतीय मध्यस्थता परिषद (अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों की संख्या, उनकी योग्यता, नियुक्ति और अन्य नियम और शर्तें) नियम, 2022।

वर्तमान में, भारतीय मध्यस्थता परिषद की स्थापना संबंधी अन्य कार्य चल रहे हैं।

  1. वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम, 2015

वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम, 2015; उच्च न्यायालयों में वाणिज्यिक न्यायालयों, वाणिज्यिक अपीलीय न्यायालयों, वाणिज्यिक प्रभाग और वाणिज्यिक अपीलीय प्रभाग के गठन का प्रावधान करता है, ताकि निर्दिष्ट मूल्य के वाणिज्यिक विवादों और उससे जुड़े या प्रासंगिक मामलों के फैसले किये जा सकें। इस अधिनियम ने विश्व बैंक की व्यापार करने (डूइंग बिजनेस) की रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग में सुधार करने में मदद की है।

जम्मू और श्रीनगर में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के न्यायालयों को क्रमशः जम्मू और श्रीनगर के लिए वाणिज्यिक न्यायालयों के रूप में नामित किया गया है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के शेष जिलों में प्रधान जिला न्यायालयों को वाणिज्यिक न्यायालयों के रूप में नामित किया गया है। जिला न्यायाधीश स्तर से नीचे 758 वाणिज्यिक न्यायालय, जिला न्यायाधीश स्तर पर 494 वाणिज्यिक न्यायालय, जिला न्यायाधीश स्तर पर 379 वाणिज्यिक अपीलीय खंड न्यायालय गठित हैं। उच्च न्यायालयों में 25 वाणिज्यिक प्रभाग और 38 वाणिज्यिक अपीलीय प्रभाग गठित। विवरण निम्नानुसार हैं:

क्रम संख्या

उच्च न्यायालय

वाणिज्यिक न्यायालय (जिला न्यायाधीश स्तर से नीचे)

वाणिज्यिक न्यायालय (जिला न्यायाधीश स्तर)

वाणिज्यिक अपीलीय न्यायालय (जिला न्यायाधीश स्तर)

वाणिज्यिक प्रभाग

वाणिज्यिक अपीलीय प्रभाग

 

झारखंड उच्च न्यायालय

24

24

24

0

1

 

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय

शून्य

शून्य

शून्य

2

1

 

सिक्किम उच्च न्यायालय

06

06

06

लागू नहीं

01

 

दिल्ली उच्च न्यायालय ( 30.09.2022 तक )

लागू नहीं

35

लागू नहीं

9

7

  1.  

गौहाटी उच्च न्यायालय (30.09.2022 तक)

34

4

34

-

-

  1.  

मद्रास उच्च न्यायालय (30.09.2022 तक)

110

34

29

3

3

  1.  

मेघालय उच्च न्यायालय

-

1

-

-

1

  1.  

उत्तराखंड उच्च न्यायालय (30.09.2022 तक)

-

2

-

उच्च न्यायालय में खंड पीठ

उच्च न्यायालय में खंड पीठ

  1.  

पटना उच्च न्यायालय

117

37

37

2

1

  1.  

मणिपुर उच्च न्यायालय

शून्य

शून्य

शून्य

--

1

  1.  

केरल उच्च न्यायालय (31.11.2022 तक)

56

0

14

0

1

  1.  

उच्च न्यायालय कलकत्ता

लागू नहीं

4

लागू नहीं.

उच्च न्यायालय, कलकत्ता

उच्च न्यायालय, कलकत्ता

  1.  

गुजरात उच्च न्यायालय (31.11.2022 तक)

118

76

32

1

1

  1.  

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय

181

98

103

1

2

  1.  

कर्नाटक उच्च न्यायालय (30.09.2022 तक)

-

54

-

-

3

  1.  

बंबई उच्च न्यायालय (30.09.2022 तक)

101

90

88

4

4

  1.  

उच्च न्यायालय त्रिपुरा

-

9

1

-

1

  1.  

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय (30.09.2022 तक)

-

1

-

-

1

  1.  

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (01.12.2022 तक)

7

5

1

स्थापित नहीं

3

  1.  

जम्मू और कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय

अधिसूचना एलडी (ए) 2005/22-द्वितीय दिनांक: - 02.07.2019, जो कानून, न्याय और संसदीय कार्य विभाग (न्यायिक प्रशासन अनुभाग) सिविल सचिवालय, श्रीनगर / जम्मू द्वारा जारी किया गया है; जम्मू और श्रीनगर में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालतें (बैंक मामले) क्रमशः श्रीनगर और जम्मू जिलों के लिए वाणिज्यिक अदालतों के रूप में नामित किये गए हैं। केंद्र शासित प्रदेश के शेष जिलों में प्रधान जिला न्यायालयों को वाणिज्यिक न्यायालयों के रूप में नामित किया गया है। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालयों में दायर वाणिज्यिक मूल्य (> 500 करोड़ रुपये) सहित अन्य वाणिज्यिक मामले उस सप्ताह के रोस्टर के अनुसार गठित पीठों की सूची में निर्दिष्ट किये जाते हैं।

  1.  

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय

--

2

--

1

1

  1.  

उड़ीसा उच्च न्यायालय (30.09.2022 तक)

4

--

10

लागू नहीं

1

  1.  

राजस्थान उच्च न्यायालय (31.11.2022 तक)

--

12

--

--

2

 

  1. नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एनडीआईएसी)

नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र अधिनियम, 2019, संस्थागत मध्यस्थता की सुविधा के लिए एक स्वतंत्र और स्वायत्त निकाय बनाने हेतु नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र नाम से एक राष्ट्रीय महत्व की संस्था की स्थापना का प्रावधान करता है। एनडीआईएसी, अन्य बातों के साथ-साथ, सुलह और मध्यस्थता की कार्यवाही के लिए सुविधाएं और प्रशासनिक सहायता प्रदान करेगा, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर मध्यस्थों के पैनल को कायम रखेगा; मध्यस्थता, सुलह और अन्य वैकल्पिक विवाद समाधान मामलों में अनुसंधान और अध्ययन को बढ़ावा देगा, शिक्षण और प्रशिक्षण प्रदान करेगा तथा सम्मेलनों और सेमिनारों का आयोजन करेगा। केंद्र की स्थापना दिनांक 13 जून, 2022 की अधिसूचना द्वारा की गई है। केंद्र के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की जा चुकी है और जल्द ही उनके द्वारा कार्यभार संभाले जाने की संभावना है।

नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र अधिनियम, 2019 के तहत आवश्यक निम्नलिखित नियम भी केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किए गए हैं: -

  1. नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (पदों की संख्या और रजिस्ट्रार, अधिवक्ता तथा अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भर्ती) नियम, 2022;
  2. नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (नियम और शर्तें एवं अध्यक्ष और पूर्णकालिक सदस्यों को देय वेतन और भत्ते) नियम, 2022;
  3. नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (बही-खातों के वार्षिक विवरण का प्रपत्र) नियम, 2022;
  4. नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (अंशकालिक सदस्यों को देय यात्रा और अन्य भत्ते) नियम, 2022।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त अनुभवी मध्यस्थों को सूचीबद्ध करने के लिए केंद्र के अधीन मध्यस्थता चैंबर की स्थापना की जा रही है। एक पेशेवर रूप से प्रबंधित मध्यस्थता केंद्र के रूप में खुद को स्थापित करने के साथ, यह केंद्र भारत में व्यवसाय करने संबंधी निवेशकों की धारणा के लिए एक गेम-चेंजर होगा।

कानूनी शिक्षा

कानूनी शिक्षा पर दिनांक 30.04.2022 को मुख्यमंत्री एवं उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों का संयुक्त सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में माननीय प्रधानमंत्री ने मुख्य रूप से निम्नलिखित बातों पर जोर दिया:

  1. न्याय प्रणाली में देरी को कम करना।

2. न्यायपालिका में प्रौद्योगिकी का उपयोग।

3. विधि विश्वविद्यालयों में ब्लॉकचेन, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इलेक्ट्रॉनिक डिस्कवरी, साइबर-सिक्योरिटी और बायो-एथिक्स जैसे टेक्नोलॉजी टूल्स का इस्तेमाल।

4. कानूनों का सरलीकरण।

5. स्थानीय भाषाओं का प्रयोग।

6. अप्रचलित और पुराने कानूनों को समाप्त करना।

7. मामूली अपराधों के लिए जेल में बंद विचाराधीन कैदियों की रिहाई।

  1. विवादों के समाधान के लिए मध्यस्थता।

VIII. नोटरी ऑनलाइन आवेदन पोर्टल (एनओएपी)

विधि कार्य विभाग ने 27.05.2022 को एक विशेष वेब पोर्टल, नोटरी ऑनलाइन आवेदन पोर्टल (एनओएपी) लॉन्च किया। इस उपयोगकर्ता-अनुकूल पोर्टल के माध्यम से नोटरी पब्लिक के रूप में नियुक्ति के लिए योग्य उम्मीदवार अपना आवेदन ऑनलाइन जमा कर सकते हैं।

https://legalaffairs.gov.in/sites/default/files/DSC_6317.JPG

नोटरी सेल ने केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी, हिमाचल प्रदेश और गुजरात के लिए साक्षात्कार आयोजित किए। ऑनलाइन साक्षात्कार के आधार पर केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी, हिमाचल प्रदेश और गुजरात राज्यों में नोटरी के रूप में नियुक्ति के लिए घोषित सफल उम्मीदवारों की कुल संख्या क्रमश: 128, 367 और 564 है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002XL7X.jpg

      1. नोटरी नियम, 1956 में संशोधन

जीएसआर संख्या 438(ई) दिनांक 9 जून, 2022 के माध्यम से विभिन्न राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के लिए केंद्रीय सार्वजनिक नोटरी की रिक्तियों में वृद्धि की गयी है। जीएसआर संख्या 597(ई) दिनांक 22 जुलाई, 2022 के माध्यम से, नोटरी नियम, 1956 के नियम 8बी को और संशोधित किया गया है, जो केंद्र सरकार को वैधता अवधि समाप्ति के एक वर्ष के भीतर प्राप्त होने वाले कार्य प्रमाण पत्र को नवीनीकृत करने की सुविधा देता है।

      1. आयकर अपील न्यायाधिकरण (आईटीएटी)

वर्ष 2022 के दौरान, न्यायाधिकरण ने कुल 36368 अपीलों का निस्तारण किया और 39107 अपील अंतिम फैसले के लिए लंबित हैं। आईटीएटी की वेबसाइट को अपडेट किया गया है और इसे पूरी तरह कार्यात्मक बनाया गया है। ज्यूडीसिस ऐप, आईटीएटी ई-फाइलिंग पोर्टल, ई-लाइब्रेरी पोर्टल लॉन्च किया गया है। दैनिक आदेशों के ऑनलाइन प्रकाशन और सुनवाई नोटिसों के ऑनलाइन संचार के साथ कागज रहित अदालतों की अवधारणा को पेश किया गया है। आईटीएटी एपीआई को एलआईएमबीएस पोर्टल से भी जोड़ा गया है। उच्च न्यायालयों की तरह, न्यायाधिकरण परिसर में डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैं। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों (लेखाकार/न्यायिक) के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है।

XI. माननीय विधि और न्याय मंत्री श्री किरेन रीजीजू के सार्वजनिक संबोधन

  1. तमिलनाडु डॉ. अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी द्वारा 02.12.2022 को आयोजित 12वां वार्षिक दीक्षांत समारोह - माननीय विधि और न्याय मंत्री ने 02.12.2022 को तमिलनाडु डॉ. अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित 12वें वार्षिक दीक्षांत समारोह के अवसर पर अपने संबिधान में इस बात पर प्रकाश डाला कि डॉ. अम्बेडकर की दूरदर्शी दृष्टि, संविधान के सिद्धांतों के समय की कसौटी पर खरा उतरने का कारण है। सरकार अप्रचलित कानूनों की समीक्षा, न्याय प्रक्रिया में आसानी के लिए कानूनी प्रणाली में स्थानीय भाषा को शामिल करने, मध्यस्थता पर नए कानून और वाणिज्यिक अदालतों की दक्षता में सुधार जैसी विभिन्न पहलें कर रही है।

 

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  1. 25.11.2022 को संविधान दिवस समारोह का आयोजन - माननीय विधि और न्याय मंत्री ने 25.11.2022 को आयोजित संविधान दिवस समारोह के अवसर पर भाषण दिया। उन्होंने संवैधानिक सिद्धांतों को प्रमुखता देने और इन्हें मजबूत करने के जनादेश को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार किस प्रकार अप्रचलित कानूनों की समीक्षा कर रही है, सरल और स्पष्ट भाषा में कानूनों का मसौदा तैयार किये जाने की आवश्यकता है, मध्यस्थता व्यवस्था को मजबूत करने के लिए संशोधन किये जा रहे हैं, वाणिज्यिक विवादों के कानूनी निर्णय के लिए व्यवस्था की जा रही है, आदि। उन्होंने सरकार द्वारा किये गए विभिन्न सुधारों पर विचार-विमर्श किया, जो कारोबार में आसानी, जीवन यापन में आसानी को सुनिश्चित करते हैं।

 

संबंधित रिलीज़ : https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1879181

  1. 05 जुलाई, 2022 को लंदन, यूनाइटेड किंगडम में 'इंडो-यूके वाणिज्यिक विवाद मध्यस्थता' विषय पर सम्मेलन का आयोजन - फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स द्वारा विधिवत समर्थित तथा भारतीय मध्यस्थता परिषद के निमंत्रण पर माननीय विधि और न्याय मंत्री ने 5 जुलाई, 2022 को लंदन, यूनाइटेड किंगडम में 'इंडो-यूके वाणिज्यिक विवाद मध्यस्थता' विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि व्यापार, उद्योग, वाणिज्य और निवेश तभी फलते-फूलते हैं, जब राज्य-नीति, एक मजबूत विवाद समाधान तंत्र के साथ हितधारकों को एक अनुकूल कारोबारी माहौल प्रदान करती है और सरकार दोनों ही मोर्चों पर काम कर रही है। सरकार कारोबार में आसानी तथा जीवन यापन में आसानी के साथ-साथ मध्यस्थता व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कानूनों में संशोधन कर रही है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के सक्षम नेतृत्व और मार्गदर्शन में, सरकार अनुबंध प्रवर्तन और वाणिज्यिक विवाद समाधान व्यवस्था को महत्त्व देने और इसे मजबूत करने की दिशा में विभिन्न कदम उठा रही है एवं वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम, 2015 का अधिनियमन, मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 में संशोधन, नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र की स्थापना, मध्यस्थता विधेयक, 2021 की शुरुआत तथा व्यापार करने में आसानी और जीवन यापन में आसानी के लिए अप्रचलित कानूनों को हटाने जैसे विभिन्न उपाय कर रही है।

 

  1. अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों/बैठकों में विधि कार्य विभाग की भागीदारी
  1. 20वीं एससीओ महाअभियोजकों की बैठक 23 सितंबर, 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई थी, जिसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व, भारत के सॉलिसिटर जनरल श्री तुषार मेहता और डॉ अंजू राठी राणा, अतिरिक्त सचिव, विधि कार्य विभाग ने किया था। चोरी की संपत्ति वापस करने पर सभी सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग को मजबूत करने का निर्णय लिया गया।

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  1. जून 2022 में मंगोलिया में गंडान्तेग्चेनलिन मठ में भगवान बुद्ध के अवशेषों की प्रदर्शनी पर विचार-विमर्श,
  2. जुलाई 2022 में 'भारत-यूके वाणिज्यिक विवाद मध्यस्थता' पर यूके के साथ बैठकें।
  3. भारत-यूनाइटेड किंग्डन संयुक्त सलाहकार समिति और कानूनी सेवा समिति की तीसरी व्यक्तिगत बैठक 18 अगस्त 2022 को नई दिल्ली में आयोजित की गई, जिसमें डॉ. जो फर्रार, द्वितीय स्थायी सचिव, न्याय मंत्रालय, ब्रिटेन सरकार के नेतृत्व में यूके के प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। नई दिल्ली में उनके साथ न्याय मंत्रालय और ब्रिटिश उच्चायोग के वरिष्ठ अधिकारी भी थे।
  4. भारत की सार्वभौमिक आवधिक समीक्षा के चौथे चक्र में नवंबर, 2022 में स्विट्जरलैंड के साथ विचार-विमर्श हुआ।
  5. 3-4 नवंबर 2022 के दौरान सियोल, दक्षिण कोरिया में भारत और कोरिया के बीच हस्ताक्षरित एफटीए/सीईसीए की समीक्षा।
  6. लंदन में 14-25 के दौरान जीपीआईएक्स बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामले में साक्ष्य सुनवाई और वकीलों को सहायता।
  7. 5-8 दिसंबर 2022 के दौरान वाणिज्य भवन में भारत-यूरोपीय संघ एफटीए वार्ता।

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    1. 28-30 नवंबर 2022 के दौरान भारत-कनाडा एफटीए वार्ता (वर्चुअल)

2. भारत-रूस बीआईटी वार्ता।

3. भारत-ऑस्ट्रेलिया एफआरए वार्ता।

4. भारत-यूके एफटीए वार्ता।

5. भारत-यूएई बीआईटी वार्ता

6. भारत-इंडोनेशिया बीआईटी वार्ता

7. भारत-फिलीपींस बीआईटी वार्ता

  1.  एससीओ सदस्य देशों की 9वीं न्याय मंत्रियों की बैठक 9 दिसंबर, 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई, जिसमें एचएमएलजे श्री किरेन रीजीजू, एचएमओएस एस.पी बघेल, डॉ. नितेन चंद्र, विधि सचिव, श्री राजवीर सिंह वर्मा, अपर सचिव, श्री महेन्द्र खंडेलवाल, वरिष्ठ सरकारी अधिवक्ता, डॉ. एस.के. जैन, निदेशक-सह-मुख्य फोरेंसिक वैज्ञानिक, फोरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय और प्रोफेसर (डॉ.) एस.ओ. जुनारे, कैंपस डायरेक्टर, नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी, दिल्ली कैंपस के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व किया गया।

 

  1. विधि मंत्रियों और विधि सचिवों का अखिल भारतीय सम्मेलन

एक मजबूत और नागरिक-अनुकूल न्याय प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता को महसूस करते हुए और वर्ष 2047 के लिए 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' के भाग के रूप में भारत के दृष्टिकोण की परिकल्पना करते हुए, विधि मंत्रियों और विधि सचिवों का अखिल भारतीय सम्मेलन 15 और 16 अक्टूबर, 2022 को टेंट सिटी, एकता नगर, गुजरात में आयोजित किया गया था। दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी विधि और न्याय मंत्रालय द्वारा भारतीय कानूनी प्रणाली से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए राष्ट्र के नीति निर्माताओं को एक साझा मंच प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। इसकी परिकल्पना, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दृष्टि, 'सबका प्रयास' (सबका प्रयास) के आधार पर, एक नए भारत के निर्माण और हमारे लोकतंत्र के प्रत्येक अंग में समन्वय और सहयोग की भावना पैदा करने से जुड़ी थी।

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केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने हमारी कानूनी प्रणाली को और अधिक सुलभ, किफायती और नागरिक अनुकूल बनाने पर विचार-विमर्श किया। भारतीय कानूनी प्रणाली से संबंधित विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई और इसने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने सर्वोत्तम तौर-तरीकों का आदान-प्रदान करने का अवसर दिया, जो देश के नागरिकों, विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्ग के हित में देश की समग्र कानूनी प्रणाली को बेहतर बनाने में सहायक हो सकती है। इस प्रकार, एक समावेशी और जीवंत न्यू इंडिया के निर्माण के लिए नागरिकों को सशक्त बनाया जा सकता है।

  1. सरकारी कामकाज में हिन्दी का प्रयोग बढ़ा

राजभाषा के प्रयोग को बढ़ाने तथा राजभाषा नीति एवं सरकारी कामकाज में हिन्दी के प्रयोग के लिए विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के संबंध में कर्मचारियों में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभाग में दिनांक 14.09.2022 से 29.09.2022 तक हिन्दी पखवाड़े का आयोजन किया गया। विभाग में दिनांक 14.09.2022 को हिन्दी दिवस मनाया गया। ये कार्यक्रम विभिन्न योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने और हिंदी में किए गए कार्य के संदर्भ में अधिकतम परिणाम प्राप्त करने के उद्देश्य से आयोजित किये गए थे।

इस वर्ष हिंदी पखवाड़े के दौरान विभाग-कर्मियों के लिए हिंदी निबंध लेखन, हिंदी टंकण, अनुवाद, हिंदी टिप्पण और आलेखन तथा हिंदी श्रुतिलेख नामक 5 प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। सफल प्रतिभागियों को नकद पुरस्कार के साथ योग्यता प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। विभाग के बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता और मुंबई स्थित शाखा सचिवालयों तथा आयकर अपील अधिकरण के कार्यालयों में भी 'हिंदी दिवस' मनाया गया।

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  1. भारत विधि आयोग

सरकार ने 7 नवंबर, 2022 को 22वें विधि आयोग के अध्यक्ष, सदस्य, (पूर्णकालिक और अंशकालिक) नियुक्त किए। न्यायमूर्ति श्री रितु राज अवस्थी, सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश, कर्नाटक उच्च न्यायालय को अध्यक्ष नियुक्त किया गया। आयोग के अन्य पूर्णकालिक सदस्य हैं - न्यायमूर्ति श्री के.टी. शंकरन, केरल उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, (प्रो.) डॉ. आनंद पालीवाल और (प्रो.) डॉ. डी.पी. वर्मा एवं अंशकालिक सदस्य हैं - श्री एम. करुणानिधि, अधिवक्ता और (प्रो.) डॉ. राका आर्य। आयोग में विधि सचिव और विधायी सचिव नामक दो पदेन सदस्य भी शामिल हैं।

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  1. कानूनी सूचना प्रबंधन और जानकारी प्रसार प्रणाली (एलआईएमबीएस)

एलआईएमबीएस वर्जन.2, एलआईएमबीएस का उन्नत संस्करण है और इसे एनआईसी के सहयोग से वर्ष 2020 में लॉन्च किया गया था। यह उपयोगकर्ता मंत्रालयों/विभागों के लिए एक डैशबोर्ड आधारित प्रणाली है, जिस पर वे अपने वादों/मामलों को एक नज़र में देख सकते हैं। मंत्रालयों/विभागों के ठोस प्रयासों से, ऐप ने 14345 पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के माध्यम से 9.24 लाख अदालती मामलों (मामलों के निस्तारण सहित) को शामिल कर लिया है, जिससे भारत संघ से संबंधित मुकदमों का एकल-एकीकृत डेटाबेस तैयार हो गया है। ऐप में 3281 अदालतों और 22930 अधिवक्ताओं का विवरण दर्ज किया गया है।

हाल ही में, ईएसी पीएम (प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद) ने भी भारत सरकार के मुकदमों पर श्वेत पत्र तैयार करने में सुविधा के लिए एलआईएमबीएस पोर्टल तक पहुंच प्रदान की है।

वर्ष के दौरान, 162 से अधिक प्रशिक्षण/बैठक सत्र (ऑनलाइन/ऑफलाइन) आयोजित किए गए, जिनमें विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के अधिकारी/कर्मचारी शामिल हुए। एलआईएमबीएस पोर्टल, इस वर्ष बिजली के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण (एपीटीईएल), सीमा शुल्क उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (सीईएसटीएटी), आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी), राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के साथ एकीकृत हुआ।

अधिवक्ता के लिए उपस्थित होने का बिल प्रपत्र (एफएबी), मैसेज फीचर (उपयोगकर्ता पंजीकरण, सुनवाई की अगली तारीख, एडवोकेट बिल बनाना, पासवर्ड भूलना), एलआईएमबीएस फीडबैक फॉर्म, एलआईएमबीएस हेल्प फाइल्स, एलआईएमबीएस वीडियो हेल्प फाइल, एलआईएमबीएस एफएक्यू, एसएलपी के लिए ई-ऑफिस जैसी नई सुविधाएं, प्रशिक्षण और समर्थन लिंक, बहु मंत्रालय रिपोर्ट, दिल्ली उच्च न्यायालय मुकदमा मॉड्यूल, अपलोड एफिडेविट मॉड्यूल, एडवोकेट मॉड्यूल की नई विशेषताएं (मुकदमों का स्थानान्तरण, बिल विवरण, एमआईएस रिपोर्ट) आदि को इस वर्ष एलआईएमबीएस पोर्टल में जोड़ा गया है।

विधि और न्याय मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की पहली सत्र बैठक 2 अगस्त 2022 को आयोजित की गई थी, जिसमें सलाहकार समिति के समक्ष एलआईएमबीएस को प्रस्तुत किया गया था, ताकि भारत संघ के मुकदमों के प्रभावी प्रबंधन में इसके फायदों और इसकी क्षमता को प्रदर्शित किया जा सके।

XVII. सोशल मीडिया कार्यक्रम

    1. डोंग घाटी, अरुणाचल प्रदेश और नैनीताल, उत्तराखंड में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून, 2022);

2. विधि कार्य विभाग ने आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में 21 जून 2022 को डोंग घाटी, अरुणाचल प्रदेश और नैनी झील, नैनीताल, उत्तराखंड जैसे प्रमुख स्थानों पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया।

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    1. डिजिटल इंडिया सप्ताह - एनओएपी (नोटरी ऑनलाइन आवेदन पोर्टल) और कानूनी सूचना प्रबंधन और जानकारी प्रसार प्रणाली (4 जुलाई -6 जुलाई, 2022);

विधि कार्य विभाग ने नोटरी ऑनलाइन आवेदन पोर्टल (एनओए) और कानूनी सूचना प्रबंधन और जानकारी प्रसार प्रणाली (एलआईएमबीएस) को प्रदर्शित करते हुए गांधीनगर, गुजरात में डीईआईटीवाई द्वारा आयोजित डिजिटल इंडिया वीक में भाग लिया।

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    1. कोविड टीकाकरण अमृत महोत्सव (15 जुलाई, 2022)

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों/परामर्श के अनुपालन में, विधि कार्य विभाग में 5 अगस्त 2022 को एक टीकाकरण शिविर आयोजित किया गया और 224 अधिकारियों का पहली खुराक/दूसरी खुराक/एहतियाती खुराक के साथ टीकाकरण किया गया।

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    1. हर घर तिरंगा (13 अगस्त से 15 अगस्त, 2022);

विधि कार्य विभाग, विधि और न्याय मंत्रालय, भारत सरकार ने "आज़ादी का अमृत महोत्सव" मनाने के अपने विस्तारित प्रयासों के तहत, नागरिकों के मन में देशभक्ति की भावना जगाने के उद्देश्य से "हर घर तिरंगा" अभियान शुरू किया। हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए तीन श्रेणियों में प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया - निबंध, वाद-विवाद और सोशल मीडिया पर पोस्ट, जिसमें भारत भर के विधि कॉलेजों/संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों ने भाग लिया। तीनों प्रतियोगिताओं में विजेताओं को ट्रॉफी, नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।

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    1. राष्ट्रीय खेल दिवस (29 अगस्त, 2022);

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कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के निर्देशों के अनुपालन में, विधि कार्य विभाग ने हॉकी के महान खिलाडी मेजर ध्यानचंद की जयंती मनाने के क्रम में 29 अगस्त 2022 को दो खेल स्पर्धाओं, क्रिकेट मैच और बैडमिंटन मैच, का आयोजन किया।

    1. अंतर-मंत्रालय, बार एंड बेंच बैडमिंटन चैंपियनशिप (17 सितंबर, 2022);

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सहयोग से 17 और 18 सितंबर 2022 को नई दिल्ली के त्याग राज स्टेडियम में दो दिवसीय बैडमिंटन टूर्नामेंट का आयोजन किया गया।

    1. डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में हिंदी पखवाड़ा समारोह (29 सितंबर, 2022);

विधि कार्य विभाग ने 29 दिसंबर 2022 को डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में हिंदी पखवाड़ा समारोह आयोजित किया। विभाग के आधिकारिक प्रभाग द्वारा 1 सितंबर 2022 से 15 सितंबर 2022 तक विभिन्न श्रेणियों में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया और कार्यक्रम के विजेताओं को नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।

9. विधि कार्य विभाग में अक्टूबर 2022 (2 अक्टूबर, 2022) में एक विशेष अभियान 2.0 आयोजित किया गया, जिसमें फाइलों के रिकॉर्ड प्रबंधन, समीक्षा और डिजिटलीकरण के लिए विशेष अभियान चलाया गया। जगह प्रबंधन के लिए बड़ी संख्या में फाइलों को हटाया गया तथा विशेष अभियान समाप्त होने के बाद एक स्पष्ट परिवर्तन देखा गया।

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    1. आयुर्वेद @ 2047 के तहत आयुर्वेद दिवस - आजादी का अमृत काल (17 अक्टूबर, 2022);

आयुष मंत्रालय के निर्देशानुसार 10 से 17 नवंबर 2022 के दौरान आयुर्वेद दिवस का आयोजन किया गया। विधि कार्य विभाग ने आयुर्वेद @ 2047 कार्यक्रम के तहत "अनुभवों को साझा करना" विषय का चयन किया। विधि कार्य विभाग के विभिन्न अधिकारी आयुर्वेद पर अपने अनुभवों के साथ आगे आए और उनके वीडियो विभाग के आधिकारिक सोशल हैंडल पर साझा किए गए।

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    1. सतर्कता जागरूकता सप्ताह;

विधि कार्य विभाग ने केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देश के अनुसार 31 अक्टूबर से 6 नवंबर, 2022 तक "सतर्कता जागरूकता सप्ताह" मनाया। इसके अनुपालन में विभाग के अधिकारियों के लिए हिंदी में निबंध प्रतियोगिता और पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता आयोजित की गई और विजेताओं को नकद राशि और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

    1. संविधान दिवस समारोह (26 नवंबर 2022)

विधि कार्य विभाग ने 26 नवंबर 2022 को संविधान दिवस मनाने के लिए निम्नलिखित कार्यक्रमों का आयोजन किया:

  1. विभाग के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा संविधान की प्रस्तावना का वाचन।
  2. भारतीय विधि संस्थान (आईएलआई) के सहयोग से 25.11.2022 को ‘भारतीय संविधान के संवैधानिक मूल्य और मौलिक सिद्धांत’ विषय पर वेबिनार का आयोजन।
  3. भारतीय विधि संस्थान द्वारा 14 से 19 नवंबर 2022 तक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन।
  4. 8 नवंबर 2022 से शास्त्री भवन में डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से सिग्नेचर बोर्ड और संविधान के अन्य तथ्यों का प्रदर्शन।
  5. मायगॉव के सहयोग से 10 से 26 नवंबर 2022 तक भारतीय संविधान पर वर्चुअल क्विज का आयोजन।
  6. भारतीय संविधान के अनुच्छेदों को याद करने के टिप्स और ट्रिक्स 10 से 26 नवंबर 2022 तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किए गए थे।
  7. इस विभाग के अनुरोध पर 10 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों/कॉलेजों द्वारा वाद-विवाद/प्रश्नोत्तरी/टॉक शो/प्रतियोगिता आदि विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया था और तदनुसार, इस विभाग द्वारा भाग लेने वाले विधि विश्वविद्यालयों को योग्यता, प्रतिभागिता और प्रशंसा प्रमाण पत्र जारी किए गए।

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    1.  महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (25 नवंबर से 10 दिसंबर 2022)

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में, भारत को एक जीवंत राष्ट्र बनाने के क्रम में देश की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए, जहां लिंग आधारित भेदभाव का कोई स्थान नहीं होगा, माननीय केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू और माननीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने विधि कार्य विभाग, विधि और न्याय मंत्रालय के तत्वावधान में शास्त्री भवन में अधिकारियों और कर्मचारियों को संवेदनशील बनाने के लिए एक संवेदीकरण और जागरूकता कार्यशाला और नुक्कड़ नाटक के आयोजन की परिकल्पना की। कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 पर जागरूकता और संवेदीकरण कार्यशाला 6 दिसंबर 2022 को शास्त्री भवन, नई दिल्ली में आयोजित की गई। डॉ. अंजू राठी राणा, अपर सचिव ने उपस्थित लोगों के समक्ष स्वागत भाषण देकर कार्यक्रम की शुरुआत की। विधि सचिव डॉ. नितिन चंद्रा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संसाधन व्यक्ति अधिवक्ता (सुप्रीम कोर्ट) श्री शशांक शेखर का अपने संबोधन में स्वागत दिया और आपसी संवाद पर आधारित कार्यशाला की शुरुआत की। इसके अलावा, कल्चर सोसायटी, कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा 7 दिसंबर, 2022 को शास्त्री भवन में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 पर एक नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया गया, ताकि समाज में महिलाओं के प्रति समानता आधारित सम्मान की भावना और इसके प्रति जागरूकता पैदा की जा सके।

 

  1. भारतीय विधि संस्थान

भारतीय विधि संस्थान (आईएलआई) द्वारा व्याख्यान/सम्मेलन/वार्ता/सेमिनार की वेब श्रृंखला आयोजित की गयी, दो पुस्तकों का विमोचन किया गया और अन्य प्रकाशन जारी किए गए।

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