मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की वर्षांत समीक्षा 2022

Posted On: 28 DEC 2022 3:40PM by PIB Delhi

 

  1. राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम (एनएआईपी) का चौथा चरण 1 अगस्त 2022 से शुरू किया गया था, जिसके तहत 50 प्रतिशत से कम एआई कवरेज वाले 604 जिलों में कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से 3.3 करोड़ पशुओं का गर्भाधान किया गया है।
  2. राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत सहायता प्राप्त सरकारी शुक्राणु केंद्रों में 27.86 लाख लिंग क्रमबद्ध शुक्राणु तथा दुग्ध संघ, गैर सरकारी संगठन और निजी शुक्राणु केंद्रों से 31.12 लाख शुक्राणु डोज़ तैयार किये गए हैं।
  3. देश में न्यूनतम 200 मवेशियों की संख्या के झुंड आकार वाले गौवंश के लिए नस्ल गुणन फार्मों की स्थापना के उद्देश्य से निजी उद्यमियों को पूंजीगत लागत (भूमि लागत को छोड़कर) पर 50 प्रतिशत (प्रति फार्म 2 करोड़ रुपये तक) की सब्सिडी प्रदान करने का प्रस्ताव है।
  4. राष्ट्रीय दुग्ध दिवस की पूर्व संध्या पर 26 नवंबर 2022 को देश के 3 सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसानों, 3 सर्वश्रेष्ठ एआई तकनीशियनों और 3 सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समितियों को राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
  5. पशुपालन विभाग ने पशुपालन और डेयरी क्षेत्र की समस्याओं के समाधान हेतु अभिनव एवं व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य समाधानों की तलाश के लिए 2021-22 के दौरान स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 का आयोजन किया।
  6. पेशेवरों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं वाले प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के उद्देश्य से राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 26 नवंबर 2022 को इसकी आधारशिला रखी गई।
  7. वर्ष 2022 के दौरान उच्च आनुवंशिक योग्यता (एचजीएम) वाले शुक्राणुओं के वितरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल प्रारंभ किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से शुक्राणु केन्द्र रोगमुक्त एचजीएम शुक्राणुओं की मांग पूरी कर सकते हैं।

 

  1. दुनिया में पहली बार भैंसों के डीएनए आधारित चयन के लिए संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण और जीनोमिक चिप को राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत वित्त पोषण की सहायता से तैयार किया गया है। इससे स्थायी रूप से भैंसों की आबादी में 2.5 प्रतिशत अधिक आनुवंशिक लाभ हुआ है।
  2. मई 2022 को डेनमार्क के कोपेनहेगन में पशुपालन एवं डेयरी के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत सरकार के मत्स्य पालन पशुपालन और डेयरी मंत्रालय तथा डेनमार्क के खाद्य, कृषि एवं मत्स्य पालन मंत्रालय के बीच संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।
  3. डेयरी विकास योजना के राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत जनवरी 2022 से नवंबर 2022 (21 नवंबर 2022 तक) के दौरान 7 राज्यों में 14 नई परियोजनाओं को 355.25 करोड़ रुपये (244.14 करोड़ रुपये की केंद्रीय हिस्सेदारी के साथ) के कुल परिव्यय को स्वीकृति दी गई थी।
  4. देश में कृषि व पशुपालक किसानों के लिए अब तक कुल 23.70 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड स्वीकृत किए गए हैं।
  5. मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट के दौरान आयोजित अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन (आईडीएफडब्लूडीएस), 2022 में भाग लिया।
  6. केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने 7 जून 2022 को मत्स्य विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में पीएमएमएसवाई एमआईएस डैशबोर्ड लॉन्च किया। पीएमएमएसवाई एमआईएस डैशबोर्ड का उद्देश्य (i) पीएमएमएसवाई योजना की गतिविधियों की प्रभावी निगरानी और इनमें सभी भाग लेने वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में उनकी प्रगति (ii) अधिसूचित निर्णय लेने के लिए सूचना का रणनीतिक उपयोग करना है।
  7. मत्स्य विभाग द्वारा 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' के तहत कुल 9 वेबिनार आयोजित किए गए, जिनमें 6000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इन कार्यक्रमों में मत्स्य विभाग, मत्स्य पालक किसान, उद्यमी, छात्र, अनुसंधान संगठन के साथ-साथ केंद्र और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारी शामिल थे।

 

वर्ष 2022 के दौरान पशुपालन विभाग की पहल और उपलब्धियां:

ए. राष्ट्रीय गोकुल मिशन:

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत की गई नई पहल

  • कृत्रिम गर्भाधान कवरेज बढ़ाने के लिए राष्ट्रव्यापी एआई कार्यक्रम का चौथा चरण

राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम सितंबर 2019 में शुरू किया गया था और इस कार्यक्रम के तहत एआई सेवाएं किसानों के घरों पर मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती हैं। राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम (एनएआईपी) का चौथा चरण 1 अगस्त 2022 से शुरू किया गया है, जिसमें 50 प्रतिशत से कम एआई कवरेज वाले 604 जिलों में कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से 3.3 करोड़ पशुओं का गर्भाधान किया गया है। इसके तहत, 2 दिसंबर 2022 तक, 4.20 करोड़ पशुओं को कवर किया गया है, एनएआईपी के तहत 5.19 करोड़ कृत्रिम गर्भाधान किए गए तथा इससे 2.78 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं।

  • उन्नत प्रजनन तकनीकों का उपयोग करके आनुवंशिक उन्नतीकरण
  • आईवीएफ तकनीक

डेयरी किसानों के लिए मादा बछड़ों का प्रजनन करने के उद्देश्य से आईवीएफ तकनीक तथा सेक्स सॉर्टेड सीमेन के साथ कृत्रिम गर्भाधान का लाभ उठाया जा रहा है। आईवीएफ तेजी से गोवंश आबादी के आनुवंशिक उन्नतीकरण के लिए महत्वपूर्ण तकनीक है, इसके माध्यम से 7 पीढ़ियों (मवेशियों और भैंसों के मामले में 21 वर्ष) की क्षमताओं को अगली एक पीढ़ी (मवेशियों और भैंसों के मामले में 3 वर्ष) में स्थानांतरित किया जा सकता है। इस तकनीक में प्रति स्तनपान 4000 किलोग्राम दूध उत्पादन की आनुवंशिक क्षमता वाली केवल मादा बछड़ों के प्रजनन के माध्यम से इस प्रकार किसानों की आय कई गुना बढ़ जाती है। चुने गए मिल्क पॉकेट्स में 2 लाख आईवीएफ गर्भधारण स्थापित करने के लिए त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत देश में 2 लाख आईवीएफ गर्भधारण किए जाएंगे। किसानों को 5000 रुपये प्रति सुनिश्चित गर्भा की दर से सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। यह कार्यक्रम देश में पहले ही शुरू हो चुका है और इस परियोजना के तहत अब तक कुल 402 आईवीएफ भ्रूण स्थानांतरित किए गए तथा 30 गर्भधारण स्थापित किए गए। इसके अलावा 19 भ्रूण स्थानांतरण प्रौद्योगिकी (ईटीटी)/इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) प्रयोगशालाओं को क्रियाशील बनाया गया है। इन प्रयोगशालाओं से 15375 बेहतर क्षमताओं वाले भ्रूणों का उत्पादन किया गया है और भ्रूण स्थानांतरण के माध्यम से 1178 बछड़ों का जन्म हुआ है।

  • लिंग क्रमबद्ध शुक्राणु

90 प्रतिशत सटीकता के साथ मादा बछड़ों का उत्पादन करने के लिए लिंग क्रमबद्ध शुक्राणु का उपयोग करके त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम लागू किया गया है। सेक्स सॉर्टेड सीमेन के साथ एआई लेने वाले किसानों को प्रति गर्भावस्था 750 रुपये की दर से प्रोत्साहन दिया जाता है और शेष राशि का भुगतान सेक्स सॉर्टेड सीमेन के माध्यम से गर्भधारण कराने वाले किसान द्वारा पूरा किया जायेगा। अब तक, राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत सहायता प्राप्त सरकारी शुक्राणु केंद्रों में 27.86 लाख लिंग क्रमबद्ध शुक्राणु और दुग्ध संघ, गैर सरकारी संगठन तथा निजी शुक्राणु केंद्रों से 31.12 लाख शुक्राणु डोज़ तैयार किये गए हैं।

  • राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन (एनडीएलएम)

भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड के साथ "राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन" (एनडीएलएम) नाम से एक डिजिटल कार्यक्रम शुरू किया है। इससे पशुओं की उत्पादकता में सुधार करने, पशुओं एवं मनुष्यों दोनों को प्रभावित करने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने, घरेलू व निर्यात दोनों तरह के बाजारों के लिए गुणवत्तापूर्ण पशुधन सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी। एनडीएलएम पशुधन क्षेत्र के लिए एक एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र के गठन से संबंधित है। इसकी अवधारणा पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा प्रधानमंत्री के पीएसए कार्यालय के मार्गदर्शन में की गई थी।

उत्तराखंड के हरिद्वार और देहरादून जिलों में एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की गई है। इनकी शुरुआत 1 अप्रैल, 2021 से की गई थी। प्रायोगिक तौर पर इसके आरंभिक क्रियान्वयन के दौरान सभी कर्मचारियों को आईटी उपकरणों के उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया गया है और नियमित गतिविधियों के अलावा निम्नलिखित कार्यक्रमों को चालू वर्ष के दौरान क्षेत्र में सफलतापूर्वक लागू किया गया है:

    1. पशुओं के इलाज के लिए ई-पर्चे का उपयोग।

 

    1. आईएनएपीएच प्रणाली के साथ एकीकृत कॉल सेंटर एप्लिकेशन का किसानों से अनुरोध प्राप्त करने और उनके द्वारा अनुरोध की गई सेवा पूरी होने के बाद आईएनएपीएच प्रणाली के माध्यम से उन्हें बंद करने के लिए सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है।
    2. उत्तराखंड पायलट में सीरो सर्विलांस और सीरो मॉनिटरिंग (एसएस एंड एसएम) मॉड्यूल लॉन्च किया गया।
    3. कर्नाटक में एनसीडीईएक्स ई-मार्केट लिमिटेड (एनईएमएल) के साथ तालमेल के साथ भेड़ और बकरी जैसे छोटे जुगाली करने वाले पशुओं को शामिल करते हुए एक प्रायोगिक कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य डिजिटल ई-बाजारों के माध्यम से सभी गतिविधियों को संचालित करना है। छोटे जुगाली करने वाले पशुओं से संबंधित मॉड्यूल को डिजाइन करने के लिए इस आरंभिक अभ्यास का परिणाम बहुत महत्वपूर्ण है। इसी तरह से बड़े जुगाली करने वाले पशुओं के लिए विकसित व्यावहारिकता छोटे पशुओं के लिए लागू नहीं होती है, क्योंकि उनका जीवन काल बहुत कम होता है।

 

  • नस्ल गुणन फार्म

डेयरी क्षेत्र के लिए उद्यमशीलता को आकर्षित करने के लिए नस्ल गुणन फार्म भी शुरू किया गया है, और साथ ही साथ डेयरी फार्मिंग का एक हब एंड स्पोक मॉडल विकसित करने का अवसर पैदा किया गया है, जहां छोटे और सीमांत डेयरी किसान विश्वसनीय डेयरी सेवाओं के स्थानीय हब की मदद से फल-फूल सकते हैं। देश में न्यूनतम 200 मवेशियों की संख्या के झुंड आकार वाले गौवंश, केवल पहाड़ी राज्यों एवं पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर जहां यह संख्या 50 निर्धारित है, उनके लिए नस्ल गुणन फार्मों की स्थापना के उद्देश्य से निजी उद्यमियों को पूंजीगत लागत (भूमि लागत को छोड़कर) पर 50 प्रतिशत (प्रति फार्म 2 करोड़ रुपये तक) की सब्सिडी प्रदान करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, बैंक ऋण के लिए उद्यमी एएचआईडीएफ योजना के साथ जुड़कर 3 प्रतिशत का ब्याज अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। विभाग ने 2 दिसंबर 2022 तक 28 नस्ल गुणन फार्म की स्थापना के लिए सहयोग दिया है।

 

 

 

पुरस्कार और नई शुरूआत

  • राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2022

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार पशुधन और डेयरी क्षेत्र के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक है। पुरस्कार तीन श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं, अर्थात् (i) स्वदेशी मवेशी/भैंस की नस्लों का पालन-पोषण करने वाला सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान; (ii) सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) और (iii) सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी। पुरस्कार में योग्यता का प्रमाण पत्र, एक स्मृति चिन्ह और प्रत्येक श्रेणी में इस तरह से नकद राशि शामिल है: प्रथम श्रेणी वाले के लिए 5,00,000/- (पांच लाख रुपये); द्वितीय श्रेणी धारक को 3,00,000/- रुपये (तीन लाख रुपये) और फिर तीसरी श्रेणी वाले के लिए 2,00,000/- रुपये (दो लाख रुपये)। देश के 3 सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसानों, 3 सर्वश्रेष्ठ एआई तकनीशियनों तथा 3 सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समितियों को 26 नवंबर 2022 को बेंगलुरु में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस की पूर्व संध्या पर सम्मानित किया गया।

 

  • पशुपालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0

विभाग द्वारा 2021-22 के दौरान पशुपालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 के आयोजन के उद्देश्य से पशुपालन और डेयरी क्षेत्र की समस्याओं के समाधान हेतु अभिनव एवं व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य समाधानों की खोज के लिए समस्या विवरण तैयार किया गया है। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री द्वारा 26 नवंबर 2021 को स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज लॉन्च किया गया था और स्टार्टअप्स द्वारा आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2022 थी। स्टार्टअप इंडिया द्वारा विकसित पोर्टल पर स्टार्टअप्स से 250 आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हुए थे। पहली जून 2022 को विश्व दुग्ध दिवस के दौरान स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 के विजेताओं को सम्मानित किया गया। प्रत्येक समस्यात्मक क्षेत्र के लिए विजेता को 10 लाख रुपये और उपविजेता को 7 लाख रुपये नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पशुपालन ग्रैंड चैलेंज 2.0 के सभी विजेताओं को स्टार्टअप इंडिया के माध्यम से मास्टर क्लास, मेंटरशिप और इन्क्यूबेशन भी उपलब्ध कराया जाता है।

Image

Image

 

  • केंद्रीय पशु प्रजनन फार्म (सीसीबीएफ) हेसरघट्टा में आईवीएफ तकनीक का प्रदर्शन

केंद्रीय पशु प्रजनन फार्म हेसरघट्टा में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 1 नवंबर 2022 को आईवीएफ प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया गया। निविदा प्रक्रिया के माध्यम से विभाग द्वारा तैयार की गई दरों के अनुसार सेवा प्रदाताओं के माध्यम से सीसीबीएफ हेसरघट्टा से सभी इच्छुक किसानों को उनके घर पर ही आईवीएफ सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

 

  • पेशेवरों के लिए प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए आधारशिला रखना

पेशेवरों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं वाले प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के उद्देश्य से राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 26 नवंबर 2022 को इसकी आधारशिला रखी गई है। इस  प्रशिक्षण संस्थान को मार्च 2023 तक कार्यान्वित कर दिया जाएगा।

 

वर्ष 2022 की उत्कृष्ट उपलब्धि

दुनिया में पहली बार भैंसों के डीएनए आधारित चयन के लिए संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण और जीनोमिक चिप को राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत वित्त पोषण की सहायता से तैयार किया गया है। इससे स्थायी रूप से भैंसों की आबादी में 2.5 प्रतिशत अधिक आनुवंशिक लाभ हुआ है।

इस अनूठी पहल को इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन द्वारा "इनोवेशन इन रिसर्च एंड डेवलपमेंट - फार्मिंग" श्रेणी में डेयरी इनोवेशन अवार्ड 2022 से सम्मानित किया गया है।

 

ऑनलाइन पोर्टल्स

वर्ष 2022 के दौरान उच्च आनुवंशिक योग्यता (एचजीएम) वाले शुक्राणु वितरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल प्रारंभ किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से शुक्राणु केन्द्र रोगमुक्त एचजीएम शुक्राणुओं की मांग पूरी कर सकते हैं। एचजीएम शुक्राणुओं को देश के सभी शुक्राणु केंद्रों में ऑनलाइन वितरित किया जाता है। पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा वर्ष 2022 के दौरान सेक्स सॉर्टेड सीमेन के साथ कृत्रिम गर्भाधान और आईवीएफ तकनीक के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किया गया है।

 

उन्नत डेयरी राष्ट्र के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर:

पशुपालन एवं डेयरी के क्षेत्र में सहयोग के लिए डेनमार्क के कोपेनहेगन में 2 मई 2022 को भारत सरकार के मत्स्य पालन पशुपालन और डेयरी मंत्रालय तथा डेनमार्क के खाद्य, कृषि और मत्स्य पालन मंत्रालय के बीच संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं। डेयरी उद्योग में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना भी आशय की संयुक्त घोषणा का हिस्सा है।

 

डेयरी विकास योजनाएं:

1. डेयरी विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीडीडी):

प्रगति/उपलब्धियां:

एनपीडीडी योजना के तहत जनवरी 2022 से नवंबर 2022 (21 नवंबर 22 तक) के दौरान 7 राज्यों में 14 नई परियोजनाओं को 355.25 करोड़ रुपये (केंद्रीय हिस्सा 244.14 करोड़ रुपये) के कुल परिव्यय पर मंजूरी दी गई थी। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य 638 बल्क मिल्क कूलर (1491.00 हजार लीटर की क्षमता के साथ), 2990 स्वचालित दूध संग्रह इकाइयों और 1419 इलेक्ट्रॉनिक दूध मिलावट परीक्षण मशीनों की स्थापना करके ग्राम स्तर के दूध को ठंडा करने, संग्रह व परीक्षण के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है।

Image

 

डेयरी गतिविधियों में लगे डेयरी सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों का सहयोग (एसडीसीएफपीओ):

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2021-22 से 2025-26 तक एक प्रमुख योजना "इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड" के एक हिस्से  के रूप में डेयरी गतिविधियों में लगे सहायक डेयरी सहकारी समितियों एवं किसान उत्पादक संगठनों (एसडीसीएफपीओ) के कार्यान्वयन को मंजूरी दी। वर्ष 2022-23 के लिए बजटीय आवंटन 100.00 करोड़ रुपये है।

 

वास्तविक और वित्तीय प्रगति के मामले में उपलब्धि:

एनडीडीबी ने 55 दुग्ध संघों के लिए 2 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से 10588.64 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी ऋण राशि पर 151.02 करोड़ रुपये की ब्याज अनुदान राशि को स्वीकृति दी है और 156.24 करोड़ रुपये (नियमित ब्याज अनुदान के रूप में 78.84 करोड़ रुपये) जारी किए हैं तथा वर्ष 2020-21 के लिए अतिरिक्त ब्याज अनुदान राशि के रूप में 77.40 करोड़ रुपये) उपलब्ध कराए हैं।

एनडीडीबी ने वर्ष 2021-22 में 60 दुग्ध संघों के लिए 2 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से 13748.85 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी ऋण राशि पर 208.88 करोड़ रुपये की ब्याज अनुदान राशि की मंजूरी दी है। इसके अलावा 171.45 करोड़ रुपये (नियमित ब्याज अनुदान के रूप में 93.20 करोड़ रुपये और अतिरिक्त ब्याज अनुदान राशि के रूप में 78.25 करोड़ रुपये) जारी किए गए हैं।

एनडीडीबी ने वर्ष 2022-23 के लिए 23 दुग्ध संघों को 2 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से 7637.12 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी ऋण राशि पर 104.95 करोड़ रुपये की ब्याज अनुदान राशि को स्वीकृति प्रदान की है।

 

सी. पशुपालन और डेयरी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने सभी पात्र पशुपालन एवं मत्स्य किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा प्रदान करने के लिए वित्तीय सेवा विभाग के साथ मिलकर 15 नवंबर 2021 से 15 फरवरी 2022 तक "राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान" शुरू किया है। इसके बाद अभियान को 31.07.2022 तक और आगे 31.03.2023 तक बढ़ाया गया था। इस अभियान के दौरान, इकठ्ठा किए गए आवेदनों की मौके पर जांच के लिए अग्रणी जिला प्रबंधक (एलडीएम) द्वारा समन्वित किसान क्रेडिट कार्ड समन्वय समिति के सहयोग से हर सप्ताह जिला स्तरीय केसीसी शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इस अभियान के तहत 04.11.2022 तक, कुल 19,97,541 आवेदन प्राप्त हुए और इनमें से 19,28,548 आवेदन बैंकों द्वारा स्वीकार किए गए तथा 9,53,963 किसान क्रेडिट कार्ड को स्वीकृत किया गया।

 

अब तक, देश में कृषि एवं पशुपालक किसानों के लिए कुल 23.70 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड मंजूर किए गए हैं।

Image

 

डी. पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एलएचडीसीपी):

1. राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी)

इस कार्यक्रम में पात्र पशु आबादी के लिए 100 प्रतिशत कानों में टैगिंग तथा आईएनएपीएच (पशु उत्पादकता और स्वास्थ्य पोर्टल के लिए सूचना नेटवर्क) पर उनके पंजीकरण की परिकल्पना की गई है, ताकि पशुओं की बीमारियों का पता लगाने, निगरानी और नियंत्रण कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा सके। अब तक, लगभग 24.83 करोड़ मवेशियों एवं भैंसों को टैग किया जा चुका है; एफएमडी राउंड-1 में 16.91 करोड़ मवेशियों तथा भैंसों का टीकाकरण किया गया है; चालू एफएमडी चरण-2 में 13.84 करोड़ मवेशियों व भैंसों का टीकाकरण किया गया है (2022 के दौरान, कुल 9.11 करोड़ टीके लगाए गए हैं); और 1.32 करोड़ (2022 के दौरान, कुल 1.05 करोड़ टीके 4-8 महीने की उम्र के बीच गोवंश बछड़ों को लगाए गए हैं) मौजूदा ब्रुसेलोसिस टीकाकरण चरण में लगाए गए हैं।

Image

 

2. पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण (एलएचएंडडीसी) योजना

पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एलएचडीसीपी) में बजट आवंटन (बीई 1470.00 करोड़ रुपये और आरई 886.00 करोड़ रुपये) के साथ एनएडीसीपी और एलएचडीसी दोनों को शामिल किया गया है। इसमें से एलएच और डीसीपी के विभिन्न घटकों के तहत चालू वित्त वर्ष के दौरान एलएच तथा डीसीपी के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 159 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

 

ई. पशुपालन सांख्यिकी:

20वीं पशुधन गणना रिपोर्ट के अनुसार, देश में कुल पशुधन जनसंख्या और कुल पोल्ट्री क्रमशः 536.76 मिलियन तथा 851.81 मिलियन है, जो पशुधन गणना -2012 की तुलना में क्रमशः 4.8 प्रतिशत एवं 16.8 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

  • पशुधन और कुक्कुट की नस्ल-वार रिपोर्ट (20वीं पशुधन जनगणना के आधार पर) आधिकारिक तौर पर जारी की गई है। इस रिपोर्ट में 15 पशु प्रजातियों और पोल्ट्री की 184 पंजीकृत नस्लों के जनसांख्यिकीय विवरण तथा भौगोलिक वितरण शामिल हैं।
  • एकीकृत नमूना सर्वेक्षण (आईएसएस)

आईएसएस सर्वेक्षण के तहत सभी गतिविधियों को डिजिटाइज करने के लिए आईसीएआर-आईएएसआरआई के सहयोग से एक सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है, जिसमें घरों से एमएलपी डेटा एकत्र करने के लिए एक वेब पोर्टल तथा एक एंड्रॉइड एप्लिकेशन "ईएलआईएसएस" शामिल है। यह विकास एकत्रित डेटा की समयबद्धता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करेगा। 2021-22 के दौरान, आईएसएस योजना के तहत एंड्रॉइड एप्लिकेशन के माध्यम से डेटा एकत्र किया गया था।

एफ. पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ)

प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रोत्साहन पैकेज में 15000 करोड़ रुपये के पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (एएचआईडीएफ) की स्थापना के बारे में उल्लेख किया गया है। योजना को 24.06.2020 को मंजूरी दी गई थी। इसके तहत, सभी पात्र संस्थाओं को 3 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान प्रदान किया जाता है। अब तक बैंकों द्वारा 171 परियोजनाओं के लिए एएचआईडीएफ के तहत 3280.37 करोड़ रुपये के सावधि ऋण के साथ 4770.09 करोड़ रुपये मूल्य की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, इस योजना को मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित पीएमएफएमई और पीएमएसकेवाई के साथ समाहित कर दिया गया है। योजना ने लाभार्थियों को अधिक क्रेडिट प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त लाभ प्रदान किया है। इस योजना के क्रियान्वयन से मौजूदा प्रसंस्करण क्षमता में 13.14 लाख मीट्रिक टन दूध प्रसंस्करण क्षमता, 5.47 लाख मीट्रिक टन मांस प्रसंस्करण क्षमता, 34.92 लाख मीट्रिक टन पशु चारा प्रसंस्करण क्षमता बढ़ चुकी है।

 

जी. राष्ट्रीय पशुधन मिशन:

यह पहली बार है, जब केंद्र सरकार पात्र संस्थाओं जैसे व्यक्तिगत, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), किसान सहकारी संगठनों (एफसीओ), संयुक्त देयता समूहों (जेएलजी), स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) एवं धारा 8 कंपनियों को उद्यमिता विकास के उद्देश्य से ग्रामीण पोल्ट्री हैचरी, भेड़, बकरी और शूकर के लिए निजी प्रजनन फार्म तथा चारा एवं चारा प्रतिष्ठान स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन दे रही है। यह योजना भेड़, बकरी और शूकर तथा चारा बीज गुणन श्रृंखला के लिए केंद्रित नस्ल सुधार की भी परिकल्पना तैयार कर रही है।

 

एच. आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के तहत डीएएचडी की पहल

विभाग ने 1 जून, 2022 को विश्व दुग्ध दिवस पर 75 उद्यमियों का सम्मेलन और 75 स्वदेशी पशुधन नस्लों की प्रदर्शनी का आयोजन किया। 14 जुलाई, 2022 को एएचआईडीएफ योजना के माध्यम से सहायता प्राप्त उद्यमियों का एक सम्मेलन भी आयोजित किया गया। उद्यमी आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित भारत को सक्रिय करने हेतु प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

प्रायोगिक तौर पर 7 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (मध्य प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर) में "ए-हेल्प" (स्वास्थ्य व पशुधन उत्पादन के विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त एजेंट) नामक एक नई पहल शुरू की जा रही है। मध्य प्रदेश में इसे 23 जुलाई, 2022 को तथा जम्मू-कश्मीर में 11 अक्टूबर, 2022 को शुरू किया गया था।

पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने "भारत में दुग्ध क्रांति के जनक" डॉ वर्गीज कुरियन की 101 वीं जयंती मनाने के लिए "आजादी का अमृत महोत्सव" के एक भाग के रूप में 26 नवंबर, 2022 को बेंगलुरु में "राष्ट्रीय दुग्ध दिवस" का आयोजन किया, डॉ. वर्गीज कुरियन को मिल्कमैन ऑफ इंडिया के रूप में भी जाना जाता है। इस कार्यक्रम के दौरान प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2022 प्रदान किये गए। इस समारोह में कर्नाटक के विभिन्न दुग्ध संघों के 1500 से अधिक किसानों ने भाग लिया। जन सेवा केंद्रों द्वारा आयोजित 1000 ग्राम स्तरीय शिविरों के माध्यम से 50000 किसान भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय डेयरी फेडरेशन वर्ल्ड डेयरी समिट (आईडीएफ डब्लूडीएस), 2022 में भाग लिया। 12 से 15 सितंबर तक आयोजित चार दिवसीय आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 2022 की गतिविधियां उद्योग जगत के प्रमुखों, विशेषज्ञों, किसानों और नीति नियोजकों सहित वैश्विक एवं भारतीय डेयरी हितधारकों के एक सम्मेलन का हिस्सा थीं, जो 'पोषण व आजीविका के लिए डेयरी' विषय पर केंद्रित था। हितधारकों, उद्यमियों को पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाओं की सम्पूर्ण  जानकारी दी गई।

 

मत्स्य विभाग

भारत ने कई क्षेत्रों में जबरदस्त प्रगति की है, जिनके बारे में कुछ साल पहले सोचा भी नहीं गया था। ऐसा ही एक उभरता हुआ क्षेत्र मत्स्य पालन भी है, जिसे परंपरागत रूप से पूरे देश में मछुआरों के दैनिक भरण-पोषण और आजीविका के एक प्रमुख स्रोत के रूप में जाना जाता था। मत्स्य क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मत्स्य पालन क्षेत्र राष्ट्रीय आय, निर्यात, खाद्य और पोषण सुरक्षा के साथ-साथ रोजगार सृजन में योगदान देता है। मत्स्य क्षेत्र को 'सनराइज सेक्टर' के रूप में मान्यता प्राप्त है और इसने वर्ष 2015-16 से 2020-21 के दौरान 9.03 प्रतिशत (स्थिर मूल्य: 2011-12) की उत्कृष्ट वृद्धि दर का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। मत्स्य पालन और जलीय कृषि लाखों लोगों के लिए भोजन, पोषण, आय व आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

मत्स्य पालन क्षेत्र वित्त वर्ष 2021-22 में 162.48 लाख टन के रिकॉर्ड मछली उत्पादन तक पहुंच गया है और इसमें अभी भी विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसके अलावा, यह क्षेत्र भारत में विशेष रूप से वंचित तथा  कमजोर वर्गों के 28 मिलियन से अधिक लोगों की आजीविका को बनाए रखने में सहायक रहा है और इसने सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने में विशेष योगदान दिया है।

भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है, जिसकी वैश्विक उत्पादन में 8% हिस्सेदारी है और और देश के सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में लगभग 1.09 प्रतिशत तथा और कृषि जीवीए में 6.724% से अधिक का योगदान है। 2021-22 के दौरान मत्स्य क्षेत्र से निर्यात आय 57,586.48 करोड़ रुपये दर्ज की गई है। यह क्षेत्र प्राथमिक स्तर पर लगभग 280 लाख लोगों को आजीविका प्राप्त करने में सहायता प्रदान करता है और मूल्य श्रृंखला के साथ लगभग दोगुनी संख्या तथा मत्स्य पालन क्षेत्र में वार्षिक औसत विकास दर पिछले कुछ वर्षों में 7 प्रतिशथ रही है। जीव जंतुओं से मिलने वाले प्रोटीन का एक सस्ता और समृद्ध स्रोत होने के कारण मछलियों को आहार तथा पोषक तत्वों की कमी को दूर करने वाले स्वास्थ्यप्रद विकल्पों में से एक माना जाता है। इस क्षेत्र में अपने निर्यात को दोगुना करने की अपार क्षमता है, जिसके लिए यह आवश्यक है कि नीति तथा वित्तीय सहायता के माध्यम से मत्स्य पालन क्षेत्र में एक सतत, जिम्मेदार, समावेशी एवं न्यायसंगत तरीके से इसके विकास में तेजी लाने के लिए निरंतर प्रयास हों और ध्यान केंद्रित दिया जाए।

 

योजनाएं और कार्यक्रम

अ)  प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई)

पीएमएमएसवाई की शुरुआत वित्त वर्ष 2019-20 के केंद्रीय बजट में की गई थी और बाद में भारत सरकार के कोविड-19 राहत पैकेज (आत्मनिर्भर भारत पैकेज) के हिस्से के रूप में इसकी घोषणा की गई। पीएमएमएसवाई को प्रधानमंत्री द्वारा 10 सितंबर 2020 को लॉन्च किया गया था।

 

पीएमएमएसवाई के तहत प्राप्त की गई उपलब्धियां (2020-21 से 14 दिसंबर 22 तक)

      1. अंतर्देशीय मत्स्य पालन: अंतर्देशीय मत्स्य पालन के लिए 14,417.83 हेक्टेयर तालाब क्षेत्र, 2,795 बायोफ्लॉक इकाइयां और 5,000 री-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस), 24294 पिंजरे एवं जलाशय तथा अन्य जल निकायों में 394.7 हेक्टेयर घेराव; 509 मछली और 4 स्कैम्पी हैचरी, अंतर्देशीय सेलाइन-एल्कलाइन कल्चर के लिए 1,815 हेक्टेयर तालाब क्षेत्र व 12 बीज बैंक
      2. समुद्री मत्स्य पालन: 426 गहरे समुद्र में मछली पकड़ने की नौकाएं, 1027 मौजूदा मछली पकड़ने के जहाजों का उन्नतीकरण, 4250 यांत्रिक मछली पकड़ने वाले जहाजों में बायो-टॉयलेट; 1556 मत्स्य पालन के लिए खुले समुद्री पिंजरे; 5 छोटे समुद्री फिनफिश हैचरी, खारे पानी की जलीय कृषि के लिए 325 हेक्टेयर तालाब क्षेत्र और 13 खारे पानी की हैचरी
      3. मत्स्य पालक कल्याण: मछुआरों के लिए 5323 प्रतिस्थापन नौकाएं एवं जाल, मछली पकड़ने पर प्रतिबंध / कम अवधि के दौरान मत्स्य संसाधनों के संरक्षण के लिए 6,77,462 मछुआरों के परिवारों को आजीविका और पोषण संबंधी सहायता तथा 73 विस्तार एवं सहायता सेवाएं (मत्स्य सेवा केंद्र)
      4. मात्स्यिकी अवसंरचना: 354 आइस प्लांट/कोल्ड स्टोरेज, 540 फिश फीड मिल/प्लांट्स, 17535 यूनिट्स फिश ट्रांसपोर्टेशन सुविधाएं जैसे, रेफ्रिजरेटेड ट्रक (187) और इंसुलेटेड ट्रक्स (792), लाइव फिश वेंडिंग सेंटर्स (601), ऑटो रिक्शा (2867), मोटर साइकिल (8195) तथा आइस बॉक्स वाली साइकिल (4893); मत्स्य खुदरा बाजारों (186) की 5867 इकाइयां एवं सजावटी कियोस्क सहित मछली कियोस्क (5697) और 93 मूल्य वर्धित उद्यम इकाइयां
      5. जलीय स्वास्थ्य प्रबंधन: 14 रोग निदान केंद्र एवं गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं, 21 सचल मोबाइल केंद्र व परीक्षण प्रयोगशालाएं तथा 4 समुद्री रेफरल प्रयोगशालाएं
      6. सजावटी मछलियों का पालन: सजावटी मछलियों के पालन की 1690 इकाइयां और 127 एकीकृत सजावटी मछली इकाइयां (प्रजनन एवं पालन)
      7. समुद्री शैवाल की खेती: 54,500 राफ्ट तथा 63,731 मोनोलाइन ट्यूबनेट स्वीकृत
      8. पूर्वोत्तर क्षेत्रों में विकास: 824.03 करोड़ रुपये की लागत वाली कुल परियोजना को 445.69 करोड़ रुपये की केंद्रीय हिस्सेदारी के साथ मंजूरी दी गई। 160 हैचरी, एकीकृत मछली पालन के लिए 2699.35 हेक्टेयर, 146 री-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस), 480 सजावटी मछलियों के पालन की इकाइयां, 440 बायोफ्लॉक इकाइयां, 3353.2 हेक्टेयर में नए तालाब व 106 फीड मिल का निर्माण
      9. अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियां: 2489 सागर मित्र

Image 

 

ख) मत्स्य अवसंरचना विकास निधि

मत्स्य विभाग एफआईडीएफ के तहत एनएलई द्वारा 5 प्रतिशत प्रति वर्ष से कम ब्याज दर पर रियायती धनराशि प्रदान करने के लिए 3 प्रतिशत प्रति वर्ष तक ब्याज अनुदान प्रदान करता है। एफआईडीएफ के तहत ऋण देने की अवधि 2018-19 से 2022-23 तक पांच वर्ष है और ऋण चुकाने की अधिकतम अवधि 12 वर्ष है, जिसमें मूलधन के पुनर्भुगतान पर 2 वर्ष का विलंब काल भी शामिल है।

एफआईडीएफ के तहत, अब तक 5,285.45 करोड़ रुपये के 110 प्रस्तावों की परियोजना लागत के साथ 3,441.01 करोड़ रुपये के ब्याज अनुदान के लिए रखा गया है, जिसमें निजी लाभार्थियों के प्रस्तावों सहित विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को इसकी सिफारिश की गई है।

ये प्रस्ताव आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, मिजोरम, पश्चिम बंगाल, असम, लक्षद्वीप, गुजरात, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, अंडमान और निकोबार, केरल, त्रिपुरा, गोवा तथा बिहार जैसे कुल 21 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त हुए हैं।

Image

 

स) किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी)

इस अभियान के दौरान, इकठ्ठा किए गए आवेदनों की मौके पर जांच के लिए अग्रणी जिला प्रबंधक (एलडीएम) द्वारा समन्वित किसान क्रेडिट कार्ड समन्वय समिति के सहयोग से हर सप्ताह जिला स्तरीय केसीसी शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। दिनांक 09.12.2022 तक कुल 1,21,450 किसान क्रेडिट कार्ड मछुआरों एवं मत्स्य पालकों को जारी किए जा चुके हैं।

Image 

 

बजट घोषणाएं

ए.  तमिलनाडु में एकीकृत बहुउद्देश्यीय समुद्री शैवाल पार्क

मत्स्य विभाग (भारत सरकार) ने पीएमएमएसवाई के तहत 127.71 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ तमिलनाडु राज्य सरकार से प्राप्त बहुउद्देशीय समुद्री शैवाल पार्क की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और फंड जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। इस परियोजना का उद्देश्य समुद्री शैवाल किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री की आपूर्ति करना, नई उत्पाद श्रृंखलाओं को विकसित करने के लिए उत्पाद नवाचार प्रयोगशाला, जल तथा समुद्री शैवाल उत्पादों के गुणवत्ता परीक्षण के लिए परीक्षण सुविधा के साथ-साथ उद्यमियों एवं प्रोसेसरों के लिए एकल खिड़की सहायता सहयोग प्रदान करना है।

बी. आर्थिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में 5 प्रमुख मत्स्य बंदरगाहों का विकास

केंद्रीय बजट घोषणा 2021-22 के अनुसार, पारादीप, चेन्नई, कोचीन और विशाखापत्तनम के 4 मछली पकड़ने के बंदरगाहों के आधुनिकीकरण तथा मैलेट बंडर मछली पकड़ने के बंदरगाह के विकास को कुल 615.28 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृति प्रदान की गई है।

 

योजना से संबंधित प्रमुख कार्यक्रम/विशेषताएं

ए. मत्स्य विभाग (भारत सरकार) ने 21 नवंबर 2022 को दमन के स्वामी विवेकानंद ऑडिटोरियम में 'विश्व मत्स्य पालन दिवस' मनाया। भारत सरकार ने पिछले तीन वर्षों 2019-20 से 2021-22 के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों/जिलों व अंतर्देशीय, समुद्री, पहाड़ी तथा पूर्वोत्तर, अंतर्देशीय एवं समुद्री क्षेत्र आदि के लिए सर्वश्रेष्ठ जिले की श्रेणियां प्रदान कीं। कार्यक्रम के दौरान, सागर परिक्रमा, एसएसएस: इंडिया @ 75 - "भारतीय मत्स्य पालन से जुड़ी सफलता की 100 कहानियों" पर गीत, पोस्टर और अन्य पाठ्य प्रकाशन प्रारंभ किए गए। इसके अतिरिक्त, संस्थानों/सरकारी संगठनों/निजी क्षेत्र द्वारा विकसित विभिन्न तकनीकों का प्रदर्शन किया गया।

बी. मत्स्य विभाग पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय योजना का पूर्ण समर्थन करता है, जो कि मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देता है, जिसके तहत विभिन्न एजेंसियों में मौजूदा व प्रस्तावित बुनियादी ढांचे के केंद्रित एकीकरण के साथ बेहतर रसद दक्षता और कम रसद लागत के माध्यम से "पहले तथा अंतिम छोर की कनेक्टिविटी" सुनिश्चित करके एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण लाने की परिकल्पना करता है। भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा 27 अक्टूबर 2022 को मत्स्य विभाग (जीओआई) के अधिकारियों के लिए "प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण के उद्देश्य से पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान" पर एक कार्यशाला भी आयोजित की गई थी।

सी. भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत मत्स्य विभागद्वारा जारी राजपत्र अधिसूचना संख्या जीएसआर 216 (ई) दिनांक 15 मार्च 2022 के माध्यम से सीएए नियमों में संशोधन किया गया था, ताकि तटीय एक्वाकल्चर फार्म के पंजीकरण के लिए प्रक्रिया को सरल बनाकर और कृषि पंजीकरण आवेदन प्राप्त करने तथा डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित लाइसेंस प्रमाणपत्र जारी करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाने के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की सुविधा प्रदान की जा सके।

डी. मत्स्य पालन पर भारत-श्रीलंका संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की पांचवीं बैठक 25 मार्च 2022 को वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई थी। जेडब्ल्यूजी ने मत्स्य पालकों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं से संबंधित चिंताओं और पाल्क खाड़ी में मत्स्य पालन की उत्पादकता बढ़ाने के लिए संयुक्त अनुसंधान सहित सभी प्रासंगिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।

ई. केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री की अध्यक्षता में 19 अप्रैल 2022 को गुजरात के केवडिया में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा भारत सरकार की पहली द्विवार्षिक ग्रीष्मकालीन सम्मेलन  का आयोजन किया गया था। इस बैठक में विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रियों के साथ-साथ अधिकारियों ने भाग लिया तथा इस दौरान देश में पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए क्षेत्र विशिष्ट टिप्पणियों/सुझावों/मांगों पर संक्षेप में चर्चा की गई।

एफ. व्यय वित्त समिति (ईएफसी) ने 10 मई, 2022 को अपनी बैठक में 3,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ "मत्स्य पालन क्षेत्र कोविड-19 कार्रवाई एवं पुनर्प्राप्ति परियोजना" नामक कार्यक्रम के लिए इस विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी और इसे पीएमएमएसवाई के तहत उप-योजना के रूप में विश्व बैंक तथा एएफडी द्वारा वित्तीय सहयोग दिया जाना सुनिश्चित है। यह परियोजना मत्स्य पालन क्षेत्र में सुरक्षित विपणन प्रथाओं के माध्यम से वित्तीय समावेशन करने, जोखिम घटाने, सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा देने और घरेलू बाजार के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करेगी। विभाग इसके अनुमोदन के लिए कैबिनेट नोट जारी करने की प्रक्रिया में है।

जी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में मत्स्य विभाग ने 12 से 17 जून, 2022 तक जिनेवा में आयोजित विश्व व्यापार संगठन के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लिया और 17 जून 2022 को मत्स्य सब्सिडी पर ऐतिहासिक समझौते को अपनाने के लिए अग्रणी विभिन्न बहुपक्षीय मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने तथा आम सहमति विकसित करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम किया।

एच. विभाग ने 10 सितंबर, 2022 को नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के लॉन्च की दूसरी वर्षगांठ मनाई। इस कार्यक्रम में मछुआरों, मछली किसानों और अन्य हितधारकों के साथ-साथ राज्य मत्स्य विभागों के अधिकारियों एवं विभिन्न शोध संस्थानों व संगठनों के वैज्ञानिकों तथा विद्वानों ने भाग लिया।

आई. विभाग ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए 70 दिनों के 'स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर' अभियान में हिस्सा लिया। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने 17 सितंबर, 2022 को गुजरात के अमरेली जिले में तटीय सफाई कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा 12,000 स्वयंसेवकों के साथ जाफराबाद-राजुला तट के 55 किलोमीटर की दूरी पर 6 चिन्हित बिंदुओं पर तटीय सफाई का आयोजन किया गया। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री के नेतृत्व में 5000 प्रतिभागियों के साथ चेन्नई में बसंत नगर बीच पर इसी तरह का कार्यक्रम आयोजित किया गया था: स्वच्छ समुद्र तटों पर जागरूकता फैलाने के लिए 6 किलोमीटर की एक मिनी मैराथन दौड़ भी आयोजित की गई।

जे. सागर परिक्रमा-2022 के दूसरे चरण का आयोजन 22 से 25 सितंबर, 2022 के दौरान गुजरात तट पर मंगरोल से शुरू होकर रास्ते में 7 स्थानों को कवर करते हुए किया गया था। इस कार्यक्रम में संबंधित तटीय गांवों के 35,000 से अधिक निवासियों एवं मछुआरों के साथ बातचीत हुई और उनके सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा की गई।

के. एमपीईडीए-आरजीसीए को 12.25 करोड़ रुपये की लागत से स्वदेशी तकनीक का उपयोग कर पी मोनोडॉन (टाइगर श्रिम्प) के लिए ब्रूडस्टॉक मल्टीप्लिकेशन केंद्र स्थापित करने की स्वीकृति दी गई। ऐसी आशा व्यक्त की गई है कि इस केंद्र (बीएमसी) के चालू होने से देश पी. मोनोडॉन के मामले में झींगा ब्रूडस्टॉक की आपूर्ति में आत्मनिर्भर हो जाएगा।

एल. केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने 7 जून 2022 को मत्स्य विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में पीएमएमएसवाई एमआईएस डैशबोर्ड लॉन्च किया। पीएमएमएसवाई एमआईएस डैशबोर्ड का उद्देश्य (i) पीएमएमएसवाई योजना की गतिविधियों की प्रभावी निगरानी और इनमें सभी भाग लेने वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में उनकी प्रगति (ii) सूचित निर्णय लेने के लिए सूचना का रणनीतिक उपयोग करना है।

एम. मत्स्य विभाग द्वारा 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' के तहत कुल 9 वेबिनार आयोजित किए गए, जिनमें 6000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इन कार्यक्रमों में मत्स्य विभाग, मत्स्य पालक किसान, उद्यमी, छात्र, अनुसंधान संगठन के साथ-साथ केंद्र तथा राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारी शामिल थे।

Image 

********

एमजी/एएम/एनके/डीवी



(Release ID: 1887325) Visitor Counter : 1395