स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
डॉ. मनसुख मांडविया ने वैश्विक स्तर पर कोविड-19 मामलों की हालिया बढ़ोतरी को देखते हुए इसके प्रबंधन को लेकर सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारी और कोविड-19 टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा के लिए राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की
राज्यों को सचेत रहने और कोविड-19 प्रबंधन के लिए पूरी तैयारी रखने की सलाह दी गई
केंद्र और राज्यों को उसी तरह सहभागिता की भावना के साथ काम करने की जरूरत है, जैसा कि हमने पिछली लहर के दौरान किया: डॉ. मनसुख मांडविया
“कोविड प्रबंधन के लिए परीक्षण-पता लगाना-उपचार-टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार का अनुपालन परीक्षित रणनीति बनी हुई है"
राज्यों को निगरानी प्रणाली मजबूत करने, परीक्षण बढ़ाने और अस्पताल के बुनियादी ढांचे की तैयारी सुनिश्चित करने की सलाह दी गई
Posted On:
23 DEC 2022 5:39PM by PIB Delhi
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों व प्रमुख सचिवों/अतिरिक्त मुख्य सचिवों और सूचना आयुक्तों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने कहा, "केंद्र व राज्यों को एक साथ मिलकर और सहयोगात्मक भावना से उसी तरह काम करने की जरूरत है, जैसा कि कोविड-19 रोकथाम और प्रबंधन को लेकर पिछली लहर के दौरान किया गया था।" इस वर्चुअल बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल भी उपस्थित थे। यह बैठक चीन, जापान, ब्राजील और अमेरिका जैसे कुछ देशों में संक्रमित मामलों की संख्या में आए हालिया उछाल के मद्देनजर कोविड-19 की रोकथाम व प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों और राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान की प्रगति की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई थी।
इस उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक में पुडुचेरी के मुख्यमंत्री श्री एन रंगास्वामी, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. माणिक साहा, जम्मू और कश्मीर के उप राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा, उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री श्री धन सिंह रावत, असम के स्वास्थ्य मंत्री श्री केशब महंत, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता, मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री श्री एस चेतन सिंह, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस देव, मणिपुर के स्वास्थ्य मंत्री श्री सपम रंजन सिंह, हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज, तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री श्री थिरू मा सुब्रमण्यम, आंध्र प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती विदादाला रजनी, केरल की स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती वीणा जॉर्ज, पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती चंद्रिमा भट्टाचार्य और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने हिस्सा लिया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बीते कल यानी 22 दिसंबर, 2022 को आयोजित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में दिए गए माननीय प्रधानमंत्री के संदेश का उल्लेख किया और राज्यों को सतर्क रहने व कोविड- 19 प्रबंधन के लिए सभी तैयारियां रखने की सलाह दी। उस बैठक में राज्यों से पहले से अधिकृत और सक्रिय दृष्टिकोण को जारी रखने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि वे भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) नेटवर्क के माध्यम से वेरिएंट को मालूम करने के लिए संक्रमित मामलों के नमूने के पूरे जीनोम सिक्वेंसिंग (अनुक्रमण) के लिए निगरानी प्रणाली को मजबूत करें, जिससे देश में चल रहे नए वेरिएंट, अगर कोई हो तो उसका सही समय पर पता लगाया जा सके। इसके अलावा स्वास्थ्य सुविधा-आधारित प्रहरी निगरानी, पैन-रेस्पिरेटरी वायरस निगरानी, समुदाय आधारित निगरानी और सीवेज/अपशिष्ट जल निगरानी पर ध्यान केंद्रित किया जाना है। उन्होंने "सामूहिक रूप से प्रणाली को फिर से मजबूत करने और आत्म-संतुष्टि और थकान की भावना को दूर करने की जरूरत" को रेखांकित किया।
डॉ. मांडविया ने कहा कि नए कोविड वेरिएंट के बावजूद 'परीक्षण-पता लगाना-उपचार-टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार का अनुपालन' कोविड प्रबंधन के लिए जांची हुई रणनीति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इससे उचित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने में सुविधा होगी। इसके अलावा राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से भी अनुरोध किया गया कि वे 22 दिसंबर, 2022 को समाप्त सप्ताह तक हर 10 लाख लोगों पर 79 परीक्षणों की मौजूदा परीक्षण दर में तेजी से बढ़ोतरी करें। साथ ही, इन परीक्षणों में आरटी-पीसीआर की हिस्सेदारी बढ़ाने की सलाह दी गई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी कि वे सभी योग्य लोगों, विशेष रूप से वृद्धजनों व कमजोर प्रतिरक्षा वाले जनसंख्या समूह के टीकाकरण में तेजी लाएं। उन्होंने गलत सूचना के फैलने को लेकर सावधान किया और समयबद्ध तरीके से तथ्यात्मक रूप से सही जानकारी का प्रसार सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने आगामी त्योहारी मौसम को देखते हुए कोविड उपयुक्त व्यवहार के अनुपालन के संबंध में जन जागरूकता अभियानों के महत्व पर जोर दिया। डॉ. मांडविया ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से सभी बुनियादी ढांचे की तैयारियों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी व समीक्षा करने और जरूरी दवाओं के पर्याप्त स्टॉक को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।
इस बैठक में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को वैश्विक कोविड-19 स्थिति और घरेलू परिदृश्य के बारे में जानकारी दी गई। इसके अलावा इस बात को दोहराया गया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जून, 2022 में "कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशानिर्देश" पहले ही जारी कर दिया है। यह नए सार्स-सीओवी-2 वेरिएंट्स के प्रकोप का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए संदिग्ध व संक्रमित मामलों का शीघ्र पता लगाने, अलगाव, परीक्षण और समय पर प्रबंधन को निर्देशित करता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से इसका प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। इसके अलावा बैठक के दौरान अस्पतालों के बुनियादी ढांचे में सुधार व परीक्षण को बढ़ाने सहित कोविड प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक और विस्तृत चर्चा हुई।
वहीं, राज्यों ने माननीय प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में सही समय पर बुलाई गई समीक्षा बैठकों और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह की सराहना की। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे कोविड-19 की प्रभावी रोकथाम और प्रबंधन के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम करेंगे। उन्होंने बताया कि वे सावधानी रख रहे हैं और मौजूदा स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। इसके अलावा राज्यों ने यह भी आश्वासन दिया कि वे 27 दिसंबर, 2022 को अस्पताल के बुनियादी ढांचे की तैयारी के लिए मॉक ड्रिल (छद्म अभ्यास) आयोजित करेंगे।
इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. मनोहर अगनानी, अतिरिक्त सचिव श्री लव अग्रवाल, संयुक्त सचिव श्री मनदीप भंडारी, डीजीएसएस डॉ. अतुल गोयल और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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एमजी/एएम/एचकेपी/वाईबी
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