जल शक्ति मंत्रालय

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने स्वच्छ भारत मिशन - ग्रामीण और जल जीवन मिशन के कार्यक्रम में भाग लिया और पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया


केन्‍द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्‍द्र सिंह शेखावत ने राष्ट्रपति को स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 और जेजेएम कार्यात्मकता मूल्यांकन 2022 की पहली प्रति भेंट की

Posted On: 02 OCT 2022 7:54PM by PIB Delhi

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने स्वच्छता की प्रेरणा और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाने के लिए पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस), जल शक्ति मंत्रालय के स्वच्छ भारत दिवस-2022 कार्यक्रम की अध्यक्षता की। माननीय राष्ट्रपति ने इस वर्ष, ओडीएफ प्लस और हर घर जल को गति देने और व्यापक स्वच्छता के लिए लोगों के आंदोलन-जन आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों को प्रोत्साहित करने और उनकी सराहना करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन - ग्रामीण (एसबीएम-जी) और जल जीवन मिशन (जेजेएम) दोनों के लिए पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। केन्‍द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्‍द्र  सिंह शेखावत के साथ केन्द्रीय ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह, जल शक्ति और जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर टुडू और जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2022, स्वच्छता ही सेवा 2022, सुजलाम 1.0 और 2.0, जेजेएम कार्यात्मकता मूल्यांकन, हर घर जल प्रमाणन के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और नवीन प्रौद्योगिकी के लिए स्टार्ट-अप ग्रैंड चैलेंज में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) के विजेताओं, ओडीएफ प्लस के विभिन्न पहलुओं पर ग्राम पंचायतों के लिए राष्ट्रीय फिल्म प्रतियोगिता, एसबीएम (जी) पर राष्ट्रीय वॉल पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कार प्रदान किए। माननीय राष्ट्रपति को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्‍द्र सिंह शेखावत द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 और जेजेएम कार्यात्मकता मूल्यांकन 2022 रिपोर्ट की पहली प्रतियां भेंट की गईं।

माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने तेलंगाना, हरियाणा और तमिलनाडु को बड़े राज्यों की श्रेणी के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2022 पुरस्कार दिए; छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणी के तहत अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा एवं नगर हवेली और दमन और दीव और सिक्किम को इसी क्रम में, साथ ही भिवानी (हरियाणा) को समग्र रूप से शीर्ष प्रदर्शन करने वाले जिले के रूप में पुरस्कार प्रदान किया।  इसके बाद राष्ट्रपति ने जल जीवन मिशन कार्यात्मकता मूल्यांकन के लिए पुरस्कार प्रदान किए। 60 प्रतिशत से अधिक को नल से जल प्रदान करने वालों की श्रेणी में पुडुचेरी और गोवा को सम्मानित किया गया; 60 प्रतिशत से कम को नल से जल प्रदान करने वालों की श्रेणी में तमिलनाडु और मेघालय ने पहला और दूसरा स्थान हासिल किया। श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने जिला बुरहानपुर, मध्‍य प्रदेश को देश का पहला 'हर घर जल' प्रमाणित जिला होने का पुरस्कार भी दिया, जहां ग्राम सभाओं के माध्यम से सभी गांवों ने खुद को 'हर घर जल' घोषित किया है।

 

माननीय राष्ट्रपति ने अपने भाषण में गांधी जी को याद किया और कहा कि उनके विचार शाश्वत हैं। सत्य और अहिंसा की तरह उन्होंने भी स्वच्छता पर जोर दिया। उनके जन्मदिन को 'स्वच्छ भारत दिवस' के रूप में मनाना उनके प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि है। गांधी जी का विचार था कि यदि हम शुरू से ही बच्चों में स्वच्छता की आदत डालें, तो वे जीवन भर स्वच्छता के प्रति जागरूक रहेंगे। सदियों से स्वच्छता भारतीय संस्कृति और जीवन शैली का अभिन्न अंग रहा है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के शुभारंभ के बाद से, ग्यारह करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया है, और लगभग 60 करोड़ लोगों ने खुले में शौच की अपनी आदत को बदल दिया है। उन्होंने आगे कहा कि 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्य 6 (एसडीजी-6) को इस मिशन के माध्यम से भारत ने 2030 की समय सीमा से 11 साल पहले ही  हासिल कर लिया है।

कोविड -19 की वैश्विक महामारी के दौरान, सभी ने महसूस किया कि अलग शौचालय, साबुन से हाथ धोने की आदत और घर में नल के माध्यम से पानी की आपूर्ति की सुविधा ने आपदा के दौरान एक ढाल के रूप में काम किया।

जल जीवन मिशन के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि 2019 में मिशन की घोषणा के समय, देश में केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास पानी के लिए नल का कनेक्शन था जो अब पिछले 3 वर्षों में बढ़कर 10.27 करोड़ हो गया है। घरों में जल आपूर्ति की सुविधा से जल जनित रोगों में उल्लेखनीय कमी आई है। उन्होंने आगे कहा कि हमें जल प्रबंधन और स्वच्छता के क्षेत्र में दुनिया के सामने एक मिसाल कायम करनी है।

स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2022 और जल जीवन मिशन कार्यक्षमता मूल्यांकन दोनों के लिए शेष पुरस्कार केंद्रीय जल मंत्री श्री गजेन्‍द्र सिंह शेखावत के साथ जल शक्ति राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर टुडू और श्री प्रहलाद सिंह पटेल के द्वारा दिए गए। मंत्रियों के पैनल ने अन्य श्रेणियों के विजेताओं को भी पुरस्कार दिए। विभिन्न श्रेणियों में सभी विजेताओं की पूरी सूची यहां उपलब्ध है (पुरस्कार विजेताओं की सूची के लिए लिंक)।

अपने संबोधन में केन्‍द्रीय मंत्री श्री गजेन्‍द्र  सिंह शेखावत ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान एक सरकारी कार्यक्रम से आगे बढ़कर लोगों का एक अभियान - एक जन आंदोलन बन गया है जिसने ग्रामीण भारत की तस्वीर को पूरी तरह से बदल दिया है। श्री शेखावत ने स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) 2022 पखवाड़ा अभियान में लोगों को उनकी भागीदारी और 'श्रमदान' के लिए भी धन्यवाद दिया; और एसएचएस 2022 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों को बधाई दी। जल जीवन मिशन (जेजेएम) की बात करते हुए, उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य न केवल नल का पानी उपलब्ध कराना है, बल्कि उचित गुणवत्ता और पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करना भी है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों की सराहना करते हुए, उन्होंने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को पहला स्वजल और स्वच्छ प्रदेश बनने के लिए बधाई दी, यानी केंद्र शासित प्रदेश के सभी गांव अब 'हर घर जल' प्रमाणित और ओडीएफ प्लस सत्यापित हैं। उन्होंने किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाने के प्रधानमंत्री के "4-पी मंत्र" को दोहराया यानी राजनीतिक इच्छाशक्ति, सार्वजनिक वित्त पोषण, लोगों की भागीदारी और साझेदारी।

इस अवसर पर मौजूद केन्द्रीय ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी के सपने को साकार करने के लिए हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना और जल जीवन मिशन जैसी विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं, जिससे ग्रामीण भारत के लोगों को लाभ हुआ है और यह जन आंदोलन भी बन गया है।

जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने अपने भाषण में लोगों से स्वच्छता को अपने जीवन का संकल्प और लक्ष्य बनाने का आह्वान किया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन के महत्व पर जोर दिया।

जल शक्ति और जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर टुडू ने अपने भाषण में विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के तहत किए जा रहे अच्छे कार्यों की सराहना की। उन्होंने योजनाओं को सफल बनाने के लिए समाज की भागीदारी और विभिन्न हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय पर जोर दिया।

कार्यक्रम में निम्नलिखित श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए।

  1. स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2022: इसका उद्देश्य एसबीएम-जी द्वितीय चरण के प्रमुख मात्रात्मक और गुणात्मक मापदंडों पर प्रदर्शन के आधार पर राज्यों और जिलों का क्रम तय करना है। सर्वेक्षण में भारत भर के 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (चंडीगढ़, दिल्ली और लक्षद्वीप के 3 केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर) के 709 जिलों के 17,559 गांवों को शामिल किया गया। एसबीएम (जी) से संबंधित मुद्दों पर प्रतिक्रिया के लिए 1.75 लाख से अधिक परिवारों से बात की गई।
  1. स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) 2022: ऐसे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को विजेता चुना गया जिन्होंने अधिकतम संख्या में गतिविधियों जैसे लोगों का श्रमदान और सफाई गतिविधियों, सार्वजनिक स्थानों और संस्थागत भवनों की सफाई करना, पुराने अपशिष्ट स्थलों की सफाई करना, जल निकायों के आसपास  पेड़ लगाना, ग्राम पंचायत के द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध जैसे प्रस्ताव पारित करना, सरपंचों के द्वारा ओडीएफ प्लस से जुड़े मुद्दों पर सरपंच संवाद में भाग लेना, लोगों के द्वारा जागरूकता गतिविधियां, अपशिष्ट संग्रह और पृथक्करण शेड का निर्माण और लोगों के लिए अन्य एसएचएस गतिविधियां आदि आयोजित की हैं।
  2. जल जीवन मिशन-कार्यात्मकता मूल्यांकन: घरों में जल वितरण की स्थिति को समझने के लिए जेजेएम के तहत, राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में विभिन्न स्थानीय जल सुविधाओं के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए, हर साल एक कार्यात्मक मूल्यांकन प्रक्रिया की जाती है। पानी के लिए नल के कनेक्शन को तभी सक्रिय माना जाता है यदि यह निम्नलिखित मापदंडों को पूरा करता है: (क) पर्याप्त पानी @55 एलपीसीडी या अधिक की आपूर्ति; (ख) पीने योग्य पानी की आपूर्ति / निर्धारित गुणवत्ता (बीआईएस: 10500); (ग) नियमित आधार पर पानी की आपूर्ति, अर्थात दैनिक आधार पर या दिये गए समय के अनुसार। सभी 33 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में 712 जिलों के 13,299 गांवों में 3.01 लाख घरों और 22,596 ग्राम स्तरीय संस्थानों के साथ  मूल्यांकन किया गया था।
  1. स्टार्ट-अप ग्रैंड चैलेंज उन प्रौद्योगिकियों की खोज करने के लिए किया गया था जो ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन चुनौतियों के टिकाऊ, किफायती, जरूरत के आधार पर बढाए जाने योग्य और उत्तरदायी समाधान में मदद कर सकते हैं। क्राउड सोर्सिंग चैलेंज को 10 सितंबर 2021 को लॉन्च किया गया था और लॉन्च के 1 महीने बाद तक इसे डीडीडब्ल्यूएस वेबसाइट पर सीधे प्रदर्शित किया गया था। कुल 372 आवेदकों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 62 आवेदनों का चयन किया गया था। विजेताओं को 2 लाख रुपये और 1 लाख रुपये के नकद पुरस्कार दिए गए।
  2. हर घर जल राज्य / केंद्र शासित प्रदेश और जिले: बुरहानपुर, मध्य प्रदेश को देश में पहला 'हर घर जल' प्रमाणित जिला होने के लिए विशेष पुरस्कार दिया गया। उन 31 जिलों को भी पुरस्कार दिए गए, जिनके 100 प्रतिशत गांवों को प्रमाणित किया गया था, यानी, सभी गांवों के लोगों ने ग्राम सभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से अपने गांव को 'हर घर जल' घोषित किया है, यह प्रमाणित करते हुए कि गांवों के सभी घरों तक नलों के माध्यम से सुरक्षित पेयजल तक पहुंच है जिससे 'कोई भी पीछे छूट न जाए' ये सुनिश्चित हुआ है।
  3. सुजलाम 1.0 और 2.0: सुजलाम अपशिष्ट जल का न्यूनतम ठहराव सुनिश्चित करने और गांव के तालाब में इसके रिसाव की जांच करने के लिए सोख्ता गड्ढे, निथारने वाले गड्ढे, मैजिक पिट के माध्यम से ग्रे-वाटर के प्रबंधन के लिए शुरू किया गया एक 100 दिवसीय अभियान था। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अभियान के दौरान बनाए गए घरेलू और सामुदायिक सोख्ता गड्ढों की संख्या राष्ट्रीय पोर्टल पर देनी थी। कुल 23,04,029 गड्ढों का निर्माण किया गया और शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों को पुरस्कार दिए गए।
  1. राष्ट्रीय फिल्म प्रतियोगिता: ओडीएफ प्लस के विभिन्न घटकों को लेकर ग्राम पंचायत स्तर पर फिल्म निर्माण के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता 15 दिसंबर 2021 से 15 मई, 2022 तक आयोजित की गई थी। राज्यों द्वारा 33 फिल्मों की सिफारिश की गई थी। पुरस्कार 3 अलग-अलग श्रेणियों यानी पहाड़ी इलाकों, द्वीपों और केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के लिए दिए गए।
  2. राष्ट्रीय वॉल पेंटिंग प्रतियोगिता: 15 अगस्त 2021 से 15 अक्टूबर 2021 तक ग्रामीण क्षेत्रों में ओडीएफ प्लस थीम पर वॉल पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। प्रत्येक 5 विषयों (बायो-डिग्रेडेबल वेस्ट मैनेजमेंट (बीडब्ल्यूएम), गोबरधन, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट (पीडब्लूएम), ग्रे वाटर मैनेजमेंट (जीडब्लूएम) और फीकल स्लज मैनेजमेंट (एफएसएम) में 6 क्षेत्रों (उत्तर क्षेत्र, उत्तर पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र, पूर्वी क्षेत्र, पश्चिम क्षेत्र और दक्षिण क्षेत्र) के लिए 3 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों को सम्मानित किया गया था।

इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2022 रिपोर्ट और जेजेएम कार्यात्मकता मूल्यांकन 2022 रिपोर्ट जारी की और इन रिपोर्टों की पहली प्रतियां भारत के राष्ट्रपति को सौंपी।

इस आयोजन के दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2023 और जल जीवन सर्वेक्षण (जेजेएस) 2023 की भी घोषणा की। इसके अलावा, विभाग ने इस अवसर पर निम्नलिखित अभियान भी शुरू किए:

    • फीकल स्लज मैनेजमेंट की दिशा में घरों में ट्विन पिट शौचालयों को बढ़ावा देने के लिए "रेट्रोफिट टू ट्विन पिट अभियान"।
    • स्वच्छ जल से सुरक्षा’: पानी की गुणवत्ता पर अभियान स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल के महत्व पर जागरूकता पैदा करने में मदद करेगा और ग्रामीण घरों में आपूर्ति किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता की निगरानी में भी मदद करेगा।

इस कार्यक्रम में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया जिसमें मंत्री, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार के अधिकारी और केंद्र सरकार के अधिकारी, विकास भागीदार, आदि शामिल थे।

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