रक्षा मंत्रालय

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्‍ली में डेफकनैक्‍ट 2.0 के दौरान आईडीईएक्‍स-प्राइम और छठे डिफेंस इंडिया स्‍टार्ट अप चैलेंज की शुरूआत की


आईडीईएक्‍स-प्राइम 1.5 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं के लिए स्‍टार्ट अप को सहयोग करेगा

8 प्रॉब्‍लम स्‍टेटमेंट के साथ डिस्‍क 6 की शुरूआत; सात नए डीपीएसयू, भारतीय तटरक्षक और गृह मंत्रालय पहली बार भाग ले रहे हैं

रक्षा मंत्री ने स्टार्ट-अप्स और नवोन्‍मेषकों से भविष्य के खतरों से निपटने के लिए नई और अनूठी तकनीकों को विकसित करने का आह्वान किया

Posted On: 22 APR 2022 2:50PM by PIB Delhi

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 22 अप्रैल, 2022 को नई दिल्ली में डेफकनैक्ट 2.0 के दौरान इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्‍स) प्राइम और छठे डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज (डिस्‍क 6) की शुरूआत की। आईडीईएक्‍स प्राइम का उद्देश्‍य रक्षा क्षेत्र में लगातार बढ़ते स्टार्ट-अप की मदद के लिए 1.5 करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को सहयोग करना है।

रक्षा मंत्री ने 38 प्रॉब्‍लम स्‍टेटमेंट के साथ डिस्‍क 6 की भी शुरूआत की। तीनों सेवाओं और सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ रक्षा उपक्रमों (डीपीएसयू) के अलावा, जो पहले के संस्करणों में भाग ले चुके हैं, डिस्‍क 6 नवगठित सात रक्षा कंपनियों, भारतीय तटरक्षक और गृह मंत्रालय के अंतर्गत कुछ संगठनों की पहली बार भागीदारी का गवाह है। प्रॉब्‍लम स्‍टेटमेंट का संबंध आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), आधुनिक इमेजिंग, सेंसर सिस्टम, बिग डेटा एनालिटिक्स और स्वायत्त मानव रहित सिस्टम और सुरक्षित संचार से है।

डीआईएससी 5, ओपन चैलेंज (ओसी 2 और 3) के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया और इस आयोजन के दौरान उद्योग के दिग्गजों के साथ दो सत्र आयोजित किए गए। इसके अलावा, आईडीईएक्‍स- रक्षा नवोन्‍मेष संगठन (आईडीईएक्‍स-डीआईओ) द्वारा समर्थित स्टार्ट-अप की प्रभावशाली श्रृंखला की एक अचल प्रदर्शनी उभरते हुए उद्यमियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से लगाई गई।

अपने संबोधन में, श्री राजनाथ सिंह ने डेफकनैक्ट 2.0 को देश के बढ़ते तकनीकी कौशल का प्रतीक और भारतीय रक्षा स्टार्ट-अप इकोसिस्‍टम के निरंतर विकास का उत्सव बताया। उन्होंने कहा कि यह आईडीईएक्‍स पहल की सफलता का संकेत है जिसने अनेक नई और स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास में मदद की है।

रक्षा मंत्री ने रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) को आईडीईएक्‍स पहल के लिए 'इनोवेशन (जनरल) - सेंट्रल' श्रेणी के तहत लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार 2021 प्राप्त करने के लिए बधाई दी। उन्होंने नवाचारों और तकनीकी विकास को प्रदर्शित करने के लिए स्‍टार्ट अप के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करने के लिए आईडीईएक्‍स की सराहना की। अप। उन्होंने कहा, "आईडीईएक्स ने हमारे विज्ञान और प्रौद्योगिकी पेशेवरों को एआई, ऑगमेंटेड रियलिटी, ब्लॉक-चेन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों जैसी भविष्य की तकनीकों को समझने का अवसर प्रदान किया है। खरीदने का अनुरोध करने के माध्‍यम से स्टार्ट-अप इकोसिस्‍टम को भी बढ़ावा दिया गया है और प्रोत्साहित किया गया है।

श्री राजनाथ सिंह ने इस तथ्य की सराहना की कि आईडीईएक्‍स ने अब तक सफलता प्राप्‍त करने वाले 100 से अधिक का बाजार में परिचय कराया है, इस प्रकार हजारों कुशल और अकुशल लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि निर्माण उद्यम के आईडीईएक्‍स विजेताओं का परिचय कराने के साथ लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। यह बहुत से लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

रक्षा मंत्री ने तेजी से बदलती विश्व व्यवस्था से उत्पन्न हो रही चुनौतियों से निपटने के लिए देश के सभी क्षेत्रों, विशेष रूप से सुरक्षा प्रणाली को लगातार मजबूत करने पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा, प्रत्‍येक नया खतरा पिछले खतरे से अधिक जटिल और चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। कोविड-19 महामारी के बाद, दुनिया अब उक्रेन संघर्ष देख रही है। हमने पश्चिम एशिया, अफगानिस्तान और अब पाकिस्तान में भी अस्थिरता देखी है। किसी न किसी तरह, इस तरह की घटनाएं हमारे देश को भी प्रभावित करती हैं। शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए देश को प्रत्‍येक क्षेत्र में तैयार रहने की आवश्यकता है। भविष्य के नए खतरों और चुनौतियों से निपटने के लिए विध्‍वंसकारक प्रौद्योगिकी का विकास एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की परिकल्‍पना के अनुसार निजी क्षेत्र, व्यक्तिगत नवोन्मेषकों, स्टार्ट-अप और एमएसएमई को 'आत्मनिर्भर भारत'  के मजबूत स्तंभ के रूप में करार देते हुए, रक्षा मंत्री ने उन्हें नई रक्षा प्रौद्योगिकियों की कल्पना, नवाचार और विकास करने और प्रत्येक में विशिष्टता सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि रक्षा प्रौद्योगिकियां उन प्रौद्योगिकियों में से एक हैं, जिनकी उपयोगिता और विशिष्टता समान महत्व रखती है। "रक्षा प्रौद्योगिकियों की उपयोगिता महत्वपूर्ण है, लेकिन केवल हमारे लिए इसकी उपलब्धता समान महत्‍व रखती है। जैसे-जैसे तकनीक दूसरों तक फैलती जाती है, इसका महत्‍व खत्‍म हो जाता है। यदि विशिष्टता खत्‍म हो जाती है, उस तकनीक का प्रभाव धीरे-धीरे कम हो जाता है। विशिष्टता सुनिश्चित करने पर ध्यान देने के साथ नई तकनीकों को विकसित करने की आवश्यकता है। सरकार, सशस्त्र बल, निजी क्षेत्र, व्यक्तिगत नवोन्‍मेषक, स्टार्ट-अप, एमएसएमई और शिक्षाविद मिलकर एक मजबूत बंधन बना सकते हैं और 'आत्मनिर्भर भारत' के साझा उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ सकते हैं।

श्री राजनाथ सिंह ने घरेलू उद्योग, स्टार्ट-अप और इनोवेटर्स को मजबूत करने, सशस्त्र बलों को नवीनतम उपकरणों से लैस करने और सरकार को 'आत्मनिर्भर भारत' के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों को सूचीबद्ध किया। इन उपायों में 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत खरीद बजट का 68 प्रतिशत घरेलू खरीद के लिए निर्धारित करना, निजी उद्योग और स्टार्ट-अप के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25 प्रतिशत आरक्षित करना और 101 वस्तुओं की तीसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी करना शामिल है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कई स्टार्ट-अप जल्द ही रक्षा यूनीकॉर्न  के रूप में सामने आएंगे और फॉर्च्यून 500 कंपनियों में जगह बनाएंगे।

इस अवसर पर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत ने रक्षा निर्माण को भारत का विनिर्माण केंद्र बनने की कुंजी बताया। उन्होंने कहा, आईडीईएक्‍स की उपलब्धियों ने एक बड़ी सफलता की नींव रखी है कि आने वाले समय में विनिर्माण भारत में होगा। श्री अमिताभ कांत ने कहा कि भारतीय स्टार्ट-अप के पास अभूतपूर्व ऊर्जा है और वे अन्‍य चीजों के अलावा रक्षा निर्माण और कृषि उत्पादकता में चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान ढूंढ रहे हैं। सरकार का लक्ष्य समस्याओं को हल करने के लिए स्टार्ट-अप की क्षमता का दोहन करना है। उन्होंने इस तथ्य की सराहना की कि रक्षा निर्माण में महिला उद्यमियों की संख्या बढ़ रही है, जो भारत में नवाचार और अनुसंधान एवं विकास की सीमा को आगे बढ़ाएंगे।

रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार ने आईडीईएक्‍स पहल की सफलता के लिए स्टार्ट-अप को श्रेय दिया। हालांकि, उन्होंने इसे केवल एक अंतरिम मील का पत्थर करार दिया, स्टार्ट-अप को घर-निर्मित प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकियों के बराबर लाने के लिए निरंतर प्रयास करने का आह्वान किया। डॉ अजय कुमार ने सशस्त्र बलों और डीपीएसयू से स्टार्ट-अप के लिए और चुनौतियों के साथ आने का आग्रह किया जो रक्षा इकोसिस्‍टम को मजबूत कर सकते हैं। उन्होंने आईडीईएक्‍स को निरंतर समर्थन और उसमें विश्‍वास रखने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की।

इस अवसर पर इनोवेट4डिफेंस इंटर्नशिप (आई4डी) का तीसरा संस्करण भी शुरू किया गया, जिसमें पूरे भारत के छात्रों से आवेदन आमंत्रित किए गए। इसके अलावा, डेफकनैक्‍ट 2.0 के दौरान एक डीआईओ ई-पुस्तिका और 'रनवे फॉर इनोवेशन' ई-कॉफी टेबल बुक का लोकार्पण किया गया।

इस अवसर पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी, थल सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे, वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी, रक्षा मंत्रालय के अन्य नागरिक और सैन्य अधिकारी, स्टार्ट-अप के प्रमुख, नवोन्‍मेषकर्ता उपस्थित थे।

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एमजी/एएम/केपी



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