विद्युत मंत्रालय

केंद्रीय विद्युत मंत्री श्री आर.के. सिंह ने आयातित कोयले पर आधारित संयंत्रों के संचालन और राज्यों द्वारा सम्मिश्रण के लिए कोयले के आयात की समीक्षा की


लिंकेज कोयले का अधिकतम उपयोग करने के लिए राज्य जेनकोस के लिए पथ कर (टोलिंग) की अनुमति दी जाएगी

श्री आर. के. सिंह ने राज्यों से विद्युत की बाधारहित आपूर्ति के लिए कोयला का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने हेतु सम्मिश्रण के उद्देश्य से 10 प्रतिशत तक कोयले का आयात करने का अनुरोध किया

सभी आईसीबी संयंत्रों के संचालन के मुद्दों के बारे में भी विचार किया गया

Posted On: 13 APR 2022 2:03PM by PIB Delhi

कुछ राज्य विद्युत उत्पादन कम्पनियों (जेनकोस) के लिए में कोयले की लंबी दूरी से ढुलाई करने से बचने के लिए लिंकेज कोयले की 25 प्रतिशत तक टोलिंग सुविधा की अनुमति दी जाएगी। आईसीबी संयंत्रों, सम्मिश्रण के लिए कोयले का आयात एवं कोयले की स्टॉक स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय विद्युत एवं नवीन तथा नवीनकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने कहा कि इससे राज्य को अपने लिंकेज कोयले का संयंत्रों के सबसे नजदीक वाली खदानों से अधिकतम उपयोग करने में मदद मिलेगी क्योंकि दूरृ-दराज के राज्यों में कोयले की ढुलाई करने के बजाय विद्युत पहुंचाना कहीं अधिक आसान रहेगा।

कल आयोजित की गई इस बैठक में राज्यों के प्रधान सचिव और वरिष्ठ अधिकारी, स्वतंत्र विद्युत उत्पादक और आईसीबी संयंत्रों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। केन्द्रीय विद्युत सचिव श्री आलोक कुमार,  अपर सचिव श्री विवेक कुमार देवांगन और विद्युत सीपीएसई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकों ने भी इस बैठक में भाग लिया। बिजली की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए यह बैठक आयोजित की गई थी।

श्री आर.के. सिंह ने आयातित कोयले पर आधारित संयंत्रों के संचालन की समीक्षा करते हुए सभी खरीददार राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी आईसीबी संयंत्र ठीक और उचित दरों पर काम कर रहे हैं। आईसीबी संयंत्रों में परिचालन संबंधित सभी मुद्दों को हल करने और उन्हें पूरी तरह क्रियाशील बनाने का भी निर्णय लिया गया।

बिजली की तेजी से बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए, यह भी सिफारिश की गई थी कि सभी विद्युत उत्पादन कम्पनियों (जेनको) को सम्मिश्रण के लिए दस प्रतिशत तक कोयले का आयात करने का प्रयास करना चाहिए। राज्यवार और जेनको वार लक्ष्य निर्धारित किए गए थे और यह अनुरोध किया गया था कि मानसून की शुरुआत से पहले ही सम्मिश्रण उद्देश्य के लिए कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, क्योंकि बरसात के मौसम में घरेलू कोयले की आपूर्ति प्रभावित होती है।

 

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