आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय
‘लक्ष्य ज़ीरो डंपसाइट’: केंद्र ने पुराने अपशिष्ट को निपटाने के लिये महाराष्ट्र द्वारा पेश 433.74 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी
ग्रेटर मुम्बई ने लगभग 355 एकड़ की मूल्यवान भूमि को इस्तेमाल लायक बनाकर शहरी परिदृष्य को बदलने के लिये 2.6 करोड़ मीट्रिक टन पुराने कचरे को निपटाने का लक्ष्य तय किया
Posted On:
30 MAR 2022 10:21AM by PIB Delhi
स्वच्छ भारत मिशन की देशभर में की जाने वाली पहल के तहत जिस तरह स्वच्छता और साफ-सफाई के मुद्दों को हाथों-हाथ लिया जा रहा है, वह बहुत उल्लेखनीय है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अक्टूबर 2021 में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 (एसबीएम-यू 2.0) की शुरूआत की थी; उसके बाद से ही इसने साफ-सफाई के मद्दे-नजर लोगों के आचरण को बिलकुल बदल डाला है।
कूड़ा-करकट लंबे समय से एक ही स्थान पर जमा होते-होते उसने कचरे के पहाड़ों का रूप ले लिया है। इसी को ध्यान में रखते हुये एसबीएम-यू 2.0 ने कूड़ा फेंकने की जगह पर ‘लक्ष्य ज़ीरो डंपसाइट’ का लक्ष्य बनाया है, ताकि मिशन अवधि में इसे पूरा कर लिया जाये। पुराने कचरे के निपटान से देश अपशिष्ट-मुक्त सम्बंधी मिशन की परिकल्पना के निकट पहुंचेगा। साथ ही चक्रिय अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों और संसाधन बहाली की परिकल्पना को भी आगे बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
कचरा फेंके जाने वाली डंपसाइटें, ज्यादातर शहरों में भारी समस्या बन चुकी हैं। महाराष्ट्र के ग्रेटर मुम्बई में राज्य में सबसे ज्यादा पुराना कचरा मौजूद है। उसने लक्ष्य निर्धारित किया है कि 2.6 करोड़ मीट्रिक टन का पुराना कचरा निपटाकर लगभग 355 एकड़ की मूल्यवान जमीन को इस्तेमाल करने लायक बना दिया जाये। ठाणे नगर निगम शहर की डंपसाइट में 8.3 लाख मीट्रक टन कचरे को निपटायेगा, जबकि मीरा-भायंदर की योजना है कि लगभग नौ लाख मीट्रिक टन पुराना कचरा साफ करके कई एकड़ महंगी जमीन को दोबारा इस्तेमाल करने लायक बना दिया जाये। बहरहाल, पुराने कचरे को निपटाने के लिये महाराष्ट्र के 28 शहरी स्थानीय निकायों ने डंपसाइटों की ज़मीन दुरुस्त करने के वास्ते कार्य-योजनायें केंद्र सरकार को सौंपी हैं।
ठोस अपशिष्ट के कारगर प्रबंधन में महाराष्ट्र की सहायता के सम्बंध में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने 3.7 करोड़ मीट्रिक टन कचरे के निपटान के लिये 28 शहरी स्थानीय निकायों को 433.72 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की है।
देशभर के राज्यों और शहरों ने पुरानी और खतरनाक डंपसाइटों को कचरे से मुक्त करने की जरूरत समझ ली है। अपशिष्ट-मुक्त शहर की परिकल्पना को पूरा करने के लिये विभिन्न शहर केंद्र सरकार से सहायता मांगने आगे आ रहे हैं। इस पर विचार करते हुये, केंद्र सरकार ने आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, ओडिशा, तमिल नाडु, दिल्ली आदि जैसे राज्यों के लगभग 500 शहरों में पुराने कचरे को निपटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
पुराने कचरे को निपटाने से सम्बंधित इलाके को निखारा जा सकेगा, जो इस समय दशकों पुराने कूड़े के ढेर के नीचे दबे हैं। स्वच्छ भारत मिशन लगातार सतत अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को दुरुस्त कर रहा है, ताकि ‘अपशिष्ट-मुक्त शहर’ के बारे में वैज्ञानिक अपशिष्ट निपटना प्रक्रिया सुनिश्चित हो सके तथा अपशिष्ट से चक्रिय अर्थव्यवस्था संभव हो सके।
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