कोयला मंत्रालय
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एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने खनन क्षेत्र से 2600 हेक्टेयर भूमि वापस ली


स्थाई खनन के लिए समर्पित प्रयास जारी

Posted On: 10 MAR 2022 4:53PM by PIB Delhi

        कोयला मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र का नवरत्न प्रतिष्ठान एनएलसी इंडिया लिमिटेड वर्तमान में नवीकरणीय ऊर्जा यानी सौर ऊर्जा उत्पादन, स्थायी भूमि वापसी गतिविधि तथा अन्य पर्यावरण अनुकूल क्षेत्रों में प्रगति कर रही है। सभी खनन क्षेत्रों में पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की खदान बंदी योजना के अनुरूप वनरोपण तथा ग्रीन बेल्ट बनाने की परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।

        जीवाष्म ईंधन खनन तथा थर्मल विद्युत उत्पादन में काम कर रही एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने ग्रीन बेल्ट बनाने की पहल के हिस्से के रूप में निवेली टाउनशिप तथा औद्योगिक क्षेत्र में 2 करोड़ से अधिक पौधे लगाए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के इस प्रतिष्ठान ने खनन क्षेत्र से 2600 हेक्टेयर भूमि वापस ली है और 2188 हेक्टेयर में वनरोपण किया जा रहा है। विभिन्न प्रकार के देशी पेड़ इस क्षेत्र में लगाए गए हैं। वापस ली गई भूमि में अब तक 27.96 लाख पौध लगाए गए हैं और 100 हेक्टेयर भूमि में सब्जी की खेती की जा रही है।

        खदान की सतह के अधिक बोझ भूमि की पुनः प्राप्ति के भाग के रूप में खनन क्षेत्रों में भरा जाता है। इस प्रकार की मिट्टी खेती के लिए अनुकूल नहीं होती क्योंकि मिट्टी की प्रकृति विषम होती है और पोधौं के लिए पोषक की कमी रहती है। ऐसी मिट्टी में पौधों की वृद्धि के लिए उचित ढांचा नहीं होता। एनएलसीएल समर्पित प्रयास के साथ खनन पूर्व स्तर पर मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करके और वैज्ञानिक कृषि पद्धियों से ऐसे भरे गए क्षेत्रों को कृषि भूमि में बदल रही है। 52 जलाशय 104 हेक्टेयर में बनाए गए हैं जिससे एनएलसीएल द्वारा वर्षा जल संचय सतत खनन पहलों के अनुरूप किया जाता है। अन्य आकर्षणों में वोटिंग सुविधायुक्त ईको-पर्यटन पार्क और विभिन्न पक्षियों वाला चिड़ियाघर है। एनएलसीएल की सतत पर्यावरण अनुकूल पहल से यह क्षेत्र बड़ी संख्या में स्थानीय तथा प्रवासी पक्षियों का घर बन गया है।

 

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