रेल मंत्रालय
कारोबार करने में सुगमता के लिए नियमन में सुधार
रेलवे ने आरडीएसओ में वेंडर की मंजूरी के लिए आवेदन करने हेतु लिए जाने वाला वेंडर आवेदन शुल्क घटाया
एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए ही कम शुल्क का विशेष प्रावधान रखा गया है
इस पहल से उद्योग जगत के लिए कारोबार करने की लागत घट जाएगी, ‘मेक इन इंडिया’ को मिलेगी नई गति
Posted On:
27 JAN 2022 5:41PM by PIB Delhi
भारतीय रेलवे अपनी आपूर्ति श्रृंखला के साथ अधिक से अधिक उद्योग साझेदारों को जोड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत रही है और उद्योग जगत के लिए कारोबार करने में सुगमता को बढ़ाने के लिए इस दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं। इन कदमों ने न केवल प्रक्रियाओं को पारदर्शी, प्रभावकारी और आसान बना दिया है, बल्कि उद्योग जगत के लिए कारोबार करने की लागत को भी कम कर दिया है।
वेंडरों के एकल-संयोजन अनुमोदन के लिए एकीकृत वेंडर अनुमोदन प्रणाली भी लागू की गई है जिसके तहत वेंडरों को आवेदन जमा करने से लेकर भुगतान, संचार और अंतिम अनुमोदन तक वेंडर मंजूरी के लिए पूर्ण एकल-खिड़की ऑनलाइन प्रक्रिया सुलभ कराई जाती है। यही नहीं, इसके तहत वेंडरों को सभी संबंधित विवरणों, रेखाचित्र एवं विनिर्देशों तक मुफ्त ऑनलाइन पहुंच प्रदान की जाती है और वेंडर के आवेदन की ताजा स्थिति को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकता है। इसके तहत उन संपर्क केंद्रों की संख्या कम कर दी गई है जहां कोई वेंडर अनुमोदन एजेंसी के साथ संवाद कर सकता है।
रेलवे ने इस दिशा में एक और निर्णय लिया है, जिसके तहत चिन्हित सुरक्षा मदों के लिए आरडीएसओ में वेंडर की मंजूरी के लिए आवेदन करने हेतु लिए जाने वाले वेंडर आवेदन शुल्क को कम कर दिया गया है। आरडीएसओ अनुमोदन के लिए वेंडर आवेदन शुल्क एमएसएमई को छोड़ अन्य के लिए 2.5 लाख रुपये और एमएसएमई के लिए 1.5 लाख रुपये था। इसे अब 2.5 लाख रुपये से घटाकर 15000 रुपये और 1.5 लाख रुपये से घटाकर 10000 रुपये कर दिया गया है। एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए ही कम शुल्क का विशेष प्रावधान रखा गया है।
इस पहल से उद्योग जगत के लिए कारोबार करने की लागत और कम हो जाएगी और ‘मेक इन इंडिया’ को नई गति मिलेगी। इससे रेलवे भी लाभान्वित होगी क्योंकि उसकी आपूर्ति श्रृंखला में और भी अधिक वेंडर जुड़ जाएंगे।
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