खान मंत्रालय

खनिज (खनिज सामग्री के साक्ष्य) नियम, 2015 और खनिज (नीलामी) नियम, 2015 में संशोधन: इसका उद्देश्य नीलामी के लिए खनिज ब्लॉकों की पहचान की सुविधा हेतु समग्र लाइसेंस प्रदान करना है


यह संशोधन अधिक भागीदारी और प्रतिस्पर्धा पर केंद्रित है

राज्य सरकार ने नीलामी के लिए प्रस्तावित ब्लॉक की खनिज क्षमता का आकलन करने के लिए समिति का गठन किया

Posted On: 16 DEC 2021 11:44AM by PIB Delhi

खान मंत्रालय ने क्रमश: खनिज (खनिज सामग्री के साक्ष्य) नियम, 2015 [एमईएमसी नियम] और खनिज (नीलामी) नियम, 2015 [नीलामी नियम] में संशोधन करने के लिए खनिज (खनिज सामग्री का साक्ष्य) दूसरा संशोधन नियम, 2021 और खनिज (नीलामी) चौथा संशोधन नियम, 2021 को अधिसूचित कर दिया है।

राज्य सरकारों, उद्योग संघों, खनिकों, अन्य हितधारकों और आम जनता के साथ व्यापक विचार विमर्श के बाद संशोधन के नियम तैयार किए गए हैं।

एमईएमसी नियमों में संशोधन किसी भी ऐसे व्यक्ति को समग्र लाइसेंस के लिए नीलामी के लिए उपयुक्त ब्लॉकों का प्रस्ताव करने में सक्षम बनाएगा जो किसी भी क्षेत्र विशेष में जहां भू-विज्ञान डेटा के आधार पर उपलब्ध ब्लॉकों की खनिज क्षमता की पहचान की गई है, की नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने का इच्छुक है। राज्य सरकार द्वारा गठित एक समिति इस प्रकार प्रस्तावित ब्लॉकों की खनिज क्षमता का आकलन करेगी और नीलामी के लिए ऐसे ब्लॉक की सिफारिश करेगी। इसके अलावा, नीलामी नियमों में संशोधन यह प्रावधान करता है कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा प्रस्तावित ब्लॉकों को नीलामी के लिए अधिसूचित किया जाता है, तो उक्त व्यक्ति को उसके द्वारा प्रस्तावित ब्लॉकों की नीलामी में बोली सुरक्षा राशि का मात्र आधा ही जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

इन संशोधनों से नीलामी प्रक्रिया में अधिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा और प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे राज्य सरकारों को समग्र लाइसेंस की नीलामी के लिए और अधिक ब्लॉकों की पहचान करने में सुविधा होगी।

 

पृष्ठभूमि :

खनिज (खनिज सामग्री के साक्ष्य) नियम, 2015 को हाल ही में जून, 2021 में संशोधित किया गया है ताकि अन्य बातों के साथ-साथ, उन क्षेत्रों के संबंध में एक समग्र लाइसेंस प्रदान करने के लिए नीलामी का प्रावधान किया जा सके जहां कम से कम टोही सर्वेक्षण (जी4) स्तर पूरा हो चुका है अथवा जहां उपलब्ध भू-विज्ञान के आंकड़ों के आधार पर ब्लॉक की खनिज क्षमता की पहचान कर ली गई है लेकिन संसाधन अभी तक स्थापित नहीं किए गए हैं। इन संशोधनों का उद्देश्य नीलामी के लिए अधिक खनिज ब्लॉकों की पहचान करना और इस प्रकार अन्वेषण और उत्पादन की गति को बढ़ाना था जिसके परिणामस्वरूप देश में खनिजों की उपलब्धता में सुधार हुआ और इस क्षेत्र में रोजगार में वृद्धि हुई।

इसके साथ ही, अन्य बातों के साथ-साथ, समग्र लाइसेंस के लिए ऐसे ब्लॉकों की नीलामी को सक्षम करने एवं बोली सुरक्षा, कार्य निष्पादन सुरक्षा और अन्य पात्रता शर्तों को निर्धारित करने के लिए खनिज (नीलामी) नियम, 2015 में संशोधन किया गया। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने संभावित बोलीदाताओं और अन्य हितधारकों की सहायता के लिए ऑनलाइन कोयला ब्लॉक सूचना प्रणाली (ओसीबीआईएस) पोर्टल में भूवैज्ञानिक संभावित क्षेत्र के लिए बेस लाइन भूविज्ञान आंकड़ों का डेटाबेस स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराया है।

नियमों में वर्तमान संशोधन खनिज क्षेत्र में किए गए वर्तमान में किए गए नीतिगत सुधारों का पूरक होगा और अधिक ब्लॉकों की नीलामी की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे देश में उत्पादन और खनिज आपूर्ति में वृद्धि होगी।

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