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कोविड-19 पर पीआईबी का बुलेटिन

Posted On: 03 DEC 2021 6:52PM by PIB Delhi

 

  • राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान में अब तक टीके की 125.75 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं
  • भारत में फिलहाल 99,976 सक्रिय मामले
  • सक्रिय मामले कुल मामलों के 1 प्रतिशत से भी कम, वर्तमान में 0.29 प्रतिशत, मार्च 2020 के बाद से न्यूनतम
  • संक्रमण से मुक्त होने की दर 98.35 प्रतिशत
  • बीते 24 घंटे में 8,614 मरीज संक्रमण से मुक्त हुए, देश में संक्रमण से मुक्त होने वालों की संख्या बढ़ कर 3,40,45,666 हुई
  • बीते 24 घंटे में देश में 9,216 नये मामले दर्ज किये गए
  • दैनिक पॉजिटिविटी दर 0.80 प्रतिशत, पिछले 60 दिनों से 2 प्रतिशत से कम
  • साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 0.84 प्रतिशत, पिछले 19 दिनों से 1 प्रतिशत से कम
  • अब तक कुल 64.46 करोड़ जांच की गयी

 

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PRESS INFORMATION BUREAU

MINISTRY OF INFORMATION & BROADCASTING

GOVERNMENT OF INDIA

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कोविड-19 अपडेट

राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण के तहत अब तक 125.75 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं

बीते चौबीस घंटों में 73.67 लाख से अधिक टीके लगाए गए

स्वस्थ होने की वर्तमान दर 98.35 प्रतिशत

पिछले 24 घंटों में 9,216 नए रोगी सामने आए

भारत में सक्रिय मरीजों की संख्या 99,976

साप्ताहिक सक्रिय मामलों की दर (0.84 प्रतिशत), बीते 19 दिनों से 1 प्रतिशत से कम

 

पिछले 24 घंटों में 73,67,230 वैक्सीन की खुराक देने के साथ ही भारत का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज आज सुबह 7 बजे तक अंतिम रिपोर्ट के अनुसार 125.75 करोड़ (1,25,75,05,514) के अहम पड़ाव से अधिक हो गया। इस उपलब्धि को 1,30,65,773 टीकाकरण सत्रों के जरिये प्राप्त किया गया है।

आज सुबह 7 बजे तक की अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार कुल टीकाकरण का विवरण इस प्रकार से है:

 

स्वास्थ्य कर्मी

पहली खुराक

1,03,84,113

दूसरी खुराक

95,21,499

अग्रिम पंक्ति के कर्मी

पहली खुराक

1,83,79,693

दूसरी खुराक

1,65,40,678

18-44 वर्ष आयु वर्ग

पहली खुराक

46,28,14,781

दूसरी खुराक

23,38,72,325

45-59 वर्ष आयु वर्ग

पहली खुराक

18,57,50,859

दूसरी खुराक

12,33,19,876

60 वर्ष से अधिक

पहली खुराक

11,63,10,847

दूसरी खुराक

8,06,10,843

कुल

1,25,75,05,514

 

पिछले 24 घंटों में 8,612 रोगियों के ठीक होने के साथ ही स्वस्थ होने वाले मरीजों (महामारी की शुरुआत के बाद से) की कुल संख्या बढ़कर 3,40,45,666 हो गई है।

नतीजतन, भारत में स्वस्थ होने की दर 98.35 प्रतिशत है।

केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा निरंतर और सहयोगात्मक रूप से किए जा रहे प्रयासों के फलस्वरूप पिछले 159 दिनों से लगातार 50,000 से कम दैनिक नए कोविड मामले दर्ज किए जा रहे हैं।

पिछले 24 घंटे में 9,216 नए मरीज सामने आए हैं।

वर्तमान में 99,976 सक्रिय रोगी हैं। वर्तमान में ये सक्रिय मामले देश के कुल पुष्टि वाले मरीजों का 0.29 प्रतिशत हैं। यह मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है।

देश भर में जांच क्षमता का विस्तार लगातार जारी है। पिछले 24 घंटों में कुल 11,57,156 जांच की गई हैं। भारत ने अब तक कुल 64.46 करोड़ (64,46,68,082) जांच की गई हैं।

देश भर में जांच क्षमता को बढ़ाया गया है, साप्ताहिक पुष्टि वाले मामलों की दर 0.84 प्रतिशत है जो पिछले 19 दिनों से लगातार 1 प्रतिशत से कम बनी हुई है। दैनिक रूप से पुष्टि वाले मामलों की दर 0.80 प्रतिशत है। दैनिक सकारात्मकता दर पिछले 60 दिनों से 2 प्रतिशत से कम और लगातार 95 दिनों से दैनिक 3 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है।

 

जानकारी के लिये:

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1777517

 

राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 टीके की उपलब्‍धता पर अपडेट

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 138 करोड़ से अधिक टीके प्रदान किये गए

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी भी 22.05 करोड़ से अधिक शेष व अप्रयुक्त टीके मौजूद

केंद्र सरकार देशभर में कोविड-19 टीकाकरण का दायरा विस्तृत करने और लोगों को टीके लगाने की गति को तेज करने के लिये प्रतिबद्ध है। राष्ट्रव्यापी कोविड-19 टीकाकरण 16 जनवरी, 2021 को शुरू हुआ। कोविड-19 टीकाकरण का नया चरण 21 जून 2021 से शुरू किया गया था। टीकाकरण अभियान की रफ्तार को अधिक से अधिक टीके की उपलब्धता के जरिये बढ़ाया गया है। इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके की उपलब्धता के बारे में पूर्व सूचना प्रदान की जाती है, ताकि वे बेहतर योजना के साथ टीके लगाने का बंदोबस्त कर सकें और टीके की आपूर्ति श्रृंखला को अधिक बेहतर बनाया जा सके।

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड टीके प्रदान करके उन्हें पूर्ण सहयोग दे रही है। टीके की सर्व-उपलब्धता के नये चरण में, केंद्र सरकार टीका निर्माताओं से 75 प्रतिशत टीके खरीदकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नि:शुल्क प्रदान करेगी।

 

वैक्सीन की खुराकें

 

(3 दिसंबर, 2021 तक)

अब तक हुई आपूर्ति

1,38,50,13,650

शेष टीके

22,05,87,426

 

केंद्र सरकार द्वारा सभी प्रकार के स्रोतों से अब तक वैक्सीन की 138 करोड़ से अधिक (1,38,50,13,650) खुराकें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सरकारी स्रोत (निशुल्क) और राज्यों द्वारा सीधी खरीद प्रक्रिया के जरिये प्रदान की गई हैं।

राज्यों के पास वैक्सीन की 22.05 करोड़ से अधिक (22,05,87,426) अतिरिक्त और बिना इस्तेमाल की हुई खुराकें मौजूद हैं, जिन्हें लगाया जाना है।

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1777510

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल

सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल राज्य का विषय है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में नए अस्पताल खोलने, कोविड-19 के बारे में जानकारी का प्रचार-प्रसार करने, मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन और सुदृढ़ीकरण सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य / केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों की है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत कार्यक्रम कार्यान्वयन योजनाओं (पीआईपी) के रूप में राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों से प्रस्ताव प्राप्त होते हैं और भारत सरकार उपलब्ध संसाधनों के अनुसार कार्यवाही के रिकॉर्ड (आरओपी) के रूप में प्रस्तावों का अनुमोदन प्रदान करती है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत, राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी कार्यक्रम कार्यान्वयन योजनाओं में सेवाओं सहित आईपीएचएस के खिलाफ मापी गई कमियों को भरने के प्रस्ताव के लिए शिथिलता प्रदान की गई है। इसके बाद राष्ट्रीय कार्यक्रम समन्वय समिति द्वारा इसका मूल्यांकन किया जाता है और इसकी सिफारिशों के अनुसार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया जाता है।

स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक सुनिश्चित पहुंच प्रदान करने के लिए, भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों (आईपीएचएस) के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जनसंख्या मानदंड परिभाषित किए हैं, जैसा कि नीचे बताया गया है:

 

क्रम संख्या

सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं

मैदानी क्षेत्र

पहाड़ी/आदिवासी/कठिन क्षेत्र

1

एससी

5000

3000

2

पीएचसी

30000

20000

3

नॉन एफआरयू सीएचसी

1,20000

80000

4

एफआरयू सीएचसी

500000

लागू नहीं

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 के बारे में सूचना का प्रसार करने में सोशल मीडिया मंच आईवीआरएस आधारित मंच, टीवी, रेडियो और अन्य मास मीडिया का उपयोग किया है।

कोविड-19 के प्रकोप के दौरान आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के वितरण को सक्षम बनाने के लिए राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के साथ व्यापक मार्गदर्शन नोट साझा किया गया था, जिसमें सेवा वितरण, मानव संसाधन, दवाओं की आपूर्ति और निदान, कार्यक्रम प्रबंधन सहित स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी के कई महत्वपूर्ण पहलुओं आदि को शामिल किया गया था।

इसी प्रकार, दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान, राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बनाए गए बुनियादी ढांचे और रसद व्यवस्था का उपयोग करता है। संपूर्ण टीकाकरण कार्यक्रम एनएचएम द्वारा बनाए गए मंचों पर निर्भर करता है।

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1777638

महामारी अनुसंधान

जैव सुरक्षा तैयारियों और महामारी अनुसंधान तथा वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए अनुसंधान और बहु-क्षेत्रीय राष्ट्रीय संस्थाओं और मंच को मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग/भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के लिए 1347.00 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक नई योजना "प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन" को मंजूरी दी गई है। ।

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान केन्द्र भी इस उद्देश्य के लिए दो तरह की परियोजनाओं को लागू कर रहा है। न्यू मिलेनियम इंडियन टेक्नोलॉजी लीडरशिप इनिशिएटिव (एनएमआईटीएलआई) योजनाओं के तहत कोविड परियोजनाओं के लिए विशेष आह्वान, 6 परियोजनाओं को लागू किया जा रहा है। सीएसआईआर ने कोरोनावायरस से संबंधित परियोजनाओं को आमंत्रित करने के लिए सीएसआईआर प्रयोगशालाओं को विशेष आह्वान किया था। इस श्रेणी में 47 परियोजनाओं की सहायता की गई । इन परियोजनाओं के लिए 7299.244/- लाख रुपये की राशि आवंटित की गई है।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), दो प्रमुख कार्यक्रमों, राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन  और इंड-सीईपीआई मिशन के कार्यान्वयन की सहायता कर रहा है, जिसने राष्ट्रीय वैक्सीन विकास पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में सक्षम बनाया है, ताकि प्रभावी ढंग से महामारियों की प्रतिक्रिया दी जा सके।

इसके अलावा, मिशन कोविड सुरक्षा- भारतीय कोविड-19 वैक्सीन विकास मिशन को भारत कोविड-19 टीका अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए तीसरे प्रोत्साहन पैकेज, आत्मानिर्भर भारत 3.0 के हिस्से के रूप में शुरु किया गया था। मिशन का नेतृत्व जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा किया जाता है और इसे जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद द्वारा कार्यान्वित किया जाता है, जिसकी कुल लागत 900 करोड़ रुपए है।

भारतीय एसएआरएस-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद, और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की स्थापना एसएआरएस-सीओवी-2 जीनोमिक निगरानी के लिए की गई है।

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1777641

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल

सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल राज्य का विषय है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में नए अस्पताल खोलने, कोविड-19 के बारे में जानकारी का प्रचार-प्रसार करने, मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन और सुदृढ़ीकरण सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य / केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों की है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत कार्यक्रम कार्यान्वयन योजनाओं (पीआईपी) के रूप में राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों से प्रस्ताव प्राप्त होते हैं और भारत सरकार उपलब्ध संसाधनों के अनुसार कार्यवाही के रिकॉर्ड (आरओपी) के रूप में प्रस्तावों का अनुमोदन प्रदान करती है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत, राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी कार्यक्रम कार्यान्वयन योजनाओं में सेवाओं सहित आईपीएचएस के खिलाफ मापी गई कमियों को भरने के प्रस्ताव के लिए शिथिलता प्रदान की गई है। इसके बाद राष्ट्रीय कार्यक्रम समन्वय समिति द्वारा इसका मूल्यांकन किया जाता है और इसकी सिफारिशों के अनुसार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया जाता है।

स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक सुनिश्चित पहुंच प्रदान करने के लिए, भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों (आईपीएचएस) के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जनसंख्या मानदंड परिभाषित किए हैं, जैसा कि नीचे बताया गया है:

क्रम संख्या

सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं

मैदानी क्षेत्र

पहाड़ी/आदिवासी/कठिन क्षेत्र

1

एससी

5000

3000

2

पीएचसी

30000

20000

3

नॉन एफआरयू सीएचसी

1,20000

80000

4

एफआरयू सीएचसी

500000

लागू नहीं

 

ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी, 2019-20 के अनुसार, 155404 ग्रामीण उप-केंद्र हैं जिनमें 18610 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र – उप केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी- एससी)शामिल हैं, 24918 ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जिनमें 16635 एबी-एचडब्ल्यू-पीएचसी और 5183 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं।

आयुष्मान भारत के तहत, मौजूदा उप-स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों  को व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के बारह पैकेज देने के लिए एबी-एचडब्ल्यूसी में परिवर्तित किया जा रहा है जिसमें निवारक, प्रोत्साहक, उपचारात्मक, उपशामक और पुनर्वास सेवाएं शामिल हैं, जो सार्वभौमिक, मुफ्त और समुदाय के करीब हैं।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 के बारे में सूचना का प्रसार करने में सोशल मीडिया मंच आईवीआरएस आधारित मंच, टीवी, रेडियो और अन्य मास मीडिया का उपयोग किया है।

इसी प्रकार, दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान, राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत बनाए गए बुनियादी ढांचे और रसद व्यवस्था का उपयोग करता है। संपूर्ण टीकाकरण कार्यक्रम एनएचएम द्वारा बनाए गए मंचों पर निर्भर करता है।

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1777642

कोविड 19 – ओमिक्रॉन वेरिएंट पर अपडेट

सार्स-कोव-2 वेरिएंट ओमिक्रॉन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड 19 के नए वेरिएंट पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के उत्तर जारी किए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड 19 के इस नए वेरिएंट को 26 नवंबर 2021 को ओमिक्रॉन (बी.1.1.529) के रूप में वर्गीकृत किया है।

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1777810

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एमजी/एएम/एके

 


(Release ID: 1777896)