इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम 2021 का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया


3 दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम "इंटरनेट की शक्ति के माध्यम से भारत को सशक्त बनाना" विषय पर केंद्रित है

Posted On: 25 NOV 2021 5:06PM by PIB Delhi

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज इंटरनेट गवर्नेंस पर 3 दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम 2021 (आईआईजीएफ-2021) का उद्घाटन किया, जिसका आयोजन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) और नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनआईएक्सआई) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। यह कार्यक्रम "इंटरनेट की शक्ति के माध्यम से भारत को सशक्त बनाना" विषय पर केंद्रित है, जो डिजिटलीकरण की कार्य योजना पर चर्चा करने और भारत के विश्व स्तर पर एक आवश्यक भागीदार के रूप में पुष्टि करने के लिए इंटरनेट शासन प्रणाली के हितधारकों को एक साथ ला रहा है। 25-27 नवंबर के बीच आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम, इंटरनेट शासन प्रणाली पर अंतर्राष्ट्रीय नीति विकास में डिजिटलीकरण की भूमिका और महत्व को भी उजागर करने जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (एमईआईटीवाई) राज्य मंत्री, श्री राजीव चंद्रशेखर, (एमईआईटीवाई) सचिव, अजय प्रकाश साहनी, डॉ. निर्मिता नरसिम्हन, नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनआईएक्सआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और आईआईजीएफ के अध्यक्ष, श्री अनिल कुमार जैन और ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के अध्यक्ष, टीवी रामचंद्रन जैसे अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपनी उपस्थिति से उद्घाटन समारोह की शोभा बढ़ाई।

 

उद्घाटन समारोह में बोलते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "इंटरनेट अर्थव्यवस्था और समाज का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है और शासन के अपने मानदंडों को परिभाषित करना महत्वपूर्ण है। हमें देश के सबसे दूर दराज़ के हिस्से में हाशिए पर रहने वाले लोगों पर ध्यान केंद्रित करते हुए डिजिटल भेदभाव को समाप्त करना होगा। ऑनलाइन साझा की गई सामग्री का स्वामित्व तय करना भी महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से सोशल मीडिया पर ऑनलाइन साझा की जाने वाली चीजों पर विश्वास करने के लिए युवा मस्तिष्क आसानी से ललचाता है और जिम्मेदारियों को तय करने की आवश्यकता होती है। ऑनलाइन व्यवधान के सामाजिक प्रभाव को देखना भी महत्वपूर्ण है। आज, ई-कॉमर्स ने छोटे व्यवसायों को बाधित कर दिया है और इसका सामाजिक प्रभाव पड़ा है। हमें छोटे लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए काम करना होगा। साइबर सुरक्षा पर अधिकतम ध्यान देने की आवश्यकता है। पूरे सिस्टम को फिरौती के लिए बंधक बनाया जा सकता है। क्या हम साइबर सुरक्षा के लिए एक मजबूत प्रणाली विकसित कर सकते हैं? मुझे उम्मीद है कि यह मंच इन सवालों के ठोस जवाब देगा।"

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर, ने कहा, "सबसे बड़े संपर्क वाले देशों में से एक भारत पहले आईआईजीएफ की मेजबानी कर रहा है और इसका आयोजन लंबे समय से अटका हुआ था। सरकार इंटरनेट को सर्व सुलभ, सुरक्षित और भरोसेमंद तथा सभी के लिए जवाबदेह बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सरकार के साथ-साथ बड़े व्यवसायों दोनों के प्रभाव से भी मुक्त रहना चाहिए और यह नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए विश्वास का एक विषय है। हमारे पास जल्द ही एक अरब भारतीय होंगे जिनमें महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और अन्य लोग ऑनलाइन जुड़े होंगे और सरकारी सेवाओं, सब्सिडी आदि का लाभ उठा रहे होंगे। आईआईजीएफ का भविष्य सरकारी निकायों के साथ काम करना और यह सुनिश्चित करना है कि इंटरनेट पर भविष्य के न्यायशास्त्र को सबसे महत्वपूर्ण हितधारकों के रूप में उपयोगकर्ताओं को एक मंच पर लाकर विकसित किया जाए। वैश्विक इंटरनेट का भविष्य भारत के इंटरनेट इकोसिस्टम और नवाचार क्षमता के नेतृत्व में होना चाहिए।”

 

इंटरनेट नेटवर्क पर 100 प्रतिशत आबादी को लाने के लिए भारत में डिजिटल अभियान पूरे जोरों पर है और यह आयोजन भारत में डिजिटलीकरण कार्य योजना, अवसरों, संभावनाओं और चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। एक सर्व सुलभ और समावेशी प्रक्रिया के माध्यम से, आईआईजीएफ सरकार, उद्योग, नागरिक समाज, शिक्षाविदों सहित वैश्विक इंटरनेट शासन प्रणाली के इकोसिस्टम में बड़े इंटरनेट शासन प्रणाली संवाद के समान प्रतिभागियों के रूप में सभी हितधारकों को एक साथ ला रहा है।

 

एमईआईटीवाई के सचिव अजय प्रकाश साहनी ने कहा "इंटरनेट हमारे जीवन का एक आंतरिक हिस्सा बन गया है और हम इसका उपयोग सीखने, संवाद करने और अवसर खोजने के लिए करते हैं। ऐसे जटिल अनुकूलन तंत्र को संभालने के लिए शासन प्रणाली की आवश्यकता होती है और आईआईजीएफ ने इसका नेतृत्व किया है। आने वाले वर्षों में क्या होने वाला है, इसका अनुमान लगाने के लिए सभी हितधारकों को एक साथ जुड़ना चाहिए और एक साथ समाधान खोजना चाहिए। भारत ने बहु-हितधारकों का पुरजोर समर्थन किया है, और यह भी बहुत महत्वपूर्ण है कि हम इंटरनेट को एक सर्वा सुलभ, जवाबदेह और सुरक्षित स्थान के रूप में महत्व दें।"

 

इंडिया इंटरनेट गवर्नमेंट फोरम संयुक्त राष्ट्र इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (यूएन-आईजीएफ) से जुड़ी एक पहल है। इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (आईजीएफ) एक बहु-हितधारक मंच है जो इंटरनेट से संबंधित सार्वजनिक नीति के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए विभिन्न समूहों के प्रतिनिधियों को एक साथ लाता है। आईआईजीएफ ने इससे पहले अक्टूबर 2021 में भारत में डिजिटलीकरण के लिए कार्य योजना में एक दिलचस्प अंतर्दृष्टि के साथ एक पूर्वावलोकन कार्यक्रम आयोजित किया था। यह आयोजन आईजीएफ के अनुरूप गठित इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (आईआईजीएफ) की संस्था का अग्रदूत, ट्यूनिस के अनुच्छेद 72 संयुक्त राष्ट्र आधारित इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (आईजीएफ) का एजेंडा था।

 

उद्घाटन समारोह में विभिन्न कार्यशालाओं और सत्रों के दौरान 'साइबरनॉर्म्स: एक ओपन, इंटरऑपरेबल और भरोसेमंद इंटरनेट सुनिश्चित करने के लिए', 'ट्रिलियन-डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए कार्य योजना' 'बहुभाषी इंटरनेट- सभी भारतीयों को जोड़ना', 'स्टार्ट-अप और नवाचारों को बढ़ावा देना' और 'डिजिटल अर्थव्यवस्था के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव' शीर्षक से रोचक चर्चा और आकर्षक बातचीत देखी गई। ऑनलाइन कार्यक्रम 'भारत और इंटरनेट- भारत की डिजिटल यात्रा और उसकी वैश्विक भूमिका' पर राज्य मंत्री (एमईआईटीवाई) राजीव चंद्रशेखर की अध्यक्षता में, सचिव (एमईआईटीवाई) अजय प्रकाश साहनी की अध्यक्षता में 'सभी भारतीयों को जोड़ना' और डॉ. संजय बहल, महानिदेशक, सीईआरटी-इन की अध्यक्षता में 'सुरक्षित भविष्य के लिए इंटरनेट सुरक्षित करना' विषयों पर तीन पूर्ण सत्रों की मेजबानी करने जा रहा है।

 

नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया-निक्सी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार जैन ने कहा, "सभी भारतीय लंबे समय से आईजीएफ के भारत अध्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिसका गठन वर्ष 2006 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया गया था। 1.3 बिलियन भारतीयों के ऑनलाइन होने से, देश वैश्विक इंटरनेट का मार्गदर्शक बन सकता है। भारत इंटरनेट पर बहु-हितधारकवाद का एक चैंपियन रहा है। हम अपने विचारों को साझा करने के लिए आईआईजीएफ में मौजूद सभी दिग्गजों के आभारी हैं। हम एक श्वेत पत्र लाएंगे ताकि यह आईआईजीएफ और वैश्विक इंटरनेट शासन प्रणाली का मार्गदर्शन करे।"

 

ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के अध्यक्ष, और आईआईजीएफ 2021 के उपाध्यक्ष टीवी रामचंद्रन, ने उद्घाटन समारोह के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

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