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नीति आयोग ने ‘हेल्‍थ इंश्‍योरेंस फॉर इंडियाज मिसिंग मिडल’ पर रिपोर्ट जारी की

Posted On: 29 OCT 2021 3:38PM by PIB Delhi

नीति आयोग ने ‘हेल्‍थ इंश्‍योरेंस फॉर इंडियाज मिसिंग मिडल’ पर आज एक विस्‍तृत रिपोर्ट जारी की, जो भारत की आबादी के बीच स्वास्थ्य बीमा कवरेज में अंतराल को सामने लाई है और जिसमें स्थिति का समाधान निकालने की पेशकश की गई है।

रिपोर्ट नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और अपर सचिव डॉ. राकेश सरवाल की उपस्थिति में जारी की गई।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉलने रिपोर्ट की प्रस्‍तावना में, सभी के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा, "स्वास्थ्य बीमा की पैठ बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियों को दूर करने की आवश्यकता होगी।"उन्होंने आगे उल्लेख किया, "सरकार और निजी क्षेत्र को इस प्रयास में एक साथ आने की आवश्यकता है। सैकड़ों की संख्‍या में कर्मचारियों को रोजगार देने वाली मध्‍यम आकार की कम्‍पनियों (मिसिंग मिडल) तक पहुंचने और आकर्षक उत्पादों की पेशकश करने के लिए निजी क्षेत्रों की सरलता और दक्षता की आवश्यकता है। उपभोक्ता जागरूकता और विश्वास बढ़ाने, मानकीकृत उत्पाद और उपभोक्ता संरक्षण के लिए नियमों को संशोधित करने तथा परिचालन दक्षता में सुधार के लिए एक संभावित मंच की पेशकश करने में सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका है।”

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, "यह रिपोर्ट स्वास्थ्य के लिए वित्तीय सुरक्षा बढ़ाने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के व्यापक लक्ष्य पर संवाद में फिर से जान डालने का एक प्रयास है। यह वर्तमान परिदृश्य, मौजूदा कमियों को रेखांकित करती है और स्वास्थ्य बीमा कवरेज को बढ़ाने के लिए व्यापक सिफारिशों तथा मार्गों को स्पष्ट करती है।"

सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में एक प्रमुख योजना आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनाऔर राज्य सरकार की विस्तार योजनाएँ - आबादी के निचले 50%लोगों को अस्पताल में भर्ती होने के लिए व्यापक कवर प्रदान करती हैं। लगभग 20% आबादी को सामाजिक स्वास्थ्य बीमा के जरिये कवरेज प्राप्‍त हैऔर निजी स्वैच्छिक स्वास्थ्य बीमा मुख्य रूप से उच्च आय वाले समूहों के लिए बनाया गया है। शेष 30% आबादी, स्वास्थ्य बीमा से वंचित है, जिसे "मिसिंग मिडल"कहा जाता है। मिसिंग मिडल में आंकड़ों को पांच समान भागों में विभाजित करने वाले पांच मूल्‍यों में से एक क्विनटाइल शामिल हैं और शहरी तथा ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में फैले हुए हैं।

रिपोर्ट में मिसिंग मिडल के लिए कम लागत वाले व्यापक स्वास्थ्य बीमा उत्पाद तैयार करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है। यह मुख्य रूप से मिसिंग मिडल वर्ग के लिए स्वास्थ्य के कम वित्तीय सुरक्षा के नीतिगत मुद्दे को पहचानता है और इसके समाधान में संभावित मार्ग के रूप में स्वास्थ्य बीमा पर प्रकाश डालता है। ऐसा करने में, रिपोर्ट समाधान और विशिष्ट उत्पादों पर व्यापक चर्चा के लिए एक प्रारंभिक बिंदु प्रदान करती है, ताकि मिसिंग मिडल के लिए बीमा कवरेज में सुधार किया जा सके।

रिपोर्ट में व्यापक उद्योग और सरकारी हितधारक परामर्श का प्रस्ताव हैऔर उपभोक्ता समूहों के साथ समस्या की बारीकियों तथा संभावित समाधानों में गहराई से चर्चा करने का प्रस्ताव है।

पूरी रिपोर्ट यहां देखी जा सकती है

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एमजी/एएम/केपी/वाईबी


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