उप राष्ट्रपति सचिवालय
स्टार्ट-अप को बुजुर्गों की समस्याओं को हल करने के लिये अभिनव और बिल्कुल नये समाधानों के साथ आना चाहिये-उप राष्ट्रपति
उप राष्ट्रपति ने निजी क्षेत्र से वरिष्ठ नागरिकों को रोजगार देने और उनके कौशल और अनुभव का लाभ उठाने का आग्रह किया
उप राष्ट्रपति ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेक्रेड पोर्टल और एल्डर लाइन हेल्पलाइन की शुरुआत की
हमें अपने वरिष्ठ नागरिकों को 'बूढ़े लोग' कहने के बजाय 'बड़े-बुजुर्ग' कहना चाहिये - उप राष्ट्रपति
डिजिटल साक्षरता बहुत महत्वपूर्ण है; युवाओं को अपने परिवार और आस-पड़ोस के बुजुर्गों को डिजिटल उपकरणों के उपयोग के बारे में शिक्षित करना चाहिये - उप राष्ट्रपति
वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए एक संवेदनशील अभियान की आवश्यकता - उप राष्ट्रपति
Posted On:
01 OCT 2021 4:59PM by PIB Delhi
उप राष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज भारत के युवा स्टार्ट-अप से वरिष्ठ नागरिकों की रोजमर्रा की समस्याओं के इनोवेटिव और बिल्कुल नये समाधान के साथ आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल की जिम्मेदारी अकेले सरकार की नहीं होनी चाहिये और हम सभी को आगे आकर इस नेक काम से जुड़ना चाहिये।
विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आज राष्ट्रीय पुरस्कार-वयोश्रेष्ठ सम्मान-2021 प्रदान करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह हमारे वरिष्ठ नागरिकों को 'बूढ़ा व्यक्ति' के बजाय 'बड़े बुजुर्ग' कहना पसंद करेंगे।
कार्यक्रम में, उप राष्ट्रपति ने निजी क्षेत्र के रोजगार देने वालों के साथ वरिष्ठ नागरिकों को जोड़ने के लिए सेक्रेड (सीनियर एबल सिटिजन फॉर री-एम्प्लॉयमेंट इन डिग्निटी) पोर्टल लॉन्च किया। एलएएसआई रिपोर्ट-2020 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत से अधिक वरिष्ठ नागरिक सक्रिय हैं और इसलिए उन्हें एक सुखी, स्वस्थ, सशक्त और आत्मनिर्भर जीवन के लिए लाभकारी रोजगार के अवसर प्रदान करना बहुत महत्वपूर्ण है। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि हमारे बुजुर्ग अनुभव और विशेषज्ञता के विशाल भंडार हैं, उन्होंने निजी क्षेत्र से नये पोर्टल के साथ जुड़ने और हमारे वरिष्ठ नागरिकों के कौशल और अनुभव से लाभान्वित होने का आग्रह किया।
श्री नायडू ने पुरस्कार समारोह के दौरान एक राष्ट्रीय हेल्पलाइन (एल्डर लाइन) का भी शुभारंभ किया। यह देखते हुए कि वरिष्ठ नागरिक अत्यधिक असुरक्षित वर्ग है, उपराष्ट्रपति ने उनकी सुरक्षा के लिए एक आसान और कुशल शिकायत निवारण तंत्र लाने में हेल्पलाइन की सराहना की। टाटा ट्रस्ट के सहयोग से सरकार द्वारा स्थापित हेल्पलाइन देश भर के वरिष्ठ नागरिकों की शिकायतों को हल करने के लिए दिन में 12घंटे काम करेगी।
श्री नायडू ने बुजुर्गों के कल्याण के लिये पहल पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की प्रशंसा की। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से कहा, "बुजुर्गों के लिए एक सम्मानजनक और आरामदायक जीवन सुनिश्चित करने के आपके निरंतर प्रयास वास्तव में प्रशंसनीय हैं।" उन्होंने बुजुर्गों की देखभाल के क्षेत्र में उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए मंत्रालय द्वारा डिजाइन किये गये सेज (सीनियरकेयर एजिंग ग्रोथ इंजन) पोर्टल की सही समय पर उठायी गयी पहल के रूप में भी सराहना की।
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उप राष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडू 1 अक्टूबर, 2021 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्पलाइन 'एल्डर लाइन' का शुभारंभ करते हुए। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री, सुश्री प्रतिमा भौमिक भी उपस्थित।
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उप राष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडू 1 अक्टूबर, 2021 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में प्रतिष्ठित वरिष्ठ नागरिकों और संस्थानों को बुजुर्गों के प्रति उनकी अनुकरणीय सेवा के सम्मान में वयोश्रेष्ठ सम्मान 2021 पुरस्कार प्रदान करते हुए।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1 अक्टूबर 1999 को वृद्ध व्यक्तियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने के लिए एक प्रस्ताव को अपनाया था और तब से, हर साल अक्टूबर का पहला दिन दुनिया भर में वृद्धजनों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर, भारत सरकार प्रतिष्ठित वरिष्ठ नागरिकों और संस्थानों को बुजुर्ग व्यक्तियों के प्रति उनकी सेवा के सम्मान में 'राष्ट्रीय पुरस्कार-वयोश्रेष्ठ सम्मान' प्रदान करती है।
संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 2021 की विषय वस्तु का उल्लेख करते हुए, जो 'डिजिटल इक्विटी फॉर ऑल एजेस' है, उपराष्ट्रपति ने हमारे वरिष्ठ नागरिकों के बीच डिजिटल साक्षरता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने युवा पीढ़ी से इस संबंध में नेतृत्व करने और अपने परिवार और पड़ोस के बुजुर्गों को डिजिटल उपकरणों के उपयोग के बारे में शिक्षित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें सशक्त बनाने में काफी मदद मिलेगी।
इस बात का उल्लेख करते हुए कि कोविड महामारी ने वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी को बुरी तरह प्रभावित किया है, श्री नायडू ने नागरिक समाज और स्वयंसेवी संगठनों से बुजुर्गों के लिए एक सहायता प्रणाली के रूप में कार्य करने और सरकार और उसकी एजेंसियों के प्रयासों में और मददगार बनने का आह्वान किया। "वे बुजुर्ग लोगों की समस्याओं के बारे में जागरूकता पैदा करने में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं और पीढ़ियों के बीच बंधन को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं," उन्होंने कहा।
यह देखते हुए कि वर्ष 2036 तक भारत में बुजुर्गों की आबादी लगभग 14.9 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है, श्री नायडू ने बुजुर्गों के सम्मान और देखभाल की भारत की समृद्ध परंपरा को याद किया। उन्होंने कहा, "संयुक्त परिवार प्रणाली के तहत, उन्होंने सम्मानजनक स्थिति का आनंद लिया है और अपने ज्ञान, बुद्धिमत्ता, और लंबे समय के अनुभव की मदद से युवा पीढ़ी को प्रभावित किया, दिशाऔर सलाह दी है। बदलते समय और पारंपरिक मूल्यों में गिरावट का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इन दिनों बहुत से छोटे बच्चों को पुरानी पीढ़ियों की कोमल देखभाल, प्यार, स्नेह और मार्गदर्शन का आनंद लेने का सौभाग्य नहीं मिलता है, जैसा कि हमारे संयुक्त परिवार में हमें उपलब्ध था।
श्री नायडू ने बुजुर्गों की स्थिति को बेहतर बनाने में विभिन्न चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार और संसद बुजुर्गों की देखभाल के लिए सही नीतिगत ढांचा तैयार करने के लिए आवश्यक पहल कर रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों से इन कार्यक्रमों का सक्रिय रूप से पालन करने और उन्हें लागू करने का आह्वान किया।
बुजुर्गों के सामने आने वाली चुनौतियों के प्रति समाज को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने मीडिया और गैर सरकारी संगठनों से इस संबंध में लोगों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की अपील की। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जहां भी जरूरत हो, वरिष्ठ नागरिकों को उनके कौशल को उन्नत करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाना चाहिये।
उपराष्ट्रपति ने आज 'राष्ट्रीय पुरस्कार- वयोश्रेष्ठ सम्मान 2021' से सम्मानित सभी संस्थानों और व्यक्तियों को बधाई देते हुए कहा कि उनका काम दूसरों को सेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेगा।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार ने अपने संबोधन में बुजुर्गों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों को सामने रखा और आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि तेजी से बढ़ती बुजुर्गों की जनसंख्या की उनके अपने परिवार और समाज द्वारा भी अच्छी तरह से देखभाल हो।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री, सुश्री प्रतिमा भौमिक ने कहा कि राष्ट्रीय पुरस्कारों का प्रारंभ इस मंत्रालय द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिये अनुकरणीय सेवायें प्रदान करने वाले प्रतिष्ठित संस्थानों और व्यक्तियों को और ऐसे वरिष्ठ नागरिकों के लिए जिन्होंने अपने जीवन में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं को राष्ट्रीय मान्यता देकर बुजुर्गों के हितों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करने के लिए एक प्रमुख पहल है।
इस अवसर पर केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार,सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री, सुश्री प्रतिमा भौमिक और श्री राम दास अठावले, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव, श्री आर. सुब्रह्मण्यम, वयोश्रेष्ठ सम्मान पाने वाले पुरुस्कार विजेता एवं अन्य उपस्थित थे।
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