रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय
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एनपीपीए ने फार्मास्युटिकल कंपनियों द्वारा किए गए किसी भी कदाचार में अपनी मिलीभगत होने के बारे में झूठी बयानबाजी की निंदा की

Posted On: 29 SEP 2021 1:42PM by PIB Delhi

नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्युटिकल्स विभाग के तहत एक नियामक निकाय है। यह अनुसूचित फॉर्मूलेशन के लिए अधिकतम मूल्य तय करने और गैर-अनुसूचित फॉर्मूलेशन के मूल्यों की निगरानी करते हुए दवाइयों को खरीदने की सामर्थ्य तथा पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

डेली एक्सेलसियर ने 22 सितंबर, 2021 को यह रिपोर्ट प्रकाशित की है कि जम्मू फार्मास्युटिकल डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन (जेडीपीए) ने यह आरोप लगाया है कि कुछ फार्मास्युटिकल कंपनियां एनपीपीए की सक्रिय मिलीभगत से एक ही एमआरपी की दवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग मूल्यों पर बेचकर भ्रष्टाचार की प्रथाओं का सहारा ले रही हैं।

 

एनपीपीए ने फार्मास्युटिकल कंपनियों द्वारा अपनाए गए किसी भी कदाचार में अपनी मिलीभगत के संबंध में ऐसे झूठे बयानों की कड़ी निंदा की है। यहां यह उल्लेख करना अधिक प्रासंगिक होगा कि एनपीपीए अनुसूचित फॉर्मूलेशन के लिए उसके द्वारा निर्धारित मूल्यों, नई दवाइयों के लिए उसके द्वारा निर्धारित खुदरा मूल्यों और औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश का उल्लंघन करने और (डीपीसीओ) 2013 के पैरा-20 के प्रावधान के अनुसार पिछले 12 महीनों के दौरान गैर-अधिसूचित दवाइयों के अधिकतम खुदरा मूल्य 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने के मामले में कार्रवाई करता है।

 

इसके अलावा फार्मास्युटिकल कंपनियों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के लिए लागू अधिकतम मूल्य/एमआरपी से कम कीमत वसूल करना एनपीपीए के दायरे में नहीं है। यह पूरी तरह वाणिज्यिक शर्तों पर उन कंपनियों द्वारा किया जाता है जो एनपीपीए के नियामक ढांचे के दायरे में नहीं हैं।

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