आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय

शहरी एसएचजी की सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की मदद के लिये डीएवाई-एनयूएलएम और पीएमएफएमई के बीच संमिलन हुआ लॉन्च


खाद्य प्रसंस्करण में शामिल शहरी एसएचजी को सरकार से और सहायता 

डीएवाई-एनयूएलएम में पहले से ही 61 लाख महिलाएं एसएचजी के दायरे में शामिल हैं

शहरी स्थानीय निकाय आईटी आधारित पेपरलेस मॉड्यूल के माध्यम से आवेदन भरने में सुविधा प्रदान करेंगे

Posted On: 27 SEP 2021 6:01PM by PIB Delhi

आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) ने आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के अपने उत्सव के एक भाग के रूप में प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उन्‍नयन योजना (पीएमएफएमई) और दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) के बीच संमिलन को लॉन्च करने के लिये कार्यक्रम का आयोजन किया।

श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, सचिव, एमओएचयूए ने श्रीमती पुष्पा सुब्रह्मण्यम के साथ संयुक्त रूप से योजनाओं के संमिलन को लॉन्च करते हुए कहा कि सूक्ष्म औद्योगिक गतिविधियों में शामिल स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की मदद करना और कुशल बनाना उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनायेगा और एसएचजी के परिवारों को सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करेगा।

दोनों सचिवों ने विश्वास व्यक्त किया कि यह पहल खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े शहरी एसएचजी सदस्यों के जीवन में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है। यह कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा के माध्यम से आयोजित किया गया और मंत्रालय के यूट्यूब चैनल से इसका सीधा प्रसारण भी किया गया था।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) ने असंगठित क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमों को अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और क्षेत्र में सुव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए "आत्मनिर्भर भारत अभियान" के एक भाग के रूप में पीएमएफएमई योजना शुरू की। सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों जिसमें एसएचजी द्वारा चलाए जा रहे उद्योग भी शामिल हैं, के लिये साझा इस्तेमाल के इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण और सीड कैपिटल एवं पूंजी निवेश के लिये क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी के रूप में वित्तीय सहायता शामिल है। 

एमओएचयूए डीएवाई-एनयूएलएम नाम से एक प्रमुख योजना लागू कर रहा है, जिसने 61 लाख से अधिक शहरी गरीब महिलाओं को एसएचजी और उनके संघों में शामिल किया है। राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने इनमें से लगभग 32,000 एसएचजी की पहचान खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों में शामिल सूक्ष्म उद्योगों के रूप में की है।

इन स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को लाभान्वित करने के लिए दोनों योजनाओं का आपस में मेल किया गया है। एमओएचयूए द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को दिशानिर्देश पहले ही जारी किये जा चुके हैं। डीएवाई-एनयूएलएम एमआईएस पर विकसित ऑनलाइन आईटी मॉड्यूल को भी आज इन योजनाओं के मेल के प्रभावी कार्यान्वयन में मदद करने के लिए लॉन्च किया गया है। यह मॉड्यूल आधार प्रमाणीकरण और ई-केवाईसी, ओटीपी के माध्यम से मोबाइल नंबर की पुष्टि जैसी सत्यापन और प्रमाणीकरण विशेषताओंऔर लाभार्थियों का ऑन-स्पॉट फोटोग्राफ लेने जैसी सुविधाओं का उपयोग करता है। यह यूएलबी से पीएमएफएमई की राज्य नोडल एजेंसी (एसएनए) तक निर्बाध कार्यप्रवाह सुनिश्चित करता है और पात्र आवेदनों के ऑनलाइन अनुमोदन को भी सक्षम बनाता है। यह मॉड्यूल लाभार्थी के पंजीकृत मोबाइल पर आवेदन की स्थिति को अपडेट करने के लिए एसएमएस भेजता है।

अपने उद्घाटन भाषण के दौरान, श्री संजय कुमार, संयुक्त सचिव, एमओएचयूए ने बताया कि कार्यान्वयन के दौरान स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए दोनों मंत्रालयों की राष्ट्रीय टीमों द्वारा राज्य के साथ-साथ शहर स्तर के अधिकारियों को वर्चुअल तरीके से कड़ा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि प्रति सदस्य 40,000 रुपये की सीड कैपिटल, पूंजी निवेश के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी और साझा इस्तेमाल के इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से खाद्य प्रसंस्करण में शामिल स्वयं सहायता समूहों के कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। क्योंकि बाजार में एसएचजी द्वारा बनाए गए 'सोन चिरैया' उत्पादों की बिक्री के लिए डीएवाई-एनयूएलएम ने पहले ही अमेजन और फ्लिपकार्ट के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं और उनके व्यापार को मदद करने और उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए प्रयास कर रहा है, यह पहल ई-कॉमर्स पोर्टल पर आगे कई उत्पादों को शामिल करेगी। ऐसे सभी एसएचजी जो एफएसएसएआई के लिए पंजीकृत नहीं हैं, को समयबद्ध तरीके से पंजीकृत कराने के लिए भी हर संभव प्रयास किये जायेंगे।

वर्चुअल लॉन्च में एमओएचयूए, एमओएफपीआई, प्रधान सचिवों और एनयूएलएम से संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मिशन निदेशकों सहित अन्य सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया। यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए कई एसएचजी और फील्ड कर्मी भी लॉन्च के कार्यक्रम में शामिल हुए।

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