विद्युत मंत्रालय
विद्युत मंत्रालय ने पारदर्शिता लाने और वितरण लाइसेंसप्राप्त कंपनी के बोझ को कम करने के लिए लाइसेंसप्राप्त कंपनी द्वारा पहले बिल का भुगतानसबसे पहले और इसी क्रम में बाद के बिलों का भुगतान (फर्स्ट इन, फर्स्ट आउट) का सिद्धांत अपनाने का प्रस्ताव रखा
सरकार ने विद्युत नियमों (विलंब भुगतान अधिभार) में संशोधन का प्रस्ताव रखा; संशोधित प्रस्ताव को सार्वजनिक किया और उस पर लोगों की राय आमंत्रित कीं
Posted On:
19 AUG 2021 2:56PM by PIB Delhi
विद्युत मंत्रालय ने आज विद्युत (विलंब भुगतान अधिभार) संशोधन नियम, 2021 का मसौदा जारी किया और इस पर लोगों की रायआमंत्रित की है। इस मसौदा संशोधन नियमों को विद्युत मंत्रालय की वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
विद्युत मंत्रालय ने विद्युत उपभोक्ताओं के लिए रिटेल टैरिफ को कम करने को लेकर वितरण लाइसेंसप्राप्त कंपनी के बोझ को कम करने की दिशा में एक और कदम उठाने का प्रस्ताव रखा है। उत्पादन कंपनियों को तीसरे पक्ष को बिजली बेचने और उनकी लागत वसूल करने का विकल्प दिया जा रहा है। इस सीमा तक वितरण लाइसेंसप्राप्त कंपनी का नियत लागत भार कम किया जाएगा। इसके अनुरुप निम्नलिखित का प्रस्ताव किया गया है।
"उक्त नियमों में, नियम 5 के बाद, निम्नलिखित नया नियम जोड़ा जाएगा, जैसे कि :-
6. अगर एक वितरण लाइसेंसधारी के पास पीपीए में निर्धारित भुगतान की देय तिथि से सात महीने की समाप्ति के बाद बकाया भुगतान अधिभार सहित कोई भुगतान है; तब विदुयत खरीद समझौते या विद्युत आपूर्ति समझौते में किसी बात के होते हुए भी वितरण लाइसेंसधारी से नियत शुल्कों या क्षमता शुल्कों के भुगतान पर अपना दावा बरकरार रखते हुए, वितरण लाइसेंसधारी को कम से कम 15 दिनों के नोटिस के बाद, उत्पादक कंपनी ऐसी चूक की अवधि के लिए किसी उपभोक्ता या किसी अन्य लाइसेंसधारी या पावर एक्सचेंज को बिजली बेच सकती है। अगर कोई दावा हो तो इसका समाधान वार्षिक आधार पर किया जाएगा और यह केवल निर्धारित शुल्क या क्षमता शुल्क की वसूली के तहत सीमित होगा।"
इसके आगे, बकाया रकम के भुगतान न होने के चलते, विलंब भुगतान अधिभार में बढ़ोतरी के साथ वितरण लाइसेंसप्राप्त कंपनी पर बोझ आ जाता है। उत्पादन परियोजनाओं में निवेशक के विश्वास को बढ़ावा देने के लिए, उत्पादन परियोजना डेवलपर और वितरण लाइसेंसप्राप्त कंपनी के बोझ को कम करने के लिए भी भुगतान का क्रम यानी निम्नलिखित नियमों के माध्यम से बिलों के भुगतान के लिए फर्स्ट इन एंड फर्स्ट आउट सिद्धांत का प्रस्ताव दिया गया है।
"उक्त नियमों में, नियम 5 के लिए निम्नलिखित को प्रतिस्थापित किया जाएगा, जैसे कि :-
5. विलंब से भुगतान अधिभार के लिए भुगतान और समायोजन का क्रम -
किसी वितरण लाइसेंसप्राप्त कंपनी द्वारा एक उत्पादक कंपनी या एक व्यापारिक लाइसेंसप्राप्त कंपनी को उससे खरीदी गई विद्युत या ट्रांसमिशन लाइसेंसप्राप्त कंपनी के लिए देय सभी बिल विद्युत खरीद समझौते में निर्दिष्ट भुगतान की निर्धारित तिथि के संबंध में जोड़ा जाएगा, और वितरण लाइसेंसप्राप्त कंपनी द्वारा पहले विद्युत की सबसे पुरानी खरीद और फिर दूसरी सबसे पुरानी खरीद के लिए भुगतान किया जाएगा और आगे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खरीद के लिए कोई भी नया भुगतान तब तक नहीं किया गया है, जब तक कि उससे पुराने सभी भुगतान चुकता नहीं कर दिए गए हैं।
ii. एक वितरण लाइसेंसप्राप्त कंपनी द्वारा एक उत्पादक कंपनी या एक व्यापारिक लाइसेंसप्राप्त कंपनी को इससे या ट्रांसमिशन लाइसेंसप्राप्त कंपनी के लिए ट्रांसमिशन सिस्टम के उपयोगकर्ता के द्वारा खरीदी गई विद्युत के लिए सभी भुगतान को सबसे पहले विलंब भुगतान अधिभार में और उसके बाद मासिक शुल्कों में, काफी समय से लंबित बिल से शुरू करते हुए, समायोजित किया जाएगा।
इस तरह, प्रस्तावित संशोधन पूरी तरह से विद्युत उपभोक्ताओं और विद्युत क्षेत्र के हित में हैं।
इस प्रस्तावित मसौदा नियमों को संदर्भ के लिए अनुलग्नक के रूप में रखा गया है।
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